मुम्बई : अभिनेता शाहिद कपूर ने कहा कि लोकप्रियता, ग्लैमर और प्रशंसा जैसी बातें सपनों में अच्छी लगती हैं लेकिन अभिनेता हमेशा अकेला होता है जो भावनाओं को व्यक्त करने की तलाश में रहता है। 37 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि अकेले होने पर अपनी भावनात्मकता से खुद को मजबूत बनाते हैं जो एक कलाकार के तौर पर उन्हें समृद्ध करती है। शाहिद ने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘‘बतौर कलाकार आप हमेशा अकेले होते हैं। आप हर वक्त सुर्खियों में रहते हैं, और लोग उसी तौर पर देखते हैं। मेरा मानना है कि जब भी कुछ भावनात्मक होता है, तो वह प्रदर्शन में दिखाई देता है।’ उन्होंने अकेलेपन के अहसास को अपने दिल के बेहद करीब बताया और कहा कि इस वक्त अपने प्रति बेहद ईमानदार होता हूं और मुमकिन है कि अंदर से बदल रहा होता हूं। उन्होंने कहा कि अभिनेता क्या करता है, क्या कहता है। इसलिए अंदर जितना होता है उतना ही बाहर दिखाना होता है। उन्होंने इन सब को संभालना सीखा है और उनका मानना है कि लंबे कॅरियर के लिए यह बेहद जरूरी होता है। अन्यथा यह एक बेहद अजीब काम है। आप लगातार यहां ऊपर नीचे होते हैं। इसलिए अच्छी स्थान की तलाश में रहते हैं। शाहिद ने कहा कि यदि बेहतर करना चाहते हैं तो बतौर कलाकार आपका ‘स्वार्थी’ होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब अपने कॅरियर को देखता हूं तो महसूस करता हूं कि मैंने कई बेहद खराब फिल्में की हैं और कई बेहद अच्छी फिल्में की हैं।’’