Wednesday, September 17, 2025
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108 साल पुराने हिंदुजा समूह का होगा बंटवारा!

38 देशों में कारोबार, 150,000 से अधिक कर्मचारी

नयी दिल्ली । ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार हिंदुजा परिवार का बंटवारा होने जा रहा है। 108 साल पुराने हिंदुजा ग्रुप की कुल संपत्ति 14 अरब डॉलर की है। हिंदुजा भाइयों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। हिंदुजा बंधुओं में सबसे बड़े 86 साल के श्रीचंद हिंदुजा के वकीलों ने हाल ही में लंदन की एक अदालत को बताया था कि परिवार 2014 के एग्रीमेंट को खत्म करने पर सहमत हो गया है। परिवार के बीच यह समझौता 30 जून 2022 को हुआ था। सूत्रों की मानें तो इसी महीने परिवार का बंटवारा हो सकता है। समझौते के मुताबिक अगर परिवार के बीच नवंबर में बंटवारा नहीं हुआ तो यह मामला एक बार फिर अदालत में पहुंच सकता है। इस ग्रुप की दर्जनों कंपनियां हैं जिनमें से छह लिस्टेड हैं। इनमें इंडसइंड बैंक भी शामिल है।
हिंदुजा परिवार के बीच झगड़े की जड़ दो जुलाई 2014 में हुआ एक समझौता है। इस पर चारों भाइयों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें कहा गया था कि परिवार का सबकुछ प्रत्येक व्यक्ति से संबंधित है और कुछ भी किसी से भी संबंधित नहीं है। श्रीचंद हिंदुजा ने अपने भाइयों जी पी हिंदुजा, पी पी हिंदुजा और ए पी हिंदुजा के खिलाफ केस किया था। यह 2014 के समझौते की वैधता संबंधित था। इस पर कानूनी विवाद नवंबर, 2019 से चल रहा था। श्रीचंद हिंदुजा के तीन छोटे भाइयों की दलील थी कि यह चिट्ठी 100 साल से अधिक पुराने हिंदुजा ग्रुप की उत्तराधिकार योजना थी। लेकिन श्रीचंद हिंदुजा की बेटियों शानू और वीनू ने इसे चुनौती दी थी। ब्रिटेन ही नहीं यूरोप के कई देशों में हिंदुजा ब्रदर्स के बीच कानूनी जंग चल रही है। इससे परिवार को नुकसान पहुंच रहा है।
हिंदुजा समूह का कारोबार
हिंदुजा ग्रुप का कारोबार ट्रक बनाने से लेकर, बैंकिंग, केमिकल्स, पावर, मीडिया और हेल्थकेयर तक फैला है। ग्रुप की कंपनियों में ऑटो कंपनी अशोक लीलेंड और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। 14 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ हिंदुजा परिवार ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार है। इस ग्रुप की कंपनियों का कारोबार 38 देशों तक फैला है और उनमें 150,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। हिंदुजा ग्रुप की स्थापना 1914 में श्रीचंद परमानंद ने ब्रिटिश इंडिया में सिंध इलाके से की थी। हिंदुजा समूह कभी कमोडिटी-ट्रेडिंग फर्म हुआ करता था लेकिन श्रीचंद और उनके भाइयों ने लगातार अपने कारोबार को दूसरे क्षेत्रों में फैलाया।
हिंदुजा परिवार में दरार की पहली खबर तब आई थी, जब श्रीचंद की बेटियों ने स्विट्जरलैंड में स्थित एसपी हिन्दुजा बैंक्यू प्री वी एस ए पर नियंत्रण को लेकर कोर्ट में मुकदमा दायर किया। श्रीचंद की बेटी शानू इस बैंक की चेयरमैन हैं और उनके बेटे करम इसके सीईओ हैं। हालांकि परिवार के दूसरे सदस्य भी इस बैंक पर अपना नियंत्रण चाहते थे, जिसके बाद से यह विवाद शुरू हुआ। इस विवाद ने 100 साल से भी पुराने इस कॉरपोरेट साम्राज्य को टूटने के कगार पर पहुंचा दिया।
किसे मिलेगा स्विस बैंक
एक सूत्र ने बताया कि स्विट्जरलैंड में हिंदुजा ग्रुप का बैंक एसपी हिंदुजा ग्रुप के पास ही रह सकता है। हालांकि स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि हिंदुजा परिवार इस बैंक को एसपी ग्रुप को देने पर सहमत है या नहीं। एसपी हिंदुजा ग्रुप ने 2013 में बैंका कमर्शियल लुगानो को खरीदा था और इसका हिंदुजा बैंक (स्विट्जरलैंड) में विलय कर दिया था। बाद में इसका नाम बदल दिया गया था। श्रीचंद हिंदुजा इसके फाउंडिंग चेयरमैन बने थे। उनके भाइयों का आरोप है कि श्रीचंद का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और इसका फायदा उठाकर उनकी बेटियां उनकी इच्छा के उलट काम कर रही हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीचंद हिंदुजा डिमेंशिया (यादाश्त भूलने की बीमारी) से ग्रसित हैं।

