Wednesday, August 20, 2025
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यूपीएससी परिणाम, शीर्ष 4 पर रहा लड़कियों का दबदबा, इशिता किशोर सबसे आगे

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में इशिता किशोर ने AIR 1 रैंक हासिल की है। उसके बाद गरिमा लोहिया, उमा हरथी एन और स्मृति मिश्रा रहीं। इस बार लड़कियों ने परीक्षा में दबदबा कायम किया है। यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा के फाइनल रिजल्ट में कुल 933 उम्मीदवार नियुक्ति के लिए चयनित किए गए हैं। इनमें से 345 कैंडिडेट्स अनारक्षित, 99 ईडब्ल्यूएस, ओबीसी से  263 एससी से 154 तथा एसटी कैटेगरी से 72 उम्मीदवार शामिल किए हैं। आईएएस के पद पर चयन के लिए 180 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। जबकि 178 उम्मीदवारों की रिजर्व सूची भी तैयार की गई है।

टॉपरों की सूची

  1. इशिता किशोर
  2. गरिमा लोहिया
  3. उमा हरति एन
  4. स्मृति मिश्रा
  5. मयूर हजारिका
  6. गहना नव्या जेम्स
  7. वसीम अहमद भट
  8. अनिरूद्ध यादव
  9. कनिका गोयल
  10. राहुल श्रीवास्तव

बंगाल: 12वीं में बेटे से ज्यादा नंबर लाकर मां ने पेश की मिसाल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की उच्च माध्यमिक (12वीं) की परीक्षा के नतीजे घोषित हो गए हैं। यहां 38 साल की लतिका मंडल ने मिसाल कायम की है। लतिका ने अपने बेटे के साथ 12वीं की परीक्षा दीं और मां-बेटे दोनों ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। दिलचस्प यह है कि लतिका को बेटे से ज्यादा अंक मिले। लेकिन मां तो आखिर मां ही है, उसे इस बात का दुख है कि बेटे के उससे कम नंबर आए हैं। लतिका मंडल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बेटे को उनसे ज्यादा नंबर मिलते तो वह ज्यादा खुश होतीं। दूसरी ओर बेट सौरव का कहना है कि मां से कम नंबर आने पर भी वह खुश है क्योंकि हारकर भी जीत उसी की हुई है।

शादी के बाद छूट गई थी पढ़ाई

नदिया जिले के शांतिपुर के नृसिंहपुर इलाके के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर असीम मंडल की शादी 20 साल पहले लतिका से हुई थी। इसके बाद वह आगे पढ़ नहीं पाईं लेकिन मन के किसी कोने पर पढ़ाई के लिए ललक बरकरार थी। इसके बाद उनके बेटे ने उन्हें आगे पढ़ने के लिए उत्साहित किया। लतिका ने रवींद्र ओपन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और वहां से 2020 में माध्यमिक परीक्षा दी और अच्छे नंबरों से पास हुईं। अगल साल उन्होंने नृसिंहपुर हाई स्कूल में कला विभाग में 11वीं में दाखिल लिया। लतिका को परीक्षा में 324 अंक और बेटे को 284 अंक मिले हैं। लतिका आगे ग्रैजुएशन करना चाहती हैं।

उच्च माध्यमिक परीक्षा में 89.25 फीसदी विद्यार्थी हुए सफल

राज्य के 8.24 लाख विद्यार्थियों ने दी थी परीक्षा
– 87 विद्यार्थियों ने टॉप 10 में बनाई जगह

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में 89.25 फीसदी विद्यार्थी सफल हुए हैं। राज्य के 8.24 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 87 विद्यार्थियों ने टॉप 10 में जगह बनाई। पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (डब्ल्यूबीसीएचएसई) ने बुधवार को यह घोषणा की। डब्ल्यूबीसीएचएसई के अध्यक्ष चिरंजीब भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि परीक्षा में 91.86 प्रतिशत लडक़े और 87.26 प्रतिशत लड़कियां सफल रहीं। उच्च माध्यमिक परीक्षा 14 मार्च से 27 मार्च तक राज्यभर के 2,349 केंद्रों पर आयोजित की गई थी।

