Wednesday, December 17, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

बोलने के लिए सही वक्त का इन्तजार करते हुए देर भी हो जाती है

मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल का समाज से रिश्ता होता है मगर क्या एक बेहद सुविधाजनक जिंदगी बिताने की जगह अपने अनुभव उपेक्षितों और तस्करी की शिकार महिलाओं को आने लाने पर खर्च कर सकता है? अगर वह महिला हो तो क्या वह इस कदर उनसे प्यार कर सकती है कि वह हर एक युवती और महिला का नाम याद रखे और ऐसा महसूस हो कि ये सभी उसकी जिंदगी का हिस्सा हैं? जब उमा चटर्जी से हमारी मुलाकात हुई तो इन सारे सवालों के जवाब हाँ में मिले। संजोग नामक सामाजिक संस्था के जरिए वे प्रशासन और जीविता (सर्वाइवर) महिलाओं के बीच सम्पर्क बन रही है। साथ ही वे चेंज मंत्रा नामक कंसल्टेंसी फर्म भी साझा तौर पर चलाती हैं। संजोग की सह संस्थापक और चेंज मत्र की सह संचालक उमा चटर्जी से जो बातें कीं, उसी के खास अंश –
मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल हूँ और तस्करी के खिलाफ भी काम कर रही हूँ
मैं मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल हूँ। साइकोलॉजिस्ट और साइकोलॉजी पढ़ी है। काम तो मैंने 2003 से ही आरम्भ किया था और बतौर साइकोलॉजिकल ट्रेनर बच्चों, युवाओं और बड़ों के साथ काम करती रही हूँ। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी काम किया है। हमें हमेशा सिखाया जाता है कि दूसरों को खुश रहकर शांति मिलती है और यह खुश रहने का तरीका है मगर इस वजह से शांति रखने के लिए हम खामोश बैठ जाते हैं। अब तक हर तरह के अनुभव मिले और एक समय के बाद लगा कि बहुत हो गया और अब आवाज उठानी चाहिए और यह मुझे ठोस तरीके से करना होगा। मैंने बहुत सी सामाजिक कार्यकर्ताओं को काम करते देखा है, तस्करी की शिकार लड़कियाँ देखी हैं और उनके साथ काम किया है और हर बार लगा कि सबकी कहानी कहीं न कहीं एक जैसी है।
आज सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है
आज स्थिति बदल रही है। आज से 10 साल पहले लड़कियाँ तस्करी और यौन उत्पीड़न के दलदल से निकलती थीं तो उनको कोई अपनाने के लिए तैयार नहीं होता था, परिवार उसे मरा हुआ मान लेता था। आज इन जीविताओं के परिवार खासकर पिता और भाई न सिर्फ उनको अपना रहे हैं बल्कि उनको लड़ने की हिम्मत भी दे रहे हैं। सकारात्मक परिवर्तन हुआ है और लोग जागरूक हो रहे हैं। आज युवा इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
तस्करी बिल एक सपना है, एक वचन है
इस बिल से हमें काफी उम्मीदें हैं क्योंकि यह पुनर्वास को अधिकार मानने की बात करता है। सबूत देने की जिम्मेदारी अभियुक्त की है मगर इसे और भी सख्त बनाने की जरूरत है। मानव तस्करी बिल कई सर्वाइवर्स और मानवाधिकार संरक्षकों के लिए एक सपना है। मानसून सत्र में यह लोकसभा में यह पारित हो चुका है। इस साल शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में पारित कर इसे कानून बनाकर भारत एक इतिहास बना सकता है। यह वह वचन है जो प्रधानमंत्री ने दिया है। यह वह वचन है कि जिसे भारत को हर प्रकार की तस्करी के खिलाफ और तस्करी के सर्वाइवर्स के साथ मजबूती से खड़ा होने के लिए निभाना है। हमें उम्मीद है कि इस शीतकालीन सत्र में यह बिल पारित हो जाएगा। देखें, क्या होता है।

लैंगिक समानता के लिए काम करता है संजोग
संजोग लैंगिक समानता के साथ स्त्री पुरुष के संबंधों में संतुलन लाने और तस्करी और असमानता के शिकार लोगों के लिए काम कर रहा है। संजोग का मतलब हिन्दी में इक्तेफाक होता है मगर बांग्ला में इसका मतलब जोड़ना होता है। कानूनी तौर पर इसकी शुरुआत 2012 में हुई थी। संजोग में उत्थान नामक लीडरशिप ग्रुप है जो लड़कियों में नया आत्मविश्‍वास और जीने की उम्मीद भरने की कोशिश कर रहा है। हम शोध करते हैं। राज्य की टास्क फोर्स के सदस्य है और केन्द्रीय स्तर पर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हैं।
सकारात्मक सोच वाले लड़कों को साथ लाना है
लड़कियों को और सशक्त बनाना है। उनका सपोर्ट सिस्टम मजबूत करना है। सच है कि आप किसी के लिए लड़ नहीं सकते इसलिए हम चाहते हैं कि ये लोग अपनी लड़ाई खुद लड़े, हम बस उनको सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। जो लड़के सकारात्मक सोच रखते हैं, हमें उनको साथ लाना है। कोशिश है कि नीति निर्धारकों और समस्या से जूझ रहे लोगों के बीच की खाई दूर की जाए।
बोलने के लिए सही वक्त का इन्तजार करते हुए देर भी हो जाती है
बोलना जरूरी है और इसके लिए सही वक्त का इंतजार करना कतई जरूरी नहीं है क्योंकि चीजों के सही होने का इंतजार करने तक बहुत देर हो चुकी होती है। सब कुछ करीने से सजा हो, यह जरूरी नहीं है। लोग अनगढ़ कहानियाँ भी ध्यान से सुनते हैं।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news