स्विस बैंक हिंदुजा ग्रुप की बाकी कंपनियों के मुकाबले बहुत छोटा है लेकिन इसमें अहम क्रॉस होल्डिंग्स है। अशोक लीलैंड में इसकी 4.98 फीसदी हिस्सेदारी है। मौजूदा मार्केट कैप के हिसाब से इसकी वैल्यू 2195 करोड़ रुपये है। इसके अलावा मॉरीशस के इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स के एमेरिटस चेयरमैन एसपी हिंदुजा हैं। इसकी इंडसडइंड बैंक में 12.58 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बैंक का मार्केट कैप 89 हजार करोड़ रुपये के करीब है। इस हिसाब से इसमें आईआईएच की हिस्सेदारी की कीमत 11205 करोड़ रुपये है।
साथ ही आईआईएच की हिंदुजा लीलैंड फाइनेंस और इंडसइंड मीडिया एंड कम्युनिकेशनंस लिमिटेड में भी हिस्सेदारी है। अभी इसके चेयरमैन अशोक हिंदुजा हैं। शानू और वीनू हिंदुजा के पास लिस्टेड कंपनी हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस के भी शेयर हैं। यह प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि क्रॉस-होल्डिंग का समाधान कैसे होगा। दोनों पक्ष इस सेटलमेंट के विवरण का खुलासा नहीं करना चाहते हैं।
अलग-अलग जिम्मेदारी
हर भाई के पास कारोबार की अलग-अलग जिम्मेदारी है। श्रीचंद हिंदुजा पूरे ग्रुप के चेयरमैन है। उन्होंने ही इंडसइंड बैंक को शुरू किया था, जो भारत के प्रमुख प्राइवेट बैंकों में से एक है। गोपीचंद हिंदुजा इस ग्रुप के को-चेयरमैन है। ये हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड, यूके के चेयरमैन भी हैं। तीसरे भाई प्रकाश इस समय यूरोप में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन हैं, जबकि अशोक भारत में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन है। श्रीचंद और गोपीचंद लंदन में रहते हैं। प्रकाश मोनैको में रहते हैं जबकि अशोक भारत में रहते हैं। फोर्ब्स रियल टाइम नेट वर्थ सूची के मुताबिक हिंदुजा बंधु दुनिया के अमीरों की सूची में 110वें नंबर पर हैं।

