Wednesday, July 23, 2025
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पिंजरा

प्रो. प्रेम शर्मा

लघु नाटिका (एकांकी)

पात्र परिचय_
मेंढक ,मेंढकी।
गिलहरी।
बिल्ली मौसी।
डॉक्टर नेवला।
कोविड के समय जानवरों का संवाद–

“क्या बात है मेंढक भैया! रोज तो बहुत फुदकते थे ,आज बड़े शांत और उदास हो।”
पेड़ की डाल पर बैठे बैठे ही गिलहरी ने मेंढकसे पूछा।
मेंढक_ “हूॅं”।” मेंढकी कोरोना
से चल बसी।”
गिलहरी_”ओ–हो—”
मेंढक_”डॉक्टर नेवला जी ₹200000 मांग रहे हैं मेढकी का शव ले जाने से पहले।”
गिलहरी_”दवाइयां बहुत महॅंगी होंगी।”
मेंढक_”बिल्कुल नहीं कोई दवाई नहीं दी। धूप में बिठाया और गर्म पानी पिलाया”
गिलहरी_”डॉक्टर नेवला जी ईतना पैसा फिर क्यों मांग रहे हैं?”
मेंढक_”मजबूरों का फायदा कौन नहीं उठाता! मेंढकी के शव को देखने भी नहीं दे रहे ना जाने कौन से पिंजरे में कैद किया है शव को”
गिलहरी_”अब क्या करोगे?”
मेढक_”बिल्ली मौसी से सहायता मांगी है। उनका एन.जी.ओ है ना!
वह देखो, आ गई।
बिल्ली मौसी_”मेंढक बेटा! निराश मत हो। डॉक्टर नेवला जी को यह पैसा दे दो और मेंढकी का अंतिम संस्कार करो।”
मेंढक_””यह तो बहुत ज्यादा पैसा लगता है।”
बिल्ली मौसी_”रख लो काम आएगा।”
मेंढक_(कुछ सोच कर) “अच्छा–
हम इस पैसे से एक अस्पताल खोल सकते हैं जहाॅं कोरोना रोगियों की मुफ्त चिकित्सा हो।
“बहुत अच्छा विचार –बहुत अच्छा विचार–“एक स्वर में बिल्ली मौसी और गिलहरी ने समर्थन किया।”
मेंढक(गंभीर स्वर में)”कम से कम डॉक्टर नेवला जी जैसे डॉक्टरों के बनाए पिंजरे में मजबूरन कैद होने से तो रोगी बच पाएंगे”

होम्योपैथी का हब बनेगा बंगाल

अमहर्स्ट स्ट्रीट में खुला होमियो यूनिवर्स होमियो क्लिनिक

कोलकाता । बंगाल होम्योपैथी चिकित्सा का हब बनेगा। बंगाल में होम्योपैथी औषधि के निर्माण की अधिकतर कम्पनियाँ हैं। सोचैम आयुष नेशनल टास्क फोर्स के अध्यक्ष तथा पावेल ग्रुप ऑफ कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक डॉ सुदीप्त नारायण रॉय ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में विशेष रूप से कोलकाता और उसके उपनगरीय इलाकों में कई पुरानी कम्पनियाँ तथा निर्माण इकाईयाँ हैं। कोलकाता को होमियो हब के रूप में विकसित करने की योजना है। 350 मुख्य निर्माताओं में से 250 कोलकाता और उसके आस -पास हैं। एसोचेम  इसे लेकर वेस्ट बंगाल इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के साथ बंगाल को होम्योपैथी हब के रूप में विकसित करने के लिए काम करेगा। क्लस्टर प्रारूप में 5 एकड़ जमीन पर होमियो हब बनाने की योजना है।

