कोलकाता । भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिथाली राज की बायोपिक ‘शाबाश मिठू’ सिनेमाघरों में जल्द ही आ रही है। हाल ही में मिथाली फिल्म में उनकी भूमिका निभा रही तापसी पन्नू के साथ महानगर पहुँची। तापसी ने फिल्म से जुड़े अनुभव साझा किए। इसके साथ ही निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी ने भी फिल्म की जानकारी दी। इडेन गार्डेन में आयोजित मीडिय़ा वार्ता के दौरान मिथाली और तापसी ने बल्ले और गेंदबाजी की झलक दिखाई। मिथाली ने कहा कि इडेन गार्डेन क्रिकेट का घर है और यहाँ आना और खेलना उनके लिए सम्मान की बात है।
तापसी ने कहा कि उन्होंने बहुत से मैच देख हैं मगर उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि वे इस मैदान में क्रिकेट के लिए खड़ी होंगी। इसका इतिहास और खेल की दुनिया में इसका महत्व जानना यह एक अलग अनुभव है। श्रीजीत मुखर्जी ने इसे सम्मान भरा अनुभव बताया। वायाकॉम 18 द्वारा निर्मित यह फिल्म 15 जुलाई को प्रदर्शित हो रही है।
शाबाश मीठू : इडेन में मिथाली और तापसी ने खेली क्रिकेट
बजाज कंज्यूमर केयर लाया प्रीमियम मॉइस्चराइजिंग साबुन
कोलकाता । बजाज कंज्यूमर केयर लिमिटेड ने बजाज आल्मंड ड्रॉप्स मॉइस्चराइजिंग साबुन बाजार में उतारा। कम्पनी के मुताबिक बादाम के तेलऔर विटामिन ई के लाभों के साथ, यह साबुन त्वचा को उत्तम नमी देती है, जिससे त्वचा नरम, स्मूद और चमकदार रहती है।
पूरी सजगता के साथ किए गए वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार का परिणाम, बजाज आल्मंड ड्रॉप्स मॉइस्चराइजिंग साबुन त्वचा को बेहतर मॉइस्चराइजेशनदेती है। यह उत्पाद कंपनी के बजाज आल्मंड ड्रॉप्स हेयर ऑयल की पेशकश है जिसने दशकों से 13,500 करोड़ रुपये के हेयर ऑयल स्पेस में मजबूत स्थिति बनाई है।
इस अवसर पर बजाज कंज्यूमर केयर के प्रबंध निदेशक, जयदीप नंदी ने कहा, “ इस साबुन में बादाम तेल और विटामिन ई न केवल बालों के लिए बल्कि त्वचा को भी लाभ पहुंचानेके लिए प्रसिद्ध रहे। बजाज आल्मंड ड्रॉप्स मॉइस्चराइजिंग साबुन के साथ, हमअब इसी फायदे को एक प्रीमियम साबुन के रूप में पेश कर रहे हैं।” इस ग्रेड 1 गुणवत्ता वाली साबुन की टीएफएम वैल्यू 76 प्रतिशत है और यह बाजार 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का है।
एमसीसीआई और स्टील सिनैरियो ने आयोजित की सीईओ मीट
कोलकाता । मर्चेन्ट्स चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं स्टील सिनैरियो जर्नल ने एक सीईओ मीट आयोजित की।
स्वागत भाषण में एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने स्टील मैन्यूफक्चरिंग हब के लिए कोर कमेटी गठित करने का सुझाव दिया जिससे पश्चिम बंगाल को सबसे बड़ा स्टील निर्माण केन्द्र बनाया जा सके। उन्होंने राज्य सरकार से इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए राज्य में इस्पात मंत्रालय स्थापित करने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर प्रधान अतिथि के रूप में उपस्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता के उप चेयरमैन सम्राट राही ने कहा कि भारत सरकार भारत में विशेष रूप से पूर्व में इस्पात उत्पादन बढ़ाने के लिए इच्छुक है। 80 प्रतिशत लौह अयस्क और 100 प्रतिशत कुकिंग कोल पूर्व में है। उन्होंने कहा कि हल्दिया बंदरगाह पर इस्पात के परिवहन के लिए एक समर्पित बर्थ है। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ने फ्लोटिंग क्रेन सुविधाएं शुरू की हैं और नाइट नेविगेशन सुविधाएं भी बनाई जा रही हैं। ये पहल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कोलकाता एक नदी बंदरगाह है जिसमें मसौदा मुद्दे हैं।
