कानपुर : साहित्यकार, कथाकार, नाटककार और उपन्यासकार पद्मश्री गिरिराज किशोर नहीं रहे। गत रविवार सुबह करीब 10 बजे कानपुर के सूटरगंज स्थित आवास पर अंतिम सांसे लीं। वह अपने पीछे पत्नी, दो बेटी और एक बेटे का भरापूरा परिवार छोड़ गए। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जन्मे गिरिराज किशोर उपन्यासकार, कथाकार, नाटककार के अलावा सशक्त आलोचक रहे। उपन्यास ढाईघर के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। पहला गिरमिटिया के लिए केके बिरला फाउंडेशन द्वारा व्यास सम्मान से नवाजा गया। 23 मार्च 2007 को साहित्य और शिक्षा के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें देश के चौथे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा।