Monday, July 28, 2025
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कॉस्मेटिक्स बाजार में उतरेंगे रतन टाटा और मुकेश अंबानी

नयी दिल्ली । देश का प्रमुख औद्योगिक घराना टाटा ग्रुप एक बार फिर ब्यूटी और पर्सनल केयर बिजनस में उतरने की तैयारी कर रहा है। उसकी देशभर में 20 ब्यूटी टेक स्टोर खोलने की योजना है। इसके लिए टाटा ग्रुप विदेशी ब्रांड्स से बातचीत कर रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इस सेक्टर में टाटा का सीधा मुकाबला एलवीएमएच के ब्रांड सेफोरा और घरेलू कंपनी नायिका से होगा। देश में ब्यूटी और पर्सनल केयर मार्केट 16 अरब डॉलर का है और तेजी से बढ़ रहा है। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की भी देश में 400 से अधिक ब्यूटी स्टोर खोलने की योजना है। ऐसा पहला स्टोर अगले महीने मुंबई में खोला जा सकता है।
टाटा की नजर 18 से 45 साल के युवाओं पर है जो ईस्टी लॉडर के मैक और बॉबी ब्राउन जैसे महंगे ब्रांड्स को खरीद सकते हैं। कंपनी द ऑनेस्ट कम्पनी, इलिस ब्रुललिन और गैलिनी जैसी विदेशी कंपनियों से हाथ मिला सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक टाटा की दो दर्जन से अधिक कंपनियों से बात चल रही है जो उसके स्टोर्स के लिए खास उत्पाद मुहैया करवाएगी । टाटा के स्टोर्स में वर्चुअल मेकअप कियोस्क और डिजिटल स्किन टेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके आधार पर ग्राहकों को प्रीमियम ब्यूटी प्रॉडक्ट खरीदने के लिए ऑफर दिया जाएगा। हालांकि इस बारे में इन कम्पनियों ने कोई टिप्पणी नहीं की ।
कब खुलेगा पहला स्टोर
टाटा ने हाल में ब्यूटी शॉपिंग एप टाटा क्लिक पैलेट लॉन्च किया था। कंपनी पहले से ही रिटेल बिजनस में है। उसका जारा और स्टारबक्स जैसे ग्लोबल ब्रांड्स के साथ जॉइंट वेंचर है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्यूटी स्टोर्स में 70 फीसदी प्रॉडक्ट्स स्किनकेयर और मेकअप का होगा। टाटा का पहले ब्यूटी स्टोर मार्च में खुल सकता है। भारत का ब्यूटी और पर्सनल केयर मार्केट 16 अरब डॉलर का है जो चीन (92 अरब डॉलर) की तुलना में बहुत छोटा है। लेकिन अगले कुछ साल में इसके सात फीसदी के एवरेज से बढ़ने की उम्मीद है। ब्यूटी रिटेलर नायका की देश में 300 स्टोर खोलने की तैयारी है। अभी उसके पूरे देश में 124 स्टोर हैं। यह कंपनी पिछले साल शेयर मार्केट में लिस्ट हुई थीं। तब इसका मार्केट कैप 14 अरब डॉलर पहुंच गया था।
कभी बोलती थी टाटा ग्रुप की तूती
कुछ दशक पहले तक ब्यूटी सेक्टर में टाटा ग्रुप की तूती बोलती थी। नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा ने 1953 में लैक्मे ब्रांड की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन टाटा ने 1998 में लैक्मे को यूनिलीवर पीएलसी की लोकल यूनिट को बेच दिया था। 2014 में कंपनी ने फिर से इस सेक्टर में एंट्री मारी थी लेकिन अब कंपनी इसे गंभीरता से ले रही है। टाटा ग्रुप की रिटेल स्टोर्स चलाने वाली कंपनी ट्रेंट लिमिटेड के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन नोएल टाटा ने एक साक्षात्कार में कहा कि कंपनी को जोर फुटवियर और अंडरवियर के साथ-साथ सौंदर्य उत्पादों पर रहेगा। उन्होंने कहा कि रिटेल में इनमें विकास की संभावना है।

