भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले एशियाई और हिंदू प्रधानमंत्री

लंदन । भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले एशियाई और हिंदू प्रधानमंत्री बन गए है। दिवाली के मौके पर सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना गया और अब वह पूर्व पीएम लिज ट्रस की जगह लेंगे। ट्रस ने 45 दिनों के अंदर ही अपना इस्‍तीफा सौंप दिया और उसके बाद फिर से पीएम के लिए रेस शुरू हुई थी। सुनक के पीएम बनने पर ब्रिटिश मीडिया में भी अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया दी गई है। एक बड़े वर्ग का मानना है कि यह किसी मील के पत्‍थर सा है जो बताता है कि कई धर्मों वाले समाज के तौर पर ब्रिटेन कितना आगे बढ़ चुका है।
यूके में यूं तो पीएम की कैबिनेट में कई एशियाई रहे लेकिन यह पहली बार है जब किसी अश्‍वेत शख्‍स को देश का प्रधानमंत्री चुना गया है। ब्रिटिश फ्यूचर थिंकटैंक से जुड़े सुंदर कतवाल ने द गार्डियन से कहा, ‘यह एक एतिहासिक पल है जो आज से एक या दो दशक पहले असंभव था।’ उनकी मानें तो इससे साफ पता चलता है कि ब्रिटेन का सर्वोच्‍च पद अब हर धर्म और नस्‍ल के लिए खुला है। सुनक का पीएम बनना आने वाले समय में कई ब्रिटिश-एशियाई लोगों के लिए गर्व की अनुभूति करायेगा और उनके लिए प्रेरणा स्‍त्रोत बनेगा।
वो लोग जो सुनक की पारंपरिक राजनीति से सहमति नहीं रखते हैं, वो भी उनके कायल बने रहेंगे। भारत समेत जब दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में जब दिवाली का जश्‍न जारी था और दीपक जलाये जा रहे थे, उसी समय सुनक के पीएम बनने की खबर आई। दो साल पहले जब सुनक एक चासंलर थे तो उन्‍होंने अपने आधिकारिक निवास 11 डाउनिंग स्‍ट्रीट के दरवाजे पर दीये लगाए थे। यह वह समय था जब कोविड-19 के प्रतिबंध जारी थे। पीएम बनते ही सुनक की वह फोटोग्राफ वायरल होने लगी। सुनक ने उस समय कहा था, ‘यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे दिवाली पर डाउनिंग स्‍ट्रीट के दरवाजे पर दीपक लगाने का मौका मिला।’

सुनक को खुद को हिंदू होने पर गर्व है। उन्‍होंने एक बार इंटरव्‍यू में कहा था, ‘मेरा धर्म मुझे ताकत देता है। यह मुझे एक मकसद देता है कि कैसे जिंदगी जीनी है। आज मैं जो कुछ हूं, यह उसका हिस्‍सा है।’ साल 2017 में जब उन्‍होंने आम चुनावों में जीत हासिल की तो भगवद गीता पर हाथ रखकर सांसद होने की शपथ ली थी। हालांकि पिछले हफ्ते देश के गृहमंत्री का पद संभालने वाले ग्रांट शैप्‍स सुनक के पीएम बनने को ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं देते हैं। उन्‍होंने यह तो माना कि यह एक यादगार पल है लेकिन यह भी कहा कि यह कोई ऐसा मौका भी नहीं है जिसे असाधारण करार दिया जाये।

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