Wednesday, September 17, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]
Home Blog Page 133

एयर इंडिया – एयर होस्टेज की बिंदी और चूड़ी से लेकर पुरुषों के बाल के लिए नियम जारी

एयर इंडिया ने केबिन अटेंडेंट के लिए ग्रूमिंग गाइडलाइंस जारी की है। इसमें बिंदी की साइज से लेकर चूड़ी की संख्या भी तय की गई है। गाइडलाइन में कहा गया है कि बिंदी की साइज 0.5 सीएम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। एक से ज्यादा चूड़ी पहनने की भी इजाजत नहीं है।  क्रू के पुरुष सदस्यों की हेयरस्टाइल का भी गाइडलाइन में जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया ने ग्रूमिंग गाइडलाइंस में मेल क्रू के उन सदस्यों को, जिनके बाल कम हैं या जिन्हें गंजापन है, उन्हें क्लीन शेव्ड सिर यानी बाल्ड लुक रखने को कहा है। ऐसे क्रू के सदस्य को अपने सिर को रोजाना शेव करने को भी कहा गया है। वहीं क्रू के सदस्य बिखरे हुए बाल या लंबे उलझे बाल वाली हेयरस्टाइल भी नहीं रख सकते।

महिला क्रू सदस्यों को पर्ल इयररिंग्स यानी मोती की बालियां पहनने की अनुमति नहीं है। बिंदी विकल्प है, लेकिन उसका साइज 0.5 सीएम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। महिला क्रू हाथों में सिर्फ एक चूड़ी पहन सकती हैं, लेकिन चूड़ी में कोई डिजाइन या स्टोन नहीं होना चाहिए। इसके अलावा महिला क्रू बालों को बांधने के लिए हाई टॉप नॉट और लो बन्स स्टाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। महिला क्रू बिना किसी डिजाइन वाली सिर्फ गोल्ड और डायमंड की राउंड शेप्ड इयर रिंग्स पहन सकती हैं। साड़ी और इंडो-वेस्टर्न वियर दोनों के साथ त्वचा के रंग से मेल खाने वाली शीयर काल्फ लेंथ स्टॉकिंग्स भी अनिवार्य हैं। वहीं दोनों हाथों में सिर्फ एक-एक अंगूठी पहने की अनुमति है, लेकिन इसमें शर्त यह है कि अंगूठी एक सीएम से ज्यादा चौड़ाई वाली नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा महिला क्रू सदस्यों को सिर्फ चार बॉबी पिन यूज करने की अनुमति दी गई है। मेंहदी लगाने की भी अनुमति नहीं है।

धार्मिक या काले धागे बांधने की अनुमति नहीं

गाइडलाइंस में कहा गया है कि कलाई, गर्दन और एंकल पर धार्मिक या काले धागे को बांधने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा क्रू को पब्लिक एरिया में प्लास्टिक बैग या शॉपिंग बैग ले जाने की भी अनुमति नहीं है।

रसोई – कहानी सतना के रामपुर के खुरचन की

खुरचन… यह पढ़कर आपको लगेगा कि यह किसी चीज को जलाने के बाद खुरच-खुरचकर बनाई जाने वाली कोई मिठाई है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसका सिर्फ नाम ही खुरचन है। यह मिठाई शुद्ध दूध की मलाई से बनाई जाती है। मलाई की कई परतें जमने से मखमली सी दिखने वाली यह मिठाई मप्र की प्रसिद्ध मिठाइयों में से एक है। बात हो रही सतना के रामपुर बाघेलान की ‘खुरचन’ की। यह मिठाई यहां 80 साल पहले अस्तित्व में आई थी। रामपुर बाघेलान के हाईवे से इस मिठाई का स्वाद प्रदेश ही नहीं देशभर में फैल चुका है। इस सप्ताह जायका में पढ़िए रामपुर बाघेलान की ‘खुरचन’ की कहानी।

