कोलकाता । सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल में हाल ही में मैजिकल मार्च 3.0 आयोजित किया गया । इसके तहत नर्सरी से पाँचवीं कक्षा की छात्राओं के लिए कई कार्यशालाएं आयोजित की गयीं । सबसे पहले मस्क्यूरेड नामक दो दिवसीय कला कार्यशाला आयोजित की गयी । बच्चों ने चेरियल मास्क बनाना सीखा और रंगारंग कलाकृतियाँ बनायीं । इसके बाद पाँचवीं कक्षा की छात्राओं के लिए नोट्स एंड रिदम् नाम संगीत सम्बन्धित कार्यशाला आयोजित की गयी जिसमें कौस्तुभ बनर्जी ने एकापेला सिखाया और बच्चों ने बगैर किसी वाद्य यंत्र के गीत गाने का आनन्द लिया । रेशमी बोस ने रंगमंच से सम्बन्धित प्रशिक्षण तीसरी कक्षा की छात्राओं को थियरेटिक्स नामक कार्यशाला में दिया जबकि जिमनास्ट अनामिका चौधरी ने रिदमिक योग में दूसरी, चौथी एवं पाँचवीं कक्षा की छात्राओं उनकी सुरक्षा के गुर सिखाए । क्राफ्टी क्ले कार्यशाला में पहली कक्षा की छात्राओं ने मिट्टी से कई चीजें बनानी सीखीं । नर्सरी एवं केजी की छात्राओं के लिए किडी जुम्बा भी आयोजित किया गया ।
गरीब बच्चों पर खर्च होगी “मदर टेरेसा एंड मी” की कमाई
कोलकाता में लांच हुआ फिल्म का ट्रेलर
कोलकाता । फिल्म “मदर टेरेसा एंड मी” तीन असाधारण महिलाओं की एक शक्तिशाली कहानी है, जिनका जीवन आशा, करुणा और प्रेम से जुड़ा हुआ है। गुरुवार को इसके स्टारकास्ट जैकलीन फ्रित्ची-कॉर्नाज़, दीप्ति नवल, देबाश्री चक्रवर्ती और निर्देशक कमल मुसाले ने कोलकाता में फिल्म का ट्रेलर किया लॉन्च। फिल्म की बेहतरीन कहानी को लेकर दर्शक काफी दिनों से बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे है।
यह फिल्म भारत में मदर टेरेसा के प्रारंभिक वर्षों (1940 के दशक के मध्य से) की समाज सेवामूलक कार्यों की कहानी बताती है, इसमें दिखाया गया है कि वह कैसे गरीबों, बीमारों और जरूरतमंदों की मदद करने कले हमेशा जुटी रहती थी। इस फिल्म में भारतीय मूल की एक ब्रिटिश युवा लड़की कविता की कहानी भी बताई गई है, जो कुछ प्रमुख सवालों के जवाब की तलाश में भारत की यात्रा करती है। देशभर के सिनेमाघरों में यह फिल्म जल्द अंग्रेजी और हिंदी भाषा में रिलीज होगी। ‘कैरी वेस्टर्न’ और ‘मिलियंस कैन वॉक’ जैसी सुपरहिट फिल्मों के निर्देशक स्विस/भारतीय कमल मुसाले ने अपनी इस नई फिल्म में कहानी का निर्देशन किया है।
इस फिल्म के कलाकारों में बनिता संधू पंजाबी मूल की एक ब्रिटिश अभिनेत्री हैं। जिन्होंने 11 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था। अपने चरित्र ‘कविता’ के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हममें कई मायनों में इस फिल्म के चरित्र के साथ बहुत समानता हैं। वह एक युवा लड़की है जो अपने जीवन को पहचान और समझ रही है।
फिल्म में मदर टेरेसा की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री जैकलिन फित्ची-कॉर्नज ने इस फिल्म को कमल मुसाले, रिचर्ड फ्रित्ची और थिएरी कैगियानट के साथ सह-निर्मित किया। यह विशेष रूप से इस मायने में काफी अहम है कि है कि इस फिल्म को पूरी तरह से चैरिटी के लिए बनाया गया है। इस फिल्म से होनेवाले सारे मुनाफे को गरीब बच्चों को दिया जाएगा, जिससे उन्हें स्वास्थ्य, सेवा और शिक्षा अर्जित करने ने मदद मिलेगी