बजट में पूंजी लाभ कर व्यवस्था में हो सकता है बदलाव

नयी दिल्ली । बजट में इक्विटी शेयर, बॉन्ड और अचल संपत्ति पर लगने वाले पूंजी लाभ कर में बदलाव किया जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि कर की विभिन्न दरों और संपत्ति रखने की अवधि में अंतर को दूर करने के लिये यह कदम उठाये जाने की संभावना है। उसने कहा कि अगले वित्त वर्ष के बजट में पूंजी लाभ कर में बदलाव की संभावना है। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट संसद में एक फरवरी, 2023 को पेश किया जाएगा।
पूंजी लाभ कर में संभावित बदलाव के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा, ”यह बजट प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।”
आयकर कानून के तहत पूंजीगत संपत्तियों…चल और अचल दोनों…की बिक्री से होने वाला लाभ पूंजी लाभ कर की श्रेणी में आता है। हालांकि कानून में कार, परिधान और फर्नीचर जैसी व्यक्तिगत चल संपत्तियों को बाहर रखा गया है।
अधिकारी ने कहा, ”हम विभिन्न पक्षों से मिले सुझाव पर गौर कर रहे हैं।”
फिलहाल एक साल से अधिक समय तक शेयर रखने पर उस पर होनेवाले दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगता है। वहीं बॉन्ड और अचल संपत्ति क्रमश: तीन साल और दो साल रखने की स्थिति में पूंजीगत लाभ पर कर की दर 20 प्रतिशत है।

दिवाली पर खूब मिठाई खाई, बढ़ गया 32 फीसदी भारतीयों का 1.5 किलोग्राम वजन

काजू कतली और गुलाब जामुन की सबसे ज्यादा हुई खपत

नयी दिल्ली । मिठाई खाकर लोगों का वजन बढ़ गया है। हेल्थीफाई मी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार दिवाली वाले हफ्ते के दौरान 22 से 27 अक्टूबर के बीच भारत में चीनी की कुल खपत में 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो साल 2022 के लिए अब तक का सबसे उच्च स्तर है, जिसकी वजह से हर उपभोक्ता का औसतन 1.5 किलोग्राम वजन बढ़ा है । इसके साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों के वर्कआउट में 32 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है ।
हेल्थीफाई मी की चीफ बिजनेस ऑफिसर अंजन भोजराजन ने कहा, “कोविड के दो साल बाद लोगों ने इस साल पूरे उत्साह के साथ दिवाली मनाई और अकेले एक हफ्ते में औसतन अपना 1.5 किलो वजन बढ़ाया! हालांकि, यह देखना अच्छा है कि बहुत से लोगों ने वापस आकार में आने के लिए मेहनत शुरू कर दी – और 10 दिनों में ज्यादातर ने अपना बढ़ा हुआ वजन कम कर लिया ।”
रिपोर्ट के अनुसार काजू कतली और गुलाब जामुन ऐसी भारतीय मिठाइयां हैं, जो हेल्थीफाई मी ऐप के हिसाब से दिवाली वाले सप्ताह के दौरान मिठाई की खपत के मामले में सबसे आगे रहीं । यह मिठाई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में सबसे ज्यादा पसंद की गयी । अध्ययन से यह भी पता चला है कि त्योहारों के दौरान पुरुषों को महिलाओं की तुलना में ज्यादा मिठाई खाने की इच्छा होती हैं । दीवाली के हफ्ते के दौरान पुरुषों में चीनी की खपत में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि महिलाओं में यह 25 प्रतिशत थी। एक सप्ताह में व्यायाम की कमी और ज्यादा चीनी का सेवन पुरुषों का महिलाओं की तुलना में ज्यादा वजन बढ़ने का एक मुख्य कारण था । पुरुषों का वजन औसतन 1.7 किलोग्राम बढ़ा था, वहीं दिवाली के हफ्ते के दौरान महिलाओं का वजन 1.28 किलोग्राम बढ़ा ।
पुणे शहर में चीनी की खपत सबसे अधिक
भारत के प्रमुख महानगरों में पुणे शहर में चीनी की खपत सबसे अधिक 46 प्रतिशत रही । इसके बाद हैदराबाद में 34 प्रतिशत, बेंगलुरु में 34 प्रतिशत और चेन्नई में 33 प्रतिशत की खपत हुई । मुंबई के लोग मिठाई की खाने की अपनी आदत पर काबू करने में कामयाब रहे और वहां चीनी की खपत केवल 20 प्रतिशत अधिक रही जबकि दिल्ली और कोलकाता में चीनी की खपत में क्रमशः 30 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।
कैलोरी बढ़ने के लिए सिर्फ चीनी जिम्मेदार नहीं है. मुंबई ने मीठा खाने की अपनी इच्छा पर काबू कर लिया, लेकिन लोगों के बीच खाने की कुल खपत में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई। दिवाली के हफ्ते के दौरान पुणे के लोगों के औसत वजन में 2.4 किलोग्राम की वृद्धि हुई। दिल्ली और हैदराबाद के लोगों ने क्रमशः 1.5 किग्रा और 1.2 किग्रा वजन बढ़ाया जबकि बेंगलुरु और चेन्नई के लोगों में दिवाली के हफ्ते के दौरान औसतन केवल 0.9 किलोग्राम वजन बढ़ा । रिपोर्ट में कहा गया है कि वजह बढ़ने के बाद अब लोगों ने इसे कम करने की कोशिश शुरू कर दी है ।

