Tuesday, July 22, 2025
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वाणी प्रवाह -2022, प्रतियोगिता – चित्रांकन

अलिप्ता मंडल, कक्षा – 5, शिक्षण संस्थान – साउथ प्वाइंट स्कूल

 

 

बजट 2022 : इन बिन्दुओं में समझें बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के मुख्य बिन्दु यह रहे –

– जनवरी 2022 में जीएसटी का कलेक्शन 1.49 लाख करोड़ रुपये, ये किसी भी महीने में जीएसटी कलेक्शन का अबतक का सबसे बड़ा रेकॉर्ड

– वर्ष 2022-23 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं

– हर घर नल से जल का कवरेज 8.7 करोड़ है, जिसमें से 5.5 करोड़ घरों को पिछले 2 वर्षों में ही नल का पानी उपलब्ध कराया गया था। इस योजना के लिए वर्ष 2022-23 में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

– एनपीएस में राज्य और केंद्र की तरफ से छूट का दायरा बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया, केंद्र का पहले से 14 प्रतिशत था, राज्यों के कर्मचारियों के लिए 10 प्रतिशत की छूट थी, अब वह भी 14 प्रतिशत हुई

– इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, इनकम टैक्स दरों में भी कोई बदलाव नहीं

– 2 साल पुराने आईटीआर की गलती सुधारी जा सकेगी

– कॉर्पोरेट टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया, कॉर्पोरेट टैक्स पर सरचार्ज भी 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया

– कंपनियों के लिये स्वेच्छा से कारोबार से बाहर होने के लिये समयसीमा दो साल से कम कर छह महीने की जाएगी

– 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान

– सरकार के कर्ज कार्यक्रम के तहत संसाधन जुटाने को सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी किए जाएंगे

– 44,605 करोड़ रुपये के केन-बेतवा लिंक परियोजना का कार्यान्वयन किसानों और स्थानीय आबादी को सिंचाई, खेती और आजीविका की सुविधा प्रदान करने वाली 9 लाख हेक्टेयर से अधिक किसानों की भूमि की सिंचाई के लिए किया जाएगा

– अर्बन प्लानिंग के लिए 250 करोड़ रुपये से 5 मौजूदा अकैडमिक इंस्टिट्यूट्स को सेंटर फॉर एक्सिलेंस में तब्दील किया जाएगा

– ईसीएलजीएस योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा और गारंटी कवर को 50,000 रुपये बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये किया जाएगा

– पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान में आर्थिक परिवर्तन, निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स दक्षता के लिए 7 इंजन शामिल होंगे

– सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने को लेकर 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी प्रौद्योगिकी- कवच के अंतर्गत लाया जाएगा

– 2022-23 के बीच नेशनल हाईवे की लंबाई 25000 किमी तक बढ़ाई जाएगी, हाईवे विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च

– डीआरडीओ के साथ मिलकर प्राइवेट सेक्टर को डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहन नीति

– रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, सरकार का रक्षा बलों में आयात को कम करने पर जोर

– ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड के विस्तार पर जोर, गांवों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर होंगी, भारत नेट प्रोजेक्ट 2025 तक पूरा होने की उम्मीद

– पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के लिए राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम को पीपीपी मोड में लिया जाएगा, इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा

– 2022 में 5G टेलिकॉम सर्विस को लॉन्च करने के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी

– रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा। स्थानीय उत्पाद की आपूर्ति श्रृंखला में मदद के लिए ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ होगा

– विमानन कंपनी एयर इंडिया के स्वामित्व का रणनीतिक हस्तांतरण पूरा हो गया है और नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) के रणनीतिक खरीदार का चयन किया जा चुका है

– पीएम ई विद्या के ‘वन क्लास, वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा

– राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) ने अपना काम शुरू कर दिया है, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को 14 क्षेत्रों में शानदार प्रतिक्रिया मिली है और साथ ही तीस लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं

– फसलों के असेसमेंट के लिए किसान ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा, लैंड रिकॉर्ड्स को डिजिटल किया जाएगा

– हम शहरी क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देंगे, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देंगे

