समस्याओं से जूझने की शक्ति देता है साहित्य

हर युग में दुनिया को सुन्दर बनाने के लिए के लिए साहित्य की जरूरत पड़ती है। व्यक्ति को विवेकशील, विचारवान और संवेदनशील बनाने के साथ साहित्य समस्याओं को पहचानने की समझ देता है। साहित्य समस्याओं से जूझने की शक्ति देता है। श्री शिक्षायतन कॉलेज आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित कवि प्रियंकर पालीवाल ने उक्त विचार रखे। उन्होंने कहा कि साहित्यविहीन समाज संवेदना से दूर आध्यात्मिक मृत्यु को प्राप्त होता है। विषय प्रवर्तन डॉ. प्रीति सिंघी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से हुई। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अदिति दे ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि सम्पर्क भाषा के रूप में हिन्दी देश में ही नहीं बल्कि सारी दुनिया में महत्वपूर्ण है। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस समारोह में रचनात्मक लेखन, काव्य पोस्टर तथा आशु अभिनय प्रतियोगिता आयोजित की गयी। रचननात्मक लेखन प्रतियोगिता में ए.जे.सी बोस कॉलेज के रणवीर कुमार राय , काव्य पोस्टर प्रतियोगिता में श्री शिक्षायन कॉलेज की अनीषा मिंज को प्रथम स्थान मिला। आशु अभिनय में श्री शिक्षायतन कॉलेज ने सर्वश्रेष्ठ दल तथा बेथुन कॉलेज की छात्रा शुभ स्वपना मुखोपाध्याय ने सर्वश्रेष्ठ अभिनय का पुरस्कार जीता। प्रथम सत्र का संचालन डॉ. रचना पांडेय तथा दूसरे सत्र का संचालन प्रो. सिन्धु मेहता ने किया। रचनात्मक लेखन की निर्णायक डॉ. मनीषा साव, काव्य पोस्टर के निणार्यक कार्तिक बासफोर थे। नाट्यकर्मी महेश जायसवाल तथा ऋतेश पांडेय ने आशु अभिनय प्रतियोगिता का निर्णय किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अल्पना नायक ने किया।

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