मुंशी प्रेमचंद जयंती की शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है शुभजिता का प्रेमचंद जयंती विशेषांक- इस अंक में पढ़ें – मुंशी प्रेमचंद पर प्रो. साधना झा दी का आलेख, हिन्दी पठन – पाठन कार्यशाला पर विशेष रपट, डॉ. राजश्री शुक्ला दी का विशेष साक्षात्कार एवं अन्य स्तम्भ
पीडीएफ संस्करण के लिए आरम्भिक सहयोग राशि – 20 रुपये मात्र
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अगला अंक 15 अगस्त स्वाधीनता दिवस पर केन्द्रित होगा…आपकी रचनाएं, वाणी प्रवाह एवं युवा सृजन के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित हैं । समय सीमा – कृपया 10 अगस्त के भीतर अपनी सामग्री भेज दीजिए…आप जीवनशैली से संबंधित सामग्री, व्यंजन विधियाँ एवं अन्य सामग्री भेज सकती /सकते हैं…
शुभजिता प्रेमचन्द जयंती विशेषांक
उमेश चन्द्र कॉलेज में मनायी गयी मुंशी प्रेमचन्द जयंती
कोलकाता । उमेशचन्द्र कॉलेज हिन्दी विभाग, आंतरिक गुणवत्ता और आश्वासन प्रकोष्ठ और छात्र परिषद द्वारा ‘ प्रेमचंद जयंती’ के उपलक्ष्य में साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रेमचंद के साहित्य पर बोलते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ॰ मो॰ तफ़ज्जल हक़ ने कहा- भारतीय समाज व्यवस्था को समझने में प्रेमचंद का साहित्य सदैव प्रासंगिक रहेगा। वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो॰ प्रकृतिरंजन दास ने कहा कि प्रेमचंद के कथा साहित्य में जैसी आत्मीयता और संवेदना मिलती है वैसी अन्य भारतीय भाषाओं में कम देखने को मिलता है। इस अवसर पर हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ॰ कमल कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि -प्रेमचंद को महान बनाया उनकी भारतीय समाज की गहरी समझ और यथार्थ चित्रण के प्रति आस्था ने, उनके कथा साहित्य में इसका जीवंत चित्रण दिखता है। उनकी आस्था गरीबों और किसानों के जीवन के प्रति गहरी संवेदना रूप में दिखती है। इस अवसर पर कॉलेज के छात्रों नें भी प्रेमचंद और उनकी रचनाओं पर अपने विचार रखे। गवर्निंग बॉडी के सदस्य सुबीर साहा ने प्रेमचंद के अवदान पर प्रकाश डाला। कार्यकम का कुशल संचालन हर्ष गुप्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन गौतम दास ने किया। इस आयोजन में कॉलेज के प्राध्यापक प्रो॰ रमा डे नाग, प्रो॰ अरूप बख्शी, डॉ महाश्वेता भट्टाचार्य, अर्नब देब नारायण राय, कावेरी कर्मकार, मर्सी हेम्ब्रम, मो. फहाद हक और अभिजीत पात्रा आदि के साथ-साथ तृणमूल छात्र परिषद के भूषण प्रसाद सिंह , आनंद रजक, अमित सिंह, आकाश राय, अंकित सिंह, इंतखाब आलम, प्रियांशु सिंह, अभिजीत सिंह, अंकित सिंह, सुष्मिता सिंह, प्रीति राय, हर्ष कोठारी, हेमंत सोनी, स्वीटी कुमारी, अविनाश मिस्त्री आदि छात्र उपस्थित थे।
मीना चतुर्वेदी के प्रथम कहानी संग्रह ‘स्नेह स्पंदन’ का लोकार्पण