फिल्म में बेहतरीन अभिनय का छाप छोड़ने वाली दीप्ती नवल एक अमेरिकी भारतीय अभिनेत्री हैं। जिन्होंने 1980 में अभिनय की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने अपना पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। तब से अब तक वह 90 से अधिक फिल्मों में अभिनय का जलवा बिखेर चुकी हैं। दीप्ति का प्रमुख योगदान कला सिनेमा के क्षेत्र में रहा है, जहां उन्हें भारत में महिलाओं की बदलती भूमिका को उजागर करने वाले उनके संवेदनशील और वास्तविक जीवन के चरित्रों के लिए आलोचनात्मक प्रशंसा मिली है।
कमल मुसाले, एक स्विस-भारतीय फिल्म निर्माता हैं, जिन्होंने इंग्लैंड में राष्ट्रीय फिल्म और टेलीविजन स्कूल से फिल्म निर्देशन और पटकथा लेखन में स्नातक करने के बाद, फिल्म निर्माता ने 30 से अधिक फिल्में बनाईं। जिनमें फीचर, वृत्तचित्र और कला फिल्में शामिल हैं। जो कान्स (द थ्री सोल्जर्स) और लोकार्नो (एलाइन, रेसलेट करी) जैसे प्रतिष्ठित उत्सवों में दिखाए गए हैं, और कई पुरस्कार जीते हैं।
कमल मुसले द्वारा निर्देशित और लिखित और करी वेस्टर्न मूवीज (प्राइवेट लिमिटेड), लेस फिल्म्स डू लोटस (एसएआरएल) और कविता टेरेसा फिल्म (लिमिटेड) के बैनर तले निर्मित इस फिल्म में बनिता संधू, जैकलीन फ्रिट्ची-कॉर्नाज़ और दीप्ति नवल प्रमुख भूमिकाओं में दिखेंगी।
इसके अलावा फिल्म में विक्रम कोचर, ब्रायन लॉरेंस, हीर कौर, केविन मेन्स, लीना बैश्य, शोबू कपूर, माही अली खान, फेथ नाइट और जैक गॉर्डन प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगी।
फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में महिलाएं हैं, जिनमे कीको नखरा (डीओपी), रेखा मुसले (प्रोडक्शन डिज़ाइनर) और लाइन प्रोड्यूसर नूपुर कजबजे बत्तिन प्रमुख हैं। फिल्म में संगीत पीटर स्केयर, एनिक रोडी, वाल्टर मैयर और लॉरेंस क्रेवोइसियर ने दिया है। सिनेपोलिस और पेन मरुधर की ओर से आगामी 5 मई 2023 को पूरे देश में “मदर टेरेसा एंड मी” फिल्म को रिलीज करने जा रही है।
भवानीपुर कॉलेज लाइब्रेरी में कहानी कला पर चर्चा
कोलकाता । गत 19 अप्रैल 2023 को, कॉलेज के एक समूह, वोक्स पोपुली ने भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज पुस्तकालय के समूह वोक्स पोपुली द्वारा कहानी सुनाने के सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र के पीछे का विचार इंटरैक्टिव गेम में शामिल होने के दौरान छात्रों के बीच कहानी कहने की कला विकसित करनी थी। सत्र की शुरुआत छात्र मामलों के डीन प्रो दिलीप शाह ने प्रोफेसर चंपा श्रीनिवासन की लिखित पुस्तक ‘जार ऑफ मार्बल्स’ पर शुभकामनाएं देते हुए लेखिका का परिचय देते हुए कहा कि चंपा श्रीनिवासन जादवपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ एक पेशेवर लेखिका हैं और भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज में प्रोफेसर भी हैं।19 अप्रैल 2023 को यह कार्यक्रम 11 बजे से हुआ।
प्रो श्रीनवासन ने छात्रों को कहानी सुनाने के विचार से परिचित कराया और बताया कि कैसे हमारे चारों तरफ एक कहानी होती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने आस-पास की चीजों को सुनकर अपने कहानी कहने के कौशल को विकसित करें, भले ही यह सिर्फ कान से सुनना हो। वह अपने वक्तव्य के दौरान विद्यार्थियों को अपने कॉलेज के दिनों में वापस ले गईं, जहांँ जब भी वह फ्री होतीं तो खुद के साथ बातचीत करतीं, अपनी बालकनी में खड़े होकर प्रकृति को अपने सामने प्रकट होते देखतीं। इससे उन्हें अपने विचारों को विकसित करने और उन्हें आगे रखने की प्रेरणा मिली। जल्द ही प्रो शाह ने छात्रों में कहानी कहने का विचार पैदा करने के लिए उन्हें एक कहानी सुनाई। श्रोताओं की नम आँखों से प्रो. शाह ने अपने कॉलेज के दिनों से ही विद्यार्थियों को अपनी कहानी से जोड़ा। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि छात्रों ने पुस्तकालय के महत्व और बड़े पैमाने पर जीवन के लिए मौखिक कौशल विकसित करने के कई तरीके सीखे।
