Thursday, July 24, 2025
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मां दुर्गा इसलिए करती हैं शेर की सवारी

मां दुर्गा का वाहन शेर है, क्या कभी आपने सोचा है कि शक्ति की पर्याय मां भगवती की सवारी शेर ही क्यों है? आज हम आपको इससे जुड़ी एक रोचक बात बताते हैं। दरअसल इस बारे में एक दंत कथा है..पुराणों में उल्लेख है कि एक बार भगवान शिव और मां पार्वती आपस में हास-परिहास कर रहे थे लेकिन इसी हास-परिहास के बीच में भगवान शिव ने माता पार्वती को काली कह दिया जिस पर मां रूठ गईं और वन में जाकर तपस्या करने लगीं। मां पार्वती के साथ शेर ने भी सालों तपस्या की इस तपस्या में कई साल गुजर गये कि तभी एक शेर जो बहुत दिनों से भूखा-प्यासा था वो मां पार्वती को खाने के लिए उनके पास आ गया लेकिन ना जानें शेर को क्या सूझा, उसने तपस्या कर रही माता पार्वती पर हमला नहीं किया बल्कि उनके समझ बैठ गया। कई सालों बाद जब पार्वती की तपस्या से शिव प्रसन्न हुए तो उन्होंनें मां के सामने प्रकट होकर उन्हें गोरी होने का वरदान दिया। शेर के धैर्य से माता हुईं प्रसन्न जिसके बाद मां ने शेर की ओर देखा जो कि काफी समय से बिना हमला किये उनकी प्रतिक्षा कर रहा था और तपस्या का हिस्सेदार था। माता ने प्रसन्न होकर उसे हमेशा विजयी रहने का आशीर्वाद दिया और अपना वाहन बना लिया। शेरराजा, शक्ति, भव्यता और जीत का प्रतीक मालूम हो कि शेर का आशय राजा, शक्ति, भव्यता और जीत से होता। यह कहानी ये सीख देती है कि अगर आप सच्चे मन से मां को याद करते हैं तो मां आपकी हर इच्छा की पूर्ति करती है वो भी बिना मांगे।

 

बेबी बंप के साथ मॉडल कैरल ने किया रैंप वॉक

मॉडलिंग की दुनिया में कैरल ग्रेसियस एक जाना-माना नाम हैं. हो सकता है आप उन्हें उनके नाम से नहीं जानते हों लेकिन उन्हें देखकर पहचानने में आपको पलभर भी नहीं लगेगा। अगर आपने फैशन फिल्म देखी होगी तो भी आप उन्हें एक झटके में पहचान जाएंगे. इसके अलावा ये वही मॉडल हैं जो अपने मालफंक्शन के लिए भी चर्चा में रही थीं। साथ वो छोटे पर्दे के मशहूर शो बिग बॉस में भी प्रतिभागी बनकर आ चुकी हैं। वो देश की टॉप मॉडल्स में से एक हैं लेकिन बीते दिनों उनका एक नया रूप देखने को मिला। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि शादी और बच्चे हो जाने के बाद एक मॉडल का करियर खत्म हो जाता है लेकिन कैरल ने लैक्मे फैशन वीक में अपने बेबी बंप के साथ रैंप वॉक करके सबको आश्चर्य में डाल दिया। रैंप वॉक के दौरान वो पहले की ही तरह आत्मविश्वास से भरी हुई नजर आईं. गौरांग शाह की डिजाइन की हुई खूबसूरत हरी और गुलाबी साड़ी में वो बहुत ही खूबसूरत नजर आ रही थीं.।

 

नीता अंबानी बनीं एशिया की सबसे पावरफुल बिजनेस वुमन

फोर्ब्स मैगजीन ने एशिया की 50 सबसे पावरफुल बिजनेस वुमेन की सूची जारी की है जिसमें रिलायंस फाउंडेशन की प्रमुख नीता अंबानी शीर्ष पर हैं। पावरफुल बिजनेस वुमन की इस सूची में दूसरे स्थान पर भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधती भट्टाचार्य हैं।

इस सूची में 50 महिला कारोबारियों के नाम हैं और खुशी की बात ये है कि इसमें से 8 भारतीय महिलाएं हैं।

