‘गाँधी को याद करते हुए’ का आयोजन

कोलकाता :  महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र, कोलकाता में ‘‘गांधी को याद करते हुए’’ शीर्षक से एक समारोह का आयोजन किया गया। सावित्रीबाई फुले सभा-कक्ष में संपन्न इस कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई। फिर केंद्र प्रभारी डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ द्वारा अतिथि वक्ताओं का सूत की माला, अंगवस्त्रम एवं चरखा देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ जय कौशल ने कहा कि गांधी सत्य के अन्वेषण और राष्ट्रनिर्माण के एक बड़े उदाहरण हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने गांधी जयंती को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में घोषित करके गांधी के महत्व को विश्व स्तर पर स्थापित किया है। डॉ कौशल ने शिक्षा के क्षेत्र में ‘नई तालीम’ के महत्व को विशेष रूप से रेखांकित किया। प्रो. चंद्रकला पाण्डेय ने कहा कि गांधी ने यह साबित किया कि सिर्फ चीखने-चिल्लाने से ही आंदोलन और परिवर्तन नहीं होता। आज के शोषण-उत्पीड़न और असमानता भरे माहौल में गांधी की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। महाराजा श्रीशचंद्र कॉलेज के राजनीतिविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रेमबहादुर मांझी ने गांधी के राजनीतिक-आर्थिक चिंतन पर बात की और कहा कि गांधी के लिए समाज के निचले आदमी को फायदा पहुंचाना सबसे मुख्य बात थी। लेकिन गांधी के बाद यहाँ के राजनेताओं ने गांधी के विचारों को नहीं अपनाया, केवल अपने फायदे के लिए गांधी का उपयोग किया। सीमा सुरक्षा बल में हिंदी अधिकारी बिहारी झा ने कहा कि गांधी का जीवन हमें बहुत कुछ सीखाता है। नेताजी नगर कॉलेज में जनसंचार विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सद्दाम होसैन ने गांधी की पत्रकारिता पर विस्तार से बात की और कहा कि आज की पत्रकारिता को गांधी से सीखने-समझने की जरूरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ ने गांधी और डॉ अंबेडकर के वैचारिक द्वन्द्वों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की बढ़ती असहिष्णुता को इससे सीखने की आवश्यकता है। गांधी की निर्भीकता और अपने धुन के प्रति समर्पण से आज की नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस आयोजन में केंद्र के विद्यार्थी विवेक साव, नैना प्रसाद, साक्षी कुमारी, पूजा साव और काजल शर्मा ने भी अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ ललित कुमार ने किया।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।