– बैटरी स्वैपिंग स्कीम का ऐलान, ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए इनोवेशन को बढ़ावा

– वित्त मंत्री ने कहा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों को अनुमति देने को बैटरी अदला-बदली नीति तैयार की जाएगी

– मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध

– हब एंड स्पोक मॉडल के आधार पर शिक्षा देने के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा

– कोविड के कारण औपचारिक शिक्षा को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए 1-क्लास-1-टीवी चैनल शुरू किया जाएगा जिसके जरिये बच्चों को पूरक शिक्षा दी जाएगी।

– 2018 में पर्यावरण से जुड़े सिंगल विंडो सिस्टम परिवेश को शुरू किया गया था, ये सेन्ट्रलाइज्ड सिस्टम को तेज करेगा

– ई पासपोर्ट को 2022 में लॉन्च किया जाएगा, चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे, 2047 तक भारत की आधी आबादी शहरों में रहेगी

– कॉमर्शियल बैंक 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स स्थापित करेंगे

– गंगा नदी के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा

– 1.5 लाख डाक घरों में कोर बैंकिंग सिस्टम सुविधा

– सीमावर्ती गांवों में बुनियादी सुविधा के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम का ऐलान

– 2022 में 3.8 करोड़ घरों तक नल का जल उपलब्ध कराने के लिए 60 हजार करोड़ का आवंटन

– सक्षम आंगनवाड़ी नयी पीढ़ी की आंगनबाड़ी होंगी जो क्लीन एनर्जी से चलेंगी, 2 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा

– नेशनल टेलि-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू होगा, इसके लिए आईआईटी बेंगलुरु टेक्नॉलजी सपोर्ट प्रदान करेगा

– 2021-22 में 1.63 करोड़ किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान की खरीद का अनुमान, इसके लिए किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपये एमएसपी का किसानों के खाते में सीधा भुगतान होगा।

– इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम का फायदा एमएसएमई को मिलेगा

– नदियों को जोड़ने की 5 परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया जा चुका है, 5 नदी लिंक (दमनगंगा-पिंजल, तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी) के लिए ड्राफ्ट डीपीआर को अंतिम रूप दिया गया है

– 62 लाख लोगों तक शुद्ध पेय जल की पहुंच

– साल 2023 को ‘मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किया गया

– देशभर में केमिकल फ्री एग्रीकल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा

– पीएम गतिशक्ति आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को रफ्तार देगा

– पर्वत माला प्रोजेक्ट के तहत पहाड़ी इलाकों में पीपीपी मोड में मास ट्रांजिट सिस्टम

– 400 न्यू जेनरेशन वंदेभारत ट्रेनें अगले 3 सालों में

– मौजूदा वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है

– समग्र कल्याण हमारा लक्ष्य, ये बजट अगले 25 सालों की बुनियाद रखेगा

(साभार – नवभारत टाइम्स)

 

जानिए बजट 2022 की कुछ खास बातें

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। इनकम टैक्स में कमी की आस लगाए वेतनभोगियों को निराशा हाथ लगी। बजट में डिटिजल करेंसी शुरू करने, अगले 3 सालों में नई पीढ़ी की 400 वंदेभारत ट्रेन, डिजिटल यूनिवर्सिटी समेत कई बड़े ऐलान किए गए। सीतारमण ने चौथी बार केंद्रीय बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि 2014 से ही सरकार का फोकस नागरिकों के सशक्तीकरण पर है। आइए देखते हैं बजट की 15 खास बातें –

1. पूर्वोत्तर के विकास के लिए नई योजना ‘पीएम विकास पहल’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट स्पीच में कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘पीएम विकास पहल’ नाम की नई योजना शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश की उत्तरी सीमा पर स्थित गांवों को एक नए जीवंत ग्राम कार्यक्रम के दायरे में शामिल किया जाएगा ताकि इन गावों में विकास को बढ़ावा दिया सके। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि देश के 112 आकांक्षी जिलों में से 95 प्रतिशत में स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन में बढ़ोतरी के 7 इंजन से संबंधित परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति से जोड़ा जाएगा।