2016 की एशिया की 50 सबसे शक्त‍िशाली महिला कारोबारियों की सूची में भारत के अलावा चीन, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, थाईलैंड, हांगकांग, जापान, सिंगापुर, फिलिपींस और न्यूजीलैंड की कारोबारी महिलाएं भी शामिल हैं।

फोर्ब्स के मुताबिक, ‘एक ऐसे देश में जहां अरबपतियों की पत्नियां अपने पति पर निर्भर हैं। रिलायंस में नीता का बढ़ रहा कद कोई सामान्य बात नहीं है और यही वजह है कि वह इस साल ताकतवर महिला कारोबारियों की सूची में अव्वल हैं.।

फोर्ब्स के अनुसार, इस सूची में स्वीकार किया गया है कि कारोबारी दुनिया में महिलाएं अपनी जगह बना रही हैं लेकिन महिला और पुरुष के बीच की असमानता अब भी बरकरार है.

दिल्ली की प्रियदर्शनी चटर्जी बनीं फेमिना मिस इंडिया 2016

मुंबई। दिल्ली की प्रियदर्शनी चटर्जी ने फेमिना मिस इंडिया 2016 का खिताब जीत लिया है। शनिवार रात हुए मुकाबले में उन्होंने यह खिताब अपने नाम किया। वहीं सुसृष्टि कृष्णा फर्स्ट रनर-अप रहीं और पांखुड़ी गिडवानी सेकेंड रनर-अप रहीं।

बता दें कि प्रियदर्शनी फिलहाल दिल्‍ली में रहती हैं, लेकिन उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गुवाहाटी के मारिया पब्लिक स्कूल से पूरी की है। इससे पहले प्रियदर्शिनी ने मिस इंडिया दिल्ली का खिताब जीता था।

मिस वर्ल्ड 2016 में प्रियदर्शनी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। फर्स्ट रनरअप रहीं सुसृष्टि कृष्णा मिस इंटरनेशनल में भाग लेंगी वहीं सेकंड रनर-अप रहीं पांखुड़ी भारत की ओर से मिस ग्रैंड इंटरनेशनल ब्यूटी पेजंट का हिस्सा होंगी।

प्रियदर्शिनी को खिताब मिलने पर मॉडल व एक्ट्रेस एमी जैक्सन ने ट्वीट कर बधाई भी दी है।

पांखुड़ी का सफरनामा

18 साल की पंखुड़ी लखनऊ की रहने वाली हैं। वो लखनऊ के आईआईएम कॉलेज में 12वीं की छात्रा हैं और इसी कॉलेज की ब्यूटी प्रतियोगिता जीत चुकी हैं। इसके बाद उनका मुम्बई कैम्पस के लिए सेलेक्शन किया गया। जहां से किसी एक प्रतिभागी को सीधे मिस इंडिया के फाइनल में जगह दी जानी थी। पंखुड़ी ने दूसरी सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़ दिया और फेमिना मिस इंडिया 2016 में तीसरा स्थान हासिल किया।

फेमिना मिस इंडिया 2016 के निर्णायक दल में फैशन और बॉलीवुड जगत की नामी गिरामी हस्तियां मौजूद थीं। इनमें संजय दत्त, डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, अर्जुन कपूर, निर्देशक कबीर खान, एमी जैक्सन, मिस वर्ल्ड 2015 मिरिया लालागुना, सानिया मिर्जा, अंतर्राष्ट्रीय डिजाइनर शेन पीकॉक और एकता कपूर शामिल थीं।

मिस इंडिया 2016 के कार्यक्रम में बॉलीवुड सितारों ने शिरकत की। इस रंगारंग कार्यक्रम में शाहरुख खान, टाइगर श्रॉफ, सुनिधि चौहान, जैकलीन फर्नांडीज, शाहिद कपूर जैसे कलाकारों ने खूब धमाल मचाया।

 

बीमारी है त्वचा को नोचने की आदत

डर्माटिलोमेनिया स्किन पिकिंग डिसाऑर्डर या एसपीडी है। सामान्य-सी नजर आने वाली यह समस्या कई बार गंभीर परिणाम दे सकती है। इससे ग्रसित व्यक्ति बार-बार अपनी त्वचा को छूता, रगड़ता, खरोंचता, नोचता है और उसे खींचकर बाहर निकालता रहता है। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति इसे अपनी कमी की हीनभावना से ग्रसित होकर या किन्हीं अन्य कारणों से लगातार इस तरह का व्यवहार करता है। इससे त्वचा की रंगत पर प्रभाव पड़ता है और कई बार त्वचा पर जख्म जैसे भी बन जाते हैं।

खुद को पहुंचा सकते हैं नुकसान

यह एक ऐसा डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति खुद की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। घबराहट, डर, उत्साह और बोरियत जैसी स्थितियों से निपटने के लिए भी लोग इस तरह के व्यवहार का सहारा लेते हैं। यह लगातार और जुनून में किया जाने वाला व्यवहार होता है जिसकी वजह से त्वचा के टिशूज को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। कई शोधों में यह बात सामने आई है कि डर्माटिलोमेनिया ट्रिचोटिलेमेनिया यानी अपने ही बालों को खिंचने की समस्या से मिलती-जुलती है।

इन्फेक्शन का होता है खतरा

लगतार एक ही जगह की स्किन नोचते रहने से रोगी को इन्फेक्शन का खतरा भी रहता है। क्योंकि कई लोग त्वचा को निकालने के लिए चिमटे जैसी या किसी नुकीली चीज का भी प्रयोग करते हैं। इससे स्किन टिशूज के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार समस्या इतनी बढ़ जाती है कि स्किन ग्राफिटग तक करवाने की जरूरत पड़ जाती है। डर्माटिलोमेनिया का प्रभाव मानसिक रूप से भी पड़ता है क्योंकि रोगी असहाय महसूस करता है, उसे खुद के व्यवहार पर शर्मिंदगी महसूस होती है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि डर्माटिलोमेनिया से पीड़ित 11.5 प्रतिशत रोगी आत्महत्या करने का प्रयास करते हैं।

बिहेवियरल थैरेपी है कारगर

डर्माटिलोमेनिया के लिए कॉग्नेटिव बिहेवियरल थैरेपी मददगार होती है। इस थैरेपी की मदद से स्किन पिकिंग की आदत को छुड़ाने में मदद मिलती है। ऐसा करने के लिए उत्सुक होने से रोकने के लिए एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं भी रोगी को दी जाती हैं। अपने परिवार या मित्रों के सपोर्ट से भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

कम उम्र में होती है समस्या की शुरुआत

छोटे बच्चों में अकेलेपन, डर या उत्साह में अपनी ही त्वचा को नोचने की आदत लग जाती है। किशोरावस्था में एक्ने जैसी समस्या होने पर इस तरह का व्यवहार आमतौर पर देखा गया है, जब किशोरवय बच्चों को अपनी त्वचा को कुरेदकर निकालने की आदत हो जाती है।

कई बार सोरायसिस और एक्जिमा जैसी परेशानियों में भी त्वचा को इस तरह नोंचकर या कुरेदकर निकालने की आदत हो जाती है। लेकिन 30 से 45 साल उम्र का दूसरा पड़ाव होता है, जिसमें लोगों में डर्माटिलोमेनिया जैसी परेशानी देखी जाती है। इस दौर में इस समस्या के होने के पीछे तनाव को सबसे बड़ा कारण माना जाता है।

 

नवरात्रि पर बनाएं ये व्यंजन

मेवा खीर

Mewa Kheer Recipe In Hindi - Dry Fruit Kheer Recipe

 सामग्री – एक लीटर फुल क्रीम दूध, एक कप मखाने कटे हुए, 15 से 20 काजू, आधा कप चिरौंजी, आधा कप किशमिश, 15 से 20 बादाम कटे हुए, 5 से 6 इलायची पिसी हुई , आधा कप चीनी।

