भारतीय वैज्ञानिकों ने प्याज के छिलके से बनाई बिजली

दुनिया के कई देश कृषि के कचरे से बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय इससे कहां पीछे रहने वाले। जी हां, आईआईटी खड़गपुर के विज्ञानियों ने प्याज के छिलके से बिजली बनाने वाली एक सस्ती डिवाइस का इजाद किया है। यह डिवाइस शरीर के मूवमेंट से ग्रीन बिजली उत्पन्न कर सकती है। इस बिजली का इस्तेमाल पेसमेकर, स्मार्ट गोलियां और पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों में किया जा सकता है।पश्चिम बंगाल स्थित आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर भानू भूषण खातुआ ने कहा कि गैर-विषाक्त, बायोडिग्रेडेबल और बायोकॉम्पसिबेटेड डिवाइस प्याज के छिलकों से उपयुक्त पाइजेइलेक्ट्रिक गुणों का फायदा उठाते हैं।

पाइजेइलेक्ट्रिक सामग्री में रोजमर्रा के यांत्रिक ऊर्जा को बिजली में बदलने की क्षमता होती है। विज्ञानियों ने अपने नए शोध में सस्ते दर पर बिजली उत्पादन करने में सफलता पाई है। एक आम व्यक्ति इस डिवाइस की मदद से प्याज के छिलकों से काफी किफायती बिजली का उत्पादन कर सकता है।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

भारतीय वैज्ञानिकों ने प्याज के छिलके से बनाई बिजली

दुनिया के कई देश कृषि के कचरे से बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय इससे कहां पीछे रहने वाले। जी हां, आईआईटी खड़गपुर के विज्ञानियों ने प्याज के छिलके से बिजली बनाने वाली एक सस्ती डिवाइस का इजाद किया है। यह डिवाइस शरीर के मूवमेंट से ग्रीन बिजली उत्पन्न कर सकती है। इस बिजली का इस्तेमाल पेसमेकर, स्मार्ट गोलियां और पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों में किया जा सकता है।पश्चिम बंगाल स्थित आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर भानू भूषण खातुआ ने कहा कि गैर-विषाक्त, बायोडिग्रेडेबल और बायोकॉम्पसिबेटेड डिवाइस प्याज के छिलकों से उपयुक्त पाइजेइलेक्ट्रिक गुणों का फायदा उठाते हैं।
पाइजेइलेक्ट्रिक सामग्री में रोजमर्रा के यांत्रिक ऊर्जा को बिजली में बदलने की क्षमता होती है। विज्ञानियों ने अपने नए शोध में सस्ते दर पर बिजली उत्पादन करने में सफलता पाई है। एक आम व्यक्ति इस डिवाइस की मदद से प्याज के छिलकों से काफी किफायती बिजली का उत्पादन कर सकता है।

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