2. अगले 3 सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेन, 25000 किमी बढ़ेंगे नेशनल हाइवे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेलवे छोटे किसानों, एमएसएमई के लिए नए उत्पाद विकसित करेगा। लोकसभा में वित्त मंत्री ने 2022-23 का आम बजट पेश करते हुए इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि केंद्र एवं राज्य सरकारों के प्रयासों के कारण रोजगार एवं उद्यम अवसरों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल हाइवेज का 2022-23 में 25,000 किमी विस्तार किया जाएगा और सड़क परिवहन मास्टर प्लान के लिए 2022-23 में ‘पीएम गति शक्ति’ को अंतिम रूप दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू किए जाने का प्रस्ताव किया और कहा कि अगले वित्त वर्ष में चार बहु-मॉडल पार्क के लिए अनुबंध दिए जाएंगे। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, ‘एक उत्पाद एक रेलवे स्टेशन को लोकप्रिय बनाया जाएगा, 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू की जाएंगी।’ वित्त मंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्ष में 100 ‘पीएम गति टर्मिनल’ स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वदेशी रेल सुरक्षा एवं क्षमता प्रौद्योगिकी ‘कवच’ के तहत करीब 2,000 किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क को लाया जाएगा।

3. 3. 5G के लिए 2022-23 में स्पेक्ट्रम की नीलामी
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि निजी कंपनियों की तरफ से 5जी मोबाइल सेवाओं की शुरुआत के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले वित्त वर्ष 2022-23 में की जाएगी। सीतारमण ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि कंपनियों के लिए स्वैच्छिक निकासी की समयावधि को दो साल से घटाकर छह महीने किया जाएगा।

4. डिजिटल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी के गठन का प्रस्ताव रखते हुए मंगलवार को कहा कि इसका निर्माण हब एवं स्पोक मॉडल के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान लगी पाबंदियों से औपचारिक शिक्षा को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार स्कूली बच्चों को अनुपूरक शिक्षा मुहैया कराने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए ‘एक क्लास-एक टीवी चैनल’ की व्यवस्था लागू की जाएगी। पीएम ई विद्या के ‘वन क्लास, वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि लघु एवं मध्यम क्षेत्रों की तरफ से दी जाने वाली आतिथ्य सेवाएं अभी तक सामान्य स्थिति में नहीं पहुंच पाई हैं। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तीन योजनाएं महिलाओं एवं बच्चों के समेकित विकास के लिए शुरू की गई थीं।

5. इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं
इस बार इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। साथ ही, इनकम टैक्स दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। हां, राज्य सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम में छूट का दायरा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है। आईटीआर में गड़बड़ी को ठीक करने के लिए 2 साल का वक्त मिलेगा।

6. कपड़े, मोबाइल चार्जर समेत ये सामान सस्ते होंगे
चमड़े के सामान सस्ते होंगे। कपड़ा भी सस्ता होगा। मोबाइल चार्जर, मोबाइल लेंसेस सस्ते होंगे। इसके अलावा खेती का सामान सस्ता होगा। पॉलिश्ड हीरा सस्ता होगा।

7. इस साल सरकार ला रही डिजिटल रुपया
पने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने आरबीआई की डिजिटल करेंसी पर बड़ा ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई की डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपी’ को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही लॉन्च कर दिया जाएगा। डिजिटल रुपी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी व अन्य टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए पेश किया जाएगा। यह डिजिटल इकनॉमी को बिग बूस्ट देगा। करेंसी मैनेजमेंट को ज्यादा इफीशिएंट और कम लागत वाला बनाएगा।

8. क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत कर
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा।

9. कॉर्पोरेट टैक्स में कमी
कॉर्पोरेट टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया, कॉर्पोरेट टैक्स पर सरचार्ज भी 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया। कंपनियों के लिये स्वेच्छा से कारोबार से बाहर होने के लिये समयसीमा दो साल से कम कर छह महीने की जाएगी