उन्होंने कहा कि कोलकाता सार्क और आसियान देशों के पास है। अगले 5 सालों में होम्योपैथी का परिदृश्य बदलेगा। होम्योपैथी का भविष्य उज्ज्वल है और बाजार तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय होम्योपैथी उद्योग सालाना 25 फ़ीसदी की दर से बढ़ रहा है। एसोचैम आयुष एनटीएफ के अध्यक्ष के रूप में डॉ रॉय ने कहा कि 2027 तक वैश्विक होम्योपैथिक उद्योग 18.5 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंचने जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल समय भारतीय होम्योपैथी को बढ़ावा देने का है, क्योंकि भारत को ‘होमलैंड की मातृभूमि’ के रूप में जाना जाता है। एसोचैम आयुष एनटीएफ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय होम्योपैथी को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। डॉ. राय मध्य कोलकाता के अमहर्स्ट स्ट्रीट इलाके में होमियो यूनिवर्स होमियो क्लिनिक का उद्घाटन करने पहुँचे थे। इस अवसर पर 48 नम्बर वार्ड के पार्षद विश्वरूप दे भी उपस्थित थे। व्यवसाय का स्वामित्व जॉयदीप पायेन के पास है, जो असम के बोरीके होमियो रेमेडीज के बिप्लब रॉय द्वारा समर्थित हैं।

वाणी प्रवाह 2022 – प्रतियोगिता – समीक्षा लेखन, उपन्यास – तितली

निभा सिंह, कलकत्ता विश्वविद्यालय

जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित उपन्यास ‘तितली’ सामाजिक पृष्टभूमि पर लिखा गया हैं। यह 1934 ई. में प्रकाशित हुआ था। ‘तितली’ आजादी के पहले एक गाँव के परिवेश पर आधारित नायिका प्रधान उपन्यास हैं, एक नवयुवती जो तमाम मुसीबतों से अकेले लड़ते हुए सफल होती हैं। यह महुआ के जीवन के अतिरिक्त इंद्रदेव और उसके परिवार की कथा है जिसमें एक धनी परिवार की पारिवारिक समस्याएं अंकित हैं। कथानक के आगे बढ़ने पर कलकत्ता आदि महानगरों के छाया संकेत भी मिल जाते हैं। ‘तितली’ उपन्यास में प्रसाद की स्त्रीवादी दृष्टिकोण उभरकर सामने आता है। इसमें मूर्तिमान नारीत्व, आदर्श भारतीय पत्नीत्व जागृत हुआ है। तितली प्रसाद की  वह नारी पात्र है जिसमें स्वाभिमान का भाव है। उसके पति मधुबन को सजा हो जाने पर एवं उसके पूर्वजों का शेरकोट से बेदखल हो जाने पर तथा बनजरिया पर लगान लग जाने पर, इतनी दुरावस्था मेें भी वह किसी से सहायता की भीख नही माँगती बल्कि वह खुद मेहनत करके लड़कियों की पाठशाला चलाती है और अपने पुत्र को पालती है। अपनी दुरावस्था में अपने ही अवलम्ब पर वह स्वाभिमानपूर्वक जीना चाहती है।

इसमें मुख्य रूप से ग्राम्य जीवन के चित्र और समस्याओं का समावेश किया गया हैं। मिटती हुई सामन्तवादी प्रथा की सूचना ‘तितली’ में मिलती हैं। महाजनों का शोषण, महंतो का पाखंड इसमें अंकित हैं। ‘गोदान’ जैसी विशाल आधारभूमि ‘तितली’ को नहीं प्राप्त हो सकी, पर समस्याएं उसी तरह की हैं। शैला रामनाथ से तर्क करती है और अंत में भारतीय संस्कृति की उच्चता स्वीकार कर लेती हैं। बाबा रामनाथ भारतीय उदार मानवीयता के प्रतिनिधि पात्र हैं, जिन्हें कृषि परंपरा का आधुनिक प्रतीक कहा जायेगा।

