Sunday, July 27, 2025
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विजयादशमी विशेष : बहुत महत्व रखती है शमी पूजा और अपराजिता

विजयादशमी के दिन अपराजिता पूजा और शमी पूजा का विशेष महत्व है। घर वापसी के लिए यह दिन आदर्श है। नारी पूजा की जाती है। नए कपड़े और आभूषण पहनाए जाते हैं। राजाओं द्वारा अपने हथियारों या धन की पूजा की जाती है। विजयादशमी के दिन रावण दहन होता है। नवरात्रि के दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विजयादशमी का मतलब सिर्फ रावण दहन नहीं है। इस दिन का महत्व इससे आगे भी है। विजयादशमी के दिन नवरात्रि पर्व का समापन होता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन मां दुर्गा धरती से अपने संसार के लिए प्रस्थान करती हैं। यही कारण है कि विजयादशी को यात्रा तिथि भी कहा जाता है। इस दिन किसी भी दिशा में यात्रा करने में कोई दोष नहीं है।
विजयादशमी के दिन अपराजिता पूजा और शमी पूजा का विशेष महत्व है। घर वापसी के लिए यह दिन आदर्श है। नारी पूजा की जाती है। नए कपड़े और आभूषण पहनाए जाते हैं। राजाओं द्वारा अपने हथियारों या धन की पूजा की जाती है। यह राजाओं, सामंतों और क्षत्रियों के लिए विशेष महत्व का दिन है।


नीलकंठ के दर्शन होते हैं शुभ
इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ माने जाते हैं। नीलकंठ पक्षी को शास्त्रों में भगवान का प्रतिनिधि बताया गया है। यही कारण है कि यह पक्षी दशहरे पर देखा जाता है। भगवान शंकर ने विष पिया था और नीलकंठ कहलाए। यह पक्षी भी नीलकंठ है, इसलिए इसकी दृष्टि शुभ मानी जाती है। नीलकंठ को भारत में किसानों का मित्र भी माना जाता है क्योंकि यह अनावश्यक कीड़ों को खाकर किसान की मदद करता है।
पढ़िए शमी के पत्तों की कहानी
शास्त्रों में एक कथा है। कौत्स महर्षि वर्तंतु के शिष्य थे। अपनी शिक्षा पूरी होने पर वर्तुन्तु ने उनसे गुरु दक्षिणा में 14 करोड़ सोने के सिक्के मांगे। इसकी व्यवस्था करने के लिए कौत्स महाराज रघु के पास गए। रघु ने पहले ही दान के लिए खजाना खाली कर दिया था।
उन्होंने कौत्स से तीन दिन का समय मांगा और इंद्र पर हमला करने का विचार किया। इंद्र ने घबराकर कोषाध्यक्ष कुबेर को रघु के राज्य में सोने के सिक्कों की बारिश करने का आदेश दिया। कुबेर ने शमी के पेड़ से सोने की वर्षा की। जिस दिन बारिश हुई थी, उसी दिन विजयदशमी का त्योहार मनाया गया था।