कोलकाता । भारतीय भाषा परिषद, सभाकक्ष में सदीनामा प्रकाशन द्वारा लेखिका मीना चतुर्वेदी के प्रथम कहानी संग्रह ‘स्नेह स्पंदन’ का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में कवयित्री रीमा पांडेय ने सरस्वती वंदना का पाठ किया । सदीनामा के संपादक जीतेन्द्र जीतांशु द्वारा संचालित उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छपते छपते हिंदी दैनिक के संपादक और ताजा टीवी के निदेशक विश्वम्भर नेवर का स्वागत स्वयं लेखिका मीना चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में सूर्य कान्त चतुर्वेदी “मोहन” ने स्वागत वक्तव्य के साथ लोकार्पित पुस्तक ‘स्नेह स्पंदन’ का परिचय भी दिया, तदुपरान्त आमंत्रित सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया गया । सर्वप्रथम युवा आलोचक कुमार सुशांत ने पुस्तक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मीना चतुर्वेदी की कहानियाँ परिस्थितियों के दवाब की कहानी है। उन्होंने कहा कि लेखिका ने अपने इस कहानी संग्रह में शामिल छोटी कहानियों में कई प्रयोग किए है। इस संग्रह में शामिल कुछ कहानियाँ पत्रात्मक और कुछ आत्मकथात्मक शैली में भी लिखी गईं हैं। इस संग्रह में शामिल कहानियाँ आदर्शवादी कहानियाँ हैं, जिसे लेखिका ने अपनी सपाटबयानी भाषा के साथ प्रस्तुत किया है। भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी की प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी ने इस कहानी संग्रह पर अपने विचार रखते हुए कहा कि साहित्य हमारे समाज से ही निकलता है। हम जो देखते और महसूस करते हैं, उसे ही लिखते हैं। लेखिका ने भी अपने जीवन व आस-पास जो देखा और महसूस किया, उसे ही इन कहानियों के माध्यम से समाज के सामने रखा है। स्कॉटिच चर्च कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. गीता दूबे ने कहा कि कहानी जीवन का एक टुकड़ा है और मीना चतुर्वेदी की कहानियाँ जीवन के एक टुकड़े का एक टुकड़ा है। डॉ. गीता दूबे ने मीना चतुर्वेदी की कहानियों को पाठक के ह्रदय में सहज-सरल ढंग से उतरने वाली कहानी बताया। उन्होंने कहा कि कहानी में सारा खेल स्मृति और कल्पना का होता है। मीना चतुर्वेदी की कहानियों में स्मृतियों का बाहुल्य हैं और सभी कहानियाँ मूल्यबोध की कहानियाँ हैं। सेवानिवृत जनरल वी. एन. चतुर्वेदी ने मीना चतुर्वेदी को उनके प्रथम कहानी संग्रह के लिए अपने वक्तव्य के माध्यम से बधाई दी। कथाकार डॉ. अभिज्ञात ने कहानी संग्रह में शामिल कहानियों को लेखिका के आस-पास के दुनिया से निकली हुई कहानी बताया। कथाकार महेश कटारे ने मीना चतुर्वेदी को बधाई देते हुए कहा कि कहानी समाज के परिधि पर लड़ा जानेवाला गुरिल्ला युद्ध है। मुख्य अतिथि विश्वम्भर नेवर ने कहा कि मीना चतुर्वेदी क़ी कहानियों में सत्यता की सुगंध है। कहानी लिखते समय एक दृष्टि होनी चाहिए। बिना दृष्टि के कहानी नहीं होती। मीना चतुर्वेदी की कहानियों में एक दृष्टि है। उन्होंने कहा कि कहानी सहज रूप में संप्रेषण का माध्यम होता है। लेखिका मीना चतुर्वेदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उन्होंने दूसरों की व्यथा को कहानी के रूप में लिखा है। उनकी कहानियों की भाषा साधारण हैं और उन्होंने साफ-सुथरी कहानियाँ लिखी हैं। अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि कविता सभी लोग नहीं समझ पाते परंतु कहानी सभी लोग समझ पाते हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में कवयित्री कुसुम जैन उपस्थित रही। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने कहा कि मीना चतुर्वेदी की कहानियों में उनके व्यक्तित्व की छाप है। जिस प्रकार मीना चतुर्वेदी सहज और सरल है, उसी प्रकार उनकी कहानियाँ भी सहज और सरल हैं। मानसी चतुर्वेदी द्वारा संयोजित कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन लेखिका मीना चतुर्वेदी के पुत्र अंकुर चतुर्वेदी ने दिया। इस आयोजन में शहर के अनेक गणमान्य साहित्यकार और साहित्यप्रेमी उपस्थित हुए। जिनमें मुख्य रूप से प्रगति शोध फाउंडेशन से विनोद यादव, कथाकर सेराज खान बातिश, , कथाकार सुरेश शॉ, शिक्षिका रेखा शॉ , डॉ. अमृता चतुर्वेदी, प्रभाकर चतुर्वेदी, नीलकमल चतुर्वेदी, नीरज चतुर्वेदी एवं धीरज चतुर्वेदी आदि थे।