10. कोयला से गैस बनाने की चार पायलट प्रोजेक्ट शुरू की जाएंगी
सीतारमण ने कहा कि कोयला से गैस बनाने की चार पायलट परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। कोयले से गैस बनाने के लिए कोयले को आंशिक रूप से हवा, ऑक्सीजन, भाप या कार्बन डाई ऑक्साइड द्वारा नियंत्रित परिस्थितियों में आंशिक रूप से ऑक्सीकृत किया जाता है। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संसद में बजट पेश करते हुए कहा, ‘तकनीकी और वित्तीय व्यवहार्यता के लिए कोयला से गैस बनाने और उद्योग के लिए आवश्यक रसायनों में कोयले को बदलने के लिए चार पायलट परियोजनाएं गठित की जाएंगी।’

11. डिफेंस सेक्टर में आयात में कटौती
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में आयात को घटाने और आत्म निर्भरता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए 68 प्रतिशत पूंजी को स्थानीय उद्योग के लिए आवंटित किया जाएगा।

12. 2025 तक पूरा होगा भारत नेट प्रोजेक्ट
ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड के विस्तार पर जोर, गांवों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर होंगी, भारत नेट प्रोजेक्ट 2025 तक पूरा होने की उम्मीद। सीतारमण ने कहा कि सभी गांवों में भारतनेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेट को बिछाने का अनुबंध पीपीपी आधार पर दिया जाएगा।’

13. 2022-23 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर (एमएसपी) गेहूं और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये भुगतान करेगी। वित्त मंत्री ने वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए 2022-23 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की। 2021-22 में 1.63 करोड़ किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान की खरीद का अनुमान, इसके लिए किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपये एमएसपी का किसानों के खाते में सीधा भुगतान होगा।

14. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने को शुरू होंगे 75 डिजिटल बैंक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकों की स्थापना करेंगे। आम बजट 2022-23 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शहरी योजना के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा तथा कारोबारी सुगमता तथा जीवन में सुगमता के अगले चरणों को भी शुरू किया जाएगा।

15. एमएसएमई की रेटिंग के लिए 6,000 करोड़ रुपये का कार्यक्रम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की रेटिंग के लिए 6,000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम को अगले पांच वर्षों में लागू किया जाएगा। आम बजट 2022-23 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल आधारभूत ढांचे को बढ़ावा देने की पहल के तहत ‘देश स्टैक ई-प़ोर्टल’ शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्रोन शक्ति के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा।

(साभार – नवभारत टाइम्स)

 

दूरसंचार सुधारों से नकदी प्रवाह बढ़ेगा, 5जी में निवेश को अनुकूल माहौल बनेगा: समीक्षा

नयी दिल्ली । दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों से 4जी प्रसार को बढ़ावा मिलेगा, तरलता या नकदी का प्रवाह बढ़ेगा और 5जी नेटवर्क में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। आर्थिक समीक्षा 2021-22 में यह कहा गया है।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि कोविड संबंधी चुनौतियों का सामना करने में दूरसंचार क्षेत्र के ‘‘उत्कृष्ट प्रदर्शन’’ और ऑनलाइन शिक्षा एवं घर से काम (डब्ल्यूएफएच) के चलन से डेटा की खपत में भारी वृद्धि के साथ, सुधार उपायों से ब्रॉडबैंड और दूरसंचार कनेक्टिविटी के प्रसार और पैठ को बढ़ावा मिलेगा।
समीक्षा में भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में ढांचागत और प्रक्रियागत सुधारों की रूपरेखा बताते हुए कहा गया है कि दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार के अलावा सुधार लाने के लिए और भी कई कदम उठाए गए हैं। इसमें कहा गया, ‘‘सुधारों से 4जी प्रसार को बढ़ावा मिलेगा, नकदी का प्रवाह बढ़ेगा और 5जी नेटवर्क में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।’’
मजबूत और जिम्मेदार नियामकीय ढांचे ने उचित कीमतों पर सेवा की पहुंच को बनाए रखा है, सरकार ने उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से सेवाप्रदाताओं के बीच उचित प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए और उपाय भी किए हैं।
समीक्षा में कहा गया कि दूरसंचार देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले सबसे शक्तिशाली क्षेत्रों में से एक है और इस क्षेत्र की का महत्व बहुत बढ़ गया है। यह कुल दूरसंचार उपभोक्ता आधार में वृद्धि, इंटरनेट उपभोक्ताओं और ब्रॉडबैंक कनेक्शनों की लगातार बढ़ती संख्या में नजर आता है।
बीते कुछ वर्षों में भारत के दूरसंचार क्षेत्र में डेटा की भूमिका बहुत बढ़ गई है क्योंकि कड़ी प्रतिस्पर्धा से लागत कम हुई है और इससे डेटा इस्तेमाल और बढ़ गया है।
प्रत्येक डेटा उपभोक्ता का प्रतिमाह औसत वायरलेस डेटा उपयोग वित्त वर्ष 2017-18 में 1.24 गीगाबाइट प्रतिमाह से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 14.1 गीगाबाइट मासिक हो गया है। मोबाइल टावरों की संख्या दिसंबर, 2021 में बढ़कर 6.93 लाख हो गई है।