इसके बाद छात्रों को वीव ए स्टोरी नामक खेल में भाग लेने के लिए एक बॉक्स से चिटें लेने को कहा गया, जहांँ प्रत्येक चिट में एक शब्द का उल्लेख था, जिसके चारों ओर उन्हें एक तत्काल कहानी विकसित करके सुनानी थी। कहानी कहने की विभिन्न विधाएँ सामने आईं क्योंकि छात्रों ने वैकल्पिक वास्तविकताओं से प्रेरणादायक, डरावनी और कहानियों को सुनाया, जिसमें कल्पना के साथ अपने स्वयं के अनुभव शामिल थे। यह एक रोमांचकारी दोपहर थी जिसमें कहानी कहने के माध्यम से विद्यार्थी एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। अंत में, प्रो. शाह और प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों की भागीदारी के लिए उनकी सराहना की। कहानी सुनाने के खेल के लिए दो विद्यार्थी राहुल कुमार यादव और आकाश रॉय विजेता रहे। प्रो चंपा श्रीनिवासन और प्रो दिलीप शाह, इस तरह के सीखने के अनुभव का स्वागत किया। जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।
साॅल्टलेक शिक्षा निकेतन स्कूल का 19वां स्थापना दिवस समारोह सम्पन्न
कोलकाता । शिक्षा केवल बड़े स्तर की नौकरी पाने के लिए अर्जित नहीं की जाती बल्कि शिक्षा आजीवन सीखने की वह प्रक्रिया है, जो हमारे छात्रों को देश में नैतिक और ईमानदार नागरिक बनाने और मार्गदर्शन करने के लिए उनमें नैतिक मूल्यों की समझ पैदा करती है। इसी सन्देश के साथ साॅल्टलेक के सेक्टर फाइव में स्थित साॅल्टलेक शिक्षा निकेतन स्कूल की ओर से स्कूल ऑडिटोरियम में बेहद भव्य तरीके से अपना 19वां स्थापना दिवस मनाया गया। समारोह का उद्घाटन डॉ. सुभाष सरकार (शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार), ललित बेरीवाला, जी एस खजांची, भंवरलाल जाजोदिया, वीके गोयल, आरसी सिंघल, संजय अग्रवाल, नूपुर दत्ता और कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इस मौके पर शामिल थे।
इस आयोजन में चारों के बीच जी-20 की थीम पर विशेष जोर दिया गया था, जिसे लेकर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और सीबीएसई ने एक विश्व, एक परिवार का संदेश फैलाने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। सीबीएसई बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार का मानना है कि जी 20 स्कूल जाने वाले बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य, इसकी गतिशीलता और इसमें भारत की स्थिति को समझने में सक्षम बनाएगा। केंद्र सरकार के इस पहल की सराहना करते हुए साल्टलेक शिक्षा निकेतन ने स्वदेशी ओडिसी और रूसी बैले का फ्यूज़न पेश करने की योजना बनाई थी। टैगोर के छंद नाटक पुजारिनी (पूजा करने वाले), “नवरस”, नौ मानवीय भावनाओं का चित्रण और शेक्सपियर के “सेवेन एज ऑफ मैन” ने हमारे छात्रों के समग्र विकास के विषय को चुना जायेगा।
इस अवसर पर सॉल्टलेक शिक्षा निकेतन की प्रिंसिपल नूपुर दत्ता ने कहा, ‘एक सूत्रधार के रूप में, मैंने हमेशा नेल्सन मंडेला के शब्दों पर विश्वास किया है- शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य हमारी आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर और सुंदर दुनिया बनाने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करना है।