कॉस्मेटिक्स बाजार में उतरेंगे रतन टाटा और मुकेश अंबानी

नयी दिल्ली । देश का प्रमुख औद्योगिक घराना टाटा ग्रुप एक बार फिर ब्यूटी और पर्सनल केयर बिजनस में उतरने की तैयारी कर रहा है। उसकी देशभर में 20 ब्यूटी टेक स्टोर खोलने की योजना है। इसके लिए टाटा ग्रुप विदेशी ब्रांड्स से बातचीत कर रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इस सेक्टर में टाटा का सीधा मुकाबला एलवीएमएच के ब्रांड सेफोरा और घरेलू कंपनी नायिका से होगा। देश में ब्यूटी और पर्सनल केयर मार्केट 16 अरब डॉलर का है और तेजी से बढ़ रहा है। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की भी देश में 400 से अधिक ब्यूटी स्टोर खोलने की योजना है। ऐसा पहला स्टोर अगले महीने मुंबई में खोला जा सकता है।
टाटा की नजर 18 से 45 साल के युवाओं पर है जो ईस्टी लॉडर के मैक और बॉबी ब्राउन जैसे महंगे ब्रांड्स को खरीद सकते हैं। कंपनी द ऑनेस्ट कम्पनी, इलिस ब्रुललिन और गैलिनी जैसी विदेशी कंपनियों से हाथ मिला सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक टाटा की दो दर्जन से अधिक कंपनियों से बात चल रही है जो उसके स्टोर्स के लिए खास उत्पाद मुहैया करवाएगी । टाटा के स्टोर्स में वर्चुअल मेकअप कियोस्क और डिजिटल स्किन टेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके आधार पर ग्राहकों को प्रीमियम ब्यूटी प्रॉडक्ट खरीदने के लिए ऑफर दिया जाएगा। हालांकि इस बारे में इन कम्पनियों ने कोई टिप्पणी नहीं की ।
कब खुलेगा पहला स्टोर
टाटा ने हाल में ब्यूटी शॉपिंग एप टाटा क्लिक पैलेट लॉन्च किया था। कंपनी पहले से ही रिटेल बिजनस में है। उसका जारा और स्टारबक्स जैसे ग्लोबल ब्रांड्स के साथ जॉइंट वेंचर है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्यूटी स्टोर्स में 70 फीसदी प्रॉडक्ट्स स्किनकेयर और मेकअप का होगा। टाटा का पहले ब्यूटी स्टोर मार्च में खुल सकता है। भारत का ब्यूटी और पर्सनल केयर मार्केट 16 अरब डॉलर का है जो चीन (92 अरब डॉलर) की तुलना में बहुत छोटा है। लेकिन अगले कुछ साल में इसके सात फीसदी के एवरेज से बढ़ने की उम्मीद है। ब्यूटी रिटेलर नायका की देश में 300 स्टोर खोलने की तैयारी है। अभी उसके पूरे देश में 124 स्टोर हैं। यह कंपनी पिछले साल शेयर मार्केट में लिस्ट हुई थीं। तब इसका मार्केट कैप 14 अरब डॉलर पहुंच गया था।
कभी बोलती थी टाटा ग्रुप की तूती
कुछ दशक पहले तक ब्यूटी सेक्टर में टाटा ग्रुप की तूती बोलती थी। नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा ने 1953 में लैक्मे ब्रांड की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन टाटा ने 1998 में लैक्मे को यूनिलीवर पीएलसी की लोकल यूनिट को बेच दिया था। 2014 में कंपनी ने फिर से इस सेक्टर में एंट्री मारी थी लेकिन अब कंपनी इसे गंभीरता से ले रही है। टाटा ग्रुप की रिटेल स्टोर्स चलाने वाली कंपनी ट्रेंट लिमिटेड के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन नोएल टाटा ने एक साक्षात्कार में कहा कि कंपनी को जोर फुटवियर और अंडरवियर के साथ-साथ सौंदर्य उत्पादों पर रहेगा। उन्होंने कहा कि रिटेल में इनमें विकास की संभावना है।

बजट में पूंजी लाभ कर व्यवस्था में हो सकता है बदलाव

नयी दिल्ली । बजट में इक्विटी शेयर, बॉन्ड और अचल संपत्ति पर लगने वाले पूंजी लाभ कर में बदलाव किया जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि कर की विभिन्न दरों और संपत्ति रखने की अवधि में अंतर को दूर करने के लिये यह कदम उठाये जाने की संभावना है। उसने कहा कि अगले वित्त वर्ष के बजट में पूंजी लाभ कर में बदलाव की संभावना है। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट संसद में एक फरवरी, 2023 को पेश किया जाएगा।
पूंजी लाभ कर में संभावित बदलाव के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा, ”यह बजट प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।”
आयकर कानून के तहत पूंजीगत संपत्तियों…चल और अचल दोनों…की बिक्री से होने वाला लाभ पूंजी लाभ कर की श्रेणी में आता है। हालांकि कानून में कार, परिधान और फर्नीचर जैसी व्यक्तिगत चल संपत्तियों को बाहर रखा गया है।
अधिकारी ने कहा, ”हम विभिन्न पक्षों से मिले सुझाव पर गौर कर रहे हैं।”
फिलहाल एक साल से अधिक समय तक शेयर रखने पर उस पर होनेवाले दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगता है। वहीं बॉन्ड और अचल संपत्ति क्रमश: तीन साल और दो साल रखने की स्थिति में पूंजीगत लाभ पर कर की दर 20 प्रतिशत है।

