Sunday, July 20, 2025
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जन्माष्टमी पर बनाएं कान्हा की प्रिय पंजीरी

. धनिया- सूखे मेवों की पंजीरी

सामग्री : 100 ग्राम साबुत खड़ा धनिया, 100 ग्राम पिसी शकर, छोटी पाव कटोरी कटे हुए मखाने, 25 ग्राम सूखे खोपरे के टुकड़े, काजू और बादाम की कतरन, 2-3 इलायची पिसी हुई, कुछेक किशमिश, 4-5 केसर के लच्छे, घी (अंदाज से)।

विधि : सबसे पहले एक कड़ाही में छोटा आधा चम्मच घी गर्म करें। अब धनिया डालकर धीमी आंच पर भूनें। जब धनिए से खुशबू आने लगे तब आंच से उतारकर ठंडा कर लें। अब सभी मेवे भूनकर अलग रखें। धनिया ठंडा होने पर मिक्सी में बारीक बीस लें। अब इसमें पिसी शकर, तले मेवे और पिसी इलायची डालकर अच्छी तरह मिलाएं। केसर से सजाएं। लीजिए तैयार है शाही धनिया-ड्राई फ्रूटस की पंजीरी। अब इस प्रसाद से कान्हा जी को भोग लगाएं।


2. राजगिरे की शाही पंजीरी

सामग्री : 100 ग्राम राजगिरे का आटा, 150 ग्राम शक्कर बूरा, 50 ग्राम किशमिश, 100 ग्राम सभी प्रकार के मेवों की कतरन, आधा चम्मच पिसी इलायची, पाव कटोरी तला व बारीक कूटा हुआ गोंद, कुछेक किशमिश, 150 ग्राम घी।

विधि : एक कढ़ाई में घी गरम कर राजगिरे का आटा डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक सेंक लें। सिका आटा थोड़ा ठंडा होने के पश्चात शक्कर बूरा और इलायची पाउडर मिलाकर मिश्रण को एकसार कर लें। अब उसमें तला गोंद व मेवों की कतरन तथा किशमिश मिक्स कर दें। लीजिए तैयार है राजगिरे की राजशाही पंजीरी।


3. बेसन की पंजीरी

सामग्री : 100 ग्राम बेसन (चना आटा), शक्कर बूरा 150 ग्राम, मेवा कतरन 100 ग्राम, पाव कटोरी खसखस, चारोली 50 ग्राम, गोंद 25 ग्राम, घी 200 ग्राम, पिसी इलायची पाव चम्मच।

विधि : घी को गरम कर गोंद तलकर रख लें। गरम घी में बेसन डालकर मध्यम आँच पर हल्का लाल होने तक सेंके। उसे थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दें। अब उसमें शक्कर बूरा, खसखस, चारोली, तली गोंद व इलायची पाउडर डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। तैयार पंजीरी में मेवों की कतरन बुरका दें और भगवान को भोग लगाएं।


4. सूखे धनिए की पंजीरी

सामग्री : 100 ग्राम सूखा धनिया पावडर, 50 ग्राम मावा, खोपरा बूरा 50 ग्राम, शक्कर बूरा 100 ग्राम, 4-5 पिसी इलायची पावडर, मेवों की कतरन 50 ग्राम।

विधि : सर्वप्रथम मावे को किसनी से कद्दूकस करके धीमी आंच पर थोड़ा सा सेंक लें। अब उसमें धनिया पाउडर डालें व दो-पांच मिनट भून लें। मिश्रण थोड़ा ठंडा होने के बाद खोपरा व शक्कर का बूरा डालकर मिक्स कर लें। अब उसमें पिसी इलायची व मेवों की कतरन डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। तैयार है धनिए की पंजीरी।


5. शाही पंजीरी विथ खसखस और मेवा

सामग्री : 150 ग्राम सूजी, खोपरा बूरा 50 ग्राम, 200 ग्राम शक्कर बूरा, घी 150 ग्राम, बादाम 50 ग्राम, काजू 50 ग्राम, मखाने 50 ग्राम, पाव कटोरी खसखस, पाव कटोरी गोंद।

विधि : एक कड़ाही में घी गरम करके सभी मेवों को तलकर रख लें। ठंडे होने के पश्चात उसको मिक्सी में बारीक पीस लें। इसी घी में सूजी डालकर धीमी आँच पर गुलाबी होने तक भून लें। सूजी हल्की गुनगुनी रहने पर उसमें शक्कर व खोपरे का बूरा तथा खसखस मिला दें। और साथ ही बारीक कूटे मेवे डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। लीजिए तैयार है कृष्ण की मनपसंद मेवा पंजीरी।

