Thursday, August 21, 2025
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मई के अंत से यूपीआई व एटीएम से निकाल सकेंगे पीएफ

नयी दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मई के अंत या जून 2025 की शुरुआत तक एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस नए बदलाव के साथ ईपीएफओ के सदस्य यूपीआई और एटीएम के जरिए तत्काल अपना भविष्य निधि (पीएफ) निकाल सकेंगे। इस अपडेट के साथ कर्मचारियों को अब अपनी पीएफ बचत तक पहुंचने के लिए लंबी और समय लेने वाली प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा। इस पहल को श्रम और रोजगार मंत्रालय के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है और इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से मंजूरी मिल गई है। इस कदम से देशभर के लाखों ईपीएफओ सदस्यों को पहले से बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद है। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि कर्मचारी तत्काल 1 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे। उन्होंने बताया कि सदस्य सीधे यूपीआई प्लेटफॉर्म पर अपना पीएफ बैलेंस भी देख सकेंगे और बिना किसी देरी के अपने पसंदीदा बैंक खातों में फंड ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों के लिए जरूरत के समय अपने पैसे तक पहुंच आसान हो जाएगी। वर्तमान में, पीएफ फंड निकालने के लिए ऑनलाइन क्लेम जमा करने और अप्रूवल की प्रतीक्षा करने की जरूरत होती है, जिसमें कई दिन या सप्ताह भी लग सकते हैं। हालांकि, यूपीआई इंटीग्रेशन के साथ, निकासी तत्काल और परेशानी मुक्त हो जाएगी। कर्मचारी न केवल जल्दी से धन निकालने में सक्षम होंगे, बल्कि अपने शेष राशि की जांच भी कर सकेंगे और तुरंत लेनदेन भी कर सकेंगे। इसके अलावा, ईपीएफओ अपने सदस्यों के लिए पीएफ बचत निकालने के कारणों में भी विस्तार कर रहा है। चिकित्सा आपात स्थितियों के अलावा, कर्मचारी अब आवास, शिक्षा और विवाह के लिए धन निकाल सकेंगे। डावरा ने कहा, “ईपीएफओ ने 120 से अधिक डेटाबेस को इंटीग्रेट कर अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा सुधार किया है। इन प्रयासों ने क्लेम प्रोसेसिंग समय को केवल तीन दिनों तक कम कर दिया है, अब 95 प्रतिशत क्लेम ऑटोमेटिकली प्रोसेस हो रहे हैं। सिस्टम को अधिक कुशल बनाने के लिए आगे के अपग्रेड पर काम चल रहा है। पेंशनभोगियों को भी ईपीएफओ की डिजिटल पहलों से लाभ हुआ है। दिसंबर 2024 से करीब 78 लाख पेंशनभोगी बिना किसी प्रतिबंध के किसी भी बैंक शाखा से अपने फंड का उपयोग करने में सक्षम हो गए हैं। इससे पहले, केवल विशिष्ट बैंक शाखाओं से ही निकासी की अनुमति थी।

1 मई से एटीएम से पैसे निकालना होगा महंगा
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एटीएम से नकद निकासी पर इंटरचेंज शुल्क ₹17 से बढ़ाकर ₹19 करने की मंजूरी दे दी है। यह बदलाव 1 मई 2025 से लागू होगा। घरेलू वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क को संशोधित किया गया है। एनपीसीआई के 13 मार्च को जारी सर्कुलर के अनुसार, गैर-वित्तीय लेनदेन पर ₹7 का इंटरचेंज शुल्क लगाया जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने नेशनल फाइनेंशियल स्विच (एनएफएस) एटीएम नेटवर्क के सदस्यों को भेजे गए इस पत्र की समीक्षा की है। इंटरचेंज शुल्क पर अलग से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू होगा।

दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित महानगर, दूसरे नंबर पर कोलकाता

-सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट (सीएसई) रिपोर्ट में खुलासा
कोलकाता। सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण के मामले में कोलकाता दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट (सीएसई) द्वारा देश के छह प्रमुख महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद व बेंगलुरु की वायु गुणवत्ता के एक अक्टूबर, 2024 से 31 जनवरी, 2025 की अवधि के दौरान किए गए विश्लेषण में यह चिंताजनक तथ्य सामने आया है।
विश्लेषण कोलकाता के सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (सीएएक्यूएमएस) के रियल टाइम डेटा पर आधारित है। कोलकाता में पिछली सर्दियों में औसत पीएम2.5 स्तर 65 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया है, जो दिलली (175) के बाद सर्वाधिक है।
वहीं, अधिकतम पीएम 2.5 स्तर दो नवंबर, 2024 को 135 दर्ज हुआ, हालांकि सर्दियां जब अपने उच्चतम स्तर पर थी, उस वक्त कोलकाता में प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष से कम रहा है, हालांकि इसके बावजूद यह खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) की श्रेणी में ही रहा है।
जनवरी, 2025 कोलकाता के लिए सबसे प्रदूषित महीना रहा है। कोलकाता में खराब एक्यूआई वाले दिनों की कुल संख्या 15 रही, जो दिल्ली के बराबर है, वहीं बेहद खराब एक्यूआइ वाला एक दिन भी दर्ज हुआ। कोलकाता में अच्छे एक्यूआई वाले मात्र 11 दिन ही देखे गए।
कोलकाता के सबसे प्रदूषित इलाकों में बालीगंज (80), फोर्ट विलियम्स (71), जादवपुर (63), विक्टोरिया (62). रवींद्र भारती विश्वविद्यालय (62) व बिधाननगर (57) शामिल रहे, हालांकि ‘सिटी ऑफ ज्वाय’ के नाम से मशहूर इस शहर में पिछले चार वर्षों में सर्दियों में पीएम 2.5 स्तर सबसे कम रहा है। पिछली तीन सर्दियों की तुलना में इसमें 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
सीएसई की कार्यकारी निदेशक, (अनुसंधान व वकालत) अनुमिता राय चौधरी ने कहा कि किसी भी जलवायु क्षेत्र में सर्दियों के समय प्रदूषण का चरम पर पहुंचना तेजी से शहरीकरण व मोटरीकरण वाले शहरों में लगातार वायु प्रदूषण की अंतर्निहित समस्या का संकेत है।
प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों का बढ़ता प्रभाव इन शहरों में प्रदूषण के हॉटस्पाट में दिखाई देता है, जिससे स्थानीय जोखिम और बढ़ रहे हैं। इन शहरों को स्वच्छ वायु मानकों को पूरा करने के लिए सभी स्रोतों से प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरी केंद्रों को प्रतिकूल मौसम विज्ञान की अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो सांद्रता को बढ़ाता है।

 

वरिष्ठ कवि विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा ज्ञानपीठ सम्मान

नयी दिल्ली । हिंदी के प्रसिद्ध कवि विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। विनोद कुमार शुक्ल समकालीन हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक और कवि हैं। वे अपनी अद्वितीय लेखन शैली, गहरी संवेदनशीलता और सरल भाषा में गूढ़ भावनाओं को व्यक्त करने की कला के लिए जाने जाते हैं। उनकी रचनाएँ मानवीय अनुभूतियों, ग्रामीण जीवन, सामाजिक संरचनाओं और अस्तित्ववादी प्रश्नों को सहज लेकिन गहरे तरीके से प्रस्तुत करती हैं। विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उनकी शिक्षा भी वहीं हुई और बाद में उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिंदी) की पढ़ाई की। उनका शुरुआती जीवन एक साधारण ग्रामीण परिवेश में बीता, जिसने उनके लेखन को गहराई और मौलिकता प्रदान की। विनोद कुमार शुक्ल ने कविता, उपन्यास और कहानियों के माध्यम से साहित्य जगत में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी रचनाएँ आम जीवन की संवेदनाओं को अनूठे तरीके से प्रस्तुत करती हैं। उनकी भाषा में सहजता है, लेकिन उसमें छिपी गहराई पाठकों को भीतर तक प्रभावित करती है। विनोद कुमार शुक्ल की लेखन शैली बहुत ही सरल, सहज, लेकिन गहरी और दार्शनिक है। वे रोजमर्रा के जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं के माध्यम से बड़े प्रश्न उठाते हैं। उनकी रचनाओं में कल्पनाशीलता और यथार्थ का अद्भुत संतुलन देखने को मिलता है। उनके पात्र आम जीवन से आते हैं, जिनका संघर्ष और विचारधारा समाज की वास्तविकता को प्रतिबिंबित करती है। उनकी रचनाएँ न केवल हिंदी साहित्य बल्कि समकालीन भारतीय लेखन में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। वे अपने लेखन के माध्यम से पाठकों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर देते हैं और साहित्य की शक्ति को सहज रूप में प्रस्तुत करते हैं। विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के उन चंद लेखकों में से हैं, जो साधारण में असाधारण खोजते हैं। उनकी लेखनी जीवन के सूक्ष्म पहलुओं को पकड़ने की क्षमता रखती है और पाठकों को एक अनोखे साहित्यिक अनुभव से जोड़ती है। उनकी सादगीपूर्ण अभिव्यक्ति और गहरी संवेदनशीलता हिंदी साहित्य में उन्हें विशेष स्थान प्रदान करती है।