वर्ष 2021-22 में सामाजिक क्षेत्र पर व्यय 71.61 लाख करोड़ रुपये रहाः समीक्षा

नयी दिल्ली । केंद्र एवं राज्य सरकारों का सामाजिक सेवा क्षेत्र पर सम्मिलित व्यय वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 71.61 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह वर्ष 2020-21 में 65.24 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 9.8 प्रतिशत अधिक है।
गत सोमवार को संसद में पेश वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सामाजिक सेवाओं पर सरकारों का व्यय बढ़ा है। सामाजिक सेवाओं के तहत शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, परिवार कल्याण, जलापूर्ति एवं स्वच्छता, आवास, शहरी विकास, श्रम एवं श्रमिक कल्याण, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण, पोषण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों का कल्याण और प्राकृतिक आपदाओं में दी जाने वाली राहत आती है।
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वर्ष 2021-22 में केंद्र एवं राज्य सरकारों का सामाजिक सेवाओं पर व्यय 71.61 लाख करोड़ रुपये रहने का बजट अनुमान है। इसमें शिक्षा क्षेत्र पर सर्वाधिक 6.97 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि स्वास्थ्य पर 4.72 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए।
वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में सामाजिक सेवा क्षेत्र पर सरकारी व्यय 65.24 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसमें शिक्षा क्षेत्र पर 6.21 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र पर 3.50 लाख करोड़ रुपये व्यय किए गए थे।
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, ‘‘महामारी ने कमोबेश सभी सामाजिक सेवाओं को प्रभावित किया है, फिर भी स्वास्थ्य क्षेत्र पर इसकी सर्वाधिक मार पड़ी। स्वास्थ्य क्षेत्र पर व्यय महामारी से पहले के वर्ष 2019-20 में 2.73 लाख करोड़ रुपये रहा था, लेकिन वर्ष 2021-22 में इसके 4.72 लाख करोड़ रुपये रहने का बजट अनुमान है। इस तरह इस मद में खर्च करीब 73 फीसदी तक बढ़ गया है। वहीं शिक्षा क्षेत्र पर व्यय इसी अवधि में करीब 20 प्रतिशत बढ़ा है।’’
समीक्षा के मुताबिक, महामारी के दौरान बार-बार लगाए गए लॉकडाउन एवं बंदिशों का शिक्षा क्षेत्र पर पड़े वास्तविक प्रभाव का आकलन कर पाना मुश्किल है क्योंकि इस बारे में समग्र आधिकारिक आंकड़े 2019-20 के ही उपलब्ध हैं। इससे यह नहीं पता चल पाता है कि कोविड-19 की पाबंदियों ने शिक्षा से जुड़े रुझानों पर किस तरह असर डाला है।
महामारी की पहली लहर में बच्चों एवं युवाओं को संक्रमण से बचाने के लिए सभी स्कूलों एवं कॉलेज को बंद कर दिया गया था। बाद में बंदिशें थोड़ी कम हो गईं लेकिन अब भी शिक्षा की निरंतरता एक चुनौती बनी हुई है।

उन्नति बनीं ओड़िशा ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के महिला एकल की विजेता