बारापत्थर गांव में यादवों ने बनाना शुरू किया

कुछ समय बाद नागौद के करीबी और नेशनल हाईवे के किनारे बसे बारापत्थर गांव में कुछ यादवों ने आशियाना बनाए। वे भी मवेशी पालते थे लिहाजा दूध का इस्तेमाल उन्होंने भी खुरचन बनाने में करना शुरू कर दिया। उस वक्त वे नागौद के घरों और कुछ दुकानों में भी खुरचन पहुंचाते थे। अब भी रामपुर की ही तरह नागौद के बारापत्थर में भी नेशनल हाईवे के किनारे खुरचन की दुकानें लगती हैं।

रामपुर में शक्कर नागौद में दूध की मिठास

खुरचन की रेसिपी नागौद से रामपुर पहुंची तो उसके बनाने के तरीके में बदलाव भी हो गए। नागौद की खुरचन में शक्कर का इस्तेमाल नहीं किया जाता। रामपुर में इस पर पिसी शक्कर छिड़की जाती है। नागौद की खुरचन शुगर फ्री होती है। दूध की मिठास को ही खुरचन की मिठास के लिए इस्तेमाल किया जाता है लिहाजा नागौद में बनी खुरचन रामपुर की खुरचन के मुकाबले महंगी बिकती है। यहां इसकी कीमत 500 रुपए किलो तक है।

बड़े होटल से ज्यादा बिक्री हाईवे की दुकानों पर

खुरचन कस्बे के अन्य बड़े होटलों में भी बिकती है, लेकिन रोजाना खुरचन की उनसे कहीं ज्यादा बिक्री सड़क किनारे की छोटी-छोटी दुकानों में होती है। ये दुकानें किसी और नाम से नही बल्कि विक्रेता के सरनेम से पहचानी जाती हैं। मसलन दुकानों के नाम, पटेल खुरचन, मिश्रा खुरचन, पांडेय खुरचन वगैरह हैं। ये दुकानें उन्हीं की होती हैं जो खुद खुरचन बनाते हैं।

धीमी आंच पर पकाते हैं

दूध को एक-एक पाव की मात्रा में लोहे की कड़ाहियों में पकाया जाता है। दूध के ठंडा होने के बाद बेहद बारीकी से इसकी मलाई उतारी जाती है और उसे थाली में फैलाया जाता है। पिसी शक्कर छिड़ककर एक के ऊपर एक मलाई की परतें डाली जाती हैं।

पहले बेचने के लिए रीवा जाते थे

वीरेंद्र मिश्रा बताते हैं कि खुरचन बनाने और बेचने का काम उनके यहां तीन पीढ़ियों से हो रहा है। पहले दादी खुरचन बनाती थीं और बेचने के लिए रीवा ले जाती थीं। बाद में पिता जी ने इस काम को आगे बढ़ाया और अब वे पढ़ाई करने के बाद भी खुरचन बनाने और बेचने के काम में लग गए। उन्होंने बताया कि यहां डेढ़ सौ से अधिक दुकानदारों की आजीविका का साधन खुरचन ही है। त्योहारों के दिनों में सामान्य दिनों की अपेक्षा बिक्री भी अच्छी होती है। कई बार यहां से निकलते वक्त विदेशी सैलानी भी रुकते हैं और खुरचन ले जाते हैं।

अब रेलवे ने भी किया प्रमोट

रामपुर बाघेलान की खुरचन को अब भारतीय रेलवे ने भी प्रमोट किया है। रेलवे ने बघेलखंड की इस जायकेदार विरासत को वन स्टेशन वन प्रोडक्ट प्रोग्राम के तहत शामिल किया है। हावड़ा-मुम्बई रेल मार्ग के प्रमुख जंक्शन सतना के प्लेटफॉर्म में इसका स्टॉल लगाया गया है। स्टाल संचालक लक्ष्मी नारायण मिश्रा बताते हैं कि नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वालों के जरिए ही खुरचन देश के अन्य स्थानों तक पहुंचती थी, अब रेल यात्रियों के माध्यम से भी इसका जायका भारत के कोने-कोने तक पहुंच रहा है।