दिवाली पर खूब मिठाई खाई, बढ़ गया 32 फीसदी भारतीयों का 1.5 किलोग्राम वजन

काजू कतली और गुलाब जामुन की सबसे ज्यादा हुई खपत

नयी दिल्ली । मिठाई खाकर लोगों का वजन बढ़ गया है। हेल्थीफाई मी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार दिवाली वाले हफ्ते के दौरान 22 से 27 अक्टूबर के बीच भारत में चीनी की कुल खपत में 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो साल 2022 के लिए अब तक का सबसे उच्च स्तर है, जिसकी वजह से हर उपभोक्ता का औसतन 1.5 किलोग्राम वजन बढ़ा है । इसके साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों के वर्कआउट में 32 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है ।
हेल्थीफाई मी की चीफ बिजनेस ऑफिसर अंजन भोजराजन ने कहा, “कोविड के दो साल बाद लोगों ने इस साल पूरे उत्साह के साथ दिवाली मनाई और अकेले एक हफ्ते में औसतन अपना 1.5 किलो वजन बढ़ाया! हालांकि, यह देखना अच्छा है कि बहुत से लोगों ने वापस आकार में आने के लिए मेहनत शुरू कर दी – और 10 दिनों में ज्यादातर ने अपना बढ़ा हुआ वजन कम कर लिया ।”
रिपोर्ट के अनुसार काजू कतली और गुलाब जामुन ऐसी भारतीय मिठाइयां हैं, जो हेल्थीफाई मी ऐप के हिसाब से दिवाली वाले सप्ताह के दौरान मिठाई की खपत के मामले में सबसे आगे रहीं । यह मिठाई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में सबसे ज्यादा पसंद की गयी । अध्ययन से यह भी पता चला है कि त्योहारों के दौरान पुरुषों को महिलाओं की तुलना में ज्यादा मिठाई खाने की इच्छा होती हैं । दीवाली के हफ्ते के दौरान पुरुषों में चीनी की खपत में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि महिलाओं में यह 25 प्रतिशत थी। एक सप्ताह में व्यायाम की कमी और ज्यादा चीनी का सेवन पुरुषों का महिलाओं की तुलना में ज्यादा वजन बढ़ने का एक मुख्य कारण था । पुरुषों का वजन औसतन 1.7 किलोग्राम बढ़ा था, वहीं दिवाली के हफ्ते के दौरान महिलाओं का वजन 1.28 किलोग्राम बढ़ा ।
पुणे शहर में चीनी की खपत सबसे अधिक
भारत के प्रमुख महानगरों में पुणे शहर में चीनी की खपत सबसे अधिक 46 प्रतिशत रही । इसके बाद हैदराबाद में 34 प्रतिशत, बेंगलुरु में 34 प्रतिशत और चेन्नई में 33 प्रतिशत की खपत हुई । मुंबई के लोग मिठाई की खाने की अपनी आदत पर काबू करने में कामयाब रहे और वहां चीनी की खपत केवल 20 प्रतिशत अधिक रही जबकि दिल्ली और कोलकाता में चीनी की खपत में क्रमशः 30 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।
कैलोरी बढ़ने के लिए सिर्फ चीनी जिम्मेदार नहीं है. मुंबई ने मीठा खाने की अपनी इच्छा पर काबू कर लिया, लेकिन लोगों के बीच खाने की कुल खपत में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई। दिवाली के हफ्ते के दौरान पुणे के लोगों के औसत वजन में 2.4 किलोग्राम की वृद्धि हुई। दिल्ली और हैदराबाद के लोगों ने क्रमशः 1.5 किग्रा और 1.2 किग्रा वजन बढ़ाया जबकि बेंगलुरु और चेन्नई के लोगों में दिवाली के हफ्ते के दौरान औसतन केवल 0.9 किलोग्राम वजन बढ़ा । रिपोर्ट में कहा गया है कि वजह बढ़ने के बाद अब लोगों ने इसे कम करने की कोशिश शुरू कर दी है ।

 

 