आजादी की लड़ाई की प्रमुख वीरांगना हैं सुभद्रा कुमारी चौहान: डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी

कोलकाता । राष्ट्र के प्रति गौरव बोध को जगाने वाली वीरांगनाओं में सुभद्रा कुमारी चौहान अग्रिम पंक्ति की अधिकारिणी हैं। इस संदर्भ में महादेवी वर्मा भी हमारी स्मृतियों में सुरक्षित हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में तारा देवी हरख चंद कांकरिया जैन कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित “जाओ सुभद्रा याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.प्रेम शंकर त्रिपाठी ने ये उद्गार व्यक्त किए। राष्ट्रीय चेतना की सजग कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता ‘झांसी की रानी’ के वाचन और विद्यार्थियों द्वारा उनकी कहानी ‘ गुलाब सिंह’ के मंच- प्रस्तुतीकरण से अभिभूत डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि सुभद्रा कुमारी चौहान के प्रति प्रदर्शित कृतज्ञता बोध हमारी नई पीढ़ी को कृतज्ञता का पाठ पढ़ायेगा।डॉ.तारा दूगड़ ने डॉ.प्रेमशंकर त्रिपाठी का सारगर्भित परिचय प्रस्तुत किया। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मौसमी सिंह सेनगुप्ता ने सभी का स्वागत करते हुए स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अमृत महोत्सव की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

डॉ. किरण सिपानी ने सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को उद्धृत करते हुए उनके क्रांतिकारी राष्ट्रीय चरित्र के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। उन्होंने यह भी बताया कि सुभद्रा जी की राष्ट्रप्रेम की भावना को सम्मानित करते हुए भारत सरकार द्वारा 1976 में इनके नाम का एक डाक टिकट जारी किया गया और नए नियुक्त एक तटरक्षक जहाज को “सुभद्रा कुमारी चौहान” का नाम दिया गया है। श्री श्वेतांबर स्थानकवासी जैन सभा के 94 वर्षीय अध्यक्ष श्री सरदारमल जी कांकरिया ने नई पीढ़ी का आह्वान करते हुए अपने उत्साहपूर्ण संबोधन में कहा कि इतिहास की घटनाओं से प्रेरणा लेकर वर्तमान परिस्थितियों में भी राष्ट्र गौरव को सुरक्षित रखें। कॉलेज के अंग्रेजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की छात्राओं ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ और ‘ये देश मेरे’ जैसे देशभक्ति के गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। प्रो. स्वाति शर्मा ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।डॉ. बृजेश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में फिल्म स्टडीज एवं जर्नलिज्म तथा अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक -प्राध्यापिकाओं की भूमिका सराहनीय रही। कॉलेज के सचिव ललित कांकरिया ने मंच पर उपस्थित रहकर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम में प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं, विद्यार्थियों और अशिक्षक कर्मचारियों का उत्साह देखते ही बनता था। अंत में राष्ट्रगान की अद्भुत समवेत प्रस्तुति की गई।

देशराग अमृत – चित्रांकन प्रतियोगिता

अनन्या चौधरी

 

अयांश सिंह

 

आराध्या कुमारी

 

 

 

आरुषि कुमारी

 

पंखुड़ी कुमारी

 