साहित्य को नई दिशा देने वाले जयशंकर प्रसाद की अनुपम कृति ‘तितली’ जीवन के गूढ़ रहस्य की बातों-बातों में ही समझा देती हैं। इसकी कथा के माध्यम से प्रसाद जी ने समाज में फैली अनेक भ्रांतियों को भी उजागर किया हैं।खेती के लिए थोड़ी-सी जमीन और हल-बैल के साथ ही गाँव में रहने वाले मजदूरों और किसानों के लिए बैंक, अस्पताल और स्कूल जैसी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति की ओर भी शासकों का ध्यान वे इस उपन्यास में आकर्षित करते हैं। इसमें अपने समय का समाज पूरी ईमानदारी से उजागर हुआ हैं। पढ़ते हुए ऐसा लगता है कि सुख-सुविधाओं की लूट के मामले में वह आज के समाज से तनिक भी कम नहीं था।
इसमें यह दिखाया गया है कि स्त्री-पुरुष तो अलग-अलग मिट्टी के बने हैं। जहाँ पुरुष छल,बल,दल से अपनी बात मनवाने का प्रयास करते हैं, वही स्त्री अपने कोमल मन में केवल प्रेम को तलाशती हैं। वह प्रेम जो ताकत भी है और कमजोरी भी।वह प्रेम जिसके लिए वह जीती है और जिसके लिए वह मर भी जाना चाहती हैं। वह प्रेम जिसका एक सपना पूर्ण करने के लिए वह जीवन भर संघर्ष करती हैं। लेकिन एक और बात भी है जो स्त्री को पुरूष से भिन्न करती हैं।जहाँ पुरुष समस्याओं से घिर जाने पर और दवाब में या तो उत्पाती हो जाता है या टूट कर बिखर जाता हैं। वही स्त्री कठिन से कठिन परिस्थितियों में अधिक दृढ़ होकर खड़ी रहकर परिवार का सहारा बनती हैं।

इस प्रकार ‘तितली’ प्रसाद की वह नारी पात्र है जिसमें आत्मबल प्रबल है, जो अपने पति से विरहित होकर भी विचलित नहीं होती बल्कि विषम परिस्थितियों को झेलती हुई समाज में सगर्व मस्तक उठाये अपने लिए सम्मानित स्थान बनाती है, जो तत्कालीन समाज में अत्यंत कठिन था परंतु प्रसाद ने इसे कर दिखाया। यह एक बेहद रोचक उपन्यास है जिसे पढ़ना हृदय को कभी दुःखी करता है कभी आनंदित। भारतीय समाज की एक बीते हुए युग की विवेचना करती हुई यह पुस्तक शुरू से अंत तक पाठक को बांधे रखती हैं। इसको जयशंकर प्रसाद की उत्कृष्ट रचना माना जा सकता है यह हिम्मत, समर्पण, मित्रता, भाईचारे का, प्रेम का, प्रेम की पीड़ा का, विरह का उपन्यास हैं।

प्रतिभागी- निभा सिंह
प्रतियोगिता का नाम- समीक्षा लेखन
मातृभाषा- हिंदी
ई मेल आई डी- [email protected]
Phone no.- 8240604722

शेक्सपीयर सरणी में खुला बिफोर यू डाई बुक कैफे

कोलकाता । फिल्म बिफोर यू डाई 18 फरवरी को रिलीज होने वाली है। यह फिल्म एक संदेश देती है कि हमें अपने जीवन के हर पल को जब्त कर लेना चाहिए और अपने जीवन को पूरी तरह से जीना चाहिए। ऐसा करने के लिए हम में से प्रत्येक को अपनी बकेट लिस्ट बनानी चाहिए। फिल्म के निर्माता प्रदीप चोपड़ा ने 131 थिंग्स टू डू “बिफोर यू डाई” शीर्षक एक पुस्तक जारी की।? इसके साथ भारतीय़ भाषा परिषद के निकट बुक कैफे बिफोर यू डाई कैफे भी खुला जिसका उद्घाटन सौमेन मित्रा, सेवानिवृत्त आईपीएस और वर्तमान में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) और निदेशक ( प्रशिक्षण) ने किया। परिषद विभिन्न भाषाओं को बढ़ावा देती है, मुख्यतः हमारी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को। यह कैफे न केवल कॉफी और नमकीन परोसेगा, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के समान विचारधारा वाले लोग रचनात्मक चर्चा, बौद्धिक गतिविधियां, पुस्तक और ट्रेलर लॉन्च करेंगे। फिल्म को पहले ही एलआईएफएफटी इंडिया अवार्ड्स 2022 और हाल ही में 9वें नोएडा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव- 22 में एक विशेष फिल्म मेंशन जैसे फिल्म समारोहों में पहचान मिली है। बिफोर यू डाई बुक कैफे “द शेयर चाय” के नए अवतार की विशेषता एक कप चाय पर प्रसिद्ध बंगाली ‘अड्डा’ के अनुरूप है और विशिष्ट मिट्टी के कप को भूलना नहीं है। हम बिफोर यू डाई’ ‘शेयर चाय’ में प्रसिद्ध शेयर मार्केट चाय और टोस्ट संस्कृति को दक्षिण कोलकाता में लाने का लक्ष्य रखते हैं। आईलेड के अध्यक्ष और फिल्म बिफोर यू डाई के निर्माता प्रदीप चोपड़ा ने कहा है, “बिफोर यू डाई … कैफे में अपना ट्रेलर लॉन्च करने वाली पहली फिल्म है। जब से मैंने इस फिल्म को लिखा है, तब से मेरी इस फिल्म के साथ एक विशेष बॉन्डिंग रही है, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि रिलीज होने से पहले ही यह इतनी भव्य हो जाएगी। ”
शेयर चाय के मालिक मनीष अग्रवाल ने कहा है कि “शेयर चाय” में हमारा उद्देश्य प्रसिद्ध चाय और टोस्ट संस्कृति को दक्षिण कोलकाता में लाना है। हमारी विशिष्टता हमारी स्वच्छता और स्वादिष्ट स्नैक्स की श्रृंखला है। मिट्टी के बर्तन में स्वाद एक अनूठा स्वाद और सुगंध जोड़ता है।
हमने अपना पहला आउटलेट सदर्न एवेन्यू में खोला और भारी प्रतिक्रिया ने हमें एक कदम आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। 36ए शेक्सपियर सरणी में हमारा दूसरा कैफे है।