चैत्र नवरात्रि विशेष : मां वैष्णो देवी मंदिर का महत्व

चैत्र नवरात्रि सनातन धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो मां दुर्गा की नौ शक्तियों की उपासना के लिए समर्पित है। इस साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाई जाएगी। वैसे तो इन नौ दिनों में देशभर के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के त्रिकूट पर्वत पर स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर का विशेष महत्व है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां वैष्णो के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। लेकिन अगर आप पहली बार वैष्णो देवी घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इस लेख में आपको वहां के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। ये मंदिर 5,200 फीट की ऊंचाई पर एक नेचुरल गुफा में स्थित है, जहां मां वैष्णो देवी तीन पिंडियों के रूप में विराजमान हैं। ये पिंडियां मां काली, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती का प्रतीक हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ये मंदिर उन 108 शक्तिपीठों में से एक है, जहां माता सती का अंग गिरा था। चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। भक्तों का विश्वास है कि मां का ‘बुलावा’ आने पर ही कोई इस पवित्र स्थान तक पहुंच सकता है। नवरात्रि में इस मंदिर को फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने का आधार कटरा है, जो जम्मू से 50 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए तीन सुविधाजनक रास्ते उपलब्ध हैं: हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग।
हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जम्मू एयरपोर्ट है, जो कटरा से 50 किलोमीटर दूर है। बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, श्रीनगर से नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। इसके बाद जम्मू से कटरा तक टैक्सी या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है, जिसमें 1-2 घंटे लगते हैं।
रेल मार्ग: देवी का दर्शन करने के लिए रेल मार्ग सबसे सुगम, सहज और सस्ता विकल्प है। जम्मू तवी या श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। देश के कई प्रमुख शहरों से यहां ट्रेनें चलती हैं। कटरा स्टेशन से मंदिर की यात्रा शुरू होती है।
सड़क मार्ग: दिल्ली, चंडीगढ़ और जम्मू से कटरा तक नियमित बसें चलती हैं। सड़क मार्ग से भी यात्रा आरामदायक और सुगम है। कटरा से मंदिर तक 13 किलोमीटर की चढ़ाई है। इसे पैदल, घोड़े, पालकी या हेलिकॉप्टर से पूरा किया जा सकता है। बहुत से लोग पैदल या पालकी से जाना पसंद करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग हेलिकॉप्टर का भी प्रयोग करते हैं। हेलीकॉप्टर सेवा कटरा से संझीछत तक उपलब्ध है, जो लगभग 8 मिनट में पहुंचाती है। टिकट की कीमत लगभग 2,100 रुपये (एक तरफ) है और इसे ऑनलाइन बुक करना होता है। संझीछत से मंदिर 2.5 किलोमीटर दूर है। पैदल यात्रा के लिए कटरा में मुफ्त यात्रा पर्ची मिलती है। रास्ते में भोजन और विश्राम की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
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नवरात्रि पर बनाएं पौष्टिक आहार