फ्लोरेंस चौधरी
समृद्धि चौधरी

भवानीपुर कॉलेज ने बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि

कोलकाता । स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 76 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी। विद्यार्थी रौनक तातिर ने नाट्य अभिनय द्वारा बिरसा मुंडा की कहानी अपनी जुबानी सुनाई। इस अवसर पर तिरंगा फहराया गया जिसमें प्रमुख अतिथि एयर फोर्स के कमांडिंग अॉफिस विष्णु शर्मा और कॉलेज के ट्रस्टी बुलबुल भाई शाह ने ध्वजारोहण किया। साथ में उमेश ठक्कर, जीतू भाई शाह, नलिनी पारेख, रेणुका शाह, कॉलेज के डायरेक्टर डॉ सुमन मुखर्जी,डीन प्रो दिलीप शाह, टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय, और शिक्षक- शिक्षिकाएं शामिल रहे। बुलबुल भाई शाह और टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय ने अपने वक्तव्य रखते हुए सभी को स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं दीं। कॉलेज के डायरेक्टर जनरल डॉ सुमन मुखर्जी ने सीओ विष्णु शर्मा को कॉलेज का मोमेंटो प्रदान कर उनका सम्मान किया। क्रिसेंडो, फ्लेम, इन-एक्ट, फैशनिस्टा, डिजाइनिंग एकेडमी, के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति के गीत, नृत्य, संगीत, लघु नाटक, रैंप और विभिन्न देश भक्ति के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कॉलेज की एनसीसी टीम द्वारा झंडे को सलामी दी गई और मार्च पास्ट किया गया। वहीं भवानीपुर स्कूल के आईएसीसी और आईसीएससी के विद्यार्थियों ने गीत- संगीत और नृत्य की प्रस्तुति देने के साथ ही मार्चपास्ट किया।डिजाइनिंग एकेडमी ने प्रथम बार अपनी नृत्य प्रस्तुति दी। एयर फोर्स के कमांडिंग अॉफिसर विष्णु शर्मा ने अपने बचपन में एयर फोर्स को क्यों चुना, कारगिल युद्ध और एलोसी के अनुभवों को विद्यार्थियों से साझा किया।रैंकिंग सेरेमनी में सीओ विष्णु शर्मा ने एनसीसी के नौ कैडट को रैंक प्रदान किए गए वहीं प्रो दिलीप शाह को एयर फोर्स की कैप से सम्मानित किया विष्णु शर्मा ने।आर्मी के दो प्रतिनिधि ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इन-एक्ट के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक किया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कॉलेज के शिक्षक और शिक्षिका और छात्र और छात्रा को सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा को दी गई। भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थी अनुपूर्वा मुखर्जी द्वारा निर्देशित एक पुरस्कृत लघु फिल्म लाहौर दिखाई गई। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने बच्चों से प्रासंगिक प्रश्नोत्तर भी किए। स्वतंत्रता दिवस पर बहुत बड़ी संख्या में भवानीपुर स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।कॉलेज के उपाध्यक्ष मिराज डी शाह और अध्यक्ष चंपक भाई डोशी ने शुभकामनाएँ प्रेषित की।

तिरंगा है हमारी आन-बान और शान अर्चना ने मनाया अमृत महोत्सव 

कोलकाता । अर्चना संस्था ने अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर देशभक्ति की रचनाएं सुनाई और अमृत महोत्सव वर्ष पर अपनी कलम को धार देते हुए स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति दी। डॉ वसुंधरा मिश्र ने 75वीं स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कविता आओ देश से माफी मांगें, विद्या भंडारी ने चोट है हौसला,दृढ संकल्प लीजिए हथियार बनाकर कलम को,कुछ तो नया कीजिए । नौरतनमल भंडारी ने , तिरंगा है हमारी आन-बान और शान, हम सबको गर्व है,देश हमारा है महान कभी रूके ना,कभी झुके ना,देश हमारा।उषा श्राफ ने आज़ादी का अमृत महोत्सव आज हम मना रहे, मृदुला कोठारी ने नई उमंगे नई तरंगे नव उल्लास मनाएं, आओ हिलमिल आज तिरंगा धरती पर फहराएं,
भारती मेहता ने हर भारतीय के चेहरे में पूरा भारत दिखाईं देता है ।, बनेचंद मालू नेे आजादी की कहानी कविता, हिम्मत चौरडिया प्रज्ञा ने कुण्डलिया-आजादी की आड़ ले, भूल रहा संस्कार।गीत-सागर जिसके पाँव पखारे, सुरपति करे बखान।गूँज उठे धरती पर फिर से, जय जय हिन्दुस्तान।।, सुशीला चनानी ने क्षणिकायें और गीत राजनीति का एक ही कायदा, बन जाओ सूरजमुखी का फूल, मुड़ जाओ जिधर हो फायदा, 15 अगस्त के बाद कौन करता है तिरंगे को याद।, इंदू चांडक ने गूँज उठे जल थल और नभ मेंभारत मेरा महान,स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति दी।संगीता चौधरी ने अमृत महोत्सव पर सभी को शुभकामनाएँ प्रेषित की। देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कविताओं के साथ इंदू चांडक ने ऑनलाइन जूम पर संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन किया सुशीला चनानी ने।