सुपर 100 जीतने वाली सबसे युवा भारतीय बनीं

कटक । किशोरी उन्नति हुड्डा ने स्मित तोश्नीवाल को सीधे गेम में हराकर 75 हजार डॉलर इनामी ओड़िशा ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में महिला एकल का खिताब जीता। वह सुपर 100 टूर्नामेंट जीतने वाली सबसे युवा भारतीय बन गयी है।
चौदह वर्षीय उन्नति ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करके खिताब अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में 21-18, 21-11 से जीत दर्ज की।
इस बीच मिश्रित युगल फाइनल में भारत के एमआर अर्जुन और त्रीसा जॉली को सचिन डायस और थिलिनी हेंडादाहेवा की श्रीलंकाई जोड़ी से 36 मिनट तक चले मैच में 16-21, 20-22 से हार का सामना करना पड़ा।
सेमीफाइनल में इंडियन ओपन की फाइनलिस्ट मालविका बंसोड़ को हराकर उलटफेर करने वाली उन्नति ने तोश्नीवाल के खिलाफ केवल 35 मिनट में जीत दर्ज की। तोश्नीवाल ने भी सेमीफाइनल में अश्मिता चालिहा को 21-19, 10-21, 21-17 से उलटफेर का शिकार बनाकर फाइनल में प्रवेश किया था। उन्नति ने पहले गेम में वापसी करके जीत दर्ज की लेकिन दूसरे गेम में उन्होंने अच्छी लय बनाये रखी। उनके आक्रामक रवैये के सामने तोश्नीवाल की एक नहीं चली।

भारती एयरटेल में एक अरब डॉलर का निवेश करेगी गूगल

नयी दिल्ली । इंटरनेट के क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल में एक अरब डॉलर का निवेश करेगी।
इसमें इक्विटी निवेश के साथ-साथ संभावित वाणिज्यिक समझौतों के लिए एक कोष शामिल है, जिसके तहत समझौतों को अगले पांच वर्षों के दौरान पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों पर मंजूरी दी जाएगी।
गूगल यह निवेश गूगल फॉर इंडिया डिजिटाइजेशन फंड के हिस्से के तौर पर कर रही है। एयरटेल ने एक बयान में कहा, ‘‘इसमें, 70 करोड़ डॉलर का इक्विटी निवेश भारती एयरटेल में 734 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर किया जाएगा।’’ इसमें बताया गया कि कुल निवेश में से 30 करोड़ डॉलर की राशि वाणिज्यिक समझौतों के क्रियान्वयन के लिए होगी।

महान हॉकी खिलाड़ी चरणजीत सिंह का निधन

नयी दिल्ली । भारत की 1964 तोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम के कप्तान रहे चरणजीत सिंह का हिमाचल प्रदेश के ऊना में उनके घर पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया । वह लंबे समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से भी जूझ रहे थे ।
चरणजीत अगले महीने अपना 91वां जन्मदिन मनाने वाले थे । उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी है । पांच साल पहले भी चरणजीत को स्ट्रोक हुआ था और तब से वह लकवाग्रस्त थे ।
उनके बेटे वी पी सिंह ने बताया ,‘‘ पांच साल पहले स्ट्रोक के बाद से वह लकवाग्रस्त थे । वह छड़ी से चलते थे लेकिन पिछले दो महीने से उनकी हालत और खराब हो गई ।’’


ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम की कप्तानी के साथ वह 1960 रोम ओलंपिक की रजत पदक विजेता टीम में भी थे । इसके अलावा वह 1962 एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता टीम के भी सदस्य थे ।
सिंह ने कहा ,‘‘ मेरी बहन के दिल्ली से आने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा ।’’ चरणजीत की पत्नी का 12 वर्ष पहले निधन हो गया था । उनका बड़ा बेटा कनाडा में डॉक्टर है और छोटा बेटा उनके साथ था । उनकी बेटी विवाह के बाद से दिल्ली में रहती है ।