शुभ्रांशु सरदार 496 अंक पाकर बने टॉपरभट्टाचार्य ने कहा कि पुर्व मेदिनीपुर जिले में सबसे अधिक 97 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। दक्षिण 24 परगना के छात्र शुभ्रांशु सरदार ने 500 में से 496 अंक यानी 99.2 प्रतिशत अंक हासिल कर शीर्ष स्थान हासिल किया। बांकुड़ा की सुषमा खान और उत्तर दिनाजपुर के अबू समा ने दूसरा रैंक साझा किया। दोनों ने 495 अंक यानी 99 प्रतिशत अंक हासिल किए। तीसरे रैंक पर चार विद्यार्थी रहे। राज्य बोर्ड की परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त करने वाले सरदार ने कहा कि वह शीर्ष रैंक धारकों की सूची में आने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पहला रैंक हासिल करना उनके लिए अप्रत्याशित था। उन्होंने कहा, “मैं इसके लिए अपने सभी शिक्षकों और अपने माता-पिता को धन्यवाद देता हूं। हर छात्र को मेरा संदेश है कि रोजाना कम से कम चार-पांच घंटे पढ़ाई करें।” पढ़ाई से प्यार करने वाले और स्कूल बैंड के प्रमुख गायक रहे सरदार ने कहा कि वह आगे अर्थशास्त्र की पढ़ाई करेंगे।

महज 6 साल की उम्र में वर्णाली ने पाया ब्लैक बेल्ट

कोलकाता/हुगली। जिले के चुंचुड़ा की रहने वाली वर्णाली चंद ने छोटी से उम्र में कराटे में ब्लैक बेल्ट पाकर एक नया कीर्तिमान हासिल किया है। उसका नाम कई रिकॉर्ड बुक में भी दर्ज है। महज ६ साल की उम्र में इस नन्ही सी बच्ची ने कराटे में ब्लैक बेल्ट हासिल किया है। सेंट थॉमस स्कूल की द्वितीय श्रेणी की छात्रा वर्णाली ने ब्लैक बेल्ट जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया है। कराटे के लिहाज से इस उम्र में ब्लैक बेल्ट हासिल करना एक बड़ी चुनौती होती है। छात्र अगर दक्ष और माहिर होता है तभी उसे ब्लैक बेल्ट से सम्मानित किया जाता है। इसके लिए कठिन परिश्रम की जरुरत है। वर्णाली भारत में पहली बच्ची है जिसने इतनी कम उम्र में यह योग्यता हासिल की है।

वर्णाली ने ३ साल की उम्र में कराटे की शुरुआत की। वर्णाली ने चंदननगर के कराटे गुरु अमिताभ घोष के साथ कराटे का प्रशिक्षण शुरू किया। कोरोना के समय में जब स्कूल और कॉलेज बंद थे तो अधिक समय वह कराटे में देती थी। कराटे में वर्णाली की रुचि को देखते हुए कराटे शिक्षक अमिताभ घोष ने उसे कराटे का प्रशिक्षण दिया। वर्णाली पहले से ही इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड, ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड, अमेरिका बुक ऑफ रिकॉर्ड हासिल कर चुकी है। इतनी कम उम्र में इतने सारे रिकॉर्ड हासिल करने वाली वर्णाली का कहना है कि कराटे में १० कटार जानती हूं। सभी को कराटे सीखना चाहिए। कराटे आत्मरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण कला है। उसके पिता सुजय चंद ने कहा कि उनकी बेटी में कराटे के प्रति लगाव देखकर उसे कराटे का गुर सिखाने के लिए दाखिल किया। उसने सबसे कम उम्र में यह योग्यता हासिल की है जो बहुत गर्व की बात है। आने वाले दिनों में वर्णाली और आगे बढ़ेगी।
(स्त्रोत – राजस्थान पत्रिका)