सीवी आनंद बोस ने बंगाल के राज्यपाल के रूप में ली शपथ

कोलकाता । कोलकाता में बुधवार 23 नवम्बर को सीवी आनंद बोस ने पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण किया। राज्यपाल को कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण करने के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व अन्य नेताओं से मुलाकात की। 17 नवंबर को पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल नामित किए गए थे। सीवी आनंद बोस कौन हैं। तो बोस 1977 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस हैं। वह ला गणेशन की जगह लेंगे। 2011 में सेवानिवृत्त होने से पहले बोस कोलकाता में राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रशासक के रूप में कार्य कर हे थे।

याद रहेंगी सदाबहार मुस्कान वाली तब्बसुम

आजादी के पहले जन्मीं बॉलीवुड एक्ट्रेस तबस्सुम गत 18 नवम्बर को दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गईं। बता दें कि 78 साल की तबस्सुम ने महज 3 साल की उम्र से कैमरे के सामने एक्टिंग करना शुरू कर दिया था। इसके बाद ये सिलसिला करीब 75 सालों तक जारी रहा। हालांकि तबस्सुम फिल्मों से तो दूर थीं, लेकिन अपने फैन्स के दिल के करीब रहीं हैं। फिल्मों से ब्रेक लेने के बाद तबस्सुम टीवी के साथ सोशल मीडिया पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रहीं है। साथ ही यूट्यूब के जरिए आखिरी सांस तक लोगों से जुड़ी रहीं। तबस्सुम के निधन की खबर से जहां बॉलीवुड शोक में डूबा है, वहीं लोग उनकी फिल्में सुहाग, मंझधार, बारी बहन और दीदार में उनके बेहतरीन अभिनय को याद कर रहे हैं।

3 साल की उम्र से शुरू किया था अभिनय

आपको बता दें कि एक्ट्रेस तबस्सुम का जन्म 9 जुलाई 1944 में मुंबई में हुआ था। तबस्सुम के पिता अयोध्या नाथ सचदेव एक फ्रीडम फाइटर थे और शहीद भगत सिंह के साथियों में से एक थे। तबस्सुम का करियर महज 3 साल की उम्र से ही बाल कलाकार के तौर पर शुरू हो गया था। साल 1947 में नरगिस में तबस्सुम ने बाल कलाकार की भूमिका निभाई।

इसके बाद तबस्सुम ने बेजू बावरा, जोगन और दीदार जैसी कई फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया। दीदार का एक मशहूर गाना ‘बचपन के दिन भुला ना देना’ में तबस्सुम ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी थी। इसके बाद तबस्सुम ने कई फिल्मों में लीडिंग हीरोइन के तौर पर काम किया।

दूरदर्शन के शो ने दिलाई पहचान

हालांकि तबस्सुम को फिल्मों से ज्यादा दूरदर्शन पर आए उनके प्रोग्राम ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ ने शौहरत दिलाई। इस शो को होस्ट करने के दौरान तबस्सुम को काफी पहचान मिली। तबस्सुम इसके बाद लगातार काम करती रहीं। कभी टीवी तो कभी फिल्मों में नजर आने वाली तबस्सुम भले ही आजादी के पहले पैदा हुईं थीं, लेकिन खयाल पूरी तरह आजाद थे।

यूट्यूब चैनल के ज़रिए जुड़ी रहती थी प्रशंसकों के साथ

पुराने दौर का होने के बाद भी तबस्सुम आज के दौर के सशक्त माध्यम डिजिटल दुनिया में भी पूरी तरह सक्रिय थीं। 78 साल में भी तबस्सुम इंस्टाग्राम जैसे ऐप पर भी अपनी एंट्री दर्ज कराती थी। इतना ही नहीं तबस्सम अपनी आखिरी सांस तक एक यूट्यूब चैनल चलाती रहीं जिसका नाम है तबस्सुम टाकीज। इस यूट्यूब चैनल के जरिए तबस्सुम पुरानी फिल्मों के किस्से और उनसे जुड़ी रोचक जानकारी सुनाया करती थीं।