सृजन सारथी सम्मान के लिए चयनित हुईं प्रो. प्रेम शर्मा

कोलकाता । शुभ सृजन नेटवर्क का पहला सृजन सारथी सम्मान प्रो. प्रेम शर्मा को देने की घोषणा की गयी है। संस्था के तृतीय वर्षपूर्ति आयोजन में आभासी पटल पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय की मंत्री एवं मुख्य अतिथि दुर्गा व्यास ने इसकी घोषणा की। उन्होंने प्रो. शर्मा की सरलता, सृजनात्मकता, जीजिविषा एवं कर्मठता की सराहना की। प्रो. प्रेम शर्मा की सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘एक दीप जलाकर देखो’ पर केन्द्रित वक्तव्य रखते हुए भवानीपुर कॉलेज गुजराती एडुकेशन सोसायटी की प्रवक्ता डॉ. वसुन्धरा मिश्र ने कहा कि संग्रह की कविताओं में लय है, दृढ़ता है और सन्देश भरा पड़ा है। अपनी सृजनात्मक यात्रा पर बात करते हुए प्रो. प्रेम शर्मा ने कहा कि लेखन के प्रति उनको साहित्यकार अरुण अवस्थी एवं कवि कालीप्रसाद जायसवाल से प्रेरणा मिली। प्रो. प्रेम शर्मा ने 40 वर्षों तक अध्यापन किया है, समाज सेवा में सक्रिय रही हैं और अब तक 3 पुस्तकें लिख चुकी हैं। कार्यक्रम का संचालन कामायनी संजय ने किया। शुभ सृजन नेटवर्क की संस्थापक एवं प्रमुख सुषमा त्रिपाठी कनुप्रिय़ा ने कहा कि वरिष्ठ जनों के प्रति कृतज्ञता बोध को अभिव्यक्त करते हुए सृजन सारथी सम्मान की घोषणा की गयी है। प्रो. प्रेम शर्मा को प्रथम सृजन सारथी सम्मान प्रदान करना गौरव की बात है और इसे लेकर समारोह आयोजित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त सृजनात्मकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले युवाओं के लिए सृजन प्रहरी सम्मान भी आरम्भ किया जा रहा है। आभासी कार्यक्रम में कई वरिष्ठ साहित्यकार एवं युवाओं ने भी भाग लिया।

भवानीपुर कॉलेज में इंटर काॅलेज संगीत महोत्सव ‘यूफोनियस 22’

कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज में इंटर कालेज यूफोनियस 22 का भव्य उत्सव आयोजित किया गया। इस संगीत उत्सव में गीत संगीत के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का चुनाव किया जाता है। युफोनियस 22 का उद्घाटन समारोह कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह के वक्तव्य से हुआ। इसमें एकल इस्टर्न वेस्टर्न बॉलीवुड वाद्ययंत्र और रेपिंग, इस्टर्न वेस्टर्न बॉलीवुड अनकन्वेन्शनल, आर्केस्ट्रा आदि विभिन्न संगीत के क्षेत्रों में विद्यार्थी अपनी-अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध संगीतज्ञों में कौस्तुभ बनर्जी, सृजिता कोनर, सौरभ चतुर्वेदी (दिल फेंक), आमंदी सिंघा (कैप्टन सिंह ए) और सौरभ चक्रवर्ती रहे। जिन्होंने अपने निर्णय दिए। कोलकाता के बारह कॉलेजों ने हिस्सा लिया जिसमें शिक्षायतन, शिवनाथ शास्त्री, जादवपुर युनिवर्सिटी, वोमेन्स चर्च कॉलेज, रानी बिरला गर्ल्स कॉलेज, टीएचके जैन कॉलेज, दी हेरिटेज कॉलेज, प्रफुल्ल चंद्र कॉलेज आदि के प्रत्येक प्रतिभागियों ने आठ प्रतियोगिताओं की प्रस्तुति दीं। होम टीम भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज और जादवपुर युनिवर्सिटी दोनों ही प्रथम स्थान पर विजेता रहे और हेरिटेज कॉलेज द्वितीय स्थान पर रहा। अनुष्का घोष (टीएचके जैन कॉलेज), सृजा पॉल (श्री शिक्षायतन), साहिल अहमद (भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज), अंकित दीक्षित (जादवपुर युनिवर्सिटी), जीत बसाक (हेरिटेज कॉलेज), इस्टर्न समूह में (जादवपुर युनिवर्सिटी), वेस्टर्न बैंड में देवांग नागर, सुप्रितम सरदार, वैभव घोष, पराज कुमार दास, बॉलीवुड बैंड में शुभलक्ष्मी मजूमदार, मधुरा पुरकायस्थ, देवांग नागर, टीम की प्रथम स्थान पर बेहतरीन प्रस्तुतियाँ रही। कार्यक्रम के अध्यक्ष कौस्तुभ बनर्जी और सृजिता कोनर ने गज़ल और श्लोक ‘मंगलम भगवान विष्णु’ और ‘राग भैरवी’ में बहुत सुंदर अभिव्यक्ति और भाव से पूर्ण प्रस्तुति दी ।हिंदी गीत केसरिया, सालयान, दुआ, पहला नशा और अंग्रेजी गीत लवली, शैलो, अनस्टोबल, गर्ल क्रश, फिलिंग गुड जैसे प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति दी गयी जिसका आनंद बाहर से आए सभी विद्यार्थियों ने लिया। अर्क मुखर्जी, अनिशा नुवल और हर्षिता ने फोटोग्राफी में योगदान दिया। तनिशा हीरावत ने पूरे कार्यक्रम की रिपोर्ट दी। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

