कोरोना ने सिखाया है

  • चिंदु बोड़ा

सब लोग कुछ न कुछ अपने मन की बात कह रहे है मैंने भी सोचा मैं भी अपने मन की बात आप से करूं कुछ लिख कर अगर कोई गलती हो तो माफ करना
आज हम सब एक जगह आकर रूक सा गये।पर किसी ने यह सोचा हमारे जीवन में क्या चल रहा था। यह हमें भी पता नही की हमारे जीवन में क्या चल रहा था। वही रोज की भाग दौड़ कहते हैं ना की प्रकृति व ईश्वर जो भी करता है वह अच्छे के लिए करता है। कोराना के कारण परिवार के सभी सदस्य घर पर रह रहे हैं।और समय का सदुपयोग करने के लिए कुछ ना कुछ कार्य कर रहे हैं। हंसी मजाक कर रहे हैं।इस से यह ज्ञात होता है की इस लॉक डाउन ने हमारे अहंकार के गुब्बारे को फोड़ दिया है कि पैसे से कुछ भी खरीदा जा सकता है।जिस के पीछे दुनियां दिन रात दौड़ती है पर हमें यह अहसास दिलाया है कि दुनिया केवल पैसे से नही चल सकती, हालांकि इस की भी जरूरत है।पर हमें अपने जीवन को आराम से चलाने के लिए लोगों की भी जरूरत है।और हमें उन सब को सलाम करना चाहिए। जिन्होंने हमारे जीवन में खुशी की किरण ले कर आये है।हमारी जीवन शैली में कुछ सुधार आया है।हमारी प्रकृति में भी काफी परिवर्तन आया है।

 

शुभजिता

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