 

 

रंगशिल्पी द्वारा जमीला नाटक का मंचन

कोलकाता । रंगशिल्पी थिएटर द्वारा एकतान मंच, नैहाटी में किर्गिज़ लेखक चिंगिज़ एत्मातोव द्वारा लिखित विश्वप्रसिद्ध कहानी पर आधारित ‘जमीला’ नाटक का मंचन हुआ। इस अवसर पर विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि बंकिमचंद्र की जन्मभूमि पर रंगशिल्पी संस्था की यह प्रस्तुति याद रखने लायक है।कलाएं हमें जोड़ने के साथ मानवीय बनाती है।यह संस्था सीमित संसाधनों और बिना सरकारी सहयोग के रंगमंच को बचाने में लगी है।हमें आगे बढ़कर ऐसे प्रयासों में सहयोग करना चाहिए।इस आयोजन ने हमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध किया। नैहाटी म्युनिसिपल के सीआईसी मेम्बर राजेन्द्र गुप्त ने कहा कि यह नाटक हमें प्रेम की महत्ता को बताता है। प्रेम के बिना जीवन नीरस हो जाता है। हमें आपस में प्रेम भाव और साहचर्य से रहना चाहिए। उत्तर 24 परगना के जिला आरटीए  सदस्य प्रियांगु पाण्डेय ने कहा कि हमारे अंचल में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन अति आवश्यक है। ऐसे आयोजन हमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करते हैं। जमीला नाटक हमें जीवन में प्रेम करना सिखाता है। साथ ही यह नाटक हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना भी सिखाता है। हमारी जड़ जितनी मजबूत होगी, हम उतना ही ऊपर और विस्तृत हो पाएंगे। इस नाटक के निर्देशक प्लाबन बसु ने कहा कि रंगशिल्पी की टीम का नैहाटी में जिस गर्मजोशी से स्वागत किया गया वह काबिलेतारीफ है।रंगमंच को बचाए रखने के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा है। उम्मीद करते हैं कि रंगमंच को बचाने के लिए सरकार का सहयोग मिलेगा। । इस मंचन की केंद्र बिंदु रूस से आयी जेनिया रहीं। जेनिया ने कहा कि हमारे (रूस) देश के प्रसिद्ध प्रेम कहानी को यहाँ (भारत) नाटक के रूप में मंचित होता देख कर बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि मैं अपनों के बीच हूँ। सभी कलाकारों ने बहुत संजीदगी से अभिनय किया। इस नाटक के किरदारों में प्लाबन बसु, सुशील कांति, कल्पना झा, शैबल सरखेल, शक्ति चक्रवर्ती, सुबन्ति बनर्जी, सांता स्वरूप मुखर्जी, कथांजलि प्रामाणिक, पार्थ सारथी बसु, स्वागत मंडल, ऋतिक बसक, गोपाल दास, प्रदीप मंडल, विमल दे, विश्वबंधु चौधरी, डालिया प्रामाणिक, जिया झा, परणा कुमार, उमेश पासवान और तन्मय पोद्दार शामिल है । संगीत देशारी चक्रवर्ती, सेट डिज़ाइन जॉयचंद्र चंद्रा, मेकअप रॉबिन नस्कर, लाइट डिज़ाइन शशांक मंडल और कॉस्ट्यूम डिज़ाइन रंगशिल्पी स्टडी विंग्स ने किया।इस अवसर पर उदयराज ,सुशील पांडे, देवानंद साव, राजेश पांडे, सुबोध गुप्ता, संजय राय, विकास जायसवाल, मनीषा गुप्ता, जूही करन सहित लगभग लगभग साढ़़े तीन सौ नाटक प्रेमी उपस्थित थे।