 ओपन माइक : आज लब्जों को मैंने चाय पे बुलाया है

कोलकाता ।  भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के प्रथम सत्र के विद्यार्थियों ने ओपन माइक के अंतर्गत गीत गज़ल संगीत कविताओं बीट्स स्टेंडिंग कॉमेडी के विविध प्रस्तुतियां दी। वाद्ययंत्र गिटार का उपयोग कर गीतों का गायन किया गया।
कॉलेज के टर्फ पर हुए यह कार्यक्रम तीस सितंबर 22 को हुआ जो दुर्गा पूजा की छुट्टियों का अंतिम दिन था। विद्यार्थियों की भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई। कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह ने चाय पर कविता की पंक्तियाँ ‘आज लब्जों को मैंने चाय पे बुलाया है ‘सुना कर कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज कैंटीन में किया लेकिन विद्यार्थियों की भीड़ देखकर कार्यक्रम टर्फ पर किया गया जहां सभी ने दरी पर बैठ कर ओपन माइक का आनंद उठाया। ओपन माइक में 26 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया और बेहतरीन प्रस्तुति दी। कृष गुप्ता, प्रियांशु, कृष्णा सोमानी, टायबा मोहसिन, वानी शर्मा, अनिरुद्ध जालान, राघव, जेसिका कौर, अदिति चटर्जी, अनुष्का सिंह, मयंक शर्मा, हर्ष केसरी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। अंत में प्रो विवेक पटवारी ने विद्यार्थियों को दुर्गा पूजा और दीपावली छठ पूजा की शुभकामनाएं देते हुए गीत सुनाया।प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो दिव्या उदेशी, डॉ वसुंधरा मिश्र ने आयोजन में सहभागिता की। इस कार्यक्रम का संचालन किया अतिका खान और आयोजन किया उस्मा मोहम्मद ने। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

शुभजिता दुर्गोत्सव – 2022 पूजा परिक्रमा

दुर्गापूजा के रंग में सारा महानगर ही नहीं बल्कि सारी दुनिया झूम उठी है। महानगर से लेकर जिलों तक में आकर्षक बहुरंगी मंडप सज उठे हैं…तो चलते हैं शुभजिता दुर्गोत्सव 2022 की पूजा परिक्रमा में –

भवानीपुर 75 पल्ली 

भवानीपुर 75 पल्ली की पूजा की थीम परम्परा पर केन्द्रित है। थीम है एतिज्य बेचे थाकूक यानी धरोहर बची रहे। इसकी परिकल्पना प्रशान्त पाल ने की है। पूजा मण्डप को बंगाल के परम्परागत पट्ट चित्रों से सजाया गया है। मिदनापुर के नयाग्राम स्थित पिंगला इस परम्परा को निभा रहे हैं। पूजा कमेटी के सचिव सुबीर दास ने कहा कि पट्ट चित्र में चीजों को रिसाइकिल किया जाता है। इस पूजा का 58वाँ वर्ष है।


यंग बॉयज क्लब

यंग बॉयज क्लब की दुर्गापूजा में माँ मयूरपंखी नौका पर सवार हैं। मध्य कोलकाता के ताराचंद दत्त स्ट्रीट पर स्थित इस पूजा मंडप को सजाने के लिए होगला के पत्ते, पथकाठी और सूखे मेवों का इस्तेमाल किया गया है। पूजा का यह 53वाँ वर्ष है। यंग बॉयज क्लब के युवा अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि मंडप के निर्माण में आधुनिक कलाकारों के साथ ग्रामीण कलाकारों की भी सहायता ली गयी है।