एसबी पार्क सार्वजनिन में बांग्ला नववर्ष पर खूंटी पूजा के साथ दुर्गापूजा आरम्भ
कोलकाता । महानगर के ठाकुरपुकुर में स्थित स्टेट बैंक पार्क (एसबी पार्क) में इस साल दुर्गापूजा की तैयारी शुरू करने के लिए कमेटी के सदस्यों ने पोईला बैशाख का दिन चुना। इस शुभ अवसर पर गत शनिवार को एसबी पार्क सार्वजनिन ने खूंटी पूजा विधिवत तरीके से संपन्न कर दुर्गापूजा के रस्म की शुरुआत की। महानगर के बड़े दुर्गापूजा मंडप की श्रेणी में एसबी पार्क सार्वजनिन ने अपनी नवीन अवधारणा और उत्सव शैली के लिए शहर की आकर्षक पूजा में अपना अलग स्थान बनाए रखा है। खूंटी पूजा के बाद एनआईपी एनजीओ के नेत्रहीन और विकलांग छात्रों की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम में रंगारंग प्रस्तुति पेश की गयी । इस अवसर पर समाज की विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों में सांसद माला रॉय (संसद सदस्य), राज्य के परिवहन मंत्र दिलीप मंडल, मूर्तिकार बिमल कुंडू , चित्रकार सुब्रत गंगोपाध्याय , अभिनेत्री नबनिता दत्ता, माया आर्ट स्पेस की प्रमुख मधुचंदा सेन के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्ती मौजूद थे।
पोहेला बैशाख उत्सव के बीच एसबी पार्क सार्वजनिन ने दुर्गापूजा की तैयारियों की शुरुआत की। जिसमें ढाकियो के साथ समाज के प्रसिद्ध हस्ती मौजूद थे। एसबी पार्क सार्वजनिन अपने 53वें वर्ष को काफी अधिक भव्यता और रचनात्मकता के साथ मनाने के लिए गर्वित महसूस कर रहा है। इस मौके पर संवाददाताओं से बात करते हुए क्लब के अध्यक्ष श्री संजय मजुमदार ने कहा, “वर्षों से दुर्गापूजा उत्सव को हर वर्ष भव्य और सुनियोजित तरीके से मनाने के लिए हर वर्ष हमें विभिन्न क्षेत्रों से कई पुरस्कार प्राप्त होते हैं। एसबी पार्क सार्वजनिन की पूरी टीम इस वर्ष भी दुर्गापूजा के आयोजन के लिए एक बार फिर पूरी तरह से तैयार है। गत वर्ष पूजा में हमारे मंडप में हर दिन लाखों लोगों की भीड़ जुटी रहती थी। इस वर्ष हमारे थीम पूजा के विषय में जानने के लिए लोगों को थोड़ा प्रतीक्षा करना होगा। हमें विश्वास है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विशेष थीम पर बनने वाले हमारा पूजा मंडप लोगों को बेहद पसंद आयेगा।
‘माया’ के कलाकारों, क्रू मेंबर्स, गायकों और संगीतकारों की मौजूदगी में फिल्म का संगीत लॉन्च
कोलकाता । राजर्षि दे की अगली टॉलीवुड फिल्म ‘माया’ मैकबेथ से अनुकूलित एक फिल्म है, जो लालच, महत्वाकांक्षा, पाप और भ्रष्टाचार से जुड़े विषयों को लेकर बनायी गयी है। इस फिल्म में मुख्य कलाकार अपने किरदारों में कैसे इस फिल्म के जरिए यह संदेश देने की कोशिश किए हैं कि, कैसे महत्वाकांक्षा, लालच, हृदयहीनता के खिलाफ पूर्ण शक्ति का प्रदर्शन करके इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जाती है। बांग्ला सिनेमा में विलियम शेक्सपियर द्वारा मैकबेथ का अब तक का यह पहला रूपांतरण है। फिल्म का आधिकारिक म्यूजिक लॉन्च कोलकाता में फिल्म के कलाकारों, क्रू मेंबर्स, फिल्म के गायकों और संगीतकारों की मौजूदगी में किया गया।