मखाना उत्तपम
सामग्री : 250 ग्राम मखाना, 1 कप दही, समा के चावल 3 बड़े चम्मच, गाजर , शिमला मिर्च, अदरक एक इंच टुकड़ा, हरी मिर्च, बारीक कटा हरा धनिया, सेंधा नमक, देसी घी या मूंगफली का तेल, कुटी काली मिर्च, पनीर.
विधि : सबसे पहले मखाने को हल्का सा कढ़ाही में ड्राई रोस्ट कर लें। नमी खत्म होने के बाद इसे आसानी पीस लें। जब आपके मखाने रोस्ट हो जाएं और तो उसमें समा के चावलों को पीसकर पाउडर बना लें। इसके बाद किसी बाउल में मखाना, समा के चावल और दही लेकर ग्राइंडर जार पलट दें। इसमें हरी मिर्च और अदरक के टुकड़े डाल दें। अब थोड़ा सा पानी डालकर सारी चीजों का बारीक पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट में घिसे हुए गाजर, महीन कटा शिमला मिर्च डाल दें। इसके साथ ही बारीक कटी हरी धनिया, कुटी काली मिर्च मिक्स कर दें। इसके साथ ही पनीर को क्रश करके डाल दें। नमक स्वादानुसार डालें और अच्छे से मिक्स करें। अब तवे पर देसी घी या मूंगफली का तेल डालें, जिससे ये पूरी तरह से फलाहारी बनकर तैयार हुई। तवा गर्म होते ही तैयार बैटर को तवे पर फैलाएं और कुछ देर ढंक कर पकाएं। ताकि ये फटाफट और आसानी से पक जाए। 2 मिनट में इसे पलट कर दोनों तरफ से अच्छे से पका लें। यह लीजिए आपका गर्मागर्म मखाना उत्तपम तैयार है और इसे हरी चटनी के साथ सर्व करें।


आलू टिक्की
सामग्री: 2-3 उबले हुए आलू, 1-2 हरी मिर्च, 1 कप कुट्टू का आटा, नमक स्वादानुसार, हरा धनिया सजाने के लिए
विधि: सबसे पहले एक बर्तन में आलू को मसल लें। अब इसमें हरी मिर्च, हरा धनिया और नमक डालें। अब इन्हें टिक्की का आकार दें। इसे कुट्टू के आटे में लपेटकर तलें या तवे पर सेंकें।

यूट्यूब ने पेश किया यूथ डिजिटल वेलबीइंग प्रोग्राम

डिजिटल दुनिया में लोगों को जागरुक करना और जानकारी देने के लिए यूट्यूब काफी प्रयास करता रहता है। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा यूज किया जाता है। हालिए में यूट्यूब ने यूथ डिजिटल वेलबीइंग प्रोग्राम पेश किया है। ऑनलाइन कंटेंट के माध्यम से युवाओं को शिक्षित करने, एंटरटेनमेंट देने और आपस में जोड़ने की शक्ति रखता है। इस सर्वोत्तम उपयोग करने के उद्देश्य से यूट्यूब ने बिजनस जगत के अग्रणी विशेषज्ञों के साथ मिलकर यूथ डिजिटल वेलबीइंग पहल की शुरुआत की है। इस पहल के जरिए वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाला, उम्र-उपयुक्त कंटेंट तैयार करने की दिशा में काम किया जाएगा। ऐसा करने से यूथ के जीवन पर पॉजिटिव प्रभाव देखने को मिलेगा।यूट्यूब ने ब्लॉगपोस्ट में लिखा- , “हम युवा उपयोगकर्ताओं के लिए ऑनलाइन कंटेंट के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य केवल स्वस्थ और समृद्ध कंटेंट को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि निम्न गुणवत्ता वाले कंटेंट की पहुंच को सीमित करना भी है। इस प्रयास में मीडिया साक्षरता (मीडिया लिटरेसी) और डिजिटल नागरिकता (डिजिटल सिटिजनशिप) को बढ़ावा देने वाले कंटेंट को प्राथमिकता दी जाएगी।”

युवाओं की सुरक्षा और डिजिटल भलाई होगी प्राथमिकता –यूट्यूब के सीईओ, नील मोहन ने कहा, “हमारे प्लेटफॉर्म पर युवाओं की भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता है। ‘यूथ डिजिटल वेलबीइंग’ पहल हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है।  यू ट्यूब किड्स और सुपरवाइज्ड एक्सपीरियंस जैसी सुविधाओं के साथ-साथ, हमने हाल ही में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के साथ मिलकर माता-पिता के लिए एक गाइड भी तैयार की है, जिससे वे अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें।”

ऑनलाइन खतरों के तहत सुरक्षा – यूट्यूब पर कंटेंट और प्रोडक्ट डिजाइन को किशोरो और बच्चों की विकासात्मक  आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जाता है। सेक्सुअली एक्सप्लिसिट और ग्राफिक वायलेंस से संबंधित कंटेंट के लिए एज-लिमिट डिफॉल्ट सेटिंग्स लागू की जाएगी। मीडिया लिटरेसी और डिजिटल सिटिजनशिप को बढ़ावा देने के लिए पैरेंट्स के लिए शोध-आधारित संसाधन विकसित किए जाएंगे।  युवाओें के लिए हाई-क्वालिटी, एज-अप्रोप्रियट और मोटिवेशनल कंटेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। स्क्रीन टाइम को मैनेज करेगा। टूल्स औऱ कंट्रोल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। मेंटल हेल्थ से संबंधित संवेदनशील विषयों जैसे आत्महत्या और आत्म-हानि से संबंधित कंटेंट देखने पर यूथ की सहायता के लिए संसाधनों की ओर निर्देशित करता है।