मोहम्मद अली पार्क

मोहम्मद अली पार्क के यूथ एसोसिएशन की दुर्गा पूजा में इस बार राजस्थान की स्थापत्य शैली दिखेगी। मंडप राजस्थान के उदयपुर स्थित शीश महल की प्रतिकृति है। इय पूजा कमेटी के महासचिव सुरेन्द्र वर्मा के अनुसार बहुत से लोग राजस्थान नहीं जा पाते इसलिए उनको ध्यान में रखकर यह थीम चुनी गयी है। पूरे मंडप में शीशे, कांच की झालर और बहुरंगी चित्रों की छटा दिखाई पड़ रही है। इस पूजा की शुरुआत 1969 में हुई थी। प्रतिमा पारम्परिक है। इस पूजा का यह 54वाँ वर्ष है। आक्रर्षक प्रकाश सज्जा मंडप की सुन्दरता में और भी निखार ला रही है।

राजू श्रीवास्तव : सबके दिल में बस गये गजोधर भइया

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का निधन हो गया है। राजू श्रीवास्तव स्टेज पर तो अपनी शानदार कॉमेडी से सबको हंसाते ही थे इसके अलावा वह असल जिंदगी में भी बहुत जिंदादिल इंसान थे। राजू की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं लेकिन उनके निजी जीवन के बारे में कम ही लोगों को पता है। यहां जानिए उनकी जिंदगी के अनसुने किस्से…

पहली बार घर से भागने में असफल

राजू श्रीवास्तव सिनेमा को बहुत पसंद करते थे और इसी वजह से उनकी मां को हमेशा लगता था कि वह एक दिन कहीं भागकर मुंबई न चले जाए। एक बार ऐसा हुआ भी। एक दिन राजू श्रीवास्तव अचानक ही अपने घर से मुंबई जाने के लिए निकल गए थे। हालांकि, तब उनके दोस्त ने मां को सब बता दिया था, जिसके बाद मां तुरंत ही स्टेशन निकल पड़ीं। इस दौरान राजू श्रीवास्तव की मां ने बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें एक ट्रेन से खोज निकाला। इसके बाद उन्हें स्टेशन पर भी खूब डांट पड़ी।

झूठ बोलकर फिल्म देखने जाते थे

राजू श्रीवास्तव को बचपन से ही सिनेमा का शौक रहा था। इसी वजह से वह स्कूल बंक करके भी सिनेमा देखने जाते थे। लेकिन जब उनकी मां को यह सब पता चला तो वह राजू को सिनेमा हॉल में ही ढूंढ़ने चली गईं। कहा जाता है कि उस दिन उन्हें खूब डांट पड़ी। हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने सिनेमा देखने का तोड़ निकाल लिया था। उनकी मां धार्मिक इंसान थीं और इसी वजह से पकड़े जाने पर वह रामलीला का बहाना करके फिल्म देखने जाते थे। लेकिन इसके बाद भी कॉमेडियन पकड़े गए थे।

बेहद नेकदिल इंसान थे 
राजू श्रीवास्तव एक बेहद ही नेकदिल इंसान थे और समय पड़ने पर सभी की मदद भी किया करते थे। उनके दोस्त अशोक (जो खुद भी कॉमेडियन हैं) ने राजू श्रीवास्तव के साथ बिताए पलों को याद करते हुए बताया कि एक दिन अचानक राजू श्रीवास्तव ने उन्हें महालक्ष्मी के डीएस स्टूडियो में रिकॉर्डिंग के लिए बुलाया था और कहा था कि आईए एक दो लाइन आप भी बोल दीजिए। अशोक कहते हैं कि मैं उनका बड़प्पन कभी नहीं भूल सकता। जिंदगी में पहली बार मेरे हाथ में डेढ़ सौ रुपया कैश था जो उन्होंने दिलवाया था। इसके  बाद उन्होंने खाना भी खिलवाया। अशोक कहते हैं कि मुंबई आने के बाद पहली बार मैंने भरपेट खाना खाया था। इसके बाद राजू श्रीवास्तव ने यहां तक कहा था कि तुम मेरे घर पर आकर रहो।
जब भीड़ से बचने के लिए महिला के घर चले गए थे 
राजू श्रीवास्तव असल जिंदगी में भी बेहद सरल इंसान थे। एक बार कॉमेडियन राजू मसूरी गए हुए थे, जहां पर वह सुबह को मॉर्निंग वॉक करने निकले। इस दौरान लोगों ने उन्हें पहचान लिया और सेल्फी खींचने के लिए घेर लिया। भीड़ से बचने के लिए राजू श्रीवास्तव एक व्यापारी की मां के साथ उनके घर चले गए थे।
(साभार – अमर उजाला)

