25 साल पहले डॉक्टरों ने खड़े कर दिए थे हाथ
हमीरपुर । उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में 70 फीसदी लोगों ने अब फिट रहने के लिए योग और प्राणायाम से नाता जोड़ लिया है। यहां सुबह और शाम यमुना और बेतवा नदियों के तट पर कई स्थानों पर योग की पाठशाला लोगों से गुलजार रहती है। हमीरपुर में एक 88 साल की बुजुर्ग महिला ने योग और प्राणायाम से कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी मात दे दी है। ये अपना काम बिना किसी के सहारे खुद करती हैं।
हमीरपुर शहर के पटकाना मुहाल निवासी कैलासवती 88 बसंत देख चुकी हैं। इनके तीन पुत्र और तीन पुत्रियां है। सभी की शादी हो चुकी है। बुजुर्ग महिला के तीनों बेटे अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं। मौजूदा वक्त में ये अपने छोटे पुत्र जगत प्रसाद मिश्रा के घर में रहती है लेकिन इतनी उम्र होने के बावजूद ये खुद ही अपना सारा काम करती हैं। इनकी छोटी बेटी रानी शुक्ला ने बताया कि 25 साल पहले मां बिल्कुल ठीक थी। अचानक पेट में तकलीफ बढ़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। आराम न मिलने पर कानपुर ले जाया गया जहां कैंसर अस्पताल में तमाम जांचें की गईं। बताया कि कैंसर अस्पताल के डॉ. ईश्वर चन्द्र खरे ने जांच के बाद मां के पेट में कैंसर के लक्षण होने की बात कही।
कैंसर बीमारी होने पर घर के सभी लोग घबरा गए लेकिन मां जरा भी नहीं घबराई। बताया कि बाद में किसी की सलाह पर होम्योपैथिक इलाज कराया गया। साथ ही मां नियमित रूप से योग करने लगी। बुजुर्ग कैलासवती ने बताया कि वाकई योग ने उन्हें नया जीवन दिया है इसलिए सभी लोगों को सुबह की शुरुआत योग से ही करनी चाहिए। बताया कि वह खुद ही योग और कुछ प्राणायाम कई सालों से कर रही है। इसके अलावा नियमित रूप से शिवमंदिर में भोलेनाथ को एक लोटा जल चढ़ाने से भी बड़ा लाभ मिला है।
कैंसर हास्पिटल ने भी इलाज करने से खड़े किए थे हाथ
करीब ढाई दशक पहले 88 वर्षीय कैलासवती को पेट में दर्द होने पर कानपुर जेके अस्पताल ले जाया गया था। वहां कैंसर रोग विशेषज्ञ ईश्वर चन्द्र खरे ने ब्लड और अन्य जांच की। जांच में कैंसर के लक्षण पाए जाने पर उन्होंने इनका इलाज शुरू किया था। कई महीने तक दवाएं खाती रहीं। कई महीने बाद फिर अस्पताल ले जाया गया लेकिन बुजुर्ग महिला की हालत देख डॉक्टर ने यह कहकर हाथ जोड़ लिए थे कि अब इनकी सेवा घर पर करें। डॉक्टर के जवाब देने के बाद परिजन और रिश्तेदार मायूस हो गए थे।
नियमित योग से कैंसर बीमारी से लड़ रही बुजुर्ग महिला
योग और प्राणायाम के जरिए कैंसर पीड़ित वृद्धा ने बीमारी को जहां मात दी, वहीं अब पड़ोसी भी दंग हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव में आने के बाद भी ये वृद्धा आज भी घर में खुद का सारा काम कर रही है। और तो और रोज तड़के बिस्तर छोड़ने के बाद स्नान और ध्यान करने के बाद सीधे मंदिर जाकर पूजा करती है। इसके बाद फिर ये योग और प्राणायाम करती है। उसने बताया कि कैंसर अस्पताल के डॉक्टर कह रहे थे कि ये तीन साल तक ही चल सकती हैं लेकिन भगवान की कृपा से वह अभी भी पूरी तरह से ठीक है।