कटे हुए बादाम और चिरौंजी से मेवे की खीर को सजाकर परोसें।

विधि –  सबसे पहले किशमिश धोकर भिगो दें।  गैस पर एक भगोने में दूध उबलने के लिए रख दें। दूध में उबाल आने के बाद मखाने, काजू, चिरौंजी और बादाम डालकर एक बड़ी चम्मच से चलाकर सारी सामग्री को मिक्स करें। अब धीमी आंच पर 8 से 10 मिनट तक दूध और मेवे पकने दें। बीच-बीच में खीर में चम्मच चलाते रहें। जब दूध गाढ़ा लगने लगे तो खीर में चीनी डालकर मिलाएं और मध्यम आंच पर 5 मिनट तक पकने दें। उसके बाद खीर में किशमिश और इलाइची पाउडर मिलाकर इसे 2 मिनट तक और पकाएं।  अब गैस बंद कर दें। मेवे की खीर तैयार है।

सिंघाड़े की बर्फी

सामग्री —100 ग्राम सिघाड़े आटा, 1 चम्‍मच घी, 100 ग्राम चीनी, 1 चम्‍मच इलाइची पाउडर, 1 चम्मच किशमिश, 1/2 कप कटे हुए मेवे (काजू, बादाम, पिस्ता)।singhara-burfi

विधि – एक पैन में घी डाल कर गरम करें और सिंघाड़े  का आटा डाल कर हल्का गुलाबी होने तक भून लें। भुने हुए आटे में पानी और चीनी डालकर अच्‍छी तरह मिलाएं और उबाल आने के बाद 4-5 मिनट तक पकाएं। सिंघाड़ा जब हलुवे के जैसा बन जाए तो उसमें इलायची पाउडर डालकर चलाएं। एक थाली में घी लगा कर चिकना कर लें और सिघाड़े के हलुवे को थाली में डालकर पतला फैला कर जमा दें। सिंघाड़े की बर्फी पर कटे मेवे और किशमिश डाल दें और ठंडा होने पर चाकू की मदद से इसे मनचाहे टुकड़ों में काट लें। अब चाहे तो इसे व्रत में खाएं या फिर स्वीट डिश में सर्व करें।

 सिर्फ औरतें चलाती हैं यहां पर 4000 दुकानें

मणिपुर में एक ऐसा मार्केट है जिसे सिर्फ महिलाएं चलाती हैं। यहां पर करीब 4000 दुकानें हैं। इनमें एक भी पुरुष काम नहीं करते। इसे एशिया में महिलाओं का सबसे बड़ा मार्केट भी कहा जाता है। 500 साल पुराना है ये बाजार…

यह मणिपुर के इम्फाल में है। इस मार्केट को मदर्स मार्केट भी कहते हैं और यह करीब 4 हजार पुराना है। यहां हजारों की संख्या में कस्टमर्स रोज आते हैं। स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बातचीत करने के लिए भी लोग इस मार्केट में पहुंचते हैं। कहते हैं कि यह मार्केट तब शुरू हुआ था जब यहां पर राजा हुआ करते थे।

तब ‘लैलप’ नाम की एक ऐसी परंपरा थी जिसमें मैती कम्युनिटी के पुरुषों को राजा के दरबार में काम करने के लिए अक्सर बुला लिया जाता था। इस कारण से महिलाओं पर बाकी जिम्मेदारी आ गई। महिलाएं ही खेती भी करने लगीं और दुकानें भी चलाने लगीं। इसके बाद से यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भी निभाया जाने लगा।

हालांकि, मार्केट की खास बात ये है कि इसमें सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को काम करने दिया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाद के सालों में मार्केट की परंपरा को बदलने के लिए कई तरह के दबाव भी बनाए गए, लेकिन इन महिलाओं ने उनका विरोध किया और मार्केट से कब्जा नहीं छोड़ा।

 

इस तरह करें गणगौर की पूजा

गणगौर का यह उत्सव नवरात्र के तीसरे दिन यानी कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तीज को आता है जिसमें को गणगौर माता (मां पार्वती) की पूजा की जाती है।इस दिन पार्वती के अवतार के रूप में गणगौर माता व भगवान शंकर के अवतार के रूप में ईसर जी की पूजा की जाती है।

कहते हैं माता पार्वती ने शंकर भगवान को पति (वर) रूप में पाने के लिए यह व्रत और तपस्या की थी। तब भगवान शंकर तपस्या से प्रसन्न हो गए और वरदान मांगने के लिए कहा। पार्वती ने उन्हें ही वर के रूप में पाने की अभिलाषा करती हैं।