1 मई से एटीएम से पैसे निकालना हो जाएगा महंगा

आरबीआई ने शुल्क वृद्धि को दी मंजूरी

नयी दिल्ली । 1 मई से भारत में एटीएम से पैसे निकालना महंगा होने जा रहा है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एटीएम इंटरचेंज फीस में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब होगा कि वे ग्राहक जो अपने वित्तीय लेनदेन के लिए एटीएम का ही अधिक इस्तेमाल करते हैं, उन्हें एक सीमा के बाद एटीएम से पैसे निकालने के साथ अतिरिक्त शुल्क देना होगा। एटीएम इंटरचेंज शुल्क एक बैंक, दूसरे बैंक को एटीएम सेवाएं प्रदान करने के लिए देता है। यह शुल्क प्रत्येक ट्रांजैक्शन के लिए फिक्स्ड राशि होती है और ग्राहकों से ही बैंकिंग लागत के रूप में ली जाती है। आरबीआई ने व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों के अनुरोधों के बाद इन शुल्कों को रिवाइज करने का फैसला किया, जिन्होंने तर्क दिया कि बढ़ते परिचालन व्यय उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रहे हैं। शुल्क में वृद्धि पूरे देश में लागू होगी और इसका असर ग्राहकों, खासकर छोटे बैंकों के ग्राहकों पर पड़ने की उम्मीद है। ये बैंक एटीएम इंफ्रास्ट्रक्चर और इससे जुड़ी सेवाओं के लिए बड़े वित्तीय संस्थानों पर निर्भर हैं, जिससे वे बढ़ती लागतों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। 1 मई से ग्राहकों को एटीएम से मुफ्त सीमा के बाद प्रत्येक लेनदेन के लिए 2 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। एटीएम से नकदी निकालने पर प्रति लेनदेन पर 19 रुपये का खर्च आएगा, जो पहले 17 रुपये था। इसके अलावा, अगर ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल पैसे निकालने से अलग दूसरे कामों जैसे बैंलेस पूछताछ के लिए करता है तो 1 रुपये अतिरिक्त देना होगा।
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, खाते की शेष राशि की जांच करने पर अब प्रति लेनदेन 7 रुपये का खर्च आएगा, जो वर्तमान में 6 रुपये है। एटीएम को कभी क्रांतिकारी बैंकिंग सेवा के रूप में देखा जाता था वहीं, डिजिटल पेमेंट बढ़ने के साथ यह अब भारत में संघर्ष कर रहा है। ऑनलाइन वॉलेट और यूपीआई लेनदेन की सुविधा ने नकद निकासी की जरूरत को काफी कम कर दिया है। सरकारी डेटा से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2014 में भारत में डिजिटल भुगतान का मूल्य 952 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3,658 लाख करोड़ रुपये तक हो गया, जो कैशलेस लेनदेन की ओर बड़े पैमाने पर बदलाव को दर्शाता है। इस नई शुल्क वृद्धि के साथ उन ग्राहकों को बोझ महसूस हो सकता है, जो अभी भी नकद लेनदेन पर निर्भर हैं।