86 फीसदी भारतीय चाहते हैं, भारत में मतदान अनिवार्य हो : सर्वेक्षण

नयी दिल्ली । भारत में 86 फीसदी लोग चाहते हैं कि मतदान को अनिवार्य बना दिया जाए। 25 जनवरी को 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर जारी एक नये सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है।
‘पब्लिक ऐप’ की ओर से देशभर में चार लाख से अधिक लोगों पर की गई रायशुमारी में 81 फीसदी प्रतिभागियों ने मौजूदा मतदान प्रणाली पर भरोसा जताया। इनमें 60 फीसदी प्रतिभागियों की उम्र 30 साल से कम थी।
भारत में 2011 से चुनाव आयोग के स्थापना दिवस को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मकसद नए और युवा मतदाताओं के पंजीकरण को बढ़ावा देना है। चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी।
सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘नागरिक कर्तव्य के रूप में मतदान नागरिकों द्वारा सामाजिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान है। यह पूछे जाने पर कि क्या देश में मतदान को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए, 86 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सहमति व्यक्त की। 81 फीसदी प्रतिभागियों ने मौजूदा मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बताया।’’
सर्वेक्षण मतदाताओं का रुख तय करने वाले अहम कारकों पर भी रोशनी डालता है। इससे पता चलता है कि वोटिंग के समय 34 फीसदी मतदाता पिछले कार्यकाल में उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर गौर फरमाते हैं। वहीं, 31 प्रतिशत वोटर चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों का तुलनात्मक अध्ययन कर फैसला लेते हैं।
सर्वेक्षण में यह भी देखा गया कि 4.96 प्रतिभागियों के लिए उम्मीदवारों की लोकप्रियता सबसे ज्यादा मायने रखती है। वहीं, 11.92 वोटर इस बात को ज्यादा अहमियत देते हैं कि प्रत्याशी किस पार्टी से ताल्लुक रखता है।
मतदान के लिए न जाने के सवाल पर 30.04 प्रतिभागियों ने कहा कि शहर से बाहर होना इसकी मुख्य वजह थी। हालांकि, सर्वेक्षण में शामिल 56.3 फीसदी प्रतिभागियों ने दावा किया कि उन्होंने मतदान का एक भी मौका नहीं गंवाया है। वहीं, 79.5 प्रतिशत प्रतिभागियों ने माना कि उन्होंने जीवन में कम से कम एक बार मतदान जरूर किया है।
सर्वेक्षण के मुताबिक 5.22 फीसदी प्रतिभागियों ने चुनाव की जानकारी न होने तो 7.19 प्रतिशत ने किसी भी दल का समर्थन न करने के चलते मतदान के लिए न जाने की बात कही। वहीं, 1.27 फीसदी प्रतिभागियों ने जवाब में ‘आलस्य/कोई फर्क नहीं पड़ता’ का विकल्प चुना।