रस्किन बांड की कहानियों और पात्रों पर “बैक टू शामली” की संगीतमय नाट्य प्रस्तुति

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के कॉन्सेप्ट सभागार में रस्किन बांड की कहानियों और पात्रों के चरित्र पर आधारित बेक टू शामली नाटक की संगीतमय प्रस्तुति संपन्न हुई। तीन दिनों तक सभागार में खचाखच भरे दर्शकों ने हर दृश्य के पश्चात तालियों की गड़गड़ाहट से अपनी पसंद को दर्शाया। “बेक टू शामली” का पटकथा लेखन चुप्पी की चीख रित्विका चौधरी और प्राचीन पांडेय द्वारा लिखी गयी , निर्देशक रित्विका चौधरी, प्रोड्यूसर सुपप्रवो टैगोर द्वारा भवानीपुर कॉलेज के थियेटर इन एक्ट के विद्यार्थियों द्वारा का नया थियेटर प्रोडक्शन किया गया जिसके मेजबान रहे कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह । भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ स्कॉटिश चर्चकॉलेज और शिक्षायतन कॉलेज की छात्राओं ने भी अभिनय में भाग लिया ।
“बैक टू शामली” रस्किन के पात्रों और कहानियों से प्रेरित एक संगीतमय नाटक है जिसमें संगीत और नृत्य का अद्भुत संयोजन देखने को मिला । यह नाटक अतीत की यादों की यात्रा है जो वर्तमान समय में युवा पीढ़ी के मित्रों ने दर्शकों के साथ साझा किया है। इस कहानी का लॉकडाउन और कोविड -19 महामारी के वर्ष से गहरा संबंध है जो दुनिया के लिए एक भयावह सपना था। यह वह भयानक समय था जब लोग घरों में कैद थे और बाहरी दुनिया से उनका शारीरिक रूप से संपर्क टूट गया था।
ऐसे समय में संचार के आभासी साधनों को प्राथमिकता दी गई और अधिकांश लोगों ने एक आभासी दुनिया, ग्रंथों, कॉलों या वीडियो कॉल के माध्यम से संचार करने का जरिया अपनाया। रोजगार चले गए, कुछ लोगों को काम छोड़कर अपने पैतृक घर वापस जाना पड़ा जहां वे लंबे समय तक रहे। बाहर की तेज-तर्रार दुनिया से दूर घर वापसी काफी थी , कई लोगों के लिए स्मरण और चिंतन की अवधि भी रही ।
इस नाटक की कहानी एक ऐसे ही काल्पनिक शहर शामली की है जो , शिवालिक की तलहटी में बसा है, जहाँ हर व्यक्ति एक साधारण जीवन जीते हुए भी हर कोई काफी शानदार ढंग से जीवन बिता रहा था । बचपन के दोस्त रणजी, कोकी, भीम, सुमित और सोनिक अपने प्रिय शहर शामली वापस आ गए हैं। लगभग एक दशक के बाद वे एक बार मिलते हैं और अपने जीवन को विराम देते हैं और अपनी स्मृति के माध्यम से उसी मस्ती भरे दिनों में वापस लौट आते हैं। सभी दोस्त चहल-पहल वाले शहर के इकलौते बाजार शामली चौक पर मिलते हैं।
मास्टरजी की दर्जी की दुकान, बृजेश की किताबों की दुकान और मंजू की साड़ी की दुकान के साथ अन्य आसपास के स्ट्रीट वेंडर। छोटी लेकिन घरेलू सड़कें उन्हें ऐसा महसूस कराती हैं कि उनका गृहनगर भी व्यस्त था (वास्तव में वे नहीं हैं)। पांचों दोस्त रात को अपने ‘हैंगआउट ज़ोन’ में बोलते हुए बिताते हैं जो वे चैटिंग, बात करने और शराब पीने वाले किशोरों के रूप में बनाया गया। जैसे-जैसे रात बढ़ती है, और अधिक कहानियां और यादें चमक में उनके पास वापस आ जाती हैं। वे सुंदर काका को याद करते हैं, स्थानीय ट्रेन सुरंग सुरक्षा और ड्रैगन और तेंदुए, उनके बेटे की उनकी कहानियां जिन्होंने स्थानीय रेलवे स्टेशन पर टीटीई बनने के अपने सपने को पूरा किया। लडकिया लड़कों को याद दिलाती हैं कि कैसे पूरे शहर ने लड़कियों के लिए खुशी मनाई उन्होंने लड़कों के खिलाफ ‘पिट्टू’ मैच में जीत हासिल की थी और पूरे शहर ने लड़कियों की जीत पर खुशियां मनाई थी।
खोई हुई भावनाएँ फिर से प्रज्वलित होती हैं, अनुत्तरित प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है और मित्रों की जो दुर्भाग्य से टूट गए थे फिर से जुड़े हुए हैं। वे सभी के साथ फिर से जुड़ते हैं अपने बचपन से स्थानीय लोग और अपने प्यार और सम्मान के मूल्य को समझते हैं, जड़ें इसलिए जरूरी है क्योंकि आप वहीं से हैं। श्रीक ऑफ सायलेंस बहुभाषी थियेटर संस्थान है जिसकी स्थापना 2012 में हुई है। संस्था ने पचहत्तर से अधिक नाटकों का मंचन, नुक्कड़ नाटक, डिनर थियेटर और इंटिमेट नाटक करके सृजनात्मक भूमिका निभा रहा है अंग्रेजी और हिंदी में हुए इस नाटक की अवधि 90 मिनट की है।
विषाद, मैदानों और पहाड़ियों के बीच का स्थान , 1990 के दशक से रोमांस , जीवन का सरल तरीका , बच्चों के लिए काल्पनिक कहानियाँ , संगीत में तीन मूल गीत और एक वाद्य यंत्र शामिल है , शामली के शांत शहर से , 90 के दशक की पुरानी यादें , शामली ये है शामली , ड्रैगन और तेंदुआ नृत्य (वाद्य) , संगीत लोक धुनों के साथ 90 के दशक के बॉलीवुड संगीत का मिश्रण बहुत ही रोचक रहा जो दर्शकों को अंत तक बांधे रहा । 55 कलाकारों , 15 चालक दल के सदस्यों ने बहुत ही सफलतापूर्वक अभिनय किया।
कॉन्सेप्ट हॉल में आयोजित इस नाटक को दर्शकों द्वारा वाहवाही मिली। मैनेजमेंट के पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष मिराज डी शाह ने रित्विका चौधरी और सुप्रभो टैगोर की टीम को शुभकामनाएँ दीं और विशेष रूप से प्रो दिलीप शाह को धन्यवाद दिया जिन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया और कॉलेज की ओर से सुविधाएं उपलब्ध कराई। नलिनी पारेख ने कॉलेज का स्मृतिचिह्न प्रदान कर उनका सम्मान किया ।डॉ वसुंधरा मिश्र ने कार्यक्रम की जानकारी दी ।