पार्वती की मनोकामना पूरी हुई और पार्वती जी की शिव जी से शादी हो गई। तभी से कुंवारी कन्याएं इच्छित वर पाने के लिए ईसर यानी भगवान शंकर और माता पार्वती गणगौर की पूजा करती है। सुहागिन स्त्री पति की लम्बी आयु के लिए यह पूजा करती है।

इस तरह करें गणगौर व्रत

चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को प्रातः स्नान करके गीले वस्त्रों में ही रहकर घर के ही किसी पवित्र स्थान पर लकड़ी की बनी टोकरी में जवारे बोना चाहिए। इस दिन से विसर्जन तक व्रती को एक समय भोजन करना चाहिए। इन जवारों को ही देवी गौरी और शिव या ईसर का रूप माना जाता है।

गणगौर पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि से आरम्भ की जाती है। सोलह दिन तक सुबह जल्दी उठ कर बगीचे में जाती हैं, दूब व फूल चुन कर लाती है। दूब लेकर घर आती है उस दूब से दूध के छींटे मिट्टी की बनी हुई गणगौर माता को देती हैं। थाली में दही पानी सुपारी और चांदी का छल्ला आदि सामग्री से गणगौर माता की पूजा की जाती है।

इस दिन सुहागिन स्त्रियां दोपहर तक व्रत रखती हैं। व्रत धारण से पहले गौरी की स्थापना की जाती है। व्रत धारण करने से पहले देवी गौरी की स्थापना की जाती है। गौरी की इस स्थापना में सुहाग की सारी वस्तुएं जैसे कांच की चूड़ियां, सिंदूर, महावर, मेंहदी, टीकी, बिंदी, कंघी, शीशा, काजल आदि चढ़ाईं जाती है। सुहाग की इस साम्रगी का अर्पण, चंदन, अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्यादि विधिपूर्वक पूजन करके किया जाता है। फिर भोग लगाने के पश्चात गौरी की कथा कही जाती है।

गणगौर का गीत

गौर गौर गोमती, ईसर पूजे पार्वती,

पार्वती के आला तीला, सोने का टीला।

टीला दे टमका दे, बारह रानी बरत करे,

करते करते आस आयो, मास आयो,छटे चौमास आयो।

खेड़े खांडे लाडू लायो, लाडू बिराएं दियो,

बीरो गुट कयगो, चुनड उड़ायगो,

चुनड म्हारी अब छब, बीरो म्हारो अमर।

साड़ी में सिंगोड़ा, बाड़ी में बिजोरा,

रानियाँ पूजे राज में, मै म्हका सुहाग में।

सुहाग भाग कीड़ीएँ, कीड़ी थारी जात है ,जात पड़े गुजरात है।

गुजरात में पानी आयो, दे दे खूंटियां तानी आयो, आख्यां फूल-कमल की डोरी।

 

कुंदन और पोल्की जूलरी में फर्क जानें

हम भारतीय महिलाओं को जेवरों से बेहद लगाव होता है और इन्हें पहनकर वो इठलाने का शायद ही कोई मौका छोड़ती होंगी। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हम खुद के लिए जूलरी खरीदने जाते हैं और यहीं से शुरू होती है परेशानियां।जेवर के बारे में हम बहुत कम जानते हैं – उसकी बनावट, क्वालिटी, टाइप और उसकी खासियत. खासकर अगर वो दुल्हन के जेवर हों। शादियों में हीरे और सोने के साथ कुंदन और पोल्की के गहने काफी पसंद किए जाते हैं। आइए जानते हैं इन दोनों का अंतर –dkpnl181l

कुंदन और पोल्की, दोनो ही इंडिया की भव्य विरासत और शिल्पकारी को दर्शाते हैं. इसीलिए एक परम्परागत भारतीय लुक के लिए इनसे बेहतर कोई विकल्प नहीं होता. कुंदन, शिल्पकारिता का सबसे पुराना रूप है, यहां तक की इसके वर्क पोल्की से भी पुराने हैं, खासकर हमारे देश में.Kundan Jewellery

इनके डिज़ाइन से लेकर इन्हें तैयार करने की पूरी प्रकिया को काफी सावधानी से किया जाता है, क्योंकि इन्हें तैयार करने में काफी समय लगता है और साथ ही इन्हें काफी बारीकी से तैयार किया जाता है.