रंगशिल्पी द्वारा जमीला नाटक का मंचन

कोलकाता । रंगशिल्पी थिएटर द्वारा एकतान मंच, नैहाटी में किर्गिज़ लेखक चिंगिज़ एत्मातोव द्वारा लिखित विश्वप्रसिद्ध कहानी पर आधारित ‘जमीला’ नाटक का मंचन हुआ। इस अवसर पर विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि बंकिमचंद्र की जन्मभूमि पर रंगशिल्पी संस्था की यह प्रस्तुति याद रखने लायक है।कलाएं हमें जोड़ने के साथ मानवीय बनाती है।यह संस्था सीमित संसाधनों और बिना सरकारी सहयोग के रंगमंच को बचाने में लगी है।हमें आगे बढ़कर ऐसे प्रयासों में सहयोग करना चाहिए।इस आयोजन ने हमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध किया। नैहाटी म्युनिसिपल के सीआईसी मेम्बर राजेन्द्र गुप्त ने कहा कि यह नाटक हमें प्रेम की महत्ता को बताता है। प्रेम के बिना जीवन नीरस हो जाता है। हमें आपस में प्रेम भाव और साहचर्य से रहना चाहिए। उत्तर 24 परगना के जिला आरटीए  सदस्य प्रियांगु पाण्डेय ने कहा कि हमारे अंचल में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन अति आवश्यक है। ऐसे आयोजन हमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करते हैं। जमीला नाटक हमें जीवन में प्रेम करना सिखाता है। साथ ही यह नाटक हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना भी सिखाता है। हमारी जड़ जितनी मजबूत होगी, हम उतना ही ऊपर और विस्तृत हो पाएंगे। इस नाटक के निर्देशक प्लाबन बसु ने कहा कि रंगशिल्पी की टीम का नैहाटी में जिस गर्मजोशी से स्वागत किया गया वह काबिलेतारीफ है।रंगमंच को बचाए रखने के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा है। उम्मीद करते हैं कि रंगमंच को बचाने के लिए सरकार का सहयोग मिलेगा। । इस मंचन की केंद्र बिंदु रूस से आयी जेनिया रहीं। जेनिया ने कहा कि हमारे (रूस) देश के प्रसिद्ध प्रेम कहानी को यहाँ (भारत) नाटक के रूप में मंचित होता देख कर बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि मैं अपनों के बीच हूँ। सभी कलाकारों ने बहुत संजीदगी से अभिनय किया। इस नाटक के किरदारों में प्लाबन बसु, सुशील कांति, कल्पना झा, शैबल सरखेल, शक्ति चक्रवर्ती, सुबन्ति बनर्जी, सांता स्वरूप मुखर्जी, कथांजलि प्रामाणिक, पार्थ सारथी बसु, स्वागत मंडल, ऋतिक बसक, गोपाल दास, प्रदीप मंडल, विमल दे, विश्वबंधु चौधरी, डालिया प्रामाणिक, जिया झा, परणा कुमार, उमेश पासवान और तन्मय पोद्दार शामिल है । संगीत देशारी चक्रवर्ती, सेट डिज़ाइन जॉयचंद्र चंद्रा, मेकअप रॉबिन नस्कर, लाइट डिज़ाइन शशांक मंडल और कॉस्ट्यूम डिज़ाइन रंगशिल्पी स्टडी विंग्स ने किया।इस अवसर पर उदयराज ,सुशील पांडे, देवानंद साव, राजेश पांडे, सुबोध गुप्ता, संजय राय, विकास जायसवाल, मनीषा गुप्ता, जूही करन सहित लगभग लगभग साढ़़े तीन सौ नाटक प्रेमी उपस्थित थे।

एमसीसीआई एचआर कॉन्क्लेव 2022 सम्पन्न

कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा हाल ही में एमसीसीआई एचआर कॉन्क्लेव 2022 आयोजित किया गया । इस कन्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में बामर लॉरी एंड कम्पनी के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक अदिक रत्न शेखर ने आयोजित किया । उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में, 50 प्रतिशत कर्मचारियों को सक्रिय शिक्षा के माध्यम से फिर से कौशल की आवश्यकता होगी। भविष्य एआई, एओटी, रोबोटिक्स और बिग डेटा मैनेजमेंट नाम की तकनीक से संचालित होगा। इन तकनीकों को अपनाने के लिए, संगठन को अधिक लचीला और अनुकूलनीय होना चाहिए। संगठन को अस्तित्व में रहने और व्यवसाय में बने रहने के लिए परिवर्तन को अपनाने की आवश्यकता है। शेखर ने आगे कहा कि आगे चलकर लोगों से जुड़ाव महत्वपूर्ण होता जाएगा।  नेतृत्व को टीम से जुड़ने और बात पर चलने की जरूरत है।