युवाओं के सपने भविष्य हैं : एड गुरु प्रह्लाद कक्कड़

कोलकाता । विज्ञापन जगत की चर्चित हस्ती प्रह्लाद कक्कड़ हाल ही में विज्ञापन और ब्रांडिंग पर मास्टरक्लास के लिए हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, कोलकाता पहुँचे । यह कार्यक्रम संस्थान के मीडिया साइंस विभाग द्वारा आयोजित हो रही विज्ञापन प्रतियोगिता एड अड्डा 2022 का कर्टेन रेजर था।
कक्कड़ का स्वागत हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ प्रदीप अग्रवाल, एचआईटीके के प्रिंसिपल प्रोफेसर बासब चौधरी, द हेरिटेज अकादमी के प्रिंसिपल प्रो. गौर बनर्जी एवं हेरिटेज अकादमी की मीडिया साइंस विभाग की डीन प्रो. मधुपा की उपस्थिति में किया गया। कक्कड़ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि विज्ञापन कल की बात है। यह भविष्य के बारे में है। एक विज्ञापनदाता के रूप में, किसी को यह समझने की आवश्यकता है कि भविष्य क्या है। श्री कक्कड़ ने कहा, “भविष्य युवाओं का सपना है कि वे खुद को, समाज और देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं।”
कुछ उत्कृष्ट उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक विज्ञापनदाता के रूप में, किसी को सपनों में समझकर एक ऐसी कहानी बनाने की आवश्यकता होती है जो आकर्षक हो और लक्षित दर्शकों द्वारा याद की जा सके। इसके अलावा, उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि एक कहानी केवल दर्शकों को एक उत्पाद खरीदने और इसे सफल बनाने के लिए मजबूर कर सकती है। अब से, एक विज्ञापनदाता के लिए यह आवश्यक है कि वह सम्मोहक कहानियाँ बनाए जो दर्शकों को खींच सके और यह तभी हो सकता है जब हम आज के युवाओं के सपनों की गहराई में जा सकें। मास्टरक्लास में राज्य भर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया, जैसे एडमस यूनिवर्सिटी, एमिटी यूनिवर्सिटी, ब्रेनवेयर यूनिवर्सिटी, एसएनयू और कई अन्य। हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ प्रदीप अग्रवाल ने सत्र को प्रभावपूर्ण बताया ।

एमसीसीआई एचआर कॉन्क्लेव 2022 सम्पन्न

कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा हाल ही में एमसीसीआई एचआर कॉन्क्लेव 2022 आयोजित किया गया । इस कन्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में बामर लॉरी एंड कम्पनी के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक अदिक रत्न शेखर ने आयोजित किया । उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में, 50 प्रतिशत कर्मचारियों को सक्रिय शिक्षा के माध्यम से फिर से कौशल की आवश्यकता होगी। भविष्य एआई, एओटी, रोबोटिक्स और बिग डेटा मैनेजमेंट नाम की तकनीक से संचालित होगा। इन तकनीकों को अपनाने के लिए, संगठन को अधिक लचीला और अनुकूलनीय होना चाहिए। संगठन को अस्तित्व में रहने और व्यवसाय में बने रहने के लिए परिवर्तन को अपनाने की आवश्यकता है। शेखर ने आगे कहा कि आगे चलकर लोगों से जुड़ाव महत्वपूर्ण होता जाएगा।  नेतृत्व को टीम से जुड़ने और बात पर चलने की जरूरत है।