पोल्की और कुंदन, दोनों ही स्टोन होते हैं – न ही मेटल और ना ही डिज़ाइन। जहां पोल्की में अनकट डायमंड का तो वहीं कुंदन में ग्लास imitations का इस्तेमाल होता है।

पोल्की में अनफिनिश्ड नैचुरल डायमंड – जो नैचुरल शेप्स में मिलते हैं और जिन्हें पॉलिशिंग या फिनिशिंग की ज़रूरत नहीं होती, का इस्तेमाल होता है। इन्हें जमीन से इनके नेचुरल स्टेट में खुदाई करके निकाला जाता है और जेवर में इस्तेमाल किया जाता है।polki_jewellery_0

दूसरी तरफ, कुंदन – प्रेशियस या सेमी-प्रेशियस ग्लास होता है, निर्भर करता है कि किस तरह के स्टोन का इस्तेमाल किया गया है. इसे पॉलिश करके इसके लुक को और भी बारीक बनाया जाता है. इसमें मुख्य काम, गोल्ड जूलरी में पत्थर बिठाने का होता है।

इंडिया में पोल्की मुग़लों द्वारा लाई गई था जिन्हें डायमंड का नैचुरल फॉर्म बेहद पसंद था।

कुंदन, अपनी कारीगरी और डीटेलिंग के साथ, एक ऐसा आर्ट फॉर्म है जो राजस्थानी कारीगरी के लिए मशहूर है।

पोल्की पीछे की तरफ, गोल्ड फॉएल से बना होता है ताकि सारे स्टोन एक जगह पर आ जाए. वहीं, कुंदन जूलरी में पीछे की तरफ, इनैमल वर्क के साथ-साथ स्टोन्स के बीच कई लेयरिंग रहती है।polki-banner

 कुंदन और पोल्की, दोनों ही प्रिशियस और सेमी प्रिशियस स्टोनस जैसे रूबी, नीलम और पन्ना का इस्तमेमाल करके तैयार किया जाता है.

पोल्की को जिस तरह की लाजवाब कारीगरी से तैयार किया जाता है और इसमें डायमंड का इस्तेमाल होने की वजह से ये कुंदन से ज़्यादा कीमती होता है।

 

मेकअप हटाएं मगर ध्यान से

 

 

अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं और लड़कियों को मेकअप करना तो बहुत पसंद होता है लेकित वह मेकअप हटाने पर अच्छी तरह ध्यान नहीं देतीं। नतीजा यह निकलता है कि चेहरे की त्वचा खराब होने लगती है।

गलत तरीके से मेकअप हटाने से चेहरे पर कई रैशेज पड़ जाते हैं और जलन का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी समस्याओं से बचने के लिए और मेकअप हटाने के झंझट को कम करने के लिए जानें ये सिंपल से टिप्स…

– मेकअप हटाने के लिए काटॅन में कच्‍चा दूध लगाकर हल्के हाथ से चेहरे को साफ करें। इससे आपका मेकअप आसानी से हट जाएगा.।

– अगर आपका मेकअप वॉटरप्रूफ न हो तो मेकअप हटाने के लिए मिनरल वॉटर और बेबी आयॅल का इस्तेमाल करें।
– यदि आपका चेहरा ऑयली है तो रिमूवल के लिए दही का इस्तेमाल करें. इससे मेकअप तो हटेगा ही साथ ही चेहरा भी पहले की तुलना में अधिक मुलायम हो जाएगा।
– चेहरे की त्वचा अगर ड्राई है तो दूध का इस्‍तेमाल करें। इससे आपकी त्‍वचा पर रैशेज नहीं पड़ेंगे।
– क्लिंजिंग के लिए रात को स्क्रब का इस्तेमाल करें। इससे भी मेकअप आसानी से साफ हो जाएगा।
– मेकअप रिमूव करने के लिए आजकल मार्केट मे कुछ खास तरीके के मेकअप रिमूवल प्रॉडक्‍ट आ रहे हैं. आप अपनी त्वचा के हिसाब से इनका इस्तेमाल भी कर सकती हैं।