पैसा सहारा में फँसा है तो जानिए वापस लेने की प्रक्रिया

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गत मंगलवार को दिल्ली में सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल आरम्भ किया। इस पोर्टल का उद्देश्य सहारा समूह से जुड़े करोड़ों जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस लेने में मदद करना है।

क्यों बना पोर्टल, क्या है इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर?

सहकारिता मंत्रालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च, 2023 को अपने आदेश में सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के वैध बकाये के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड खाते’ से 5000 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का निर्देश दिया था।

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल का उद्देश्य क्या है?

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल उन जमाकर्ताओं के वास्तविक दावों को संबोधित करने के लिए विकसित किया गया है, जिन्होंने सहारा समूह की सहकारी समितियों में पैसा निवेश किया था, जिसमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड शामिल हैं। सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में लगभग 2.5 करोड़ लोगों के कम से कम 30,000 रुपये तक जमा हैं।

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल लिंक और कार्यक्षमता 

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल का लिंक सहकारिता मंत्रालय (https://cooperation.gov.in/) की वेबसाइट पर उपलब्ध है। हालांकि, पोर्टल का ऑनलाइन लिंक 18 जुलाई को दोपहर 02.40 बजे तक एक्टिव नहीं हुआ। इसके जल्द ही एक्टिव होने की संभावना है।

रिफंड प्रक्रिया और राशि

शुरुआती चरण में रिफंड पोर्टल जमाकर्ताओं को 5000 करोड़ रुपये तक वितरित करेगा। प्रत्येक जमाकर्ता पहले चरण में अधिकतम 10,000 रुपये प्राप्त कर सकेगा। शुरुआत में परीक्षण के आधार पर निवेशकों को 10,000 रुपये लौटाए जाएंगे, परीक्षण सफल होने पर रिफंड की राशि बढ़ायी जाएगी।

पात्रता और दावा प्रक्रिया

पहले चरण चरण में 1 करोड 7 लाख निवेशक रिफंड पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं और प्रारंभिक चरण के दौरान 10,000 रुपये तक का दावा कर सकते हैं। आगे के चरणों में कुल 4 करोड़ जमाकर्ता 10,000 रुपये तक का दावा करने के पात्र होंगे। दावा करने के लिए, जमाकर्ताओं का आधार उनके मोबाइल नंबर और बैंक खातों से जुड़ा होना चाहिए। जमा रसीद भी उनके पास होना चाहिए। जमाकर्ताओं को रिफंड की आगे की प्रक्रिया के लिए एक फॉर्म डाउनलोड करने, इसे भरने और पोर्टल पर फिर से अपलोड करने की आवश्यकता होगी।

समयसीमा और तैयारी

अमित शाह ने आश्वासन दिया कि 45 दिनों के भीतर दावेदारों के बैंक खातों में पैसा जमा करवा दिया जाएगा। इस पहल के सफल होने के बाद सहारा समूह की सहकारी समितियों में फंसी बड़ी रकम वाले जमाकर्ताओं के दावों के समाधान के लिए आगे निर्णय लिया जाएगा। कार्यवाही को सुव्यवस्थित और तेज करने के लिए रिफंड की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।

सहारा इंडिया रिफंड पोर्टल से जुड़े सवालों के जवाब

  • सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल क्या है? 
सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल सहारा समूह की सहकारी समितियों के करोड़ों जमाकर्ताओं के लिए रिफंड प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक मंच है।
  • सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से कितना पैसा वापस किया जाएगा? 
शुरुआती चरण में, रिफंड पोर्टल जमाकर्ताओं को 5000 करोड़ रुपये तक वितरण किया जाएगा। प्रत्येक जमाकर्ता पहले चरण में 10,000 रुपये का दावा कर सकेगा। यह एक परीक्षण पहल का हिस्सा है, और परीक्षण की सफलता के आधार पर धनवापसी राशि बढ़ाई जा सकती है।
  • सहारा रिफंड पोर्टल पर रिफंड क्लेम करने के लिए क्या शर्तें हैं?
सहारा रिफंड पोर्टल पर रिफंड का दावा करने के लिए जमाकर्ताओं को दो शर्तों को पूरा करना होगा। सबसे पहले, उनका आधार उनके मोबाइल नंबर और बैंक खातों से जुड़ा होना चाहिए। दूसरा, उन्हें रसीद विवरण प्रदान करना होगा और एक फॉर्म भरना होगा, जिसे उन्हें रिफंड की आगे की प्रक्रिया के लिए पोर्टल पर फिर से अपलोड करना होगा।
  • जमाकर्ताओं को अपना रिफंड प्राप्त करने में कितना समय लगेगा?
पोर्टल पर दावा दायर करने की तारीख से 45 दिनों के भीतर दावेदारों के बैंक खातों में पैसा जमा किया जाएगा।
  • सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल का उद्देश्य क्या है?
सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल का उद्देश्य सहारा समूह की सहकारी समितियों के सदस्यों के हितों की रक्षा करना है। यह जमाकर्ताओं के वास्तविक दावों का समाधान करेगा, जिन्होंने सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में पैसा निवेश किया था। पोर्टल इन जमाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनके वैध बकाया प्राप्त करने में मदद करेगा।
  • जमाकर्ता को कैसे पता चला कि उसका फॉर्म सही ढंग से भरा गया है?
पोर्टल पर दावा सफलतापूर्वक सबमिट होने पर पोर्टल पर एक संख्या जेनरेट होगी और यह मैसेज के माध्यम से भी दावा करने वाले के रजिटर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।
  • सहारा में फंसे पैसे पर वित्त मंत्री ने क्या कहा था?
दिसंबर 2022 में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) में 2.33 करोड़ निवेशकों के पास 19,400.87 करोड़ रुपये जमा थे। साथ ही सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) में 75 लाख निवेशकों के 6380.50 करोड़ रुपये जमा थे।
(साभार – अमर उजाला)

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।