Sunday, July 20, 2025
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भारत ने अप्रैल में जो़ड़े रोजगार के 88 लाख अवसर : रिपोर्ट

कोलकाता । महामारी की शुरुआत के बाद से अप्रैल, 2022 में रोजगार बाजार में सबसे तेज विस्तार देखने को मिला है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में 88 लाख लोग देश के श्रमबल से जुड़े हैं। हालांकि, मांग की तुलना में उपलब्ध रोजगार पर्याप्त नहीं हैं।
सीएमआईई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) महेश व्यास ने कहा कि अप्रैल में भारत का श्रमबल 88 लाख बढ़कर 43.72 करोड़ पर पहुंच गया। यह महामारी की शुरुआत के बाद का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
मार्च के अंत तक देश का श्रम बाजार 42.84 करोड़ था। आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में देश के श्रमबल में औसत मासिक वृद्धि दो लाख रही थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 88 लाख लोगों के श्रमबल से जुड़ने का आंकड़ा तभी हासिल हो सकता है जब कुछ कामकाज की उम्र के रोजगार से वंचित लोग फिर कुछ काम पाने में सफल हुए हों।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक महीने में कामकाज के उम्र के लोगों की औसत वृद्धि दो लाख से अधिक नहीं हो सकती। इसका मतलब है कि अप्रैल में रोजगार बाजार में वे लोग भी लौटे हैं जिनके पास अभी कोई काम नहीं था।

अप्रैल में श्रमबल में 88 लाख की वृद्धि से पहले पिछले तीन माह में इसमें 1.2 करोड़ की गिरावट आई थी। व्यास ने कहा कि श्रम बाजार में मांग के हिसाब से बदलाव आता रहता है। अप्रैल में रोजगार में वृद्धि मुख्य रूप से उद्योग और सेवा क्षेत्रों में हुई। उद्योग क्षेत्र में जहां 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए, वहीं सेवा क्षेत्र में 67 लाख रोजगार जोड़े गए। इस दौरान कृषि क्षेत्र में रोजगार 52 लाख घट गया।

इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर भारत ने पहली बार जीता थॉमस कप 

बैंकॉक । भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को यहां एकतरफा फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया।
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने यादगार जीत दर्ज की।

नॉकआउट चरण में लय हासिल करने के लिए जूझ रहे लक्ष्य ने सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए पहले एकल मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग को 8-21 21-17 21-16 से हराकर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई।

सात्विक और चिराग की देश की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी ने इसके बाद प्रतिकूल हालात में शानदार वापसी करते हुए दूसरे गेम में चार मैच प्वाइंट बचाए और मोहम्मद अहसन और केविन संजय सुकामुल्जो की जोड़ी को 18-21 23-21 21-19 से हराकर भारत की बढ़त को 2-0 किया।

दूसरे एकल में श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेम में 48 मिनट में 21-15 23-21 से हराकर भारत को 3-0 की विजयी बढ़त दिला दी।

तय से कम कोयले का भंडार रखने वाले ताप बिजली संयंत्रों को देना पड़ सकता है ‘जुर्माना’

नयी दिल्ली । निर्दिष्ट से कम कोयला भंडार रखने के लिए ताप बिजली संयंत्रों को जल्द ही विभिन्न बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को ‘निवारक शुल्क’ या एक तरह से जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने इन शुल्कों की गणना की प्रक्रिया पर हितधारकों से राय मांगी है।
सीईआरसी ने गत 13 मई, 2022 को एक सार्वजनिक नोटिस जारी करके हितधारकों से राय मांगी है। प्रतिक्रिया 27 मई, 2022 तक दी जा सकेगी। कोयला भंडार की बीते तीन महीने की औसत उपलब्धता के आधार पर ‘निवारक शुल्क’ की गणना के लिए 2019 शुल्क नियमों में संशोधन का भी प्रस्ताव दिया गया है।

सीईआरसी ने इस विषय पर आधाारित एक स्टाफ पेपर में कहा कि हाल के महीनों में कोयला आधारित कई ताप ऊर्जा संयंत्रों में कोयले का भंडार केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा तय कोयला भंडार के नियमों की तुलना में कम रहा है।