सर्दियों में चार धाम की यात्रा की व्यवस्था को तैयार उत्तराखंड सरकार

कोलकाता । उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध तीर्थ चारधाम यात्रा ने इस साल एक रिकॉर्ड बनाया है। इस साल 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने चार धामों की यात्रा की। गत 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने पर चार धाम के अधिष्ठाता देवों के शीतकालीन आसनों पर तीर्थाटन होगा । यहाँ उत्तराखंड सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं । तीन धामों गंगोत्री, केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट क्रमश: 26 अक्टूबर और 27 अक्टूबर को बंद हो गए थे, जबकि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट आज अगले छह महीने के लिए बंद हो गए हैं। अब, उनके पीठासीन देवता अपने शीतकालीन आवासों में चले जाएंगे जो कम ऊंचाई पर स्थित हैं। इन शीतकालीन आवासों में गंगोत्री धाम का मुखवा, यमुनोत्री का खरसाली, केदारनाथ का उखीमठ और बद्रीनाथ धाम का जोशीमठ और पांडुकेश्वर प्रमुख हैं। सरकारी अधिकारियों और स्थानीय अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए हैं कि चारधाम भक्तों को उनकी शीतकालीन तीर्थ यात्रा के दौरान कोई कठिनाई न हो। कोविड 19 महामारी के दो कठिन वर्षों के बाद इस बार बिना किसी प्रतिबंध के आयोजित की गई चार धाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया था। इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एक मोबाइल एप बनाया गया है। पंजीकरण के सत्यापन के लिए हेमकुंड साहिब सहित चारधामों में कर्मचारियों को तैनात किया गया था। चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए यह प्रणाली लागू की गई थी ताकि अचानक बड़ी संख्या में तीर्थयात्री एक बार में किसी धाम पर न पहुंच सकें और उन्हें किसी भी तरह की कठिनाई से बचाया जा सके। इसके अलावा यात्रा मार्गों पर 30 से अधिक स्थानों पर कैमरे भी लगाए गए, जिससे तीर्थयात्रियों को आसानी से ट्रैक करने में मदद मिली। पर्यटन विभाग की ओर से एक टोल फ्री नंबर 1364 भी जारी किया गया था, जिसके जरिए श्रद्धालु इस नंबर पर कॉल कर धामों में बुकिंग की स्थिति से लेकर अन्य मामलों में अपनी शिकायतों का आसानी से समाधान कर सकते थे। चारधामों में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग के नौ स्थानों पर स्वास्थ्य जांच शुरू की है. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी के प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से निपटने के लिए 30 डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा हृदय रोग विशेषज्ञ की भी प्रतिनियुक्ति की गई थी।
राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, “इस वर्ष चारधाम यात्रा ने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। रिकॉर्ड फुटफॉल ने हमें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आवेदन करने के लिए प्रेरित किया है। सरकार का ध्यान अब शीतकालीन चारधाम यात्रा के निर्बाध संचालन पर केंद्रित है। इस यात्रा के हिस्से के रूप में श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जाएगी और उन्हें पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। इन्हीं कारणों से हमने साहसिक पर्यटन में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए कई स्थानों को विकसित और नामित किया है। गतिविधियों।राज्य में युवाओं को हमारी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा, “शीतकालीन चारधाम यात्रा उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देगी और इसे सर्दियों के पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बनाने में मदद करेगी। शीतकालीन चारधाम को बढ़ावा देने के अलावा, हम सुनिश्चित करते हैं कि श्रद्धालु यात्रा के दौरान सुरक्षित और सुविधाजनक हों। इस वर्ष चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड-तोड़ संख्या ने पिछले दो वर्षों से चल रही महामारी के कारण हुए नुकसान की भरपाई की है। उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को हर सुविधा और सेवा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है ।

