भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश ने पिछले पांच सालों में आर्थिक मोर्चे पर कई सारे अहम बदलाव किए हैं, जिसका असर अब देखने को मिलेगा। हालांकि कुछ और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
सात फीसदी की दर से हो रहा है विकास
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की सूचना निदेशक गैरी राइस के अनुसार भारत हर साल सात फीसदी से ज्यादा की विकास दर से आगे बढ़ रहा है। जीडीपी में वृद्धि की वजह से भारत आने वाले सालों में अच्छी प्रगति कर सकता है। भारत के बारे में आईएमएफ का पूर्ण आकलन अगले महीने जारी होने वाली रिपोर्ट में आएगा। यह रिपोर्ट पहली बार गीता गोपीनाथ के मुख्य अर्थशास्त्री बन जाने के बाद जारी होगी।
हालांकि आईएमएफ ने कहा है कि बैंकों का एनपीए और कर्ज माफी बड़ी समस्या है। इसके अलावा कई कंपनियां दिवालिया शोधन कानून की प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इसके अलावा राज्य सरकारों को भी बेहतर नतीजे आर्थिक मोर्चे पर दिखाने होंगे। अंतरराष्ट्र्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत में किसानों की कर्ज माफी करना राज्य सरकारों का एक सही कदम नहीं है। इसके मुकाबले उनके बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करना बेहतर है। कर्ज माफी से किसानों की समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं होगी।
गीता ने कहा कि किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए सरकार को उनके साथ मिलकर काम करना चाहिए। इसके साथ ही पैदावार बढ़ाने के लिए उनको बेहतर बीज व तकनीक उपलब्ध करानी चाहिए।
लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को खुश करने के लिए कई राज्य सरकारों ने कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और भाजपा ने गुजरात व आसम में किसानों के लिए कर्ज माफी का एलान किया था। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि वो प्रधानमंत्री मोदी को चैन से सोने नहीं देंगे, जब तक पूरे भारत में किसानों की कर्ज माफी नहीं होगी।