इसमें कहा गया कि कोयले का भंडार इतना कम होने पर बिजली उत्पादन स्टेशन कम उपलब्धता की घोषणा करते हैं जिसके बाद राज्यों को वैकल्पिक स्रोतों से अधिक दाम पर ऊर्जा की खरीद करनी पड़ती है।
ताप ऊर्जा उत्पादन करने वाले स्टेशनों पर कोयले का पर्याप्त भंडार हमेशा बना रहे इसके लिए सीईए ने कोयला भंडार नियमों में संशोधन किया है।

फरवरी, 2022 में ऊर्जा मंत्रालय ने सीईआरसी को निर्देश जारी करके नियमों में उचित संशोधन करने को कहा था ताकि कोयले का कम भंडार रखने के लिए ताप बिजली संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाए जा सकें।

इसी की पृष्ठभूमि में सीईआरसी यह स्टाफ पेपर लेकर आया है जिसमें कम कोयला भंडार रखने के लिए दंडात्मक कदम उठाने और ‘निवारक शुल्क’ की गणना करने की प्रक्रिया के बारे में प्रस्ताव दिया गया है।

भारत ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगायी रोक

नयी दिल्ली । भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। आधिकारिक अधिसूचना से यह जानकारी मिली है।
हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा, ‘‘इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी।’’ डीजीएफटी ने कहा, ‘‘गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है…।’’ उसने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

एक अलग अधिसूचना में डीजीएफटी ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की। डीजीएफटी ने कहा, ‘‘प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा जाता है।’’ पहले प्याज के बीज का निर्यात प्रतिबंधित था।

इस सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि ईंधन और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनजर निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक रहे हैं।

मजबूत वैश्विक मांग के कारण 2021-22 में भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 70 लाख टन यानी 2.05 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। डीजीएफटी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत खेप बांग्लादेश भेजी गई थी। पिछले साल इसी अवधि में 1,30,000 टन के मुकाबले देश ने इस साल लगभग 9,63,000 टन गेहूं का निर्यात किया।

भारत को 2022-23 में एक करोड़ टन गेहूं का निर्यात करने की उम्मीद थी। वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि भारत गेहूं के निर्यात की खेप को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए नौ देशों-मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, तुर्की, अल्जीरिया और लेबनान में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजेगा।

निजी व्यापारियों द्वारा भारी उठान और पंजाब-हरियाणा में कम आवक के कारण मौजूदा रबी विपणन सत्र में एक मई तक भारत की गेहूं खरीद भी 44 प्रतिशत घटकर 1.62 लाख टन रह गई है। सरकार ने एक साल पहले की अवधि में 2.88 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। रबी विपणन सत्र अप्रैल से मार्च तक चलता है।

निर्यात के लिए अनाज की बढ़ती मांग के बीच निजी कंपनियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत पर गेहूं खरीदा है। केंद्र ने विपणन वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 4.44 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले विपणन वर्ष में यह 4.33 लाख टन था।

केंद्रीय पूल के लिए कम खरीद के बीच केंद्र ने थोक उपभोक्ताओं को मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री रोक दी है और उन्हें अनाज खरीदने के लिए योजना के शुरू होने की प्रतीक्षा नहीं करने को कहा है। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में गेहूं का रिकॉर्ड 11.13 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है।