एमसीसीआई की दिवासी मीट में एक्चेंसर के एम डी सप्तर्षि देव, पश्चिम बंगाल की सीपीएमजी जे. चारुकेसी, कौंसुलेट ऑफ ऑस्ट्रेलिया की सीजी रॉ़वेन एन्सवर्थ, राज्य के कृषिमंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय, नॉन कन्वेंशनल एवं रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज, मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक, डब्ल्यूबीआईआईडीसी बैंक के चेयरमैन राजीव सिन्हा, ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन के डिप्टी हाई कमश्निर निक लॉ, हावड़ा के पुलिस कमिश्नर प्रवीण त्रिपाठी, एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ललित बेरीवाला

वेसुवियस, साउथ एशिया के एच आर निदेशक राजीव चालना ने कहा कि 85 प्रतिशत कर्मचारी समय के साथ नहीं बदलते हैं, वे अगले 10 वर्षों तक कहीं नहीं रहेंगे इसलिए भविष्य के लिए सांगठनिक तैयारी की जरूरत है । उन्होंने सुझाव दिया कि नेताओं को गुणवत्ता उत्पादकता के साथ-साथ कर्मचारियों की व्यस्तता को बड़े पैमाने पर सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। किसी संगठन को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए, री-स्केलिंग और रीशेपिंग महत्वपूर्ण है।

स्पील्स एच आर वर्क्स के एम डी नदीम काजिम ने कहा कि संस्थान को भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए । एच आर को सतत् प्रगति पर जोर देना चाहिए । एवरेडी इंडस्ट्रीज इंडिया के सीएचआरओ संदीप बनर्जी ने संस्थानों को लचीला होने पर जोर देते हुए कहा कि आज कम्पनियाँ प्रतिभाओं को बेहतर भुगतान देने के लिए तैयार हैं । स्वागत भाषण एमसीसीआई की एग्रीकल्चर काउंसिल के चेयरमैन एवं कमेटी सदस्य सुरेश अग्रवाल ने दिया। कन्क्लेव में उद्योग जगत के विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।

 

 

 

बच्चों को एक सच्ची दुनिया दीजिए…भ्रमों का मायाजाल नहीं

नवम्बर का महीना…मतलब बच्चों के नाम का एक दिन..। एक दिन…दरअसल बच्चों के नाम तो पूरी दुनिया होनी चाहिए मगर ऐसा होता कहाँ है । बच्चों की दुनिया पर तो बड़ों ने कब्जा जमा रखा है। आज सारा देश बाल दिवस मना रहा है। कविताएं. कहानियाँ, कार्यक्रम…उद्घाटन मगर सच हम भी जानते हैं कि हम बच्चों की दुनिया को भी अपनी नजर से देखना चाहते हैं, देखते हैं और उनके सपनों पर भी हम अपने अधूरे सपनों को लादते रहते हैं। हम जो करना चाहते थे नहीं कर पाए इसलिए हम जो नहीं कर पाए, वह अब हमारा बच्चा करेगा। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या चाहते हैं, उनके सपने क्या हैं। भारत में तो विरोधाभास वाली स्थिति है…सुरक्षा और संरक्षण के नाम पर माता – पिता, खासकर माताएं अपने बच्चों, खासकर बेटों को न तो बड़ा होने नहीं देती हैं और न ही आत्मनिर्भर होने देती हैं। एक पुरुष कभी भी आत्मनिर्भर नहीं हो पाता । हालांकि आज स्थिति बहुत बदल गयी है मगर भारत का एक बड़ा हिस्सा वह है जहाँ पुरुषों के लिए घर के काम वर्जित माने जाते हैं और गलती से उसने खुद किया या किसी ने करवा लिया तो अच्छा -खासा हंगामा खड़ा किया जाता है। आप नहीं जानतीं हैं कि ममा बॉय बनाकर आप या बाबू शोना बनाकर आप प्यार के नाम पर उसके जीवन में जहर घोल रही हैं क्योंकि आपके कारण न तो वह बड़ा होगा और न तो यथार्थ में कदम रखना चाहेगा। लड़कों को बाँटना नहीं सिखाया जाता और बहनों के साथ तो और भी नहीं। आज बाल दिवस पर उस भेदभाव की याद दिलानी जरूरी है जो बचपन से ही खुद माता – पिता करते आ रहे हैं और जब तक आप ऐसा कर रहे हैं, समाज में वैमनस्य का भाव खुद भर रहे हैं इसलिए जरूरी है कि बच्चों को बच्चों की तरह रहने दें। बच्चों पर अपनी महत्वाकांक्षाओं का बोझ मत लादिए…उनको एक सच्ची दुनिया दीजिए…मायाजाल नहीं ।