कोलकाता की श्रुति को इन्फ्रा का राइजिंग स्टार यूथ अवार्ड

कोलकाता । कोलकाता की श्रुति चक्रवर्ती को इन्फ्रा का राइजिंग स्टार यूथ अवार्ड मिला है। श्रुति को यह पुरस्कार रोबोटिक्स एवं एआई के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह सम्मान मिला है। इन्फ्रा की ओर से गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस सम्मान के विजेताओं का नाम घोषित किया गया। इन्फ्रा यानी इंडिया -फ्रांस एसोसिशएशन भारत और फ्रांस के सम्बन्धों को मजबूत कर रहा है। श्रुति के अतिरिक्त सौर उर्जा के क्षेत्र में गुरलीन कौर और सामुदायिक समाज सेवा के लिए प्रशांत कुमार रघुपति को भी सम्मानित किया गया। गौरतलब हे कि इन्टर्नशिप के दौरान उसने स्टैफर्डशायर यूनिवर्सिटी के प्रोटोटाइपिंग एवं प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम सैम्पिड के माध्यम से प्रॉम्टैक लिमिटेड के साथ काम किया है। रोबोटिक तकनीक के जरिए उसने व्यवसायियों की भी सहायता की जिसके लिए उसे सराहा भी गया।

भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय को दी श्रद्धांजलि

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के विद्यार्थियों ने 73 वें गणतंत्र दिवस पर स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय को श्रद्धांजलि अर्पित की। इन एक्ट के छात्र ने मंगल पांडेय की कहानी अपनी जुबानी सुनाई । कॉलेज के डायरेक्टर जनरल डॉ सुमन मुखर्जी, टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय, डीन प्रो दिलीप शाह, वाइस प्रिंसिपल डॉ पिंकी सरदार साहा, सोहिला भाटिया और कॉलेज के पदाधिकारियों उमेश ठक्कर, जीतू भाई ने तिरंगा फहराया। देश के गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगे को एनसीसी के कैडट्स ने मार्च पास्ट करते हुए झंडे को सलामी दी । उसमें एनसीसी के छात्र और छात्राओं दोनों ही के पैंतालीस कैडेटों ने हिस्सा लिया।
एनसीसी केडेट राज तिवारी को कॉलेज ने बधाई और शुभकामनाएं दी क्योंकि वह इस वर्ष 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने के लिए चयनित हुआ। यह कॉलेज के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के लिए गौरव की बात है। संगीत विशेषज्ञ सौरभ गोस्वामी के साथ सभी विद्यार्थियों और शिक्षक गणों ने राष्ट्रगीत में हिस्सा लिया। देश के संविधान को सभी ने एक साथ दोहराया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जो ऑनलाइन यूट्यूब पर लाइव था। डायरेक्टर जनरल डॉ सुमन मुखर्जी ने देश में भाईचारा, सौहार्द, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और भारत के लोकतंत्र का महत्व बताया। साथ ही, भारत के विकास में स्त्री सशक्तिकरण के लिए शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया। वहीं प्रो दिलीप शाह ने भारतीय संविधान के पूर्ण रूप से भारत में कैसे लागू हुआ लागू, उसके इतिहास पर विद्यार्थियों को जानकारी दी। टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय ने सभी को गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं दीं। इस राष्ट्रीय पर्व पर विद्यार्थियों ने रंगोली भी बनाई।कोरोना के नियमों का पालन और सावधानीपूर्वक कार्यक्रम किया गया। प्रो दिव्या उदेशी, प्रो विवेक पटवारी, प्रो स्वप्ना साहा, कृपा शाह आदि शिक्षकों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