दो सप्ताह में लॉन्च होगी बीएसएनएल की 4जी सेवा, दिसंबर तक 5जी

केंद्रीय आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि अगले दो हफ्ते में बीएसएनएल 4जी को लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने 200 साइटों के साथ 4जी नेटवर्क शुरू करना शुरू कर दिया है और तीन महीने के परीक्षण के बाद, यह प्रति दिन औसतन 200 साइटों को लॉन्च करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नवंबर-दिसंबर तक बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क को 5जी में अपग्रेड कर दिया जाएगा।
दो हफ्तों में लाइव हो जाएगी सर्विस
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, “4जी-5जी टेलीकॉम स्टैक हमने भारत में विकसित किया है। इन स्टैक की तैनाती बीएसएनएल के साथ शुरू हो गई है। चंडीगढ़ और देहरादून के बीच 200 साइटों की स्थापना की गई है और अगले अधिकतम दो सप्ताह के भीतर यह लाइव हो जाएगा।”
टीसीएस को मिला सबसे बड़ा ठेका
बीएसएनएल ने 1.23 लाख से अधिक साइटों वाले 4जी नेटवर्क की तैनाती के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और आईटीआई लिमिटेड को 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का अग्रिम खरीद ऑर्डर दिया है। बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क के लिए टीसीएस देशभर के करीब एक लाख साइट्स पर इंस्टॉलेशन और रखरखाव काम देखेगी। बता दें कि इसी साल फरवरी में बीएसएनएल के बोर्ड ने टीसीएस की अगुवाई वाले कंसोर्शियम से इक्विपमेंट के लिए लगभग 24,500 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दी थी।
हर दिन लगेंगे 200 नए नेटवर्क
वैष्णव ने कहा कि जिस गति से बीएसएनएल नेटवर्क तैनात करेगा, आप हैरान होंगे। तीन महीने के परीक्षण के बाद, हम एक दिन में 200 साइटों पर काम करेंगे। यह वह औसत है जिस पर हम आगे बढ़ेंगे। बीएसएनएल नेटवर्क शुरू में 4जी की तरह काम करेगा। बहुत जल्द, यानी नवंबर-दिसंबर के आसपास, बहुत छोटे सॉफ्टवेयर एडजस्टमेंट के साथ यह 5जी बन जाएगा।
गंगोत्री में लॉन्च 5 जी सेवा
केंद्रीय मंत्री, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ गंगोत्री में 2,00,000वें स्थल का लोकार्पण करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। वैष्णव ने कहा कि आज व्यावहारिक रूप से हर मिनट एक 5जी साइट सक्रिय हो रही है। दुनिया हैरान है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि चारधाम में 2,00,000वीं साइट स्थापित की गई है। यानी देश में 2 लाख जगहों पर 5 जी की शुरुआत हो गई है।

अलजेब्रा से लेकर ब्रह्मांड तक, वेदों से आए वैज्ञानिक सिद्धांत, यूरोप ने की नकल – इसरो प्रमुख

विज्ञान के सिद्धांतों की उत्पत्ति वेदों से हुई है. ये कहना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चीफ एस सोमनाथ का । उनकी मानें तो अलजेब्रा से लेकर एविएशन तक, सबकुछ पहले वेदों में ही पाया गया था । बाद में अरब देशों के जरिए ये सारा ज्ञान यूरोप तक पहुंचा जिसे बाद में वहां के वैज्ञानिकों की खोजों के रूप में पेश किया गया ।
एस सोमनाथ के मुताबिक अलजेब्रा, स्क्वार रूट्स समय का परा कॉन्सेप्टस आर्किटेक्चर, ब्रह्मांड का ढांचा, जैसी कई चीजें सबसे पहले वेदों में पाई गई थीं । सोमनाथ ने ये बात उज्जैन में महर्षि पाणिनि संस्कृत और वैदिक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही ।
‘संस्कृत का इस्तेमाल करते थे वैज्ञानिक’
उनके मुताबिक एक समस्या ये भी थी कि भारतीय वैज्ञानिक संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते थे इसकी कोई लिखित लिपि नहीं थी । इसे सुना गया और याद कर लिया गया, बाद में लोगों ने संस्कृत के लिए देवनागरी लिपि का इस्तेमाल करना शुरू किया ।
‘कंप्यूटर की भाषा को सूट करती है संस्कृत’
उन्होंने संस्कृत के महत्व पर बात करते हुए बताया कि इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को संस्कृत बहुत पसंद है । यह कंप्यूटर की भाषा को सूट करती है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखने वाले इसे सीखते हैं. गणना के लिए संस्कृत का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, इस पर भी रिसर्च किया जा रहा है ।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष सोमनाथ ने संस्कृत के कुच अन्य लाभ भी बताए । उनके मुताबिक ये लाभ विज्ञान से भी परे हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय साहित्य जो संस्कृत में लिखा गया । वो मूल और दार्शनिक रूप से काफी ज्यादा समृद्ध है । संस्कृत में वैज्ञानिकों ने कितना योगदान दिया इसकी अंदाजा भारतीय संस्कृति की हजारों सालों की यात्रा से लगाया जा सकता है । संस्कृत में वैज्ञानिकों के योगदान की छाप हजारों वर्षों की भारतीय संस्कृति की यात्रा में देखी जा सकती है ।