बाल दिवस विशेष -पढ़िए चाचा नेहरू से जुड़े कुछ किस्से

देश आज उत्साह और हर्षोल्लास के साथ बाल दिवस मना रहा है। 14 नवंबर यानि पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बच्चों को बहुत प्यार करते थे और बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू हमेशा बच्चों को भारत का भविष्य कहते थे। इस दिन स्कूलों में  खेल-कूद, अन्त्याक्षरी, डांस, निबंध, भाषण, पेंटिंग की कई तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं । पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार इलाहाबाद में हुआ था। आइए आज हम आपको उनके बारे में कुछ रोचक किस्से और कहानियां बताते हैं:

पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित बहुत ज्यादा खर्चा करती थी। एक बार विजय लक्ष्मी पंडित शिमला के सर्किट हाउस में रुकी और वहां रहने का बिल  2500 रुपये आया, लेकिन वह बिना बिल दिए ही वहां से चली गई। उस समय तक हिमाचल प्रदेश का गठन नहीं हुआ था और शिमला पंजाब का हिस्सा था और भीमसेन सच्चर पंजाब के मुख्यमंत्री थे । वहीं, बिल न दिए जाने पर चाचा नेहरू को राज्यपाल चंदूलाल त्रिवेदी का पत्र मिला कि 2500 रुपये की राशि को राज्य सरकार के विभिन्न खर्चों के तहत दिखाया जाए। ये बात पंडित जवाहरलाल नेहरू को समझ नहीं आई। वहीं, राज्यपाल चंदूलाल त्रिवेदी ने नेहरू को झिझकते हुए पत्र लिखकर पूछा कि इस पैसे का हिसाब किस मद में रखा जाए। इस पर नेहरू ने कहा कि वे खुद ये पैसे देंगे।  नेहरू ने पत्र में लिखा कि इस बिल का भुगतान एक बार में वे नहीं कर सकते हैं इसलिए वे पंजाब सरकार को 5 किश्तों में इसका भुगतान करेंगे। बाद में उन्होंने अपने निजी बैंक खाते से 5 महीने के लिए पंजाब सरकार को 500 रुपये के 5 चेक काटकर पैसे दिए ।

नहीं करते थे लिफ्ट का इस्तेमाल
पंडित जवाहर लाल नेहरू के सुरक्षा अधिकारी केएम रुस्तमजी ने अपनी किताब ‘आई वाज नेहरूज शैडो’ में लिखा कि जब वे उनके सुरक्षा स्टाफ में शामिल हुए तो उनकी उम्र 63 वर्ष थी, लेकिन उस समय नेहरू जी 33 साल के लगते थे। उस समय भी जवाहरलाल नेहरू काफी फुर्तीले थे और वे कभी भी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करते थे।

