छत्तीसगढ़ के इस गाँव में महिलाएँ चला रही हैं मॉल, लाखों का हो रहा है कारोबार!

क्या आपने कभी ऐसे शॉपिंग मॉल के बारे में सुना है, जो गाँव में हो और जहाँ सारा काम महिलाएं करती हैं? आईए, आज हम आपको छत्तीसगढ़ के एक ऐसे ही मॉल के बारे में बताते हैं जो सिर्फ महिलाओं द्वारा संचालित है और जहाँ आपको जरूरत का सारा सामान मिल जाएगा।
यह अनूठा मॉल है छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले के ग्रामीण इलाके में, जिसका नाम है ‘सूरजपुर ट्राइबल मार्ट’। ‘एक दुकान-सब्बो सामान’ के उद्देश्य से बनाए गए इस मार्ट में आपको एक छत के नीचे जरूरत और घरेलू उपयोग की तमाम वस्तुएं मिल जाएंगी।
कैसे काम करता है ट्राइबल मार्ट ?
‘ट्राइबल मार्ट’ द्वारा वाजिब मूल्य में आम नागरिकों को विभिन्न प्रकार की उपभोक्ता सामग्री उपलब्ध करायी जा रही हैं। साथ ही सरकारी स्कूलों को भी सामान उपलब्ध करवाया जा रहा है। यहाँ अनाज, घरेलू उपयोग के सामान आदि सब कुछ मिलता है। आप ऐसा समझ लीजिए कि ‘ट्राइबल मार्ट’ किसी ग्रोसरी स्टोर का अपग्रडेड वर्जन है। इस मार्ट में काम करने के लिए महिला समूह के सदस्यों को शुरूआत में प्रशिक्षण दिया जाता है।
दुकान एक-फायदे अनेक
सूरजपुर ‘ट्राइबल मार्ट’ शुरू होने से क्षेत्र के लोगों को सहूलियत के साथ फायदा भी हुआ है। इस पहल के बाद अब हॉस्टल और आश्रम में गुणवत्तायुक्त सामान पहुंच रहा है। इस मार्ट की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को रोजगार का साधन मिल रहा है। इसकी वजह से 1400 परिवारों में अतिरिक्त आय का साधन बन गया है, जिसका सकारात्मक परिणाम दिख रहा है।
इस मार्ट में 108 से ज़्यादा स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने सामानों की सप्लाई के लिए ग्राम संगठन को ई-रिक्शा मुहैया कराया है। ई-रिक्शे के जरिए छात्रावास/आश्रमों में राशन और दूसरे सामानों की आपूर्ति की जा रही है। महज 3 महीने में ही ‘ट्राइबल मार्ट’ को 1 करोड़ 34 लाख का आर्डर प्राप्त हुआ है और इन सभी आर्डर में से 95 प्रतिशत सामान को ग्राहक तक पहुंचाया भी जा चुका है।
असंभव कुछ भी नहीं -जरूरत सिर्फ इच्छा शक्ति की
इस मार्ट से जुड़ी कुछ महिलाओं से द बेटर इंडिया ने बात की है। आदर्श महिला ग्राम संगठन की सविता रजवाड़े कहती हैं, “ट्राइबल मार्ट में काम करने से पैसे कमाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर होने के नए-नए गुर सीखने को मिल रहे हैं। अक्सर हमारे आसपास के लोग कहते थे कि तुम्हारा काम चूल्हा सँभालने का है, लेकिन आज जब एक ज़िम्मेदारी को अच्छे से निभा रही हूँ तो ऐसा लगता है कि अगर कुछ ठान लिया जाए तो सब कुछ संभव है।”
गुणवत्ता का रखा गया है पूरा ख्याल
ट्राइबल मार्ट में खाद्य पदार्थों के लिए अलग मानक तय किये गये हैं। इस मार्ट में ग्राहकों के लिए रसायन मुक्त अनाज रखा जाता है, जिसे सीधा किसान के खेत से लाया जाता है। ग्राहकों के लिए ताजी हरी सब्जी रहती है। यहां इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि किसानों के उत्पाद को अहमियत मिले। सूरजपुर के कलेक्टर दीपक सोनी ने इस मार्ट के बारे में बताया कि इसकी वजह से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा, “ विकास की बहुत अलग-अलग परिभाषा होती है, लेकिन कोई योजना एक साथ कितनी समस्याओं का समाधान निकालती है यह देखना जरूरी है। ट्राइबल मार्ट के माध्यम से 6000 बच्चों को गुणवत्तायुक्त राशन, 1500 परिवार को रोजगार से लाभ, 108 महिला समूह को अतिरिक्त आय और पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता, यह समावेशी विकास का सबसे अच्छा मॉडल है। इतना ही नहीं अब तो यह छत्तीसगढ़ के हर ज़िला में खुलने जा रहा है।”इस योजना को सूरजपुर में खूब पसंद किया जा रहा है। माना जा रहा है कि जब राज्य के हर जिला में इस तरह का मार्ट खुल जाएगा तो ग्रामीण इलाकों में लोगों को काफी लाभ मिलेगा।
(साभार – द बेटर इंडिया)

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