नयी दिल्ली । कहते हैं न कि जो हारकर भी जीत जाता है वही बाजीगर होता है. कुछ ऐसी ही कहानी हरियाणा के एक शख्स की है। वह किसी भी सरकारी नौकरी की परीक्षा में सफल नहीं हुए लेकिन देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को पास करने में सफल रहे। इतनी असफलताओं के बावजूद भी हौसला बनाए रखा और फिर से सफलता हासिल करने के लिए उठ खड़े होते. उन्हें खुद पर भरोसा था कि वह कामयाब होंगे और उनकी दृढ़ता ने रंग दिखाया और अब वह एक आईएएस अधिकारी हैं. उनका नाम विजय वर्धन है।
आईएएस विजय वर्धन हरियाणा के सिरसा में पले-बढ़े, जहां उनका जन्म हुआ था. उन्होंने हिसार से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए. विजय हर परीक्षा में असफल रहे। वह 35 बार सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में शामिल हुए लेकिन एक भी परीक्षा को पास नहीं कर पाए. साथ ही उन्हें कई बार यूपीएससी में भी हार का सामना करना पड़ा लेकिन आशावादी होने की वजह से डटे रहे। आखिरकार वह वर्ष 2018 में यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में सफल रहे और 104वीं रैंक हासिल की।
दो बार क्रैक किया यूपीएससी
वर्ष 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में 104वीं रैंक लाने पर विजय वर्धन का चयन आईपीएस ऑफिसर के तौर पर हुई. लेकिन वह इससे नाखुश थे क्यों उन्हें आईएएस ऑफिसर बनना था। इसके बाद फिर से वर्ष 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए और आईएएस बनने के अपने सपने को पूरा करने में कामयाब रहे। उन्होंने वर्ष 2018 और 2021 में दो बार यूपीएससी परीक्षा पास कीय़ युवाओं के लिए वह कहते हैं कि खुद पर कभी भरोसा मत खोना। उन्होंने एक बार कहा था कि उम्मीदवार ही उनका सबसे बड़ा शिक्षक होता है।
गलतियों से सीखें – विजय वर्धन ने बार-बार असफल होने से निराश होने के बजाय ‘अपनी गलतियों से सीखा। प्रत्येक असफलता के बाद उन्होंने ईमानदारी से अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन किया। हालांकि शुरुआत में उन्हें एक आईपीएस अधिकारी के रूप में चुना गया था, लेकिन वे अपनी स्थिति से असंतुष्ट होकर आगे के प्रयास करते रहे। आखिरकार उन्होंने आईएएस अधिकारी बनकर अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल रहे।