टैक्सी वाला अनोखा किस्सा 
जानकारी के अनुसार, एक बार की बात है कि जब चाचा नेहरू ऑफिस जा रहे थे तो उनके कार साउथ एवेन्यू के पास पंचर हो गई थी । वहीं, एक सरदार टैक्सी ड्राइवर ने दूर से नेहरू को देखा तो वह अपनी टैक्सी लेकर पहुंचा, बोला कि आप मेरी टैक्सी में बैठेगें तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी । ये बात सुन चाचा नेहरू टैक्सी में बैठ गए और ऑफिस जाकर जेब मे पैसे ढूढ़ने लगे, तो देखा कि जेब में पैसे नहीं हैं। ये देख टैक्सी वाले ने कहा कि आप मुझे पैसे देखकर शर्मिंदा कर रहे हैं, मैं आपसे पैसे कैसे ले सकता हूँ। इसके बाद उसने कहा कि अब तो मैं पांच दिन तक इस सीट पर किसी को बिठाउंगा ही नहीं।

फटे जुराब सिलाई करके पहने 
दूसरा किस्सा बताते हुए केएम रुस्तमजी ने लिखा कि एक बार डिब्रूगढ़ यात्रा के दौरान जब वे नेहरू जी के कमरे में गए तो उन्होंने देखा कि प्रधानमंत्री का सहायक उनके फटे हुए जुराब की सिलाई कर रहा था क्योंकि चाचा नेहरू को चीजें बर्बाद करना पसंद नहीं था ।

(साभार – जी न्यूज )

वीरांगनाओं ने किया खिचड़ी का वितरण

कोलकाता । अंतरराष्ट्रीय क्षत्रिय वीरांगना फाउंडेशन पश्चिम बंगाल ओर से लिलुआ गौशाला मैदान में जरूरतमंदों में खिचड़ी का वितरण किया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर की वीरांगनाएं उपस्थित रहीं। वीरांगना की प्रदेश अध्यक्ष और विख्यात गायिका प्रतिभा सिंह ने इस अवसर पर कहा कि दूसरों को भोजन कराने के आनंद से बढ़कर कुछ नहीं। वीरांगनाओं की गतिविधियां दूसरों के आनंद में शामिल होने का प्रयास है। खिचड़ी वितारण के दौरान संगठन की महासचिव प्रतिमा सिंह, उपाध्यक्ष रीता राजेश सिंह, संयुक्त सचिव ममता सिंह, सदस्य सुमन सिंह, कोलकाता महानगर इकाई की अध्यक्ष मीनू सिंह, उपाध्यक्ष ललिता सिंह, महासचिव इंदु सिंह, कोषाध्यक्ष संचिता सिंह, सचिव विद्या सिंह, सदस्य मीरा सिंह, सोदपुर इकाई की महासचिव आशा सिंह, सचिव मंजू सिंह, संयुक्त सचिव जयश्री सिंह और नारी शक्ति वीरांगना की सदस्य अनीता साव, शकुंतला साव, काजल गुप्ता विशेष तौर पर उपस्थित थी।

आलोचक मैनेजर पांडेय के निधन पर शोकसभा

कोलकाता । सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 28वें हिंदी मेले की तैयारी बैठक सभा सम्पन्न हुई, जिसमें विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस सभा में 28वां हिंदी मेला का परिपत्र और पोस्टर जारी किया गया। इस बार इस मेले का केंद्रीय विषय वर्तमान सभ्यता और आदिवासी है। इस अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के कई प्रान्तों से आदिवासी लेखक भाग लेंगे। इस अवसर पर शोक सभा करके प्रो. मैनेजर पांडेय को श्रद्धांजलि दी गई। संस्था के अध्यक्ष प्रो. शंभुनाथ ने कहा कि आलोचक मैनेजर पांडे व्यवस्था पर हंसते हुए प्रहार करते थे और प्रहार करते हुए हंसते थे। उनकी हंसमुख आलोचना हमेशा याद रखी जाएगी। विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय जायसवाल ने कहा कि मैनेजर पांडेय ने हिंदी आलोचना के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे कुशल वक्ता थे और प्रगतिशील चेतना के महत्वपूर्ण पक्षधर थे। इस सभा में डॉ अवधेश प्रसाद सिंह, मृत्युंजय, राजेश मिश्रा, अनिता राय, राज्यवर्द्धन, सुरेश शॉ,श्रीप्रकाश गुप्ता, प्रो.इबरार खान,मनीषा गुप्ता, प्रो.लिली शाह,धनंजय प्रसाद,विकास जायसवाल, मधु सिंह,पूजा गुप्ता, रूपेश यादव, सूर्यदेव राय सहित मिशन के अन्य साथियों ने मैनेजर पांडे के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की।