Monday, September 15, 2025
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हाउसकीपिंग : ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट का चौथा संस्करण जारी

कोलकाता । ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया ने हाल ही में इसकी बेस्टसेलर पुस्तक होटल हाउसकीपिंग : ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट का चौथा संस्करण जारी किया । पुस्तक का लोकापर्ण प्रोफेशनल हाउसकीपर्स एसोसिएशन की 8वीं वर्षगाँठ पर किया गया । लोकार्पण समारोह में पुस्तक के सह लेखक जी. रघुबालन एवं स्मृति रघुबालन उपस्थित थे । इस मौके पर पीएचए के संस्थापक अध्यक्ष एवं चेयरपर्सन जयश्री नागराज, जीआरटी होटल्स एवं रिसॉर्ट के सीईओ विक्रम कोटा समेत कई उद्योगपति उपस्थित थे । सहलेखकों ने पुस्तक को लेकर अपने अनुभव साझा किए । नये संस्करण में संक्रमण से बचाव, कोविड -19 प्रोटोकॉल, एआई जैसे कई विषय शामिल किए गये हैं । हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के विभिन्न विषयों पर पुस्तक में चर्चा की गयी है ।
5वें नेशनल हाउसकीपर्स कन्वेंशन के दौरान अपने बेस्टसेलर “होटल हाउसकीपिंग: ऑपरेशंस एंड मैनेजमेंट” का चौथा संस्करण लॉन्च किया। यह आयोजन प्रोफेशनल हाउसकीपर्स एसोसिएशन (PHA) की 8वीं वर्षगांठ समारोह के साथ हुआ।

 

18 वीं सालगिरह पर स्पाइस जेट दे रही है छूट और 1818 में उड़ान का मौका

कोलकाता । स्पाइस जेट ने अपने 18वीं सालगिरह पर कम कीमत में उड़ानों की सुविधा की घोषणा की है। स्पाइसजेट ने अपनी पहली उड़ान 23 मई 2005 को शुरू की थी। कम्पनी ने इस मौके पर ₹1,818 तक की कम टिकट किराए की घोषणा की है।यह ऑफर बंगलुरू – गोआ एवं मुम्बई – गोआ जैसे रूट पर लागू होंगे। कम्पनी के द्वारा दी जा रही इस सेवा का लाभ आप आसानी से उठा सकते हैं। यात्री इस सेल का लाभ 23 मई से लेकर 28 मई तक उठा सकते हैं। दरअसल, एयरलाइन के द्वारा फ्री में फ्लाइट का 3000 रुपए तक वाउचर भी दिया जा रहा है। यह वाउचर उन यात्रियों को दिया जाएगा जो साल 2023 में 18 साल के हुए हैं या होने जा रहे हैं। इस सेल के तहत यात्री पसंदीदा सीट्स को फ्लेट 18 रुपए में बुक कर सकते हैं। इसके अलावा स्पाइस मैक्स इकोनॉमी क्लास टिकट पर 50% की छूट पा सकते हैं।

राज शांडिल्य की थिंकिंक पिक्चर्ज ने की 7 नयी फिल्मों की घोषणा

कोलकाता ।  बॉलीवुड फिल्म निर्माता और निर्देशक राज शांडिल्य अपने साथी विमल लाहोटी के साथ मिलकर फिल्म प्रेमियों के लिए कॉमेडी, रोमांस, ड्रामा, इमोशन, टैलेंट और संगीत की विभिन्न शैलियों से भरपूर आनेवाली सात नई फिल्मों की घोषणा की। ये फिल्में विभिन्न अभिनेताओं और प्रोडक्शन स्केल के साथ बनी हैं। इन फिल्मों को स्पष्ट लेखन के साथ दर्शकों के मनोरंजन को सुनिश्चित करने के लिए ध्यान में रखकर बनाया गया है। थिंकिंक पिक्चर्स पूरी तरह से कंटेंट संचालित स्टूडियो है, जहां नई कुछ हटकर कहानी के साथ बनी स्क्रिप्ट को अद्वितीय और मनोरंजक से बनी फिल्मों को दर्शकों के सामने लाने की कोशिश की जाती हैं। इन फिल्मों में हमेशा ऐसी कहानी देने का प्रयास किया जाता है, जिसकी शुरुआत हमेशा से ही नारी हॉट में और सही हो। आनेवाली 7 नई फिल्मों की श्रृंखला इस प्रकार है-