नवरात्रि में पोषक हो आपका आहार

नौ दिवसीय नवरात्रि उपवास 26 सितंबर से शुरू हो गए हैं और 4 अक्टूबर तक चलेंगे। शरद ऋतु के दौरान अश्विन के चंद्र महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है, जबकि मार्च या अप्रैल में मनाया जाने वाला नवरात्रि पहले वर्ष में चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। इन दोनों नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के भक्त सभी दिन उपवास रखते हैं।

उपवास के दौरान फलाहारी आहार का पालन किया जाता है और त्योहार के दौरान केवल चयनित अनाज या चावल जैसे सम के चावल, कुट्टू का आटा, राजगिरा आटा, सिंघाड़ा आटा, साबूदाना का उपयोग सात्विक भोजन तैयार करने के लिए किया जाता है, जबकि गेहूं, चावल, फलियां, प्याज, लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता।

पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कार्ब्स, स्वस्थ वसा, विटामिन और खनिजों के साथ संतुलित भोजन करने से आपको उपवास के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है। समय पर और पौष्टिक भोजन करने से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को लक्षणों का प्रबंधन करने में भी मदद मिल सकती है। नवरात्रि उपवास के दौरान अच्छी तरह से हाइड्रेट रहना भी जरूरी है। फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा बता रही हैं कि आप इन दिनों स्वस्थ रहने और ताजगी के लिए घर में कौन-कौन से पेय बना सकते हैं।

नारियल का माचासिर्फ तीन चीजों से बना माचा ड्रिंक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है और वास्तव में स्वादिष्ट हो सकता है। माचा को एक बड़े मग में डालें, गर्म पानी डालें और झाग आने तक तेज गति से फेंटें। नारियल का दूध और अपनी पसंद का स्वीटनर डालें। आप मेपल सिरप, खजूर या गुड़ का उपयोग करके नेचुरल मिठास जोड़ सकते हैं।

​संतरे के साथ नींबू पानी का रस

ताजा निचोड़ा हुआ संतरे का रस और संतरे के स्लाइस जोड़कर एक शानदार क्लासिक होममेड नींबू पानी बनाया जा सकता है। इस पेय का खट्टा-मीठा स्वाद पाचन में भी सहायता करता है। संतरे और नींबू की खुशबू इसे और बढ़िया सुगंध और स्वाद देती ह। यह पेय एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर हो जाता है।

गोल्डन जूस

इसके लिए एक चुटकी काली मिर्च के साथ हल्दी और खजूर चाहिए। इन सभी चीजों को बादाम के दूध में डालकर मिक्स कर लें। स्वाद बढ़ाने के लिए एक चुटकी हिमालयन पिंक सॉल्ट मिला सकते हैं।

​ठंडी अदरक और हरी चाय

गर्म ग्रीन टी पीने की हमेशा सलाह दी जाती है। लेकिन चलिए इसे ठंडा पीने का भी एक अलग आनंद है। ग्रीन टी को ठंडा करें और उसमें थोड़ा सा नींबू, शहद और ताजा निचोड़ा हुआ अदरक का रस मिलाएं। इसे पुदीने की पत्तियों से गार्निश करें।