इस्पात मंत्रालय की संयुक्त संयंत्र समिति के कार्यकारी सचिव रंजन ने कहा कि द्वितीय स्तर के इस्पात क्षेत्र के लिए एक नीति बनाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि जेपीसी भारत के लिए वैश्विक एजेंसियों के लिए इस्पात क्षेत्र में आधिकारिक डेटा प्रदाता है।
बीएसई के मुख्य व्यवसाय अधिकारी समीर पाटिल ने कहा कि बीएसई एशिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। बीएसई में पहले से ही 375 एमएसएमई सूचीबद्ध हैं, जिनमें से 120 एमएसएमई बीएसई के मुख्य बोर्ड में सूचीबद्ध हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्टील अनुबंधों में मूल्य अस्थिरता के खिलाफ बचाव किया जा सकता है। बीएसई प्राइस डिस्कवरी के लिए प्लेटफॉर्म प्रदाता है।
उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन स्टील सिनैरियो की सम्पादक एवं प्रकाशक शकुन्तला चन्दा ने दिया। उद्घाटन सत्र के बाद दो तकनीकी सत्र हुए। इनमें कच्चे माल और कुशल श्रमिकों को सुरक्षित करने और व्यापार के माध्यम से हरित इस्पात प्रौद्योगिकी और व्यापार विकास पर चर्चा हुई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एमसीसीआई की स्टील सम्बन्धी काउंसिल के चेयरमैन दीपक कुमार अग्रवाल ने कहा कि कोयले की कमी और रैक के अभाव के कारण स्टील उद्योग को दिक्कत हो रही है। इस कमेटी के सह चेयरमैन विवेक ने कहा कि भारत सरकार ने चीन से कच्चे माल के आयात को प्रतिबंधित कर दिया है। इससे एमएसएमई द्वारा घरेलू कच्चे माल के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। सत्र का समापन खुली चर्चा से हुआ।
कोविड -19 को लेकर नये निर्देश चाहता है उद्योग जगत
कोलकाता । मर्चेन्ट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स में चिकित्सर्क दिवस यानी डॉक्टर्स डे पर परिचयात्मक सत्र आयोजित किया। परिचर्चा का विषय ‘इम्प्लाइज हेल्थ एंड वेलबिंग : द रोड अहेड पोस्ट कोविड’ था। परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए सीएमआरआई अस्पताल में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजा धर वायरस की प्रकृति के बारे में बताया, जो अपनी गंभीरता खोने के बाद भी अधिक संक्रामक हो जाता है। उन्होंने कहा कि कोविड के साथ-साथ टीकों के इलाज के लिए अधिकांश दवाएं कोरोना वायरस के स्पाईक्ड प्रोटीन पर हमला करती हैं जो दोहराने के लिए हमारी कोशिकाओं से जुड़ जाता है। “यह स्पाइक्ड प्रोटीन है जो उत्परिवर्तित होता है; इसलिए अंतिम लहर की दवाएं नयी लहर में भी काम नहीं करतीं। फोर्टिस अस्पताल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ संजय गर्ग ने कहा कि कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संकोच पूरी तरह से दूर हो गया है। लोग मदद के लिए पेशेवरों के पास पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों और वास्तव में, सभी को अलग-थलग रहने के बजाय अपने “समानान्तर”, अपने पड़ोसियों, अपने दोस्तों के लिए अपने दरवाजे खोलने की सलाह दी। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे बच्चों को “नहीं” शब्द सुनने दें क्योंकि सीमाएं स्वस्थ थीं। अंत में, उन्होंने सभी को खुद को अपना “मी टाइम” देने की सलाह दी। , एएमआरआई अस्पताल, ढाकुरिया में वरिष्ठ क्रिटिकल केयर सलाहकार डॉ. सरस्वती सिन्हा ने कहा पूर्ण लॉकडाउन के अभूतपूर्व झटके, बीमारी के बारे में कलंक और दुनिया भर में दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य मशीनरी के टूटने से उच्च निर्भरता वाली इकाइयों में भी संसाधनों के पुन: आवंटन के मामले में बेहतर लचीलेपन और बदलाव की प्रतिक्रिया का मार्ग प्रशस्त हुआ। . कोविड ने स्वास्थ्य कर्मियों को अधिक चुस्त-दुरुस्त रहना सिखाया था।
सत्र का संचालन एमसीसीआई की हेल्थ केयर काउंसिल के चेयरमैन डॉ. कमलेश कोठारी ने किया। चर्चा को सम्बोधित करते हुए एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने कहा कि आज कर्मचारियों का स्वास्थ्य और उनके हित परिचर्चा से कहीं आगे हैं। कोविड -19 को लेकर उद्योग जगत को नये दिशा -निर्देश मिलने चाहिए। धन्यवाद एमसीसीआई की ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन तुषार बसु ने ज्ञापित किया।
डॉ. राजा धर द्वारा दिया गया परामर्श
इस लहर में जोखिम में हैं लोग: बुजुर्ग, सह-रुग्णता वाले लोग जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय की स्थिति।
किसे मास्क लगाना चाहिए: जिनके घर में बुजुर्ग माता-पिता या सह-रुग्णता वाले लोग हैं। आप प्रतिरक्षित हो सकते हैं, लेकिन आपके माता-पिता नहीं हो सकते हैं।
हाथ की स्वच्छता: हम सभी के लिए। हाथों को सेनेटाइज करने या धोने से कई संक्रमण कम होते हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग: न्यू नॉर्मल में शायद अब संभव नहीं है।
टीकाकरण: सभी के लिए दो खुराक; बूस्टर सभी के लिए सलाह दी जाती है और यदि आप जोखिम में हैं तो जरूरी है; जोखिम वाले लोगों के लिए भी, उन्होंने वार्षिक इन्फ्लुएंजा वैक्सीन और नुस्खे के साथ, निमोनिया वैक्सीन की सिफारिश की।
वार्षिक कोविड वैक्सीन: अगले पांच वर्षों के लिए सभी के लिए अनुशंसित
विलुप्त व्यंजनों को संरक्षित करेगी अन्नपूर्णा स्वादिष्ट, अगस्त में आएगा आईपीओ
तुरियो फाउंडेशन की साझीदारी में ओलंकार रेंज के तहत लाई गोहनाबड़ी
कोलकाता । पैकेज्ड नमकीन, खाद्य एवं ब्रेवरेज निर्माता कम्पनी अन्नपूर्णा स्वादिष्ट खुद को एनएसई-एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध करने की तैयारी में है। कम्पनी अगस्त में आईपीओ ला रही है और उसे बाजार से 28 करोड़ रुपये उगाहने की उम्मीद है। इस राशि का उपयोग कम्पनी के विस्तार में होगा। अन्नपूर्णा स्वादिष्ट मुख्य रूप से टियर 3 और 4 बाजार में मजबूत पकड़ रखती है। कम्पनी की खासियत इसके 1 रुपये से 5 रुपये तक की पैकेजिंग वाले उत्पाद और पारम्परिक व्यंजन विधि को बरकरार रखना है।
अन्नपूर्णा स्वादिष्ट के सह-संस्थापक और अध्यक्ष श्रीराम बागला ने कहा कि अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक शहरों को कवर करने की योजना है। अन्नपूर्णा स्वदिष्ट, का कारोबार 62 करोड़ रुपये का है, चालू वित्त वर्ष को लगभग ₹180-200 करोड़ पर बंद करने की उम्मीद कर रहा है।