रामलली – राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ओमंग कुमार द्वारा निर्देशित उन्होंने अतीत में इसके पहले “मेरी कॉम” और “सरबजीत” जैसी हिट फिल्में दी हैं।

गुगली – संजय गढ़वी द्वारा निर्देशित वह “धूम 1” और “धूम 2” के ब्लॉकबस्टर फ्रेंचाइजी के निर्देशक हैं।

अरबी कल्याणम – नारायण सिंह द्वारा निर्देशित उन्होंने अतीत में “टॉयलेट: एक प्रेम कथा” जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है।

केमिकल इंडिया – जय बसंतु सिंह द्वारा निर्देशित उन्हें उनकी पहली फिल्म “जनहित में जारी” के लिए सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक की श्रेणी में फिल्मफेयर के लिए नामांकित किया गया था, जिसे समीक्षकों द्वारा काफी प्रशंसित और थिंकिंक पिक्चर द्वारा निर्मित किया गया था।

कन्या कुमार – राजीव ढींगरा द्वारा निर्देशित उन्हें फिल्म “लव पंजाब” के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का पंजाब फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है।

लड़कीवाले-लड़केवाले – रोहित नय्यर द्वारा निर्देशित, जो एक निर्देशक के रूप में इस पहली फिल्म के जरिए इस जगत में अपना क़िस्मत आजमा रहे हैं।

क्वैक शंभू – अनिंद्य विकास दत्ता द्वारा निर्देशित जो एक नवोदित निर्देशक भी रह चुके हैं।

मीडिया से बात करते हुए निर्देशक और निर्माता राज शांडिल्य और विमल लाहोटी ने कहा, हम बैक टू बैक आनेवाली नई फिल्मों की श्रृंखला की घोषणा करते हुए बेहद उत्साहित और खुश हैं। हमारे लेखकों और क्रिएटिव टीम ने इसके लिए दिन-रात काफी परिश्रम किया है। हम इन फिल्मों में भरपूर इमोशन और ढेर सारी हंसी के साथ दर्शकों का मनोरंजन की पूरी कोशिश करेंगे। हम इन फिल्मों के माध्यम से समाज में एक सार्थक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि आज के समाज में हर परिवार अपने प्रत्येक सदस्यों को एक साथ लेकर बैठें और हमारे द्वारा बनाई जाने वाली इन सभी फिल्मों का आनंद लें।

राम छाटपार शिल्प न्यास के सिद्धहस्त कलाकारों के साथ मूर्तिकार वंदना सिंह ने बनाए वेस्ट से बेस्ट