एमसीसीआई की दिवासी मीट में एक्चेंसर के एम डी सप्तर्षि देव, पश्चिम बंगाल की सीपीएमजी जे. चारुकेसी, कौंसुलेट ऑफ ऑस्ट्रेलिया की सीजी रॉ़वेन एन्सवर्थ, राज्य के कृषिमंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय, नॉन कन्वेंशनल एवं रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज, मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक, डब्ल्यूबीआईआईडीसी बैंक के चेयरमैन राजीव सिन्हा, ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन के डिप्टी हाई कमश्निर निक लॉ, हावड़ा के पुलिस कमिश्नर प्रवीण त्रिपाठी, एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ललित बेरीवाला

वेसुवियस, साउथ एशिया के एच आर निदेशक राजीव चालना ने कहा कि 85 प्रतिशत कर्मचारी समय के साथ नहीं बदलते हैं, वे अगले 10 वर्षों तक कहीं नहीं रहेंगे इसलिए भविष्य के लिए सांगठनिक तैयारी की जरूरत है । उन्होंने सुझाव दिया कि नेताओं को गुणवत्ता उत्पादकता के साथ-साथ कर्मचारियों की व्यस्तता को बड़े पैमाने पर सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। किसी संगठन को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए, री-स्केलिंग और रीशेपिंग महत्वपूर्ण है।

स्पील्स एच आर वर्क्स के एम डी नदीम काजिम ने कहा कि संस्थान को भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए । एच आर को सतत् प्रगति पर जोर देना चाहिए । एवरेडी इंडस्ट्रीज इंडिया के सीएचआरओ संदीप बनर्जी ने संस्थानों को लचीला होने पर जोर देते हुए कहा कि आज कम्पनियाँ प्रतिभाओं को बेहतर भुगतान देने के लिए तैयार हैं । स्वागत भाषण एमसीसीआई की एग्रीकल्चर काउंसिल के चेयरमैन एवं कमेटी सदस्य सुरेश अग्रवाल ने दिया। कन्क्लेव में उद्योग जगत के विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।

 

 

 

पीसी चंद्रा ग्रुप का 9वां जहर लाल चंद्र मेरिट स्कॉलरशिप प्रोग्राम

कोलकाता । पी.सी. चंद्रा ग्रुप ने पश्चिम बंगाल के 23 जिलों के 51 माध्यमिक परीक्षा 2022 जिला टॉपर्स को छात्रवृत्ति प्रदान की । इस पहल के 9वें वर्ष को चिह्नित करते हुए, उनके जहर लाल चंद्र मेरिट स्कॉलरशिप प्रोग्राम के एक भाग के रूप में किया गया था। बंगाल से छात्रवृत्ति पाने वाले प्रत्येक मेधावी विद्यार्थी को 50 हजार रुपये दिये गये । बोस इंस्टीट्यूट के अदाकमिक परिसर के निदेशक प्रो. (डॉ.) उदय बंद्योपाध्याय निदेशक, आईआईईएसटी शिवपुर के निदेशक प्रो. (डॉ.) पार्थसारथी चक्रवर्ती, पी.सी. चंद्रा ग्रुप के प्रबन्ध निदेशक अरुण कुमार चंद्रा, पी. सी. चंद्रा ज्वेलर्स के प्रबन्ध निदेशक उदय कुमार चंद्रा, प्रबंध निदेशक इस अवसर पर उपस्थित थे। वर्ष 2014 में समूह के 75वें स्थापना दिवस पर पहले छात्रवृत्ति समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उपस्थित थीं। छात्रवृत्ति का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर शिक्षा का प्रसार करना है। इस अवसर पर पी.सी. चन्द्रा ज्वेलर्स के प्रबन्ध निदेशक उदय कुमार चन्द्रा ने कहा कि छात्रवृत्ति पीसी चंद्रा समूह के सह-संस्थापक श्री जहर लाल चंद्रा की स्मृति में है। जहर लाल चंद्र मेरिट स्कॉलरशिप शिक्षा को प्रोत्साहित करने और छात्रों को उनकी शैक्षणिक और करियर की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करने के लिए प्रेरणा और पहचान प्रदान करने का हमारा तरीका है। समूह को लगता है कि हमारी ओर से यह विनम्र योगदान पश्चिम बंगाल राज्य के हजारों छात्रों को अपनी पढ़ाई और अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करेगा। हम आशा करते हैं कि इससे उनके भविष्य के प्रयासों में बड़ा अंतर आएगा और उन्हें जीवन में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।”

आदिवासी बधिर विद्यार्थियों को शैक्षणिक सहायता देगा कोटक महिन्द्रा बैंक

महाराष्ट्र के प्रगति प्रतिष्ठान के साथ मिलकर देगा सहायता
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने किया लिए पुनर्निर्मित नीलेश लक्ष्मण मुर्देश्वर स्कूल का उद्घाटन