हिन्दी भारतवर्ष में सेतु है-सोमा बंद्योपाध्याय

बंगाल में हिन्दी की दशा और दिशा पर संगोष्ठी
 हावड़ा। हावड़ा के हिंदी विश्वविद्यालय में ‘पश्चिम बंगाल में हिंदी की दशा और दिशा’ विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ पश्चिम बंगाल शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षक योजना एवं प्रबंधन विश्वविद्यालय एवं डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सोमा बंद्योपाध्याय एवं हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दामोदर मिश्र ने किया। प्रथम सत्र की मुख्य अतिथि प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय ने कहा कि हिंदी भारतवर्ष में सेतु की तरह है और इस सेतु से होते हुए तमाम भारतीय भाषाएं यात्रा करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोलकाता महानगर एक बरगद के पेड़ के समान है जिस तरह से बरगद के पेड़ के नीचे छोटे-छोटे पेड़ों और मनुष्यों को संरक्षण मिलता है उसी तरह महानगर कोलकाता वह भूमि है जहां अलग-अलग जगहों से आए लोगों को संरक्षण मिलता है। प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि बंगाल में हिन्दी की क्या स्थिति है इसका जीता जागता उदाहरण हिंदी विश्वविद्यालय है। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अभिजीत सिंह ने कहा कि बंगाल में हिन्दी के लिए काफी काम हो रहा है। विश्वविद्यावय के कुलसचिव सुकृति घोषाल ने कहा कि हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना हिन्दी और बांग्ला के बीच अच्छा संबंध बनाने के लिए की गयी।

दूसरे सत्र में विशिष्ट वक्ता सूचना एवं संस्कृति पश्चिम बंगाल के हिन्दी सचिव जय प्रकाश मिश्र ने कहा कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा के पद पर आसीन करने में आपसी विद्वेष बाधक है। रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के प्रो. ऋषि कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय बंगाल के समाज सुधारकों का महत्वपूर्ण स्थान था और उन्होंने संपर्क के लिए हिन्दी भाषा को अपनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रो. प्रमोद कुमार प्रसाद ने कहा कि हिन्दी की दशा एवं दिशा सुधारने के लिए इसे और ज्यादा रोजगारमूलक बनाना होगा। समानांतर सत्र की अध्यक्षता करते हुए काजी नजरूल इस्लाम महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. संतराम ने कहा कि हिंदी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर छात्र सप्ताह समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु हिन्दी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. जे.के. भारती, डॉ. श्रीनिवास यादव सिंह और मधु सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विकास कुमार साव एवं परीक्षा नियंत्रक सुब्रत मंडल ने दिया। संगोष्ठी का संयोजन प्रो. मंटू दास और प्रो. प्रतीक सिंह ने किया। तकनीकी सहयोग राहुल गौड़ ने किया।

गूगल प्रतिबंधित करेगा 9 लाख से अधिक ऐप्स

गूगल की तरफ से करीब 9 लाख से ज्यादा ऐप्स को प्रतिबंधित किया जाएगा, जिन्हें गूगल प्ले स्टोर पर अपडेट देने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। एंड्राइड अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 9 लाख से ज्यादा ऐप्स के प्रतिबंधित होने से गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप्स की संख्या में करीब एक तिहाई की कमी हो जाएगी। गूगल और ऐपल की तरफ से ऐसे ऐप्स की सूची तैयार की गयी है, जिसे प्रतिबंधित कर दिया गया है या फिर जिन ऐप्स को पिछले दो साल में अपडेट नहीं किया गया है। ऐसे सभी ऐप्स को हटाया जाएगा।
इस वजह से हटेंगे ऐप्स
अगर गूगल की बात करें, तो गूगल प्ले स्टोर पर करीब 869,000 प्रतिबंधित और अपडेट हासिल नहीं किए जाने वाले ऐप्स मौजूद हैं। जबकि दूसरी तरफ से ऐपल के प्लेटफॉर्म पर 650,000 ऐप्स मौजूद हैं। सीएनईटी की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल की तरफ से इस ऐप्स को हाइड किया जाएगा। इन ऐप्स को पूरी तरह से हटाने के बाद यूजर्स इसे डाउनलोड नहीं कर पाएंगे, जब तक डेवलपर्स की तरफ से इन ऐप्स को अपडेट नहीं किया जाता है।
उपयोगकर्ता की निजता और सुरक्षा पर जोर
बता दें कि गूगल और ऐपल दोनों कंपनियों की उपयोगकर्ताओं की निजता और सुरक्षा पर ध्यान दे रही हैं।   इसी की वजह से इन प्रतिबंधित ऐप्स के मामले में यह कदम उठाया जा रहा है। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि पुराने ऐप्स एंड्राइड और और आईओएस में परिवर्तन नहीं करते हैं। साध ही नए एपीआई या नए डेवलपमेंट प्रक्रिया की वजह से सुरक्षा में इजाफा करते हैं। इसी वजह से पुराने ऐप में सुरक्षा की कमी रहती है जो नए ऐप्स में नहीं रहता है।