सर्वसमावेशिकता और राष्ट्रीय जागरण के लेखक हैं प्रेमचंद
खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज में प्रेमचंद स्मृति व्याख्यान
गिरीश रस्तोगी, नरेंद्र मोहन और कृष्ण बलदेव वैद पर केन्द्रित रहा रंग अड्डा
कोलकाता । लिटिल थेस्पियन द्वारा आयोजित 15 वां रंग अड्डा 26 जुलाई को सुजाता देवी विद्या मंदिर के प्रांगण में सफलतापूर्ण संपन्न हुआ। यह रंग अड्डा रंगमंच की दृष्टि को स्पष्ट करते हुए नाटक के विभिन्न तत्वों को समझने – जानने का अवसर प्रदान करता है। रंग अड्डे का उद्देश्य रंगमंच की परंपरा के विकास के माध्यम से विद्यार्थियों को रंगमंच जोड़ना है जो अपनी गति से लगातार आगे बढ़ रहा है। रंग अड्डा का आयोजित होना , लिटिल थेस्पियन के संस्थापक अज़हर आलम और उमा झुनझुनवाला के रंगमंचीय सरोकार को विस्तारित करता है।
इस रंग अड्डे में तीन नाटककारों को केंद्रित किया गया है – गिरीश रस्तोगी, नरेंद्र मोहन और कृष्ण बलदेव वैद। गिरीश रस्तोगी की नाटक में रंगमंचीय दृष्टि को पार्वती रघुनंदन ने अपने आलेख के माध्यम से प्रस्तुत किया तथा नरेंद्र मोहन के नाटक में मौजूद विभिन्न आयामों को प्रियंका सिंह ने अपने आलेख के द्वारा उजागर किया। इसी कड़ी में कृष्ण बलदेव वैद का नाटक ‘ हमारी बुढ़िया ‘ का अभिनयात्मक पाठ हुआ , जिसमें आज की युवा पीढ़ी नए जमाने की आड़ में अपनी सभ्यता का हनन करती हुई नजर आती है , जिसे नाटककार ने बेतुकी बातों और तुकबंदी में बांधा है। इसका अभिनयात्मक पाठ सुभोदीप , राधा कुमारी ठाकुर ,मोहम्मद आसिफ़ अंसारी , संगीता व्यास तथा विशाल कुमार राउत के द्वारा प्रस्तुत हुआ।लिटिल थेस्पियन की निर्देशिका उमा झुनझुनवाला ने हमारी बुढ़िया नाटक के संदर्भ में कहती है कि यह एक प्रतीकात्मक नाटक है जिसमें बुढ़िया हमारी सभ्यता की प्रतीक है ,यह नाटक पूँजीवादी समाज पर करारा चोट करती है। आज के समय में यह नाटक और भी प्रासंगिक हो उठता है । यह नाटक जितना रोमांचित करता है उतना ही चुनौतीपूर्ण है। इस 15 वें रंग अड्डे का संचालन प्रियंका सिंह एवं इंतखाब वारसी के द्वारा संपन्न हुआ।
‘एकल संगिनी 2023’ – फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसाइटी की जीवन शैली प्रदर्शनी
कोलकाता । ‘एकल संगिनी’ द्वारा फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसाइटी (एफटीएस) – महिला समिति ने अपनी दूसरी जीवनशैली प्रदर्शनी आयोजित की । प्रदर्शनी का उद्घाटन फैशन डिजाइनर जया राठौड़ ने किया। इस दौरान सायंतनी गुहा ठाकुरता (अभिनेत्री), सौमिक सेन (बॉलीवुड निर्देशक) (जुबली, गुलाब गैंग, आदि), राजोर्षि दे (निदेशक), मल्लिका बनर्जी (अभिनेत्री), राहुल देव बोस (अभिनेता), श्रीमती ईशु हीरावत (वर्ल्ड इंटरनेशनल 2022, द्वितीय उपविजेता), अनुराधा कपूर (अध्यक्ष-डब्ल्यूआईसीसीआई, लेखिका, कवियत्री और फिल्म निर्देशक) और इमरान जकी (एफएसीईएस के अध्यक्ष) के अलावा समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल थे। कोलकाता एफटीएस महिला समिति की अध्यक्ष प्रतिभा बिनानी ने कहा, हम स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं में विश्वास करते हैं, यदि कोई बच्चा शिक्षा तक नहीं पहुंच सकता है, तो शिक्षा को बच्चे तक पहुंचाना चाहिए। फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसाइटी का यही प्रमुख उद्देश्य है। इस अनोखी प्रदर्शनी में देशभर के 57 से अधिक लक्जरी ब्रांडों ने भाग लिया। कोलकाता एफटीएस की उपाध्यक्ष पुष्पा मूंदड़ा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें विश्वास है कि हम और भी अधिक ऊंचाइयां हासिल कर सकेंगे और अपने इस निरंतर प्रयास से आगे चलकर ढेरों जरूरतमंदों के जीवन को बेहतर कर सकेंगे। प्रदर्शनी की सफलता में मार्गदर्शक: प्रतिभा बिनानी, पुष्पा मूंदड़ा, रितु अग्रवाल, कोर टीम: अलका मोदी, किरण सरावगी, करुणा लोहिया, शीला चितलांगिया, ललिता कायन और इंदु डालमिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही । इसके साथ ही यूथ विंग से उर्वशी रस्तोगी, नीलम पटवारी, अनुश्री बेहानी, गौरव बागला, विकास पोद्दार, अभय केजरीवाल, रचित चौधरी और रोहित बुचा ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया । 1989 से ही सामाजिक गतिविधियों से जुड़ा है और इस समय यह 37 महिला समितियों के साथ देश भर में 38 अध्यायों के माध्यम से यह काम कर रहा है।
18वें नारायणा स्कोलास्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (एनएसएटी 2023) की घोषणा
कोलकाता । कोलकाता में स्थित नारायणा आईआईटी-जेईई/एनईईटी/फाउंडेशन कोचिंग एकेडमी ने स्कोलास्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (एनएसएटी 2023) के 18वें संस्करण की घोषणा कर दी है । इस परीक्षा के माध्यम से कक्षा 7वीं से 11वीं (विज्ञान) के छात्रों के लिए अपने ज्ञान, महत्वपूर्ण सोच कौशल और अपने सहकर्मी समूह के बीच समस्या-समाधान क्षमताओं का परीक्षण करके राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए एक मंच बनता है। एनएसएटी 2023 में भाग लेने वाले छात्रों को एक करोड़ रुपये से अधिक का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। जिसका मूल मकसद की असाधारण प्रतिभा को पुरस्कृत करना और उन्हें भविष्य में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करना है। देशभर के 300 से अधिक शहरों को कवर करने के साथ एनएसएटी 2023 का लक्ष्य विविध पृष्ठभूमि के छात्रों में छिपी प्रतिभा को एक अलग पहचान देना है, जिससे उन्हें राष्ट्रीय मंच पर चमकने का मौका मिलता है। इस वर्ष एनएसएटी 2023 बदलते समय और छात्रों की जरूरतों को समायोजित करने के लिए आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष यह परीक्षा सभी प्रतिभागियों के लिए उनकी सुविधा को सुनिश्चित करते हुए ऑनलाइन (8 से 12 अक्टूबर 2023) और ऑफलाइन (1 अक्टूबर / 15 अक्टूबर / 29 अक्टूबर 2023) दोनों मोड में आयोजित की जाएगी। छात्र अपनी स्वेच्छा से वह मोड चुन सकते हैं, जो उनके लिए सबसे उपयुक्त हो, जिससे उन्हें अपने सुविधा के मुताबिक प्रदर्शन करने की अनुमति मिल सके। एनएसएटी 2023 की सफलता साल दर साल लगातार बढ़ रही इसकी बढ़ती लोकप्रियता से स्पष्ट हो रही है। इस आयोजन के पिछले संस्करण में 2.5 लाख से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया पिछले साल