ट्रिपल आर यानी रिड्यूस रिसाइकल और रीयूज़ द्वारा काशी के विद्यार्थियों ने बनायी कलाकृतियाँ
वाराणसी । राम छाटपार शिल्प न्यास के सिद्धहस्त कलाकारों के साथ मिलकर मूर्तिकार वंदना सिंह ने कबाड़ की विभिन्न वस्तुओं से सुंदर और आकर्षक कलाकृतियों का निर्माण कर समाज के सामने एक महत्वपूर्ण पहल की है। यह ट्रिपल आर यानी रिड्यूस रिसाइकल और रीयूज़ द्वारा वेस्ट से बेस्ट वस्तुओं को आकार दिया जो एक मिसाल बना।
बनारस के प्रख्यात कलाकार मदनलाल गुप्ता के निर्देशन में कलाकारों ने कबाड़ में फेंकी हुई वस्तुओं को सजा संवार कर एक नया आकार दिया। यह प्रदर्शनी राम छाटपार शिल्प न्यास के 24वें स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में काशी के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया ।21 मार्च से 25 मार्च 2023 पांच दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में 38 से अधिक कलाकारों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया।
वाराणसी स्थित आईएसएचआईआई गैलरी में हुए इस कला प्रदर्शनी का उद्घाटन 21 मार्च को पांच बजे से हुआ। 21-22 मार्च को संध्या 6बजे से 9 बजे तक फर्स्ट पंडित नारायण चक्रवर्ती स्मृति संगीत समारोह में संगीत के कार्यक्रम किए गए। प्रत्येक दिन 11बजे से 7 बजे तक कला प्रदर्शनी की गई। 25 मार्च समापन समारोह में सभी कलाकारों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। प्रमुख कलाकारों में अजय उपासनी, अमरेश कुमार, ब्रजेश सिंह मदनलाल, दीपक किसन रहे आदि पच्चीस से अधिक कलाकारों ने कला प्रदर्शन में भाग लिया।
वाराणसी की मूर्तिकार वंदना सिंह ने कहा कि आज यूज एंड थ्रो का समय है पहले के मुकाबले में कबाड़ अधिक फेंकते हैं। पूरे विश्व में यह एक बहुत बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। राम छाटपार शिल्प न्यास द्वारा किया गया यह आयोजन युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। कबाड़ की विभिन्न वस्तुओं से बनाई कला की प्रदर्शनी में भाग लेकर एक नया अनुभव हुआ। वंदना मूर्ति कार की कला अभिव्यक्ति का माध्यम वेस्ट मेटेरियल अण्डे की ट्रे, एक्रेलिक कलर, सनमाइका के टुकडे है । इसमें उन्होंने जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफर में स्त्रियों की कश्मकश को दिखाया है समाज की अच्छी बुरी समस्याओं के साथ हम रोज टूटते और फिर जीते है , जिन्दगी भर समाज व अपने आप से लड़ती है । फिर भी लड़ाई खत्म नही होती सिर्फ उसका रूप, स्थान व समय बदल जाता है । इन्ही समस्याओ को उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया है। संभावनाएं अभी भी बाकी है, वंदना सिंह इस थीम पर कार्य कर रही हैं। कार्यक्रम की सूचना दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

प्रेम का वस्तुवाद

आनंद श्रीवास्तव

प्रेम धीरे -धीरे वस्तुवादी बन गया है
निकल आए हैं उसके भी हाथ और पांव
झांकने लगी है उसके भीतर से लालच से भरी
लपलपाती जीभ जिसे स्वाद का एहसास है
जो खरोंचना जानती है आत्मा को, स्वार्थ से ।
भावना और संवेदना उसके लिए
सिर्फ़ नमक और मिर्च का जायका है।
जिसे वह मौके -बेमौके
कम- ज्यादा आजमा लेता है।
प्रेम धीरे- धीरे अपनी आदमियत खो रहा है
उसे घेर लिया है महत्वाकांक्षा की अंधी प्रतिस्पर्धा ने।
उसके सांसों में एक भभकती आग है
जो जला देना चाहती है मर्म और मार्मिकता को।
जो झुलसे हुए फूलों में श्रृंगार देखती है
ताजे टटके फूल उसे दिखावा या छलावा लगते है।
प्रेम जिसे अपनी अस्तित्व पर गर्व था
जो समाज में आदमी होने की सच्ची पहचान था
धीर -धीरे वह वैश्विक बन चुका है।
अब प्रेम के कई पर्यायवाची बन गए हैं
उपयोगी, कन्विनियन , दिखावा, टाइम पास
सच पूछो तो प्रेम कहीं है ही नहीं
लुप्त प्रायः है जैसे आदिम मानव का अस्तित्व।

भारत में एकमात्र चाइनीज अखबार के दफ्तर में लगा ताला

कोलकाता से निकलता था दैनिक समाचारपत्र

चाइनीज भाषा के इस अखबार में शादियों, जन्म और मृत्यु की वर्षगांठ और पार्टियों की एक बड़ी सूची भी दी जाती थी, जो टैंगरा के चाइनाटाउन में घनिष्ठ चीनी समुदाय के लिए पहले ‘सोशल मीडिया’ के रूप में कार्य करती है। देश का एकमात्र मंदारिन अखबार, ‘द ओवरसीज चाइनीज कॉमर्स ऑफ इंडिया’ बंद हो गया है। ‘सेओंग पॉव’ नाम का यह अखबार कोलकाता से निकलता था। तेजी से घटते चीनी समुदाय और उनकी संस्कृति के चलते इस अखबार का पब्लिकेशन बंद कर दिया गया है। अंतिम संस्करण मार्च, 2020 में महामारी के बाद लगे लॉकडाउन से कुछ समय पहले छपा था। महामारी की पहली लहर के दौरान इसका सर्कुलेशन वैसे भी रोक दिया गया था, लेकिन ताबूत में अंतिम कील इसके संपादक, बुजुर्ग कुओ-त्साई चांग की मृत्यु थी। जुलाई में उनके निधन के बाद जैसे-जैसे समय बीता पेपर को पुनर्जीवित करने की किसी ने कोशिश नहीं की।