 

‘सृजन सारथी सम्मान -2022’ से सम्मानित हुईं प्रो. प्रेम शर्मा

कोलकाता । शुभ सृजन नेटवर्क का पहला सृजन सारथी सम्मान प्रो. प्रेम शर्मा को प्रदान किया गया। सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय में आयोजित एक आत्मीय समारोह में सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय की मंत्री एवं समारोह अध्यक्ष दुर्गा व्यास ने प्रो. प्रेम शर्मा को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया । सम्मानित व्यक्तित्व प्रो. प्रेम शर्मा के सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह ‘एक दीप जलाकर देखो’ का भी लोकार्पण किया । अपने वक्तव्य में चर्चित साहित्यकार एवं शिक्षाविद् दुर्गा व्यास ने प्रो. शर्मा की सरलता, सृजनात्मकता, जीजिविषा को प्रेरणा देने वाला बताया । इस अवसर पर उपस्थित प्रधान अतिथि उदिता नेवर ने पुस्तकों को ऑडियो बुक और डिजिटल प्रारूप में लाने का परामर्श दिया । समारोह में उपस्थित कवि लखबीर सिंह ‘निर्दोष’ एवं गजेन्द्र नाहटा ने भी अपने शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इस अवसर पर शुभ सृजन नेटवर्क की ओर से अभिनंदन पत्र सेठ सूरजमल जालान बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं ने मिलकर प्रो. प्रेम शर्मा को दिया। अपनी सृजनात्मक यात्रा पर बात करते हुए प्रो. प्रेम शर्मा ने कहा कि लेखन के प्रति उनको साहित्यकार अरुण अवस्थी एवं कवि कालीप्रसाद जायसवाल से प्रेरणा मिली। प्रो. प्रेम शर्मा ने सेठ सूरजमल जालान बालिका विद्यालय में ही 40 वर्षों तक अध्यापन किया है, समाज सेवा में सक्रिय रही हैं और अब तक 3 पुस्तकें लिख चुकी हैं। शुभ सृजन नेटवर्क की संस्थापक एवं प्रमुख सुषमा त्रिपाठी कनुप्रिय़ा ने कहा कि वरिष्ठ जनों के प्रति कृतज्ञता बोध को अभिव्यक्त करते हुए सृजन सारथी सम्मान की घोषणा की गयी है। प्रो. प्रेम शर्मा को प्रथम सृजन सारथी सम्मान प्रदान करना गौरव की बात है । इसके अतिरिक्त सृजनात्मकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले युवाओं के लिए सृजन प्रहरी सम्मान भी आरम्भ किया जा रहा है। प्रो. कमल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पुस्तकाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी, दीनानाथ पांडेय, अरविंद तिवारी, विवेक तिवारी समेत पुस्तकालयकर्मियों की विशेष भूमिका रही ।

समय की कसौटी पर खरी उतरी है भारत – रुस की मित्रता

कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कोलकाता में रशियन फेडरेशन के कौंसुल जनरल एलेक्सी एम. इदमकिन के साथ विशेष सत्र आयोजित किया । उन्होंने कहा कि भारत और रुस के बीच हमेशा से मित्रता रही है और जो विश्वास है, वह कभी कम नहीं हुआ । इंडामाकिन ने कहा कि 1971 के भारत – पाक युद्ध से लेकर कारगिल तक, किसी भी कठिन परिस्थिति में रुस भारत के साथ रहा है।
भारत-रूसी मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है। भारत रूस के खिलाफ मौजूदा पश्चिमी प्रतिबंधों में शामिल नहीं होना चाहता है और दोनों देश एक-दूसरे का साथ देते रहे हैं । एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ सी. कोठारी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापार कारोबार वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक तक पहुंच गया, जो व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने की संभावना को दर्शाता है। 2025 तक 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का। धन्यवाद ज्ञापन एमसीसीआई के कमेटी सदस्य राजेन्द्र खंडेलवाल ने दिया ।