महावीर दानवर के ‘कपल नम्बर 1’ फाइनल में 13 प्रतियोगी युगल

कोलकाता । महावीर दानवर ज्वेलर्स द्वारा आयोजित ‘कपल नम्बर 1’ के प्रतियोगियों को खास तौर पर फोटो शूट का मौका मिला। तीन महीने तक चलने वाली इस प्रतियोगिता के फाइनल में 13 प्रतियोगी पहुँचे और भाग्यशाली विजेता को दुबई की सैर का मौका मिलेगा।
गत 29 मई को प्रतियोगिता का फाइनल महानगर में हुआ । निर्णायकों में शामिल अभिनेत्री ऋचा शर्मा, सेलिब्रिटी साड़ी ड्रेपिस्ट एवं स्टाइलिस्ट डॉली जैन और सेलिब्रिटी प्रेरक वक्ता नैना मोरे तथा महावीर दानवर के निदेशक विजय सोनी इस मौके पर उपस्थित थे। विजेताओं ने संसिता एवं सारांश के परिधान पहने थे और मेकओवर क्लब सलून ने किया।

राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भवानीपुर कॉलेज को किक बॉक्सिंग में पदक

नेताजी सुभाष बंगाल राज्य ओलम्पिक में 4 विद्यार्थियों को स्वर्ण और कांस्य

कोलकाता । पश्चिम बंगाल राज्य ओलंपिक में भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के चार एनसीसी कैडेट सीडीटी खुशी लकड़ा, सीडीटी ऋतिक प्रसाद, सीडीटी शशांक शेखर तिवारी और सीडीटी आशुतोष कुमार झा ने आठवें नेताजी सुभाष बंगाल ओलंपिक में भाग लिया।
सुभाष बंगाल ओलंपिक राज्य खेल 2022-23 उनमें से दो कैडेट, सीडीटी आशुतोष कुमार झा ने किक बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीता और सीडीटी शशांक शेखर तिवारी ने कांस्य पदक जीता। लड़ाई सभी खिलाड़ियों के लिए वास्तव में कठिन थी क्योंकि यह राज्य ओलंपिक था। कैडेटों ने अत्यधिक समर्पण और उत्साह के साथ खेला और हमारे कॉलेज के लिए ख्याति प्राप्त की।