​तरबूज और तुलसी का रस

इसे बनाने के लिए आपको एक चुटकी काला नमक, ताजा तुलसी और नींबू का रस चाहिए। सभी चीजों को मिक्स कर लें। इसमें तरबूज के टुकड़े डाले जा सकते हैं। ऊपर से बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें। यह निश्चित रूप से आपको तरोताजा कर देगा और आपको आने वाले लंबे दिन के लिए रिचार्ज करेगा।

​ चिया-कोको वाटर

ताजा नारियल पानी एक अच्छा डिटॉक्स है और इसे बेहतर बनाने के लिए इसमें चिया सीड्स मिक्स करें। ये छोटे बीज फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट के बढ़िया स्रोत हैं। आप चिया सीड्स की जगह तुलसी के बीज भी ले सकते हैं। इसके अलावा आप इसमें नीबू का रस मिला सकते हैं ताकि इसे एक टेंगी ट्विस्ट दिया जा सके।

(साभार – नवभारत टाइम्स)

“सीआईएससीई नेशनल स्पोर्ट्स एवं गेम्स टेनिस टूर्नामेंट 2022” का भव्य उद्घाटन

साल्टलेक में सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल में  टूर्नामेंट का आयोजन

30 सितंबर 2022 को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ होगा इसका समापन

कोलकाता । काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) के तत्वावधान में “सीआईएससीई नेशनल स्पोर्ट्स एवं गेम्स टेनिस टूर्नामेंट 2022″ का उद्घाटन गत सोमवार को पश्चिम बंगाल टेनिस संघ द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आयोजन साल्टलेक में स्थित सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल ने किया। इस आयोजन में पूरे देश के अलावा और संयुक्त अरब अमीरात के लगभग 240 छात्रों ने 14, 17 और 19 श्रेणियों के तहत लड़कों और लड़कियों ने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है। इस टूर्नामेंट के विजेताओं को ‘खेलो इंडिया गेम्स’ में सीआईएससीई का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। इस प्रतियोगिता में 12 जोन में बंटे  लगभग 250 छात्र, देश के सर्वश्रेष्ठ खेल में अपनी टेनिस प्रतिभाओं का प्रदर्शन करते हुए भाग लेंगे, जिनके विजेता एसजीएफआई और खेलो इंडिया गेम्स में सीआईएससीई का प्रतिनिधित्व करेंगे।

सीआईएससीई नेशनल स्पोर्ट्स एवं गेम्स टेनिस टूर्नामेंट 2022” के तहत आयोजित प्राथमिक टेनिस खेल उद्घाटन समारोह के बाद शुरू हुआ जिसकी अध्यक्षता खेल और युवा सेवा राज्य मंत्री मनोज तिवारी ने की। इस मौके पर नितिन किरतने, (टेनिस खिलाड़ी, स्वर्ण पदक विजेता),अरिजीत बसु (उप सचिव (वित्त), सीआईएससीई), रंजन मित्तर (फ्यूचर फाउंडेशन स्कूल के प्रधानाचार्य और सीआईएससीई खेलों के क्षेत्रीय समन्वयक), सुजय विश्वास (अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट नेशनल बॉडी और राम मोहन मिशन स्कूल के प्रिंसिपल), अजय चोपड़ा, सचिव और प्रशासक (सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल, साल्टलेक) ब्रांच, अनिल श्रीवास्तव (कार्यवाहक प्रिंसिपल, सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल, साल्टलेक) के साथ अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध दिग्गज पूर्व टेनिस पेशेवर खिलाड़ी और वर्तमान कोच और प्रबंधक जयदीप मुखर्जी ने की। टूर्नामेंट का समापन 30 सितंबर 2022 को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ किया जाएगा। इस दौरान हर रोज सुबह 10 से रात 9 बजे तक विभिन्न टीमें अपने प्रतिद्वंदी टीमों के साथ मैच खेलेंगी। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने हमेशा अच्छी शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया है इसलिए यह अब स्कूल के पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बन गया है। काउंसिल का उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को विभिन्न खेल से जुड़े विषयों में अपनी प्रतिभा और कौशल को दिखाने के लिए एक उपयुक्त मंच और अवसर प्रदान करना है। इन छात्रों की एक बार पहचान बन जाने के बाद इन्हें अगला कदम इससे बड़े मंच पर बढ़ाना होगा।