​इस तरह निकलता था चीनी भाषा का अखबार​

​इस तरह निकलता था चीनी भाषा का अखबार​

ली यून चिन ने 1969 में ‘सेओंग पॉव’ की स्थापना की थी। सेओंग पॉव भारत के पहले चीनी समाचार पत्र, ‘द चाइनीज जर्नल ऑफ इंडिया’ के 34 साल बाद छपना शुरू हुआ था। चार पन्नों का दैनिक ‘सेओंग पॉव’ चीन, ताइवान, हांगकांग और कोलकाता के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों से समाचार संकलित करता था और उनका मंदारिन में अनुवाद करता था।

​समय के साथ घटी चाइनीज अखबार की लोकप्रियता

​समय के साथ घटना गया चाइनीज अखबार का क्रेज​

1980 के दशक के उत्तरार्ध में, न्यू टांगरा रोड पर ‘सेओंग पॉव’ के संपादकीय कार्यालयों में एक व्यस्त मंदारिन प्रेस था। उस समय, इसकी लगभग 2,000 प्रतियां छपती थीं। घटती चीनी आबादी और बढ़ते अखबार के कागज के दामों के साथ इसकी प्रतियां कम होती गईं। अब अखबार के इस दफ्तर में सड़े हुए कचरे का ढेर और सन्नाटा पसरा नजर आता है।

​चोरी हो गए फर्नीचर और उपकरण​

​चोरी हो गए फर्नीचर और उपकरण​

कूड़ा व्यवसायी दीपू मिस्त्री ने बताया कि वह अक्सर बेकार अखबारी कागज और अन्य कागज की तलाश में उस अखबार के दफ्तर में जाते थे। पिछली बार जब वह वहां गए थे तो कुछ कुर्सियां और डेस्क, एक प्रिंटर और एक कंप्यूटर था। लेकिन संपादक की मृत्यु के बाद, उनके सहायकों ने आना बंद कर दिया और जल्द ही, फर्नीचर और उपकरण चोरी हो गए।

​कोलकाता में कैसे आए चीनी नागरिक?​

​कोलकाता में कैसे आए चीनी नागरिक?​

1778 में ब्रिटिश गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स के कार्यकाल में चीन से एक जत्था कोलकाता से करीब 65 किमी दूर डायमंड हार्बर के पास उतरा। चीन से जो लोग आए थे, वे कोलकाता बंदरगाह पर मजदूरी करते। धीरे-धीरे डायमंड हार्बर से कोलकाता की तरफ आ गए। यहां डेंटिस्ट, चमड़े और सिल्क से जुड़े काम-धंधे शुरू कर दिए। कुछ चीनियों ने कोलकाता के पूर्वी छोर पर टेनरियां खोल लीं।

​कोलकाता में बसा चीनियों का शहर!​

​कोलकाता में बसा चीनियों का शहर!​

चाय कारोबारी यांग ताई चाओ ने भी कोलकाता में चीनी मिल खोली। उन्हें तब 650 बीघा जमीन गवर्नर जनरल हेस्टिंग्स ने 45 रुपये साल किराये पर दी। चाओ ने अपने गांव से चीनी लोगों को काम के लिए बुलाया। वे टेंगरा और तिरट्टी बाजार में बस गए। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान टेंगरा में लगभग 20 हजार से अधिक चीनी लोग रहते थे, 2001 की जनगणना में सिर्फ 1640 चीनी बचे।

(स्त्रोत – नवभारत टाइम्स)