पत्रकार हरिराम पाण्डेय की पुण्य तिथि पर उनके नाम से पुरस्कार की घोषणा

कोलकाता । वरिष्ठ पत्रकार व सन्मार्ग दैनिक के पूर्व संपादक हरिराम पाण्डेय की प्रथम पुण्य तिथि पर राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने अखिल भारतीय गौड़ ब्राह्मण सभा के सभागार में एक स्मरण सभा का आयोजन किया. सभा की अध्यक्षता करते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामआह्लाद चौधरी ने कहा कि पाण्डेयजी सभी के प्रति पूर्ण आत्मीयता लिये, पत्रकारिता क्षेत्र में योग्यता और कर्मठता की एक जीवंत मिसाल थे। वे खोजी पत्रकारिता और अपराध जगत की पत्रकारिता के लिए विशेष रुप से जाने जाते थे. उनकी पत्रकारिता में गरीबों का हित सर्वोपरि था। अतः उनकी स्मृति में वर्ष में एक बार खोजी पत्रकारिता करने वाले किसी पत्रकार को सम्मानित कर हम उन्हें अपने बीच बराबर बनाये रख सकते है. प्रोफेसर चौधरी ने कहा कि उनके द्वारा संचालित एनजीओ के माध्यम से प्रतिवर्ष खोजी पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकार को सम्मानित किया जाएगा। विभिन्न समाचार पत्रों के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार अशोक पाण्डेय, लोकनाथ तिवारी, कमलेश पाण्डेय, प्रभाकर चतुर्वेदी, सीताराम अग्रवाल, जय प्रकाश मिश्रा, पुरुषोत्तम तिवारी, सुषमा त्रिपाठी, संतोष सिंह, उत्कर्ष तिवारी आदि ने स्व. पाण्डेय से जुड़े संस्मरणों को व्यक्तव्य के माध्यम से साझा करते हुए कहा कि पाण्डेयजी पत्रकारिता क्षेत्र में जीवटता से भरे व्यक्तित्व थे। वे अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित थे. उन्होंने मजदूर बनकर काम किया और मिलावट करने वाले की खबर प्रकाशित कर सभी को चौंका दिया था। ऐसे पत्रकारों से नयी पीढ़ी काम को लेकर काफी कुछ सीख सकती है। सभा के आयोजक व वरिष्ठ पत्रकार जगमोहन जोशी और कमलेश पांडेय ने कहा कि एसोसिएशन पाण्डेयजी के नाम से शीघ्र ही पुरस्कार श्रृंखला प्रारम्भ करेगी. एसोसिएशन पत्रकारों के लिए परिवार के तौर पर काम करें, यह उनका प्रयास रहेगा. सभा में उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता वेदप्रकाश जोशी, विमल शेखावत, विनय सुल्तानिया,चिराग शाह, लेखक प्रदीप धानुक व अन्यों ने भी श्रद्धांजलि दी।

लॉजिस्टिक हब के क्षेत्र में बंगाल में 100 मिलियन डॉलर का निवेश करना चाहता है ऑस्ट्रेलिया

कोलकाता । बंगाल में निवेश को लेकर धारणा बदल रही है। कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया की कौंसुल जनरल रॉन एनिस्वर्थ ने भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के व्यापारिक सम्बन्धों को लेकर मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से एक परिचयात्मक सत्र में यह बात कही। भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के व्यापार के अवसरों को लेकर एनिस्वर्थ ने कहा कि ईसीटीए समझौते के बाद भारतीय विनिर्माण क्षेत्र कोयला एवं अल्यूमिनियम से लेकर निकेल, लिथियम एवं कोबोल्ट जैसे कच्चे माल प्राप्त कर सकता है। बंगाल के औद्योगिक परिदृश्य की सराहना करते हुए बंगाल में निवेशकों के लिए उद्योग के अनुकूल वातावरण है। ऑस्ट्रेलिया के व्यवसायी बंगाल में निवेश को तैयार हैं। बंगाल के लॉजिस्टिक क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया 100 मिलियन डॉलर का निवेश करना चाहता है।

रॉन एनिस्वर्थ ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने 2035 तक 3 शीर्ष निर्य़ात क्षेत्रों को उन्नत करने एवं एशिया में निवेश की सम्भावनाओं को आगे ले जाने का निर्णय लिया है। ऑस्ट्रेलिया एसटीईएम एवं आईसीटी विद्यार्थियों के लिए उनकी पढ़ाई के बाद के कार्य अधिकारों का विस्तार करेगा।
‘इंडिया – ऑस्ट्रेलिया इकोनॉमिक एंड कोऑपरेशन ट्रेड एग्रीमेंट’ विषय इस सत्र में एवं नयी दिल्ली में ऑस्ट्रेलियन हाई कमिशन में मिशन डिप्टी हेड साराह स्टोरे ने कहा कि भारत – ऑस्ट्रेलिया के बीच साझा रणनीतिक साझीदारी नयी ऊँचाइयों को छू रही है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इन सम्बन्धों को और मजबूत करने के लिए 1500 करोड़ की नयी योजनाओं की घोषणा की है। खनन और धातु के क्षेत्र में भी ऑस्ट्रेलिया निवेश को तैयार है। मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने दोनों देशों के बीच विद्यार्थियों की आवाजाही को और सुगम बनाने पर जोर दिया। धन्यवाद ज्ञापन एमसीसीआई की एमएसएमई काउंसिल के चेयरमैन संजीव कोठारी ने दिया।