डीएसआर एंटरटेनमेंट हाउस द्वारा प्रस्तुत और देबदास बनर्जी और रोहित बनर्जी द्वारा निर्मित इस फिल्म में बंगाल के 19 शीर्ष कलाकार अपनी प्रतिभा को अभिनय के जरिए दर्शकों के सामने लाने की कोशिश किए हैं। जिनमें बांग्लादेश के सुपर स्टार राफिथ राशिद मिथिला भी अभिनय करते दिखेंगी। यह भारत में उनकी पहली फिल्म है। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्रीजीत मुखर्जी की पत्नी के रूप में भी जानी जाती है। इसके पहले धमाल मचाने वाली फिल्म ‘आबार कंचनजंघा’ की भारी सफलता के बाद राजर्षि दे द्वारा निर्देशित यह उनकी अगली फिल्म है। यह फिल्म महिला सशक्तिकरण के नजरिए को लेकर बनाया गया है।
इस फिल्म में स्टार कास्ट रफीथ राशिद मिथिला, तनुश्री चक्रवर्ती, ऋचा शर्मा, कोनीनिका बनर्जी, सुदीप्त चक्रवर्ती, रानीता दास, रतश्री दत्ता, देवलीना कुमार, सुदीप्त बनर्जी, सयंतनी गुहाकूटा, कमलेश्वर मुखर्जी, गौरव चक्रवर्ती, गौरव चटर्जी, राहुल, अरुणोदुय बनर्जी, अनिंद्य चटर्जी, इशान मजूमदार, रोहित बनर्जी, आशिम रॉय चौधरी और कान सिंह सोढा ने प्रमुख भूमिका निभाया है।
इस फिल्म में का म्यूजिक कंपोज रनाजय भट्टाचार्य द्वारा रचित है, फिल्म के गीतों को रूपंकर, सोमलता और उजान द्वारा गाया गया है। यह सुपरहिट फिल्म इस समर को रिलीज हो रही है। फिल्म का एक्सक्लूसिव म्यूजिक सारेगामा पर उपलब्ध है।
भवानीपुर कॉलेज की उमंग 23 की टीम पहुँची हिमाचल प्रदेश
कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने गत 11 अप्रैल, 2023 से 18 अप्रैल, 2023 तक 38 छात्रों के साथ 3 संकायों के साथ शिमला-मनाली-कसोल में भ्रमण का आयोजन किया। उमंग 2022 की सफलता का जश्न मनाने के लिए छात्रों ने इस यात्रा की शुरुआत की, कोलकाता से अंबाला तक की ट्रेन यात्रा मस्ती और मस्ती से भरी हुई थी। पहला दिन कुफरी और शिमला के माल रोड की खोज में बिताया गया था। छात्रों ने हिमाचल प्रदेश की सर्द पहाड़ी हवा का आनंद लिया, उनका अभिवादन करते हुए जब वे रात के लिए शिमला में रुके थे। अगले दिन छात्रों को राफ्टिंग के एक रोमांचक सत्र के लिए ब्यास नदी पर ले जाया गया। शिमला से राफ्टिंग के शुरुआती बिंदु तक ड्राइव, जिसे बबेली कहा जाता है, मनाली के आश्चर्यजनक परिदृश्य और सुखद वर्षा के साथ मिश्रित था। छात्रों ने यात्रा का आनंद लिया क्योंकि वे अपनी यात्रा के पहले साहसिक खेल की प्रतीक्षा कर रहे थे। ब्यास नदी के 9 किमी लंबे हिस्से में राफ्टिंग और उसके ठंडे पानी से दिन भर की ड्राइव से एक ताज़ा राहत मिली। जैसे ही छात्र पानी में तैरे और सर्फिंग करने लगे, उन्होंने इस साहसिक खेल के हर बिट का आनंद लिया। दूसरी रात मनाली में रात बिताने के साथ समाप्त हुई।
तीसरे दिन अधिक साहसिक खेल हिमाचल प्रदेश में लाहौल घाटी के लिए सुबह की ड्राइव के साथ किया गया जिसका छात्र इंतजार कर रहे थे। रास्ते में छात्रों ने लैंडमार्क अटल टनल को पार किया, जो भारत की सबसे ऊंची सुरंग है, जिसकी लंबाई 9.2 किलोमीटर है। सुरंग के उस पार लाहौल घाटी के आश्चर्यजनक परिदृश्य अगले 4 घंटों के लिए छात्रों के लिए थे। छात्रों ने बर्फ पर स्कीइंग और ट्यूबिंग खेल का आनंद लिया और अपने आसपास के पर्वतों के बीच रोमांचित अनुभव किए । लाहौल से छात्रों को तीसरे साहसिक खेल, सोलंग घाटी में 1200 मीटर की जिप लाइन के लिए ले जाया गया। सफेद फूलों वाले सेब के बागों और बर्फ से ढकी चोटियों के शानदार दृश्य पेश करते हुए, जिपलाइन छात्रों के लिए एक इलाज था। बर्फ पर दिन भर की गतिविधियों के बाद छात्रों को मनाली के माल रोड का पता लगाने का समय दिया गया। मॉल रोड से, वे रात के खाने और रात भर रहने के लिए होटल गए।