यूपीएससी परिणाम, शीर्ष 4 पर रहा लड़कियों का दबदबा, इशिता किशोर सबसे आगे

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में इशिता किशोर ने AIR 1 रैंक हासिल की है। उसके बाद गरिमा लोहिया, उमा हरथी एन और स्मृति मिश्रा रहीं। इस बार लड़कियों ने परीक्षा में दबदबा कायम किया है। यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा के फाइनल रिजल्ट में कुल 933 उम्मीदवार नियुक्ति के लिए चयनित किए गए हैं। इनमें से 345 कैंडिडेट्स अनारक्षित, 99 ईडब्ल्यूएस, ओबीसी से  263 एससी से 154 तथा एसटी कैटेगरी से 72 उम्मीदवार शामिल किए हैं। आईएएस के पद पर चयन के लिए 180 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। जबकि 178 उम्मीदवारों की रिजर्व सूची भी तैयार की गई है।

टॉपरों की सूची

  1. इशिता किशोर
  2. गरिमा लोहिया
  3. उमा हरति एन
  4. स्मृति मिश्रा
  5. मयूर हजारिका
  6. गहना नव्या जेम्स
  7. वसीम अहमद भट
  8. अनिरूद्ध यादव
  9. कनिका गोयल
  10. राहुल श्रीवास्तव

बंगाल: 12वीं में बेटे से ज्यादा नंबर लाकर मां ने पेश की मिसाल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की उच्च माध्यमिक (12वीं) की परीक्षा के नतीजे घोषित हो गए हैं। यहां 38 साल की लतिका मंडल ने मिसाल कायम की है। लतिका ने अपने बेटे के साथ 12वीं की परीक्षा दीं और मां-बेटे दोनों ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। दिलचस्प यह है कि लतिका को बेटे से ज्यादा अंक मिले। लेकिन मां तो आखिर मां ही है, उसे इस बात का दुख है कि बेटे के उससे कम नंबर आए हैं। लतिका मंडल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बेटे को उनसे ज्यादा नंबर मिलते तो वह ज्यादा खुश होतीं। दूसरी ओर बेट सौरव का कहना है कि मां से कम नंबर आने पर भी वह खुश है क्योंकि हारकर भी जीत उसी की हुई है।

शादी के बाद छूट गई थी पढ़ाई

नदिया जिले के शांतिपुर के नृसिंहपुर इलाके के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर असीम मंडल की शादी 20 साल पहले लतिका से हुई थी। इसके बाद वह आगे पढ़ नहीं पाईं लेकिन मन के किसी कोने पर पढ़ाई के लिए ललक बरकरार थी। इसके बाद उनके बेटे ने उन्हें आगे पढ़ने के लिए उत्साहित किया। लतिका ने रवींद्र ओपन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और वहां से 2020 में माध्यमिक परीक्षा दी और अच्छे नंबरों से पास हुईं। अगल साल उन्होंने नृसिंहपुर हाई स्कूल में कला विभाग में 11वीं में दाखिल लिया। लतिका को परीक्षा में 324 अंक और बेटे को 284 अंक मिले हैं। लतिका आगे ग्रैजुएशन करना चाहती हैं।

दो सप्ताह में लॉन्च होगी बीएसएनएल की 4जी सेवा, दिसंबर तक 5जी

केंद्रीय आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि अगले दो हफ्ते में बीएसएनएल 4जी को लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने 200 साइटों के साथ 4जी नेटवर्क शुरू करना शुरू कर दिया है और तीन महीने के परीक्षण के बाद, यह प्रति दिन औसतन 200 साइटों को लॉन्च करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नवंबर-दिसंबर तक बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क को 5जी में अपग्रेड कर दिया जाएगा।
दो हफ्तों में लाइव हो जाएगी सर्विस
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, “4जी-5जी टेलीकॉम स्टैक हमने भारत में विकसित किया है। इन स्टैक की तैनाती बीएसएनएल के साथ शुरू हो गई है। चंडीगढ़ और देहरादून के बीच 200 साइटों की स्थापना की गई है और अगले अधिकतम दो सप्ताह के भीतर यह लाइव हो जाएगा।”
टीसीएस को मिला सबसे बड़ा ठेका
बीएसएनएल ने 1.23 लाख से अधिक साइटों वाले 4जी नेटवर्क की तैनाती के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और आईटीआई लिमिटेड को 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का अग्रिम खरीद ऑर्डर दिया है। बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क के लिए टीसीएस देशभर के करीब एक लाख साइट्स पर इंस्टॉलेशन और रखरखाव काम देखेगी। बता दें कि इसी साल फरवरी में बीएसएनएल के बोर्ड ने टीसीएस की अगुवाई वाले कंसोर्शियम से इक्विपमेंट के लिए लगभग 24,500 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दी थी।
हर दिन लगेंगे 200 नए नेटवर्क
वैष्णव ने कहा कि जिस गति से बीएसएनएल नेटवर्क तैनात करेगा, आप हैरान होंगे। तीन महीने के परीक्षण के बाद, हम एक दिन में 200 साइटों पर काम करेंगे। यह वह औसत है जिस पर हम आगे बढ़ेंगे। बीएसएनएल नेटवर्क शुरू में 4जी की तरह काम करेगा। बहुत जल्द, यानी नवंबर-दिसंबर के आसपास, बहुत छोटे सॉफ्टवेयर एडजस्टमेंट के साथ यह 5जी बन जाएगा।
गंगोत्री में लॉन्च 5 जी सेवा
केंद्रीय मंत्री, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ गंगोत्री में 2,00,000वें स्थल का लोकार्पण करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। वैष्णव ने कहा कि आज व्यावहारिक रूप से हर मिनट एक 5जी साइट सक्रिय हो रही है। दुनिया हैरान है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि चारधाम में 2,00,000वीं साइट स्थापित की गई है। यानी देश में 2 लाख जगहों पर 5 जी की शुरुआत हो गई है।

अलजेब्रा से लेकर ब्रह्मांड तक, वेदों से आए वैज्ञानिक सिद्धांत, यूरोप ने की नकल – इसरो प्रमुख

विज्ञान के सिद्धांतों की उत्पत्ति वेदों से हुई है. ये कहना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चीफ एस सोमनाथ का । उनकी मानें तो अलजेब्रा से लेकर एविएशन तक, सबकुछ पहले वेदों में ही पाया गया था । बाद में अरब देशों के जरिए ये सारा ज्ञान यूरोप तक पहुंचा जिसे बाद में वहां के वैज्ञानिकों की खोजों के रूप में पेश किया गया ।
एस सोमनाथ के मुताबिक अलजेब्रा, स्क्वार रूट्स समय का परा कॉन्सेप्टस आर्किटेक्चर, ब्रह्मांड का ढांचा, जैसी कई चीजें सबसे पहले वेदों में पाई गई थीं । सोमनाथ ने ये बात उज्जैन में महर्षि पाणिनि संस्कृत और वैदिक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही ।
‘संस्कृत का इस्तेमाल करते थे वैज्ञानिक’
उनके मुताबिक एक समस्या ये भी थी कि भारतीय वैज्ञानिक संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते थे इसकी कोई लिखित लिपि नहीं थी । इसे सुना गया और याद कर लिया गया, बाद में लोगों ने संस्कृत के लिए देवनागरी लिपि का इस्तेमाल करना शुरू किया ।
‘कंप्यूटर की भाषा को सूट करती है संस्कृत’
उन्होंने संस्कृत के महत्व पर बात करते हुए बताया कि इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को संस्कृत बहुत पसंद है । यह कंप्यूटर की भाषा को सूट करती है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखने वाले इसे सीखते हैं. गणना के लिए संस्कृत का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, इस पर भी रिसर्च किया जा रहा है ।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष सोमनाथ ने संस्कृत के कुच अन्य लाभ भी बताए । उनके मुताबिक ये लाभ विज्ञान से भी परे हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय साहित्य जो संस्कृत में लिखा गया । वो मूल और दार्शनिक रूप से काफी ज्यादा समृद्ध है । संस्कृत में वैज्ञानिकों ने कितना योगदान दिया इसकी अंदाजा भारतीय संस्कृति की हजारों सालों की यात्रा से लगाया जा सकता है । संस्कृत में वैज्ञानिकों के योगदान की छाप हजारों वर्षों की भारतीय संस्कृति की यात्रा में देखी जा सकती है ।