 

भवानीपुर कॉलेज ने मनाया हिंदी दिवस

कोलकाता । भवानीपुर कॉलेज के हिंदी विभाग ने हिंदी दिवस मनाया। इस अवसर पर छात्र छात्राओं द्वारा कविता, नृत्य और वाद विवाद के कार्यक्रम रखे। कार्यक्रम की शुरुआत सृष्टि चंदा ने सरस्वती वंदना, आयुषी भट्टाचार्य ने नृत्य भरत नाट्यम,नेहा मंडल ने कविता सुनाई, आकांक्षा सिंह ने हिंदी इतिहास पर बताया, नागार्जुन की उनको प्रणाम कविता पाठ किया गया । गीतांजलि दास ने नृत्य, कहानी इंस्पैक्टर मातादीन चांद तान्या और प्रतीक्षा सरकार। प्रो देवजानी गांगुली ने हिंदी भाषा की राजभाषा यात्रा पर अपना वक्तव्य दिया और सभी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएँ दी। गंगा पर विनीत ठक्कर ने कविता सुनायी । रात्रिका घोष और विनीत ठक्कर ने वाद- विवाद में पक्ष विपक्ष पर अपनी राय जाहिर की। प्रार्थना फतेहपुरिया ने हिंदी पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को पोलिटिकल साइंस की विभागाध्यक्ष अमला ढांढनिया ने प्रमाणपत्र प्रदान किए। डॉ. रेखा नारिवाल, डॉ प्रीति शाह डॉ वसुंधरा मिश्र, डॉ सम्पा सिन्हा, डॉ आभा झा आदि शिक्षक उपस्थित रहे । हिंदी विभागाध्यक्ष कविता मेहरोत्रा ने कार्यक्रम का संयोजन और धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने।

भवानीपुर कॉलेज ने की देवी आराधना

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने धमाल कार्यक्रम के अन्तर्गत बंगाल और गुजराती परंपरा के अनुरूप मिट्टी की छिद्र युक्त हांडी गर्भो में दीप प्रज्वलित कर माँ दुर्गा देवी का आह्वान किया । कॉलेज मैनेजमेंट पदाधिकारियों में नलिनी पारेख, मिराज डी शाह, शालिनी डी शाह, बुलबुल भाई शाह, उमेश भाई ठक्कर, जीतू भाई शाह, प्रदीप सेठ आदि सभी ने सपरिवार माँ दुर्गा के आगमन के लिए मिलकर आराधना की। गणेश वंदना से आरंभ हुए देवी आराधना में छात्र छात्राओं के समूह ने और शिक्षिका प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने धुनुची नृत्य किया जिसने सभी विद्यार्थियों और शिक्षक गणों को रोमांचित कर दिया। गुजरात का प्रमुख नृत्य गरभा और डांडिया सभी विद्यार्थियों ने मिलकर किया। माँ अम्बे की आरती और पीले पेड़ों का प्रसाद भी वितरित किया गया । सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम में विद्यार्थियों की ऊर्जा देखने लायक रही। कोरोना काल के बाद होने वाला यह पहला मौका है जब धमाल का आयोजन किया गया। सभी विद्यार्थियों ने पारंपरिक वेशभूषा पहन रखी थी। सभी विद्यार्थियों ने माँ दुर्गा के प्रति भक्ति प्रकट की। गुजराती और बंगाली वेशभूषा में विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया । कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह द्वारा संचालित और संयोजन धमाल में प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो दिव्या उदेशी, रूपेश गांधी, डॉ वसुंधरा मिश्र की उपस्थिति रही और विद्यार्थियों के साथ गरभा और डांडिया का सभी ने आनंद लिया। आदित्य राज एनसीसी, विद्यार्थी टीम वोलिंटियर्स,फ्लेम, क्रिसेंडो, इन एक्ट, आर्ट एंड मी, गैर शैक्षणिक कर्मचारियों आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।