चौथे दिन छात्रों को पैकअप करके कसोल घाटी के लिए रवाना होना था, जिसके रास्ते में वे मणिकरण गुरुद्वारा में रुके। मंदिर परिसर जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से भरा हुआ था, और छात्रों को भी 1829 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस मंदिर में अपनी प्रार्थना करने का अवसर मिला। इसके बाद छात्रों को कसोल के एक कैंपसाइट में ले जाया गया जहां हर तरफ घाटी के नज़ारों के साथ उनका स्वागत किया गया। पार्वती नदी के शांत दृश्यों के बीच, अलाव के साथ शिविर लगाने के विचार से छात्र रोमांचित हो गए। .उन्होंने दोपहर नदी और उसके ध्यानपूर्ण शांति के साथ बिताई और शाम को सिद्दू सहित संगीत, नृत्य और स्थानीय व्यंजनों के साथ अलाव द्वारा बिताया गया; हिमाचल प्रदेश में इस 4 दिवसीय भ्रमण के अंत को चिह्नित करते हुए। छात्र अगली सुबह दिल्ली लौट आए और नई दिल्ली से सियालदह तक की यात्रा का समापन ताजा पहाड़ की यादों और पहाड़ों से ले जाने के रूप में एक सुनहरी धूप को देखते हुए किया।इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।
भवानीपुर कॉलेज के एनसीसी कैडटों को मिला राज्यपाल पदक 2023
कोलकाता । राष्ट्रीय कैडेट कोर सबसे बड़ा स्वैच्छिक युवा केंद्रित संगठन है जिसका उद्देश्य है देश के भविष्य को ऊपर उठाना और हमारे युवाओं को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करना और प्रोत्साहित करना। व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण, विकास के लिए सामाजिक सेवाओं में उनकी भागीदारी, नेतृत्व कौशल और उनकी समग्र क्षमता को बढ़ाना ही एनसीसी के महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं। शिविरों में असाधारण प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को पुरस्कृत कर आज के युवाओं की प्रतिभा और प्रतियोगिताओं, अपने संबंधित संस्थानों, इकाइयों, निदेशालयों और के बैनरों के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर देश के युवा कैडेट को प्रोत्साहित किया जाता है। । राज्यपाल का पदक सबसे प्रतिष्ठित और प्रतिस्पर्धा में से एक है जिसे राजभवन में राज्यपाल द्वारा दिया गया।
इस अवसर पर भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के एनसीसी एनसीसी पदक प्राप्तकर्ताओं को गत 11 अप्रैल, 2023 को राजभवन, कोलकाता में सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने की । उनका स्वागत अतिरिक्त महानिदेशक, पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय एनसीसी डब्ल्यूबीएस निदेशालय मेजर जनरल यू.एस. सेनगुप्ता ने किया। छह समूहों के कैडेट और अधिकारी, वायु के साथ कमोडोर एन.एस. रॉय (निदेशक डब्ल्यूबी एंड एस निदेशालय), कमोडोर समीर चौधरी (समूह कमांडर कोलकाता – सी एनसीसी ग्रुप), ब्रिगेडियर जयदेव यादव (ग्रुप कमांडर दार्जिलिंग और सिक्किम एनसीसी समूह के साथ-साथ श्री मनीष जैन, सचिव, उच्च विभाग शिक्षा, पश्चिम बंगाल सरकार आदि के गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। जैसे ही समारोह शुरू हुआ, राजभवन के मार्बल हॉल में राष्ट्रगान गूँज उठा। कैडेटों और अधिकारियों के रूप में भवन को दिन के लिए समान रूप से तैयार किया गया। मेजर जनरल यू.एस. सेनगुप्ता ने बधाई दी स्वागत भाषण के साथ सभा के बाद प्राप्तकर्ता कैडेटों का राज्यपाल का पदक प्रदान कर अभिनंदन किया गया।