गरीब छात्राओं की पढ़ाई के लिए अपने खर्च से शिक्षकों ने चलायी ‘मोर नोनी’ योजना

 हर साल 3,700 से ज्यादा बेटियों को फाय़
दुर्ग । बिहार के गणितज्ञ आनंद कुमार की सुपर 30 की कहानी से तो सभी परिचित होंगे, लेकिन दुर्ग जिले में सुपर 30 की कुछ अलग ही कहानी है। यहां ऐसे कई प्रोफेसर हैं जो प्रदेश में एक मिसाल बने हैं। कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी की वजह से कई बेटियों की पढ़ाई छूट गई थी। ऐसे बच्चियों की पढ़ाई का सारा जिम्मा वहां के प्रोफेसर उठा रहे हैं ताकि उनकी पढ़ाई जारी रहे। यहां के शासकीय वामन राव पाटणकर गर्ल्स कॉलेज में 30 टीचर्स मिलकर हर साल सुपर 30 छात्राओं की टीम तैयार करते हैं। इन शिक्षक -शिक्षिकाओं ने खुद साल 2020 में कॉलेज की छात्राओं के लिए ‘मोर नोनी’ योजना चलाई।
हर साल 3700 से ज्यादा बेटियों की होती है मदद
दुर्ग जिला मुख्यालय में संचालित शासकीय वामन राव पाटणकर गर्ल्स कॉलेज में हर साल 3700 से ज्यादा बेटियां अपना नाम दर्ज कराती हैं। इनमें शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब घरों की बच्चियां आती हैं। महाविद्यालय में कई छात्राएं ऐसी भी हैं जो आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाती। कई फीस न दे पाने के कारण कॉलेज के सेकेंड ईयर तक भी नहीं पहुंच पाती और बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती हैं। कॉलेज के 30 प्रोफेसर ने मिलकर ऐसी एक-एक बेटी को अपनी बेटी की तरह पढ़ाने का बीड़ा उठाया है।
कोरोनाकाल के दौरान काफी बच्चियों ने छोड़ी पढ़ाई
गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कोरोना संक्रमण काल के दौरान जब लोगों के रोजगार के साधन बंद हो गए। पूरे देश में लॉक डाउन लगा। उस समय कई बच्चियों को अपनी पढ़ाई बीच में ही रोकनी पड़ी। यह देखकर कॉलेज के प्रोफेसर काफी चिंतित हुए। उन्होंने एक बैठक बुलाई और मंथन किया आखिर इतनी अधिक संख्या में बेटियां कॉलेज क्यों छोड़ रही हैं। उसमें निष्कर्ष सामने आया कि सामान्य वर्ग की बेटियां जो महाविद्यालय की फीस और अन्य खर्च नहीं उठा पा रही हैं, कॉलेज छोड़ने को मजबूर हो रही हैं। उनके अभिभावक उन्हें कॉलेज नहीं भेज रहे हैं। बस फिर क्या था प्रोफेसर ने तत्काल निर्णय लिया कि अब कोई भी बेटी शिक्षा से दूर नहीं होगी। उन्हें शिक्षित करने के लिए प्रोफेसर खुद एक योजना चलाएंगे।
सामान्य वर्ग की बच्चियों के लिए अधिक चुनौती
आर्थिक कारणों से पढ़ाई छोड़ने वाली बच्चियों में अधिकतर सामान्य वर्ग से होती हैं। इन बेटियों के लिए कॉलेज तक पहुंचना इसलिए मुश्किल होता है, क्योंकि उनके लिए ऐसी कोई छात्रवृत्ति योजना नहीं होती जिसका उन्हें फायदा मिल सके। ऐसी स्थिति में उनके सामने बीच में ही पढ़ाई छोड़ने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता है।
‘मोर नोनी’ योजना चलाकर उठाते हैं पढ़ाई का पूरा खर्च
प्रिंसिपल डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि महाविद्यालय के 30 प्रोफेसर ने मिलकर ऐसी जरूरतमंद बेटियों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है। सभी ने मिलकर महाविद्यालय स्तर पर एक योजना चलाई। इसका नाम रखा ‘मोर नोनी’ योजना ‘मोर नोनी’ का मतलब ‘मेरी बेटी’ है। मोर नोनी योजना के तहत हर प्रोफेसर कम से कम दो बेटियों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाते हैं। इतना ही नहीं अब इस योजना में प्रोफेसर के बच्चे भी सहयोग करने लगे हैं। कई ऐसे प्रोफेसर हैं जिनके बच्चे एक साथ 10-10, 20-20 बेटियों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं। उनकी फीस भर रहे हैं।
एक बेटी पर एक साल में 3 हजार का खर्च
कॉलेज की प्रोफेसर ऋचा ठाकुर ने बताया कि जब भी महाविद्यालय में ऐसी जरूरतमंद छात्राओं के बारे में पता चलता है तो उनका ग्रुप उन बेटियों को बुलाकर उनसे संपर्क करता है। उनके परिजनों से बात करता है। जब परिजन उनकी पढ़ाई न बंद कराने के लिए राजी हो जाते हैं तो जो भी प्रोफेसर या सहायक प्राध्यापक बेटी की जिम्मेदारी लेता है वह उस बच्ची की फीस से लेकर स्टेशनरी तक की व्यवस्था कर देता है। एक बच्ची की पढ़ाई में साल भर में फीस सहित लगभग 3-4 हजार खर्च आता है।

(साभार – दैनिक भास्कर)