नकदी से बरकरार भारतीयों का लगाव, नोटबंदी के बाद एटीएम से निकाले 2.84 लाख करोड़

कोलकाता । नोटबंदी के 76 महीने बाद भी नकद का बोलबाला है। मार्च 2023 के अंत में एटीएम से नकदी निकासी 235 फीसदी बढ़ कर 2.84 लाख करोड़ रुपये हो गयी । इस बात का खुलासा बैंकिंग लॉजिस्टिक्स और टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर सीएमएस इन्फोसिस्टम्स की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में हुआ है।
एटीएम में डाला जा रहा ज्यादा नकद
ईटी की रिपोर्ट में सीएमएस इन्फो सिस्टम में कैश मैनेजमेंट सर्विसेज के प्रेसिडेंट अनुष राघवन के हवाले से बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में एटीएम में मंथली कैश रीफिलिंग (फिर से कैश डालना) में 10.1 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों से एवरेज कैश कलेक्शन में 1.3 गुना की मजबूत वृद्धि देखी गई है।
इन राज्यों में सबसे अधिक कैश इस्तेमाल
सीएमएस इंफोसिस्टम्स ने देश भर के एटीएम में जितना पैसा डाला है, उसमें से 43.1 फीसदी कैश केवल महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के एटीएम में डाला गया। सीएमएस इंफोसिस्टम्स के अनुसार इत्तेफाक ये है कि महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश ही वो 5 राज्य हैं जिनकी सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वित्तीय वर्ष 2021-22 में सबसे अधिक रही थी।
प्रति एटीएम इन राज्यों में सबसे अधिक कैश डाला गया
वित्त वर्ष 2022-23 में जिन राज्य में प्रति एटीएम सबसे अधिक कैश डाला गया, उनमें पहले नंबर पर है कर्नाटक। राज्य के हर एटीएम में सालाना 1.73 करोड़ रु एवरेज कैश डाला गया, जो वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान प्रति एटीएम 1.46 करोड़ रु की तुलना में 18.1 फीसदी अधिक रहा।
इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में वित्त वर्ष 2022-23 में प्रति एटीएम 1.58 करोड़ रु की राशि डाली गई, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 1.62 करोड़ रु से 2.1 फीसदी की कम है।
(स्त्रोत – टाइम्स नाऊ)

संरक्षित की जाएगी पुरानी संसद की 96 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत

नयी दिल्ली । साल 2021 मार्च में, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राजयसभा के अपने संबोधन में बताया था कि नए संसद भवन के निर्माण के बाद इस भवन की मरम्मत की जाएगी ।
इसे फिर से तैयार किया जाएगा । इंडिया टुडे ने अपने रिपोर्ट में बताया कि सरकार इसके पुरातात्विक महत्त्व को देखते हुए इसे संरक्षित रखने का विचार कर रही है। इस भवन को ढहाया नहीं जाएगा बल्कि इसे संरक्षित किया जाएगा. और इसका इस्तेमाल संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए इस इमारत का इस्तेमाल किया जाएगा ।
सरकार के मुताबिक, पुरानी संसद को गिराया नहीं जाएगा, बल्कि उसे संरक्षित किया जाएगा । 2022 के रिपोर्ट में बताया गया था कि ने संसद भवन के निर्माण के बाद अभी इस्तेमाल हो रहे संसद भवन को संग्रहालय के रूप में तब्दील किया जाएगा । वहीं, विज़िटर्स को लोकसभा के चेम्बर में बैठने की अनुमति दी जाएगी ।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि नए संसद भवन के लिए आवंटित बजट लगभग 862 करोड़ रुपये था और परियोजना के लिए डिजाइन सलाहकार बिमल पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात स्थित आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइन है । वहीं, नई संसद भवन की जरूरत पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस भवन का निर्माण काउंसिल हाउस के तौर पर निर्माण किया गया था, इसे कभी भी पूर्ण संसद के रूप नहीं डिज़ाइन किया गया था ।

यूपीएससी : 3 साल पहले हुई थी पिता की हत्या, हत्यारों को सजा दिलाने के जुनून ने बनाया आईएएस