एनसीसी कोलकाता बी ग्रुप के आठ में से तीन कैडेट जिन्हें सम्मानित किया गया। भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज, कोलकाता: सीएसयूओ राज तिवारी और सीयूओ अंजलि कुमारी, नंबर वन (पश्चिम बंगाल)एअर स्वड्रान एनसीसी , जिसने प्रधानमंत्री की रैली में मार्च किया और भाग लिया शिविर के दौरान कई अन्य प्रतियोगिताएं, डब्ल्यूबी एंड एस निदेशालय का प्रतिनिधित्व करते हुए गणतंत्र दिवस, दिल्ली 2022। एसयूओ सुभदीप साहा चौधरी, 31 बंगाल बटालियन एनसीसी, सीएसयू आदित्य राज (यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम, सिंगापुर 2018) के बाद दूसरा कैडेट है ।
यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम, बांग्लादेश में भारतीय युवा राजदूत के रूप में प्रतिनिधित्व किया 2022 में । इन कैडेटों ने न केवल अपने एनसीसी शिविरों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, बल्कि इसके अलावा वे सक्रिय रक्त दाताओं में हैं और व्यापक रूप से रीच आउट (कोविड-19 राहत के लिए बीईएससी एनसीसी कलेक्टिव द्वारा आयोजित अभियान) अभियान जैसी कई सामाजिक सेवाओं के प्रोजेक्ट कर्तव्यों में शामिल हैं।
हमारे कैडेटों द्वारा वंचितों को भोजन और आवश्यक वस्तुएं दान करने के लिए आयोजित अभियान, स्वच्छ भारत अभियान, पुनीत सागर अभियान, उल्लेखनीय कार्य करने के लिए कैडेटों को सम्मानित करने के बाद एनसीसी समूहों और पश्चिम की इकाइयों बंगाल और सिक्किम निदेशालय को उनके समग्र प्रदर्शन के लिए सभी को पुरस्कार प्रदान किए गए, 6 बंगाल बटालियन एनसीसी रही जिसे “सर्वश्रेष्ठ इकाई” घोषित किया, इसके बाद नंबर 2 बंगाल नेवल एनसीसी को “उत्कृष्ट यूएनआईटी”, जबकि दार्जिलिंग और सिक्किम ग्रुप ने “बेस्ट एनसीसी ग्रुप” का खिताब जीता।
इसके बाद मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया, जिसके बाद उन्होंने सभा को अपना महत्वपूर्ण वक्तव्य से संबोधित किया । राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ। पुरस्कार विजेताओं, अतिथियों और अधिकारियों को समूह तस्वीरों के लिए आमंत्रित किया गया और “हाई टी” भी दी गई। भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारी और सभी गणमान्य लोग इस दौरान आमने-सामने बातचीत करते हैं। महामहिम राज्यपाल ने सभी विजेताओं को शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम की रिपोर्ट अरित्रिका दूबे ने दी और सूचना दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।
आर माधवन के बेटे वेदांत ने देश के लिए जीते 5 स्वर्ण
नयी दिल्ली । आर. माधवन के बेटे वेदांत ने देश को एक नहीं, बल्कि पांच-पांच स्वर्ण पदक दिलवाए हैं। वेदांत माधवन ने हाल ही 58वीं माइलो/मास मलेशिया इनविटेशनल एज ग्रुप स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। इसमें वेदांत ने 50 मीटर, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 और 1200 मीटर की तैराकी चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और जीत हासिल की। आर. माधवन बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह अच्छी खबर साझा की। साथ ही कुछ तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें बेटे वेदांत गले में पांच स्वर्ण पदक पहन रखे हैं और तिरंगे के साथ दिखाई दे रहे हैं।
इनमें से एक तस्वीर में वेदांत के साथ उनकी मां सरिता नजर आ रही हैं। आर. माधवन ने जैसे ही सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर खुशी जाहिर की, बधाई देने वालों का तांता लग गया। टिस्का चोपड़ा, लारा दत्ता, जुबैर खान से लेकर तमिल फिल्मों के स्टार सूर्या ने भी आर. माधवन को बधाई दी।