 

प्रतिस्पर्द्धा विरोधी आचरण पर एमसीसीआई में कार्यशाला


कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में प्रतियोगिता विरोधी आचरण पर कार्यशाला आयोजित की गयी । कम्पटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ) के सलाहकार राकेश कुमार ने इस सन्दर्भ में एमआरटीपी एक्ट की जानकारी दी । उन्होंने कहा कि एकाधिकार अपने आप में अवैध नहीं है, लेकिन इसका दुरुपयोग गलत है । एकाधिकार बाजार की ताकतों के बीच स्वतंत्र व्यवहार करने की क्षमता है । एमआरटीपी अधिनियम के तहत एक उद्यम 25 प्रतिशत से अधिक बाजार पर कब्जा करने में सक्षम नहीं हो सकता है। इससे अधिक कुछ भी होने पर प्रभुत्व का दुरुपयोग माना जाएगा ।
उन्होंने कहा कि सीसीआई, बाजार के एकाधिकार को रोकने के लिए बोली में हेराफेरी में हस्तक्षेप कर सकता है, जो मुख्य रूप से धोखाधड़ी से लगायी जाने वाली, बोली, बोली रोटेशन, कवर बिडिंग, बोली को दबाकर विज्ञापन ग्राहक आवंटन के माध्यम से होता है। जबकि सीसीआई के दंड प्रावधान थे, यह बाजार सुधार और उद्यमों के साथ-साथ व्यक्तियों पर प्रतिस्पर्धा बहाल करने तक सीमित था। कुमार ने कहा कि आयोग के पास सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत दीवानी अदालत के समान अधिकार हैं। स्वागत भाषण एमसीसीआई की लीगल एवं कॉरपोरेट काउंसिल के को -चेयरमैन डॉ. जीवन चक्रवर्ती ने दिया । एमसीसीआई की ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट काउंसिल के चेयरमैन श्री तुषार बसु ने धन्यवाद दिया ।

 

 

हेक्सागन इंडिया ने पेश किया न्यू लेइका एपी20 ऑटोपोल 

निर्माण और सर्वेक्षण क्षेत्र के पेशेवरौं के लिए दुनिया का पहला टिल्ट-कंपेंसेटेड टोटल स्टेशन पोल सॉल्यूशन 

हैदराबाद । हेक्सागन इंडिया की ओर से न्यू लेइका एपी20 ऑटोपोल बाजार में आ गया है। निर्माण और सर्वेक्षण छेत्र से जुड़े प्रोफेशनल के लिए यह दुनिया का पहला टिल्ट-कंपेंसेटेड टोटल स्टेशन पोल सॉल्यूशन होगा। हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर जियो स्मार्ट इंडिया 2022 कॉन्क्लेव में इसे भव्य तरीके से लांच किया गया। इस मौके पर विशिष्ट लोगों में प्रमोद कौशिक (प्रेसिडेंट हेक्सागन इंडिया), मनोज शर्मा (डायरेक्टर मार्केटिंग एंड सेल्स एक्सीलेंस, हेक्सागन इंडिया), पंकज गुप्ता (डायरेक्टर सेल्स जियोसिस्टम्स, हेक्सागन इंडिया), परेश त्रिवेदी (निदेशक, सेल्स, एसआईजी, हेक्सागन इंडिया) के अलावा अन्य कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