ओएनजीसी को उ. 24 परगना के अशोकनगर में तेल-ड्रिलिंग संचालन हेतु राज्य की मंजूरी

कोलकाता । ममता बनर्जी सरकार ने पिछले सप्ताह केंद्रीय उपयोगिता तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी ) को उत्तर 24-परगना के अशोकनगर में बड़े पैमाने पर तेल-ड्रिलिंग संचालन शुरू करने के लिए आवश्यक मंज़ूरी दे दी। यह निर्णय क्षेत्र में खनिज तेल की खोज के बाद लिया गया है, जिसमें कई स्थानों पर भंडार की पहचान की गई है, विशेष रूप से उत्तर 24-परगना के बैगाछी के आसपास। दिसंबर 2020 में, तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस क्षेत्र में वाणिज्यिक तेल और गैस निष्कर्षण का उद्घाटन किया, जिससे आगे की खोज के लिए आधार तैयार हुआ। हालांकि, राज्य सरकार से निष्कर्षण के लिए औपचारिक मंजूरी के अभाव में, इस प्रयास में आगे प्रगति नहीं हो सकी।अब, राज्य सरकार की मंजूरी के साथ, ओएनजीसी पूरे बंगाल में अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए तैयार है।सूत्रों ने बताया कि उत्तर 24-परगना में चार साइटों पर भूमि-पट्टे और ड्रिलिंग की तैयारियाँ पूरी होने वाली हैं।दो अतिरिक्त स्थानों पर भूमि अधिग्रहण भी शुरू हो गया है – उत्तर 24-परगना के देगंगा में चपटला ग्राम पंचायत और पूर्वी मिदनापुर के भगवानपुर II ब्लॉक। कुल मिलाकर, ओएनजीसी ने उत्तर 24-परगना में ड्रिलिंग के लिए 13 साइटों की पहचान की है, दक्षिण 24-परगना में तीन, नादिया में एक और पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में पाँच।सूत्रों ने बताया कि इन साइटों के लिए चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।प्रत्येक परियोजना के लिए लगभग पाँच एकड़ पट्टे पर भूमि की आवश्यकता होने की उम्मीद है। ओएनजीसी के सूत्रों ने बंगाल के इन जिलों में महत्वपूर्ण तेल भंडार होने का संकेत दिया है।उपयोगिता प्रमुख स्थानों पर भूमि पट्टे पर लेकर तेल निकालने की योजना बना रही है। हालाँकि,राज्य सरकार की मंजूरी मिलने तक निष्कर्षण रोक दिया गया था। कैबिनेट की हरी झंडी के साथ, काम फिर से शुरू होने वाला है। ओएनजीसी के अधिकारियों के अनुसार, 2,500 से 6,000 मीटर की गहराई पर तेल और गैस भंडार का गहन आकलन करने के बाद ही पूर्ण पैमाने पर निष्कर्षण शुरू होगा।ओएनजीसी के एक अधिकारी ने कहा, “यदि निष्कर्ष अनुकूल और अनुकूल हैं, तो वाणिज्यिक निष्कर्षण आगे बढ़ेगा, जिससे राज्य के लिए नए आर्थिक अवसर खुलेंगे। हमें उम्मीद है कि यह उद्यम बंगाल के आर्थिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करेगा, खासकर भारत के ऊर्जा क्षेत्र में।” प्राकृतिक तेल संसाधनों की आगे की खोज के लिए गुंजाइश खोलने वाली सरकार की मंजूरी से उत्साहित, उत्तर 24-परगना जिला परिषद प्रमुख और अशोकनगर के विधायक नारायण गोस्वामी ने परियोजना की आर्थिक क्षमता पर जोर दिया। “राज्य सरकार ने सकारात्मक संकेत के रूप में खनिज तेल परियोजना के लिए ओएनजीसी को केवल ₹1 पर भूमि पट्टे पर दी है। यदि निष्कर्षण परियोजना सफल होती है, तो यह न केवल अशोकनगर बल्कि पूरे जिले को बदल देगी। मुझे उम्मीद है कि ओएनजीसी नए ड्रिलिंग स्पॉट के अलावा और भी जगहों से प्राकृतिक तेल निकालने में सक्षम होगी,” उन्होंने कहा। ओएनजीसी ने सबसे पहले 2018 में अशोकनगर में एक तेल क्षेत्र की खोज की थी – पूर्वी भारत में इस तरह की पहली खोज। दिसंबर 2020 तक, केंद्रीय मंत्री प्रधान ने वहां प्राकृतिक गैस भंडार का औपचारिक उद्घाटन किया था, जिसमें ओएनजीसी के अनुमान के अनुसार, प्रतिदिन 45,000-50,000 क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन करने की क्षमता है।
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टीटागढ़ में काव्य आवृत्ति व रचनात्मक लेखन कार्यशाला