कम्पनी की स्थापना हालांकि 2016 में ही हुई थी मगर पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के कारोबार में यह 2020 में उतरी। बागला के मुताबिक कोविड -19 के कारण उनको व्यवसाय में काफी सहायता मिली। आसनसोल और सिलीगुड़ी में अन्नपूर्णा की निर्माण इकाइयाँ हैं और शीघ्र ही राज्य में दो और निर्माण इकाईयाँ आरम्भ होंगी जिनमें से एक धूलागढ़ में होंगी।
अन्नपूर्णा स्वाधीन के सह-संस्थापक और अध्यक्ष श्रीराम बागला ने कहा कि बंगाल की पारम्परिक व्यंजन कला को देश के दूसरे हिस्सों में ले जाने के लिए बिग बास्केट जैसी कम्पनी से भी साझेदारी की गयी है।
कम्पनी पारम्परिक व्यंजन ओलंकार भी बना रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने वाली संस्था तूरियो फाउंडेशन के साथ साझेदारी करते हुए पूर्वी भारत में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए अन्नपूर्णा स्वादिष्ट काम कर रही है। पूर्व मिदनापुर की पारम्परिक गोहना बड़ी (आभूषण के आकार की बड़ियाँ) , बिहार के अचार,झारखंड के पापड़ समेत घी एवं मधु निर्माण के क्षेत्र में कम्पनी सक्रिय है। फिलहाल अन्नपूर्णा स्वादिष्ट के पास 450 वितरक हैं और यह संख्या और भी बढ़ाई जाएगी। तूरियो फाउंडेशन के निदेशक संदीप माइती ने कहा कि अन्नपूर्णा स्वादिष्ट के साथ और भी विलुप्त हो रहे पारम्परिक व्यंजनों को ओलंकार रेंज के माध्यम से सामने लाया जाएगा। जून 2022 में, अन्नपूर्णा ने 11.05 करोड़ रुपये की मासिक बिक्री की और वर्तमान में, 490 कर्मचारियों की एक टीम है जिसमें से 70 महिलाएं हैं।
सरकार के लेखे-जोखे में सुधार जरूरी – सुरेश प्रभु
कोलकाता । पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने सरकार के लेखे-जोखे में सुधार की वकालत करते हुए कहा जवाबदेही लाने और आर्थिक विकास के लिए शुरू किए गए कार्यक्रमों के नतीजों पर नजर रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है। प्रभु ने यहां एमसीसीआई द्वारा आयोजित परिचर्चा सत्र में कहा कि जवाबदेही और आर्थिक विकास के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के नतीजों पर निगरानी के लिए सरकारी लेखा-जोखा में सुधार जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी जरूरत सरकार के लेखा-जोखा में सुधार की है। प्रभु नागर विमानन, वाणिज्य, रेल के अलावा कई अन्य मंत्रालयों का प्रभार संभाल चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं रेल मंत्री था, मैंने रेलवे के खातों में सुधार शुरू किया था। कई ट्रेन दुर्घटनाओं के बाद 2017 में मैंने रेल मंत्रालय छोड़ दिया था।
उन्होंने कहा कि भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध होने के लिए किसी विशेष आर्थिक मॉडल की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘वहीं कुछ अपनाने की जरूरत है, जो देश के लिए सर्वश्रेष्ठ हो। 1991 में अच्छे उपाय किए गए थे, जिन्होंने बाद में आर्थिक नीतियों की दिशा में बदलाव किया। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि रोजगार भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है और सरकार की स्टार्टअप इंडिया पहल रोजगार सृजन के लिए एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। एनसीएईआर के इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (आईईपीएफ), चेयर प्रोफेसर डॉ. मृदुल सागर ने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है, विश्व आर्थिक व्यवस्था में बढ़ती ऊंचाईयों की सराहना करेगा। उदारीकरण ने भारत के विकास में मदद