कोलकाता । कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (“केएमबीएल” / “कोटक”) आदिवासी समुदायों के बधिर बच्चों की विशेष शिक्षा को सहयोग देने के लिए प्रगति प्रतिष्ठान के साथ आया है । शिक्षा और आजीविका पर केएमबीएल के सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत, महाराष्ट्र के पालघर जिले के जौहर में बधिरों के लिए निलेश लक्ष्मण मुर्देश्वर स्कूल का नवीनीकरण करने के लिए इसने प्रगति प्रतिष्ठान को सीएसआर फंड दिया है। संस्था की स्वर्ण जयंती के अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी नेगत 10 नवंबर को स्कूल परिसर में जीर्णोद्धार किए गए नीलेश लक्ष्मण मुर्देश्वर स्कूल का उद्घाटन किया और संस्था के संस्थापक दि. वसंतराव पटवर्धन की प्रतिमा का अनावरण किया। उद्घाटन कार्यक्रम में पीडब्ल्यूडी, खाद्य और नागरिक आपूर्ति के कैबिनेट मंत्री और महाराष्ट्र राज्य सरकार के ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री रवींद्र चव्हाण ने भाग लिया। समारोह में पालघर के जिला कलेक्टर गोविंद बोडके, जिला पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल, विधायक श्रीनिवास वांगा, प्रगति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष पुरुषोत्तम अगवन, प्रगति प्रतिष्ठान की सुनंदा ताई पटवर्धन कोटक महिंद्रा बैंक के कर्मचारी – शेनोज थॉमस, परीक्षित मासराम और गजेंद्र दीक्षित उपस्थित थे।
श्रवण बाधितों के लिए वीनीलेश लक्ष्मण मुर्देश्वर स्कूल 1985 में शुरू किया गया था, इस दृष्टि से कि आदिवासी समुदायों के श्रवण-बाधित बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह शिक्षा प्राप्त करें और जीवन में सफल हों। आवासीय विद्यालय छात्रों में स्वतंत्रता और आत्मविश्वास का पोषण करता है। कुशल शिक्षकों से लैस, यह भाषण में सुधार लाने और भाषा और वक्तृत्व कौशल में समग्र सुधार लाने के लिए डिजिटल श्रवण यंत्र प्रदान करता है और चिकित्सा मार्गदर्शन और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं भी प्रदान करता है।
कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के ज्वाइंट प्रेसिडेंट और ग्रुप चीफ सीएसआर ऑफिसर रोहित राव ने कहा, “ सीएसआर ने जवाहर स्थित बधिर बच्चों के लिए नीलेश लक्ष्मण मुर्देश्वर स्कूल के नवीनीकरण के लिए वित्त पोषित किया है, जिससे 300 से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे। प्रगति प्रतिष्ठान की ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष डॉ. अनुजा पुरंदरे ने कहा, ”प्रगति प्रतिष्ठान महाराष्ट्र के पालघर जिले के जवाहर ब्लॉक के आदिवासी समुदायों के सामूहिक एकीकृत विकास पर केंद्रित है। आदिवासी समुदायों के बधिर बच्चों के लिए विशेष शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करने के हमारे प्रयास में हमारे सीएसआर सहयोगी के रूप में कोटक महिंद्रा बैंक को पाकर हम खुश हैं। कोटक कर्मा, कोटक महिंद्रा समूह की कंपनियों की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहचान है।

 


 

कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड लाया सिल्वर ईटीएफ

21 नवम्बर को खुलेगा एनएफओ और 5 दिसम्बर को बंद होगा

कोलकाता । कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड( केएमएएमसी) ने आज अपने ओपन-एंडेड सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के लॉन्च की घोषणा की, जो निवेशकों को कई प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में प्रचलित आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक जोखिमों के खिलाफ बचाव का अवसर प्रदान करेगा। .
न्यू फंड ऑफरिंग (एनएफओ) सभी निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए 21 नवंबर, 2022 को खुलेगा और 5 दिसंबर, 2022 को बंद होगा। निवेशकों के लिए कोई भार नहीं होगा।
कोटक सिल्वर ईटीएफ का उद्देश्य ट्रैकिंग त्रुटि के अधीन घरेलू कीमतों में भौतिक चांदी के प्रदर्शन के अनुरूप रिटर्न उत्पन्न करना है। योजना चांदी से संबंधित उपकरणों में भी भाग ले सकती है। एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव्स (ईटीसीडीएस) जिसमें चांदी अंतर्निहित है, को सिल्वर ईटीएफ के लिए चांदी से संबंधित साधन माना जाएगा। हालाँकि, इस बात का कोई आश्वासन या गारंटी नहीं है कि योजना का निवेश उद्देश्य प्राप्त हो जाएगा। निधि की इकाइयां सृजन इकाई आकार या उसके गुणकों के रूप में होंगी। प्रत्येक निर्माण इकाई में कोटक सिल्वर ईटीएफ की 30,000 इकाइयां शामिल हैं। प्रत्येक इकाई लगभग 1 ग्राम चांदी के बराबर होती है।
सिल्वर ईटीएफ में निवेश करना उसके भौतिक रूप में खरीदने की तुलना में आसान और सुरक्षित है, आसान तरलता प्रदान करता है और छोटी मात्रा में निवेश करने का लचीलापन प्रदान करता है। इसके अलावा, यह भौतिक चांदी की तुलना में कम लेनदेन लागत प्रदान करता है जबकि धातु के बाजार के बराबर मूल्य प्रदान करता है।
विश्व रजत सर्वेक्षण 2022 के अनुसार, महामारी के बाद, औद्योगिक गतिविधियों में तेजी और धातु के लिए खुदरा निवेशकों की भूख में वृद्धि के कारण चांदी की मांग आपूर्ति से अधिक हो गई है। 2021 में, सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड उत्पादों में रिकॉर्ड प्रवाह हुआ। उम्मीद की किरण यह है कि इस धातु ने 5 साल की अवधि में 43 प्रतिशत का पूर्ण प्रतिफल दिया है। हालाँकि, पिछला प्रदर्शन भविष्य में कायम रह भी सकता है और नहीं भी।
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के ग्रुप प्रेसिडेंट और प्रबंध निदेशक नीलेश शाह ने कहा, “हमारा सिल्वर ईटीएफ लॉन्च विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों को आसान और कुशल पहुंच प्रदान करने के हमारे निरंतर प्रयास के अनुरूप है। यह चांदी को एक संपत्ति के रूप में सुविधाजनक पहुंच प्रदान करेगा जो न केवल एक कीमती धातु है बल्कि इसके कई औद्योगिक उपयोग भी हैं। वर्ष की शुरुआत से ही चांदी की कीमतों में समेकन उन लोगों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करता है जो विविधीकरण के लिए इस संपत्ति में कुछ पैसा आवंटित करना चाहते हैं।

बच्चों को एक सच्ची दुनिया दीजिए…भ्रमों का मायाजाल नहीं

नवम्बर का महीना…मतलब बच्चों के नाम का एक दिन..। एक दिन…दरअसल बच्चों के नाम तो पूरी दुनिया होनी चाहिए मगर ऐसा होता कहाँ है । बच्चों की दुनिया पर तो बड़ों ने कब्जा जमा रखा है। आज सारा देश बाल दिवस मना रहा है। कविताएं. कहानियाँ, कार्यक्रम…उद्घाटन मगर सच हम भी जानते हैं कि हम बच्चों की दुनिया को भी अपनी नजर से देखना चाहते हैं, देखते हैं और उनके सपनों पर भी हम अपने अधूरे सपनों को लादते रहते हैं। हम जो करना चाहते थे नहीं कर पाए इसलिए हम जो नहीं कर पाए, वह अब हमारा बच्चा करेगा। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या चाहते हैं, उनके सपने क्या हैं। भारत में तो विरोधाभास वाली स्थिति है…सुरक्षा और संरक्षण के नाम पर माता – पिता, खासकर माताएं अपने बच्चों, खासकर बेटों को न तो बड़ा होने नहीं देती हैं और न ही आत्मनिर्भर होने देती हैं। एक पुरुष कभी भी आत्मनिर्भर नहीं हो पाता । हालांकि आज स्थिति बहुत बदल गयी है मगर भारत का एक बड़ा हिस्सा वह है जहाँ पुरुषों के लिए घर के काम वर्जित माने जाते हैं और गलती से उसने खुद किया या किसी ने करवा लिया तो अच्छा -खासा हंगामा खड़ा किया जाता है। आप नहीं जानतीं हैं कि ममा बॉय बनाकर आप या बाबू शोना बनाकर आप प्यार के नाम पर उसके जीवन में जहर घोल रही हैं क्योंकि आपके कारण न तो वह बड़ा होगा और न तो यथार्थ में कदम रखना चाहेगा। लड़कों को बाँटना नहीं सिखाया जाता और बहनों के साथ तो और भी नहीं। आज बाल दिवस पर उस भेदभाव की याद दिलानी जरूरी है जो बचपन से ही खुद माता – पिता करते आ रहे हैं और जब तक आप ऐसा कर रहे हैं, समाज में वैमनस्य का भाव खुद भर रहे हैं इसलिए जरूरी है कि बच्चों को बच्चों की तरह रहने दें। बच्चों पर अपनी महत्वाकांक्षाओं का बोझ मत लादिए…उनको एक सच्ची दुनिया दीजिए…मायाजाल नहीं ।