-पश्चिम बंग हिंदी अकादमी ने किया आयोजन
कोलकाता । पश्चिम बंग हिंदी अकादमी द्वारा टीटागढ़ एंग्लो वर्नाकुलर हाई स्कूल, प्रेसीडेंसी डिवीज़न में काव्य आवृत्ति और रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में जिला सूचना एवं संस्कृति विभाग अधिकारी पल्लब पाल और सुष्मिता हाती, स्कूल के प्रधानाध्यापक नीरज राय, आलोचक मृत्युंजय श्रीवास्तव, कवि वि संस्कृतिकर्मी राज्यवर्द्धन, स्कॉटिश चर्च कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता दूबे, नैहाटी के सीआईसी राजेन्द्र गुप्ता, डॉ असीम मंडल,बैरकपुर वेश्ली हिंदुस्तानी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक गोपाल नारायण गुप्ता, टीटागढ़ नगरपालिका के पौरप्रधान कमलेश साव जी उपस्थित थे। अकादमी के सदस्य डॉ. संजय जायसवाल के नेतृत्व में यह आयोजन बच्चों के लिए काफ़ी सार्थक और सराहनीय रहा। संयोजक संजय जायसवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने व्यापक स्तर पर हिंदी भाषा और समाज को सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का काम कर रही है। इस आयोजन में प्रेसीडेंसी डिवीजन के लगभग 40 शिक्षण संस्थानों से 545 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पप्पू रजक, विकास जायसवाल, विशाल साव,रूपेश यादव, कुसुम भगत, सपना कुमारी, चंदन भगत, मुकेश पंडित, कंचन भगत, कुसुम भगत और फरहान अजीज की विशेष भूमिका रही।

पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर कार्यशाला का आयोजन

कोलकाता । बहुभाषी समाचार एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के कोलकाता ब्यूरो के तत्वावधान में रविवार को कोलकाता प्रेस क्लब में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कोलकाता के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ‘भारतीय पत्रकारिता का बदलता स्वरूप’ विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में मीडिया से जुड़ी प्रासंगिक जानकारियां साझा की गईं। भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में हिन्दुस्थान समाचार के चेयरमैन अरविंद भालचंद्र मार्डीकर ने संबोधित किया। इसके अलावा, कई वरिष्ठ पत्रकार और प्रशिक्षकों ने भी अपने विचार साझा किए। इस मौके पर कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग, वरिष्ठ पत्रकार रथींद्र मोहन बंद्योपाध्याय, पत्रकार प्रसेनजीत बख्शी, पुलकेश घोष, अशोक पांडेय, जयप्रकाश मिश्रा और पत्रकारिता के प्रोफेसर देवज्योति चंद मौजूद रहे। इनके अलावा, वरिष्ठ आयकर सलाहकार नारायण जैन और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश श्रीवास्तव सहित अन्य विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का पुष्पगुच्छ, स्मारक और शाल देकर स्वागत किया गया। अपने संबोधन में चेयरमैन अरविंद भालचंद्र मार्डीकर ने बताया कि हिन्दुस्थान समाचार वर्तमान में 15 भाषाओं में समाचार सेवा प्रदान कर रहा है। उन्होंने पत्रकारिता की सामाजिक जिम्मेदारियों की ओर भी ध्यान दिलाया। इस कार्यशाला में विभिन्न शिक्षण संस्थानों से पत्रकारिता के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रशिक्षक के रूप में वरिष्ठ पत्रकारों ने उन्हें दिशा-निर्देश दिए। दूरदर्शन के कंसल्टिंग एडिटर प्रसेनजीत बख्शी ने कहा कि यदि इस पेशे को करियर के रूप में अपनाना है, तो शुरुआती चुनौतियों के लिए तैयार रहना जरूरी है। उन्होंने पत्रकारिता के प्रति गहरी रुचि रखने की भी सलाह दी। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार पुलकेश घोष ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में कार्य करते समय सतर्कता बेहद आवश्यक है और सभी पक्षों पर बराबर ध्यान देना जरूरी है। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित ‘पश्चिम बंगाल (हिंदी)’ पत्रिका के संपादक जयप्रकाश मिश्रा और दैनिक ‘भारत मित्र’ के कार्यकारी संपादक अशोक पांडेय ने भी अपने विचार रखे। रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के प्रोफेसर देवज्योति चंद ने विशेष सत्र में छात्रों को प्रशिक्षण दिया। वहीं, पूर्व न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग ने कानून और मीडिया के संबंधों पर चर्चा की। स्वागत भाषण हिन्दुस्थान समाचार के चीफ रिपोर्टर ओमप्रकाश सिंह ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन सामाजिक कार्यकर्ता पवन कुमार ने किया। दिन भर चली कार्यशाला का संचालन मोनीशा चक्रवर्ती व सौम्यजीत चक्रवर्ती ने