की। उम्मीद है कि 2027 में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर जर्मनी को पछाड़ देगा और 2030 में भारत के जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के उप प्रबंध निदेशक पवन के कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ महीनों में कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे मौद्रिक और राजकोषीय नीतिगत उपायों में बदलाव आया है। यद्यपि भारत को एक ही समय में उत्पादन और उपभोग दोनों घर होने का एक विशिष्ट लाभ है, भारत सरकार की पहल जैसे कि आत्मानिर्भर भारत, पीएलआई योजना, पीएम गति शक्ति विश्व स्तर पर विकास को गति प्रदान करेगी।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधान सलाहकार रूपा दत्ता ने कहा कि सरकार धन सृजन पर जोर दे रही है। सरकार का जोर कौशल को बढ़ाने, गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने, डिजिटलीकरण और स्टार्टअप को आगे ले जाने पर है। देश में अभी 83 बिलियन अमरीकी डॉलर एफडीआई है। स्वागत भाषण एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने दिया। सत्र का संचालन एमसीसीआई की एमएसएमई काउंसिल के चेयरमैन संजीव कुमार कोठारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एमसीसीआई की स्टार्टअप और स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन समरजीत मित्रा ने किया।
‘हिट : द फर्स्ट केस’ का प्रचार करने कोलकाता आए राजकुमार राव
कोलकाता । अभिनेता राजकुमार राव अपनी नयी फिल्म ‘हिट : द फर्स्ट केस’ का प्रचार करने कोलकाता पहुँचे। फिल्म एक सस्पेंस थ्रिलर है और राव ने निर्देशक डॉ. शैलेश कोलानू की सराहना करते हुए कहा कि फिल्म को बनाने में पूरी टीम ने मेहनत की है। उम्मीद है फिल्म लोगों को पसन्द आएगी। फिल्म के निर्माता भूषण कुमार हैं। राजकुमार राव के साथ सान्या मल्होत्रा फिल्म में दिखेंगी। 15 जुलाई को फिल्म ‘हिट : द फर्स्ट केस’ प्रदर्शित होगी।
मोहम्मद अली पार्क में खूंटी पूजन संपन्न
कोलकाता । मोहम्मद अली पार्क यूथ एसोसिएशन का बुधवार को एमजी मेट्रो स्टेशन के पास मोहम्मद अली पार्क दुर्गा पूजा का खूंटी पूजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर, मुख्य अतिथि के रूप में विधायक विवेक गुप्ता, पार्षद व बोरो चेयरमैन रेहाना खातून के अलावा संस्था के चेयरमैन मनोज पोद्दार, मुख्य संरक्षक रामचंद्र बडोपलिया, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश पोद्दार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रमोद चांडक, उपाध्यक्ष दुलाल मोइत्रा, जी.सी. साव, बिमल झुनझुनवाला, मो. शाहिद, आयोजक विजय अग्रवाल, पवन बंसल, देवकी नंदन ढेलिया, अशोक ओझा, गणेश शर्मा, संयुक्त सचिव पवन शर्मा, कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र गोयनका, सचिवसुरेंद्र शर्मा समेत अन्य गण्यमान्य उपस्थित रहे। मोहम्मद अली पार्क यूथ एसोसिएशन की यह 54वीं दुर्गा पूजा है। मोहम्मद अली पार्क दुर्गा पूजा के महासचिव सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि वर्षों में इसकी बड़ी सफलता के बाद, जहां हम विभिन्न क्षेत्रों से कई पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं, मोहम्मद अली पार्क यूथ एसोसिएशन की पूरी टीम इस वर्ष भी एक बार फिर से उत्साहित है । पिछले वर्षों में हमारी पूजा ने हर दिन कई लाख आगंतुकों को आकर्षित किया है। हर तरफ थीम पूजा के बीच, बस इंतज़ार करें और हमारे हिस्से की चमक-दमक देखें। हमें विश्वास है कि लोग इस साल भी हमारे प्रयास की सराहना करेंगे।” उन्होंने सभी को परिवार और दोस्तों के साथ पूजा में आने के लिए आमंत्रित किया।