देशराग अमृत – लेख एवं लघु कथा

दीपा गुप्ता

आजादी के मायने
आजादी अर्थात स्वतंत्रता, मुक्ति। जब हमें कुछ एक में एक मुक्त मिलता है तो कितना अच्छा लगता है।कितनी खुशी होती है ना। सोचिए जब हमारे देश को अंग्रेजों के अत्याचार से मुक्ति मिली होगी तो वह पल कितना अनमोल होगा। सबके चेहरे पर एक सुकून देने वाली खुशी होगी।
लेकिन आजादी का अर्थ सिर्फ मुक्ति तक सीमित नही है। अपने इच्छानुसार कुछ भी करना आजादी नही कहलाता। अगर ऐसा होता तो पितृसत्तात्मक समाज द्वारा महिलाओं पर अत्याचार करना या फिर किसी को जान‌ से मार देना या भ्रष्टाचार के नाम पर जनता को लुटना भी आजादी कहलाता क्योंकि यह भी सब अपनी इच्छा से ही करते है ना। और ना ही आजादी का अर्थ घूमना-फिरना, खाना-पीना.. इत्यादि-इत्यादि है।
आजादी का अर्थ इन सबसे व्यापक है। सबको एक नजर से देखना, स्त्री-पुरुष में भेद नही करना, महिलाओं को भी बराबरी का हक देना, उन्हें भी सम्मान से जीने का अधिकार देना, सबको शिक्षा का अधिकार देना, जात-पात के नाम पर दूसरों का अपमान नही करना, झूठ की जगह ईमानदारी का बोलबाला होना ही सही अर्थ में आजादी है।
अफसोस की बात यह है कि हमें यह बातें सिर्फ पढ़ने-सुनने में अच्छी लगती हैं। सही मायने में तो आजादी के वास्तविक अर्थ को भूलते ही जा रहे हैं।
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लघुकथा

15 अगस्त का महत्व
इस बार 15 अगस्त अच्छा दिन पड़ा है,सोमवार। शनिवार आधा दिन,रविवार छुट्टी और सोमवार को भी छुट्टी। बहुत दिनों से शरीर को आराम नही मिला। अब तो अच्छे से सोऊॅंगा और बिरयानी खाऊॅंगा।
हाॅं, सही बोले! मेरी तो पूरे 3 दिन की छुट्टी है। सोचा रहा हूं कि परिवार को लेकर दीघा से घूम आऊॅं। थोड़ा परिवर्तन हो जाएगा।
10साल का बच्चा उनकी बात सुनकर बोला-“अंकल 15 अगस्त क्या एक छुट्टी का दिन है? मैंने तो पढ़ा है कि यह हर हिन्दुस्तानी के लिए बहुत गर्व का दिन है। स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए ताकि हम आजाद देश में सांस ले सके।”
बच्चे की बात की सुन दोनों का सर शर्म से नीचे झुक गया,कि सिर्फ एक छुट्टी के लिए हमने सबसे महत्वपूर्ण दिन को आम दिन बना दिया।

भारत विकास परिषद ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया

कोलकाता ।  भारत विकास परिषद, पश्चिम बंगाल प्रांत ने शानदार रंगारंग आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम कोलकाता के हलवासिया कंक्लैव में शनिवार गत 13 अगस्त को मनाया। प्रांत के अध्यक्ष राजीव कुमार बिलोटिया ने सबका स्वागत किया l समारोह की शुरुआत दीप प्रजवलन और राष्ट्रीय गीत से हुई l कविताएं, गीतों, वक्तव्यों आदि से भरे अद्भुत प्रोग्राम में मुख्य वक्ता श्रीमती रुपाजना दे ने बहुत सुंदर सारगर्भित जानकारी दी और भारत की बेटी की शक्ति पर अपनी बात रखी l रुपाजना दे शिक्षाविद् और समाजसेवी है। जैन समाज की सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता श्री मती अंजू सेठिया ने अपने विचार रखे। भारत विकास परिषद , पश्चिम बंगाल प्रांत के संरक्षक घनश्याम सुगला , नंदलाल सिंघानिया, महासचिव कमल शर्मा उपाध्यक्ष दीपक छापरिया,वित सचिव राजेंद्र पटवारी और
अन्य सदस्यों में डाक्टर रीता भट्टाचार्य, मंजू पोद्दार, जगदीश प्रसाद मुंदड़ा, ताप्ती मुखर्जी, कल्याण चटर्जी,दीन दयाल जाजू, अशोक मुखर्जी, श्री मती चंदा, अमित मुंदड़ा,विनिता सिन्हा,नेहा रामपुरिया आदि उपस्थित रहे। साथ लजीज चाय नाश्ता के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