पश्चिम बंगाल से 5000 से अधिक छात्रों ने अपना पंजीकरण कराया था। नारायणा आईआईटी-जेईई / एनईईटी / फाउंडेशन कोचिंग एकेडमी कोलकाता के केंद्रीय निदेशक पृथा हलदार और शाखा प्रबंधक नयन कुमार मंडल ने कहा, एनएसएटी 2023 का 18 वां संस्करण पहले से कहीं ज्यादा बड़ा और बेहतर होगा। एनएसएटी 2023 में देश भर के 3000 से अधिक स्कूल शामिल हो रहे हैं, जिसमे पश्चिम बंगाल के 100 से अधिक स्कूल के छात्र शामिल हैं। यहां छात्रों को अपनी योग्यता प्रदर्शित करने के लिए एक सुविधाजनक और परिचित वातावरण प्रदान किया जाएगा। इस परीक्षा में एक व्यापक पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है, जिसमें विज्ञान, गणित, मानसिक क्षमता जैसे विषयों को शामिल किया गया है। एनएसएटी 2023 का एक मुख्य आकर्षण छात्रों के लिए छात्रवृत्ति सुरक्षित करने का अवसर है। इसमें 100%* तक की छात्रवृत्ति उपलब्ध होने से योग्य उम्मीदवार अपनी शैक्षिक आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता का लाभ उठा सकते हैं। चार दशकों की विरासत के साथ नारायण एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस ने हर साल शिक्षा के स्तर को लगातार आगे बढ़ाने में उपलब्धि हासिल की है। यहां उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाती है, जो छात्रों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है। इसके साथ उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करता है।
9वीं वर्षगांठ पर खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स लाया केजीए 4 स्मार्ट टीवी
कोलकाता । खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने लैंसडाउन आउटलेट की 9वीं वर्षगांठ मनायी । इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में टॉलीवुड अभिनेत्री मधुमिता सरकार और अपराजिता आध्या ने आकर इसकी शोभा बढ़ाई। टॉलीवुड अभिनेता सौम्य मुखर्जी ने इस अवसर पर अपनी आगामी फिल्म “चीनी 2” का प्रचार भी किया। श्री मनोज खोसला और श्री मनीष खोसला, जिन्हें इन उद्योग में ‘खोसला ब्रदर्स’ के नाम से जाना जाता है, दोनों ने मिलकर वर्ष 1987 में 1 शोरूम से शुरुआत की, वर्ष में 2023 में बढ़कर उनके आउटलेट स्टोर की संख्या 65 पर पहुंच गयी हैं।
इस ऑल-न्यू केजीए 4 के स्मार्ट टीवी का अनावरण भी किया गया। इस विशेष टीवी का उपयोग आगामी फिल्म “चीनी 2” में भी किया गया है। अपराजिता आध्या और मधुमिता सरकार ने इस टीवी की विशेषताओं के बारे में प्रकाश डाला। यह 55 इंच का स्मार्ट टीवी अपनी शानदार पिक्चर क्वालिटी, स्मार्ट 4K सिनेमैटिक अनुभव, प्रभावशाली रिफ्रेश रेट और बेहतर कार्यक्षमता के लिए अपनी अलग पहचान बना चुकी है। इस अवसर पर उपस्थित अभिनेत्री मधुमिता सरकार, अभिनेत्री अपराजिता आध्या एवं अभिनेता सौम्य मुखर्जी उपस्थित थे । खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स की मार्केटिंग और सेल्स डायरेक्टर खुशबू खोसला गुप्ता ने कहा कि, खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स पश्चिम बंगाल और झारखंड में 61 से अधिक स्टोरों में 200 से अधिक ब्रांडों के 10,000 से अधिक उत्पादों को पेश किया है, जिसमें एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और एलईडी से लेकर लैपटॉप, मोबाइल फोन और कैमरे जैसे बड़े उपकरण शामिल हैं। हम हमेशा से कोलकाता में बड़े उपकरणों की