प्रकृति की रक्षा करना अपनी रक्षा करना है
कोई भी संस्कृति, कोई भी सभ्यता तभी बची रह सकती है जब हम उसका महत्व समझें। यह बात समझने के लिए जरूरी है कि हम उसकी जड़ों को समझें। भारत की संस्कृति ऐसी है कि इसका सीधा रिश्ता प्रकृति से है। हम प्रकृति में ईश्वर को देखते हैं मगर ईश्वर की भक्ति में भी दायित्व बोध का होना जरूरी है। ऐसा कहने के पीछे एक प्रसंग है। अभी गंगा को लेकर एक कार्यक्रम में संगीतबद्ध प्रस्तुति देखने को मिली और कथाओं के सूत्र में पिरोकर गंगा के शब्दों में गंगा की व्यथा भी सामने आई। सच में, सोचने को विवश हो गयी। बात तो सही है कि धार्मिक आचरण और कर्मकांड में वाले देश में प्रकृति के प्रति और यूँ कहें कि ईश्वर के प्रति भक्ति भी दायित्व से रहित हो गयी है। हिमालय पर प्लास्टिक, गंगा में प्रदूषण, वन को लगातार काटने और हाई वे में तब्दील करने की संस्कृति जड़ पकड़ चुकी है। गंगा को माँ कहते – कहते हमने उसे कूड़ेदान बना दिया, बाकी नदियों की भी स्थिति यही है। अब जब सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लगा है तो उम्मीद की जानी चाहिए हम पर्यावरण के प्रति सजग और सचेत होंगे और तभी हम अपने परिवेश का महत्व समझेंगे और प्रकृति सचमुच हमारी रक्षा करेगी। इस पर आगे जो होगा, वह सामने आएगा मगर इसकी शुरुआत मजबूत तभी होगी जब हम सजग होंगे और प्रकृति की रक्षा करना अपनी रक्षा करना है।
नागार्जुन जयंती पर कवि पर्व का आयोजन
कोलकाता। कोलकाता की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से नागार्जुन जयंती के अवसर पर भारतीय भाषा परिषद में कवि- पर्व का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था के अध्यक्ष शंभुनाथ ने नागार्जुन जयंती को कवि पर्व के रूप में मनाए जाने की प्रशंसा की। उन्होंने नागार्जुन के कलकत्ता प्रवास के कई संस्मरणों का जिक्र करते हुए कहा कि नागार्जुन कविता में ज्येष्ठ का ताप और पूर्णिमा का सौंदर्य होना चाहिए। कवियों का स्वागत करते हुए प्रो.संजय जायसवाल ने कहा कि नागार्जुन सहजता और प्रतिबद्धता के कवि हैं। कवि पर्व का यह आयोजन नागार्जुन के चिंतन और स्वप्न को आकार देने का प्रयास है। प्रियंकर पालीवाल ने कहा कि इन दिनों नागार्जुन को लेकर कुछ पाठकों में विरोधाभास है बावजूद इसके वे बड़े कवि हैं। वे हमेशा मेहनतकश वर्ग के पक्ष में खड़े रहें। इस अवसर पर चर्चित कवि सेराज खान बातिश ,प्रियंकर पालीवाल, अभिज्ञात, राज्यवर्धन, आनंद गुप्ता, पूनम सोनछात्रा, इबरार खान, सूर्यदेव राय, राजेश सिंह, रेशमी सेनशर्मा, मुकुंद शर्मा, अभिषेक पांडे ने अपनी कविताओं का पाठ किया।इन कविताओं में प्रेम, प्रकृति और प्रतिरोध का स्वर सुना गया।इस अवसर पर महेश जायसवाल, मृत्युंजय जी,अवधेश सिंह,जीतेंद्र सिंह, जीतेंद्र जीतांशु,आदित्य गिरि,संजय दास,अनवर हुसैन,सुशील पांडे, श्रीप्रकाश गुप्ता सहित कोलकाता के साहित्य और संस्कृतिप्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन राहुल गौड़ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्था के महासचिव राजेश मिश्र ने दिया।