लेइका एपी20 ऑटोपोल, नए एपी रिफ्लेक्टर पोल के साथ अपग्रेडेड सेंसर मॉड्यूल को जोड़ती हैं। यह दुनिया का पहला उपकरण है, जो तीन सामान्य वर्कफ़्लो से मिलनेवाली चुनौतियों को त्वरित हल करता है। इसके अलावा पोल को लंबवत और स्थिर रखना, फ़ील्ड सॉफ़्टवेयर में मैन्युअल रूप से पोल की ऊंचाई दर्ज करना और कई रिफ्लेक्टर वाली साइट पर फॉरेन टारगेट को लॉक करना भी इसका अन्यतम कार्य है। हेक्सागन इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कौशिक ने कहा, हम समझते हैं कि आज के व्यस्ततम समय में समय-सारणी, सटीक ऑन-डिमांड डेटा की बढ़ती उम्मीदें और बजट की कमी ने सर्वेक्षकों और इससे जुड़े प्रोफेशनल्स पर काफी दबाव डाला है। इस चुनौती के बीच एपी20 ऑटोपोल एक गेम चेंजर बनकर हमारे बीच आया है, क्योंकि यह एक साथ कई चुनौतियों का समाधान करता है। यह बिल्कुल अद्वितीय हैं और पेशेवरों को उनके काम करने के तरीके में बदलाव लाने में सक्षम है।

इस अवसर पर पंकज गुप्ता (डायरेक्टर, सेल्स जियोसिस्टम्स, हेक्सागन इंडिया) ने कहा, नया एपी20 ऑटोपोल अत्याधुनिक सेंसर से युक्त तकनीकों को मिश्रित करता है, ताकि लेइका जियोसिस्टम्स की मदद से टोटल स्टेशनों के साथ डिजिटल वर्कफ़्लो में मैन्युअल प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से स्वचालित किया जा सके। इसे हम कठिन मौसम की स्थिति में भी माप सकते हैं, इसके साथ ही हम पहले दुर्गम बिंदुओं को भी इसकी मदद से माप सकते हैं।

लेइका जिओसिस्टम्स- आनेवाले अगले 200 वर्षों के लिए सर्वेक्षण की दुनिया में क्रांति लाते हुए हेक्सागन का हिस्सा बनने के बाद लेइका जियोसिस्टम्स इस छेत्र के प्रोफेशनल्स के लिए अब संपूर्ण समाधान बनकर सामने आया है। प्रीमियम उत्पादों और अभिनव समाधान के विकास के लिए जाने जानेवाले एयरोस्पेस, रक्षा, सुरक्षा, निर्माण और विनिर्माण जैसे उद्योगों से जुड़े प्रोफेशनल्स अब अपनी सभी भू-स्थानिक आवश्यकताओं के लिए लेइका जियोसिस्टम्स पर भरोसा करते हैं। सटीक उपकरणों, परिष्कृत सॉफ्टवेयर और विश्वसनीय सेवाओं के साथ, लेइका जियोसिस्टम्स इस छेत्र के भविष्य को आकार देने वालों को उनकी समस्या का समाधान कर उन्हें सुविधा प्रदान करता है।