वाणी प्रवाह 2022 – चित्रांकन प्रतियोगिता

प्रतिभागी – इच्छा साव, कक्षा – 6,शिबपुर अंबिका हिंदी हाई स्कूल 

पोकेमॉन सीरीज अब हिन्दी समेत कई भारतीय भाषाओं में

 कोलकाता/टोक्यो :  द पोकेमॉन कम्पनी ने अपने यूट्यूब चैनल पर भारत-केंद्रित कंटेंट स्ट्रैटजी की घोषणा की है।अपने हिन्दी यूटयूब चैनल की बड़ी सफलता के बाद, कंपनी अपनी नई पोकेमॉन ऐनिमे सीरीज़ पोकेमॉन जर्नीज , तेलुगू, तमिल और बांग्ला इन तीन भाषाओं में भी लॉन्च करने वाली है। 8,00,000 से अधिक सब्स्क्राइबरों के साथ द पोकेमॉन एशिया ऑफिशियल (हिन्दी) के यू ट्यूब चैनल चैनल पर 29अक्टूबर 2021से यह सीरीज़ प्रदर्शित हो रही है। कंपनी के हिन्दी कंटेंट चैनल को 3 दिन में1,00,000 से ज़्यादा सब्सक्राइबर प्राप्त हुए हैं  – जिससे इसकी लोकप्रियता दिखाई देती है। द पोकेमॉन कम्पनी की बहुभाषी रणनीति को लेकर कम्पनी के एक्जिक्यूटिव ऑफिसर सुसुमु फुकुंगा ने कहा, “मैंने देखा है कि अक्टूबर 2021 से पोकेमॉन एशिया ऑफिशियल (हिन्दी) चैनल पर दिखाई देने वाले हमारे पोकेमॉन ऐनिमे के हिन्दी में डब किए गए एपिसोड बहुत सारे लोगों ने देखे हैं। मुझे इस बात की भी बहुत ख़ुशी है कि भारत में और कई लोग पोकेमॉन ऐनिमे का आनंद ले सकेंगे क्योंकि पहली बार हम तमिल, तेलुगू और बांग्ला में डब किए गए एपिसोड प्रदर्शित करने वाले हैं। सीरीज़ में,मशहूर ऐश के अलावा, दूसरे मुख्य पात्र के रूप में दिखाई देगा गोह, जो एक 10 साल का लड़का है, जिसका सपना है हरतरह के पोकेमॉन को पकड़ना (और मिथिकल पोकेमॉन म्यू कोभी)।

एक इत्तेफ़ाक से गोह की मुलाकात होती हैस्कोरबनी नामक पोकेमॉन से। और ऐसे शुरू होता है ऐश और पिकाचू के साथ गोह और उसके पार्टनर स्कोरबनी का यह अनोखा सफ़र। हर सप्ताह शुक्रवार को शाम 7 बजे कम्पनी  उपरोक्त भाषाओं में एक नया एपिसोड रीलिज करेगी।

वाणी प्रवाह 2022- प्रतियोगिता – चित्रांकन

प्रतिभागी – निहारिका मिश्रा, कक्षा – 9, शिक्षण संस्थान – मारिया मेमोरियल हाई स्कूल

द हेरिटेज स्कूल में मनाया गया गणतंत्र दिवस

कोलकाता । कोविड सम्बन्धी नियमों का पालन करते हुए द हेरिटेज स्कूल में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया। समारोह में स्कूल के चेयरमैन विक्रम स्वरूप, प्रिंसिपल सीमा सप्रू के अतिरिक्त हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के डीजीएम सन्तोष राय, कैम्पस एडमिनिस्ट्रेटर लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ घोष दस्तीदार समेत अन्य लोग उपस्थित थे। हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ प्रदीप अग्रवाल ने स्वाधीनता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता जाहिर की।