व्यापक विविधता के लिए जाने जाते हैं. हमारे उत्पाद की कीमतें और ऑफर सबसे अच्छे होते हैं। खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स की संचालक और डिजिटल मार्केटिंग निदेशक प्रेरणा खोसला गुप्ता ने कहा, खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स से सामान खरीदकर आप भरोसा कर सकते हैं कि आपको उच्च गुणवत्ता वाले उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स पर सबसे अच्छा सौदा मिल रहा है। केजीए के संस्थापक अभिनव गुप्ता ने कहा, लगभग 200,000 से अधिक अंतिम ग्राहकों को हमने सेवा प्रदान की है। पिछले 6 वर्षों में हमने विभिन्न प्रकार के उत्पाद इसमें जोड़े हैं, जो उपभोक्ता के जीवन के विभिन्न हिस्सों को छूते हैं। हमारे पास मनोरंजन क्षेत्र में इंडक्शन, टोस्टर, मिक्सर ग्राइंडर, सैंडविच मेकर, आयरन, एलईडी टेलीविजन, ब्लूटूथ स्पीकर, ब्लूटूथ ईयरबड और बहुत कुछ जैसे रसोई उपकरण हैं। हमारे पास लाइफस्टाइल उत्पाद जैसे हेयर ड्रायर, स्पोर्ट्स स्टेनलेस बोतलें और भी बहुत कुछ हैं।
महान साहित्यकार रांगेय राघव की जन्मशती पर साहित्यकी द्वारा परिचर्चा का आयोजन
कोलकाता । गत शुक्रवार, 28 जुलाई को कोलकाता की जानी मानी संस्था साहित्यिकी द्वारा सुप्रसिद्ध साहित्यकार रांगेय राघव की जन्म शताब्दी के अवसर आयोजित गोष्ठी में रवींद्रनाथ विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग अध्यक्ष और हिंदी साहित्य के प्रकाण्ड विद्वान प्रोफ़ेसर हितेंद्र पटेल ने रांगेय राघव के व्यक्तित्व और कृतित्व के बहुआयामी पक्षों पर गंभीरता से विचार करते हुए उनके विपुल साहित्य का मूल्यांकन ऐतिहासिक दृष्टि से किया। रांगेय राघव की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थापनाओं पर उन्होंने संजीदगी से अपनी बात रखते हुए उनकी अनुसंधानपरक कृति महायात्रा गाथा की विशेष रूप से चर्चा करते हुए सांस्कृतिक स्मृतियों और मानव इतिहास की विकास यात्रा में अंतर्निहित जैविक, भाषिक, पुरातात्विक और विज्ञानपरक दृष्टि को उजागर किया।
विख्यात समीक्षक-कवि डॉ. गीता दूबे ने रांगेय राघव के उपन्यासों के विस्तृत फलक पर बात करते हुए कहा कि वे मानव के सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक यात्रा का दस्तावेज हैं जिनका अध्ययन साहित्य के विद्यार्थियों में सम्यक् दृष्टि का विकास करेगा। तत्कालीन उपन्यासों की प्रतिक्रिया में लिखे कुछ उपन्यासों की विशेष चर्चा की जैसे विषाद मठ आदि । उन्होंने दुख के साथ कहा कि रांगेय राघव के साहित्य को हिंदी साहित्य के इतिहास और पाठ्यक्रम दोनों में उन्हें वह स्थान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।
संस्था की सचिव मंजु रानी गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था की गतिविधियों का उल्लेख किया। उषा श्रॉफ़ ने कार्यक्रम का सफल संचालन क्या। साहित्यिकी की अध्यक्षा श्रीमती विद्या भंडारी ने अतिथि वक्ता प्रोफ़ेसर हितेंद्र पटेल एवं डॉ. गीता दूबे को उनके विद्वतापूर्ण और सारगर्भित वक्तव्य के लिए आभार प्रकट करते हुए आगत अतिथियों, विद्यार्थियों, सदस्यों का हृदय से धन्यवाद किया। भारतीय भाषा परिषद का और सहयोगी कर्मचारियों का भी धन्यवाद किया। इस अवसर पर कवि शैलेंद्र, जीतेंद्र जीतांशु और महानगर के साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल और सार्थक आयाम दिया।