लखनऊ । यूपीएससी का परिणाम आने के बाद तमाम कामयाबी हासिल करने वाले छात्रों को बधाई दी जा रही हैं, उनके इस मुकाम हासिल करने के पीछे की कहानी को सुनकर लोग प्रभावित हो रहे हैं।
इसी बीच बस्ती जिले में रहने वाले बजरंग यादव के IAS बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। दरअसल, बजरंग यादव अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के जुनून ने आज वह आईएएस बना गए हैं। आपको बता दें कि बीते 23 मई को UPSC परीक्षा 2022 में बहादुरपुर विकास क्षेत्र के धोबहट गांव के रहने वाले बजरंग ने 454वां स्थान हासिल कर देश के साथ-साथ अपने गांव और समाज का नाम रोशन किया है। बजरंग की मां कुसुमकला धोबहट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान हैं।
बजरंग प्रसाद यादव 4 भाई हैं, जिसमें अम्बिका यादव घर का काम देखते हैं। अरविंद यादव इंटरमीडिएट की परीक्षा पास किए हैं और विकास अभी 8वीं की परीक्षा पास किए हैं। बहन अभी दो माह पूर्व देश की सेवा के लिए आर्मी में मैटेरियल असिस्टेंट के पद पर भर्ती हुई है। बजरंग की इस सफलता पर घर में दादी रेशमा देवी, चाचा दिनेश यादव, चाचा उमेश यादव, चाची सुमनदेवी, मंजू देवी ने खुशी जताई।
2020 में ही हुई थी बजरंग के पिता की हत्या मिली जानकारी के अनुसार, बजरंग यादव के पिता राजेश यादव किसान थे, गांव में ही वह खेती बाड़ी किया करते थे। इसके साथ ही वह गांव केगरीब और असहाय लोगों की मदद भी किया करते थे। इनके पिता का जुनून इस कदर था कि किसी भी गरीब का यदि कोई जमीन कब्जा कर लेता था तो उन दबंगों से बजरंग यादव के पिता अकेले ही भिड़ जाते थे और उन्हें उनकी जमीन वापस दिला कर ही रहते थे। बजरंग के पिता का यह कार्य गांव के दबंगों को रास नहीं आया और 2020 में दबंगों ने साजिश करके इनके पिता की हत्या कर दी थी, जिसके बाद बजरंग का घर तबाह हो गया।
घर में पिता के साथ घटना होने के बाद बजरंग ने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने और गरीबों को न्याय दिलाने के लिए आईएएस अधिकारी बनने की ठान ली और जुनून सिर पर इस कदर सवार हुआ कि उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में कर रहे थे आपको बता दें कि बजरंग प्रसाद यादव की शुरुआती पढ़ाई उनके गांव में हुई थी। दसवीं की परीक्षा लिटिल फ्लावर स्कूल कलवारी और इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी बस्ती से हुई। अपने अरमानों को लेकर वह साल 2019 में बीएससी मैथ से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए जहां उन्होंने पढ़ाई पूरी की और यूपीएससी की तैयारी दिल्ली दिल्ली से करने लगे। बजरंग प्रसाद यादव के इस सफलता के बाद लोगों में खुशी का माहौल है।

ऋण नहीं चुका पाने पर गाड़ी जब्त नहीं कर सकते बैंक एवं रिकवरी एजेंट – पटना हाईकोर्ट

पटना । पटना शीर्ष अदालत ने ऋण पर गाड़ी लेने वाले लोगों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। दरअसल, कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति गाड़ी खरीदने के लिए फाइनेंस कंपनी ने ऋण लेता है और ऋण की किश्त को समय पर नहीं चुका पाता है तो फाइनेंस कंपनी के वसूली एजेंट द्वारा गाड़ी जब्त करना गैरकानूनी माना जाएगा।
हाई कोर्ट ने आगे कहा कि बहुत से ऐसे मामले देखे गए हैं जहां गाड़ी की किश्त समय पर भुगतान न करने पड़ने फाइनेंस कंपनी जबरदस्ती उस व्यक्ति से उसकी गाड़ी को जब्त कर लेते है जो की गैरकानूनी है और इसको ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने फाइनेंस कंपनी और बैंक पर जुर्माना लगाया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, अगर कोई फाइनेंस कंपनी या कोई बैंक के रिकवरी एजेंट लोन ईएमआई चुकाने की स्थिति में जबरदस्ती किसी व्यक्ति से गाड़ी जब्त करता है तो उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जाएगी और कार्रवाई भी होगी।
वसूली एजेंट के खिलाफ होगा एफआईआर दर्ज-
पटना हाई कोर्ट में जस्टिस राजीव रंजन की सिंगल बेंच ने इस मामले से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। जस्टिस राजीव रंजन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोई भी फाइनेंस कंपनी या कोई भी बैंक के द्वारा लोन की भुगतान समय पर न कर पाने की स्थिति में उनके वसूली एजेंट अब उनकी गाड़ी जब्त नहीं कर सकते हैं, अगर वह ऐसा करते है तो इसे गैरकानूनी माना जाएगा और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा, जिसके बाद जिला के पुलिस अधीक्षक से दबंग रिकवरी एजेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का सुनिश्चित करेंगे।
19 मई को पटना हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
पटना हाई कोर्ट का यह फैसला 19 मई को सुनाया गया था जिसमें कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि रिकवरी एजेंटों के द्वारा अगर गाड़ी जबरन जब्त करना संविधान की जीवन और आजीविका के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करना है।