आओ, देश से माफी माँगें

– डॉ. वसुंधरा मिश्र

आओ देश
से माफ़ी मांगें

भारत माता के सपूत हैं
हमें माफ कर देना
वेद, पुराण और संस्कृति को
मन से कभी न माना

आंख कान को बंद कर सबने
बरसों व्यर्थ गंवाया

भाषा के भावों को छोड़ा
सरहद पार पहुंचाया

आचार विचारों की सभ्यता का
हर युग में मजाक उड़ाया

शिक्षा की गुणवत्ता को
हर युग में तोड़ा मोड़ा
आजाद हुए इस भारत को
फिर से गुलाम बनवाया
करते हैं हम तो बस नाटक
तिरंगे को एक दिन फहराने का

फिर पूरे वर्ष भूल भारत को
धर्म जाति भाषा में बंटकर
मर्यादा को रखकर ताक पर
अपने -अपने ही गीत अलापे

किसको पढ़ना किसे पढ़ाना
सब कुछ है बाहर से लाना
घर के लोग तो रहे पराए
आधुनिक बन चादर ओढ़े

 

कल कारखाने और उद्योगों से
बढ़ते हुए प्रदूषण में
लगे पनपने तरह-तरह के
किटाणु – विषाणु
प्रकृति की हरियाली को
ढांक दिया ईंटों से
जंगल के जंगल ही काटे
माना पर्यावरण को दुश्मन
बन बैठे दावेदार प्रकृति के
हा मनुज धिक्कार रहा
जन्म लेना इस देश में
बचा न सके संपदा अपनी
और अपनी संस्कृति को
खान पान वेशभूषा भी
श्रेष्ठ और उत्तम है
विश्व गुरु कहलाते थे
सोने की चिड़िया थी

भूल सुधार अभी भी कर लें
देश माफ कर देगा
आओ देश से माफी मांगें
देश प्रेम की अलख जगा लें
अपनी संस्कृति की रक्षा कर
भारत को भारत दिखलाएं
आओ गीता मानस में रमकर
अपनी सोच से आगे बढ़ जाएं।

15 अगस्त

बब्बन भक्त

तिरंगा उन्मुक्त होकर लहराया,
राष्ट्र गान की बजी है साज।
अमर शहीदों को नमन हमारा,
जिसने उखाड़ा अंग्रेजी राज।
इंग्लिश सत्ता कांप गई थी,
जब गरजी इन्क्लाबियों की‌ आवाज।
लहू बहाया, तिरंगा फहराया,
है नमन समर्पित उनको आज।
चूम लिया फांसी का फंदा,
बिना लिए गरदन का मोल।
रूक गया पहिया, शासन के इतिहास का,
बिगड़ा सत्ता का भूगोल,
जाबांजों को शत शत नमन हमारा,
ऐ राष्ट्र आज उनकी जय बोल।
आज रोमांचित यहां जन जन हैं,
उत्साहित है देश समस्त।
गांव गांव और नगर नगर में,
कस्बा कस्बा शहर शहर में,
गली गली व डगर डगर में,
पूरे मुल्क के हर घर घर में,
तिरंगे का आया है उत्सव।
पूरा देश मना रहा है,
आजादी का अमृत महोत्सव।
बच्चे बूढ़े युवा नर नारी,
देशभक्ति के जज्बे से आज हैं मस्त।
आजादी की प्लेटिनम जुबली लेकर,
आया है अपना 15 अगस्त।

स्वाधीनता अमृत महोत्सव…शुभजिता के साथ

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में निकली तिरंगा यात्रा

आज आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिलान्तर्गत ग्राम अमौरा में “नवजागरण स्पोर्टिंग क्लब” अमौरा के तत्वाधान में तिरंगा यात्रा का निकली गई।इस यात्रा में सैकड़ो नवयुवकों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।सभी युवाओं ने देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाये रखने का संकल्प लिया।इस यात्रा में प्रमुख रूप से तस्लीम अंसारी,जनमेजय उपाध्याय, हेमराज सिंह,तपन प्रताप सिंह,जीतू यादव, राहुल,ऋतिक, अप्पू,विस्वास,विनीत और अनेक ग्रामीणों ने जोश और उत्साह के साथ रास्ते भर भारत माता की जय,इंकलाब जिंदाबाद,वंदेमातरम् का नारा लगाते रहे।