तारा शाहदेव को रकीबुल से मिला तलाक, फैमिली कोर्ट दायर याचिका पर सुनाया फैसला

रांची : राष्ट्रीय राइफल शूटर तारा शाहदेव के तलाक वाले याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तलाक दिलवा दिया है। तारा ने पूर्व पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल पर जबरन धर्म परिवर्तन, प्रताड़ना सहित कई आरोप लगाए थे। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसले के लिए आज की तारीख निर्धारित की थी। फैमिली कोर्ट के जज बीके गौतम की कोर्ट में तारा शाहदेव ने तलाक लेने और शादी रद्द करने को लेकर याचिका दाखिल की थी। सात जुलाई 2014 को रांची के एक बड़े होटल में रंजीत सिंह कोहली के साथ उनकी शादी हुई थी। तारा ने हिंदू विवाह एक्ट की दो धाराओं के तहत याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि शादी के बाद से ही आरोपी रंजीत उर्फ रकीबुल उसे प्रताड़ित करने लगा था। उसने मारपीट के साथ ही धमकी भी दी। साथ ही उसने धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। आवेदन में तारा शाहदेव ने कहा है कि हिंदू मैरेज एक्ट की धारा 2 और 5 के अनुसार यह शादी अवैध है, क्योंकि हिंदू मैरेज एक्ट के तहत शादी में दोनों का हिंदू सदस्य होना जरूरी होता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसी तरह के एक मामले में वर्ष 2009 में सुनाए गए एक फैसले का भी हवाला दिया था। तलाक की अर्जी हिंदू मैरेज एक्ट की धारा 12 (1) (सी) के तहत अवैध विवाह को शून्य घोषित करने और धारा 13 (1) (1-ए) तलाक (विवाह विच्छेद) का अनुरोध करते हुए दायर की गई थी। अगर राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव को रमजान के महीने में होने वाली रोजा इफ्तार पार्टी का आमन्त्रण नहीं मिलता तो शायद उसके पति रंजीत के मुसलमान होने का राज इतनी जल्दी नहीं खुलता। दरअसल, झारखंड सरकार के तत्कालीन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से आए रोजा इफ्तार के इस इनविटेशन कार्ड पर रकीबुल हसन लिखा हुआ था। घर का एड्रेस वही था जहां तारा और रकीबुल रहते थे। तारा की रकीबुल हसन से 7 जुलाई 2014 को शादी हुई थी। बाद में अत्याचार की हदें पार कर उसका धर्म बदलवाया। अदालत में रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद पर तारा रकीबुल हसन से शादी करने का दबाव बनाने का आरोप था। इस मामले की जांच सीबीआई ने 2015 में शुरू की थी। रकीबुल 27 अगस्त 2014 से जेल में है। जबकि उसकी मां जमानत पर हैं। उस दौरान तारा ने कहा था कि ससुराल में एक दिन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से इफ्तार पार्टी का निमंत्रण मिला, जिसमें जनाब रकीबुल हसन खान के नाम का संबोधन था। यह कार्ड भी तारा ने कोर्ट के हवाले किया था। तारा ने बताया था कि उनके बीच दरार तब पैदा हुई, जब नौ जुलाई को रंजीत 20-25 मौलवी लेकर घर पहुंच गया और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव देने लगा। मना करने पर उसे मारा गया। तारा के अनुसार रकीबुल हसन घर से रातभर गायब रहता था। वह अल सुबह चार बजे आता था। वह क्या काम करता है, आज तक पता नहीं चल पाया। तारा ने राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष महुआ मांझी और भाजपा नेता अजय नाथ शाहदेव के समक्ष अपनी आपबीती कुछ यूं सुनाई थी… मैडम, रकीबुल हसन ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं। करीब डेढ़ महीने अपने कब्जे में रखते हुए उसने न तो खाना-पीना दिया और न ही किसी से मिलने देता था। मैं उसकी पत्नी बनी थी। इसके बाद भी उसके कमरे में जाने के लिए दरवाजा खटखटाना पड़ता था। वह बार-बार कहता था कि तुम्हें इस्लाम धर्म कबूल करना होगा। ऐसा नहीं करने पर तुम्हारा चेहरा सलामत नहीं रहेगा। इस दौरान विरोध करने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। रकीबुल तो जानवर था, लेकिन उसका पामेलियन कुत्ता जानवर होते हुए भी आदमी से अधिक संवेदनशील था। जब मेरी पिटाई होती थी और मैं बेसुध होकर पड़ी रहती थी तो छोटा-सा कुत्ता मेरी निगरानी करता था कि मैं जिंदा हूं या नहीं। मेरी सांसें चल रही हैं या नहीं। तारा ने बताया कहा कि उसके मोबाइल पर धमकी मिल रही थी। धमकी देनेवाले ने तारा की मौसी के मोबाइल पर फोन कर कहा था कि कब तक लोग तुम्हें बचाएंगे।

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