सुमधुर संगीत के वादे के साथ आई इंटरनल साउड्स संगीत कम्पनी

कोलकाता।  संगीत की दुनिया में गुणवत्तापरक मधुर संगीत लाने के उद्देश्य से नयी संगीत कम्पनी “इटरनल साउंड्स” ने कदम रखा है। टाटा 88 ईस्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में इसका उद्घाटन किया गया । वित्त बाजार विशेषज्ञ उत्सव पारेख, उद्योगपति मयंक जालान, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एवं फिल्म निर्माता गौरांग जालान एवं विख्यात तबला वादक विक्रम घोष की भागीदारी में यह कम्पनी आरम्भ हुई है। इस मौके पर मशहूर गायिका उषा उत्थुप, फिल्म निर्देशक अरिंदम सिल, संगीतज्ञ उस्ताद राशिद खान के साथ टॉलीवुड अभिनेत्री जया सील घोष व अन्य संगीत जगत से जुड़ीचर्चित हस्तियाँ उपस्थित थीं।
इस अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संगीतज्ञ विक्रम घोष ने कहा, ‘आज के जमाने में ज्यादातर लोग अब केवल ऐसा संगीत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहें हैं, जो मौसम की तरह बदलते रहता है जबकि दूसरी ओर, इटरनल साउंड्स का विजन स्थायी संगीत बनाने पर ध्यान केंद्रित करना है। यहां उल्लेखनीय संगीत जगत के कुछ चर्चित चेहरों में जैसे, हरिहरन, उषा उत्थुप, सोनू निगम, शान, कविता सेठ, महालक्ष्मी अय्यर आदि प्रमुख हैं। शास्त्रीय विधा में हम पंडित विश्वमोहन भट्ट, पंडित अजय चक्रवर्ती, उस्ताद राशिद खान, पंडित रोनू मजूमदार, कौशिकी चक्रवर्ती सहित कई अन्य गणमान्य लेखक के साथ मिलकर हम कई भावपूर्ण रचनाएँ आगे चलकर करेंगे! हम जॉन मैकलॉघलिन, नोरा जोन्स, रिकी केज, अनुष्का शंकर, ग्रेग एलिस, स्टीव स्मिथ आदि जैसे कई प्रमुख कलाकारों को उनकी सहमति के आधार पर उनके लिए कई अंतरराष्ट्रीय मंच बनाना चाहते हैं।  केवेंटर एग्रो लिमिटेड के एमडी मयंक जालान ने कहा, हम ऐसा संगीत बनाना चाहते हैं, जो भारतीय संगीत को संपूर्ण रूप से कवर कर इसे परिपूर्ण करे। यह भी ध्यान में रखने की जरूरत है कि, जरूरी नहीं कि मौसमी हिट के उद्देश्य से यह संगीत संचालित हो। हमें उम्मीद है कि हम आने वाले वर्षों में अपने दर्शकों को बहुमूल्य संगीत उपहार में देने में सक्षम होंगे। उत्सव पारेख (चेयरमैन, एसएमआइएफएस कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड) ने कहा, ‘इटर्नल साउंड्स’ में हमेशा महान प्रतिभा की झलक छिपी रहेगी। हम दृढ़ता से मानते हैं कि कई लोगों में अभी भी गुणवत्तापूर्ण संगीत की कई शैलियां मौजूद है, वे ऐसे संगीत के पुनरुत्थान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। गौरांग फिल्म्स के निदेशक श्री गौरांग जालान ने कहा कि, ”इटर्नल साउंड्स में हम इसके भविष्य को लेकर काफी आशावादी हैं। इसके जरिए स्थायी संगीत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, सदाबहार गायक हरिहरन जी के साथ 5 गानों वाला रोमांटिक एल्बम हम जल्द ही रिलीज करने की तैयारी कर रहे हैं, जो हमारी पहली रिलीज होगी।

 

भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के अध्यक्ष चंपक लाल ए दोशी का निधन

कोलकाता । गत 14 नवम्बर को प्रातः 8 बजे भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के लोकप्रिय अध्यक्ष चंपक लाल दोशी जी नहीं रहे। विद्यार्थियों और शिक्षक गणों तथा मैनेजमेंट के सभी पदाधिकारियों में गहरा शोक व्याप्त है। इस अवसर पर राज्य की मुख्यमंत्री माननीय ममता बनर्जी ने शोक पत्र द्वारा समाज सेवी चंपक लाल ए दोशी जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। वहीं मेयर फिरहाद हकीम ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और परिवार के लोगों को सांत्वना प्रदान की। भवानीपुर कॉलेज के उपाध्यक्ष मिराज डी शाह, डायरेक्टर जनरल डॉ सुमन मुखर्जी, डीन प्रो दिलीप शाह और टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय एवं सभी शिक्षक गणों ने चंपक लाल ए दोशी जी का जाना समाज शिक्षा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति बताई।