फरवरी में जीते थे 5 स्वर्ण और 2 रजत
इससे पहले वेदांत ने फरवरी 2023 में ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ में 5 स्वर्ण और 2 रजत समेत 7 पदक जीते थे। इस चैंपियनशिप में वेदांत ने महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था। मालूम हो कि आर. माधवन के बेटे वेदांत तैराक हैं और वह इसी में कॅरियर बनाना चाहते हैं। साल 2022 में वेदांत ने जूनियर राष्ट्रीय तैराकी चैंपियनशिप में 1500 मीटर फ्रीस्टाइल जीती थी ।
20 साल की उम्र में आदित पालिचा ने कमा लिए 1200 करोड़
आदित पालिचा उन युवाओं में रहे जिन्होंने छोटी-सी उम्र में 1200 करोड़ रुपये कमा लिए । आदित पालिचा उस कंपनी के सीईओ हैं, जिसका टर्नओवर 2022 में 900 मिलियन डॉलर यानी 7300 करोड़ को पार कर गया । खास बात है कि महज एक साल के अंदर इस युवा ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अरबों की कंपनी को खड़ा कर दिया । ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म जेप्टो की शुरुआत 2021 में हुई थी ।
मुम्बई में 2001 में जन्मे आदित पालिचा ने महज 17 साल की उम्र में व्यवसाय की शुरुआत की । उन्होंने गो पूल नाम से स्टार्टअप शुरू किया था । कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के लिए वह अमेरिका स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए लेकिन अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए बीच में ही कोर्स छोड़ दिया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ ।
आदित ने अपने दोस्त कैवल्य वोहरा के साथ मिलकर ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म जेप्टो की अप्रैल 2021 में शुरुआत की । स्टार्टअप को शुरू करने के 1 महीने के अंदर ही कंपनी का वैल्यूएशन 200 मिलियन डॉलर का हो गया । कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने 10 मिनट के भीतर किराना सामानों की डिलीवरी करने के लिए यह स्टार्टअप शुरू किया और उनका यह कॉन्सेप्ट बेहद सफल रहा ।
आदित पालिचा के दोस्त और कंपनी के सह संस्थापक कैवल्य वोहरा की कहानी भी कुछ ऐसी है । दोनों अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए स्टैनफोर्ड से पढ़ाई बीच में छोड़कर आ गए । हालांकि, पहले दोनों ने किरणकार्ट नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया लेकिन बंद कर दिया क्योंकि उन्हें अपना यह प्रोडक्ट बाजार में फिट नहीं लग रहा था ।
कोरोना महामारी में चला बिजनेस आइडिया
2021 में दोनों दोस्तों ने मिलकर जेप्टो की शुरुआत की । इसके लिए 2021 में उन्होंने 86 किराने की दुकानों के साथ सहयोग किया और 10 लाख ऑर्डर की डिलीवरी की । कम्पनी के लॉन्च होने के 5 महीने के अंदर वैल्युएशन 570 मिलियन डॉलर तक पहुंच गयी । अपनी इस कामयाबी के लिए आदित पालिचा और कैवल्य वोहरा को हुरुन लिस्ट अंडर 30 एन्टप्रिन्योर में शामिल किया जा चुका है.
फिलहाल जेप्टो भारत में 10 बड़े शहरों में काम कर रहा है । कम्पनी में 1,000 तक कर्मचारी काम करते हैं । यह प्लेटफॉर्म पर 3,000 प्रॉडक्ट्स की डिलीवरी करता है । इनमें फल, सब्जी से लेकर किराने के सामान शामिल हैं । जेप्टो की खासियत उसकी क्विक डिलीवरी सर्विस है । यह आमतौर पर 10 से 15-16 मिनट के भीतर डिलीवरी कर देता है ।