उज्जैन में 1 मार्च से शुरु होगी दुनिया की पहली वैदिक घड़ी

भोपाल । चंद्रग्रहण या सूर्यग्रहण कब पड़ेगा? सूर्योदय-सूर्यास्त का समय कया है? अच्छा मुहूर्त कब है? ऐसी ही कई सटीक जानकारी के लिए वैदिक घड़ी से मिल सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मार्च को इस घड़ी का वर्चुअली लोकार्पण करेंगे। यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल वॉच होगी, जो इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (आईएसटी) और ग्रीनविच मीन टाइम (जीएमटी) तो बताएगी ही, पंचांग और 30 मुहूर्त की भी जानकारी देगी । उज्जैन में जीवाजी वैधशाला के पास जंतर-मंतर पर 85 फीट ऊंचा टावर बनाया गया है. इस पर 10×12 की वैदिक घड़ी लगाई जाएगी ।  विक्रम शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि यह घड़ी दुनिया की पहली घड़ी होगी, जिसमें भारतीय काल गणना को दर्शाया जाएगा । गौरतलब है कि उज्जैन को काल गणना (टाइम कैलकुलेशन) का केंद्र माना जाता रहा है. उज्जैन से कर्क रेखा (ट्रॉपिक ऑफ कैंसर) गुजरी है । सीएम डॉ. मोहन यादव उज्जैन को टाइम कैलकुलेशन का सेंटर बनाना चाहते हैं। उन्होंने 22 दिसंबर 2023 को विधानसभा सत्र के दौरान कहा था, ‘प्रदेश सरकार प्राइम मेरिडियन को इंग्लैंड के ग्रीनविच से उज्जैन तक ट्रांसफर करने के लिए काम करेगी। इसके लिए उज्जैन की वैधशाला में रिसर्च करेंगे । ‘ विशेषज्ञों का कहना है कि 300 साल पहले तक उज्जैन से ही दुनियाभर का स्टैंडर्ड टाइम निर्धारित किया जाता था । देश की पहली वैधशाला (वर्तमान में जीवाजी वैधशाला) राजा जयसिंह द्वितीय ने सन् 1729 में उज्जैन में बनवाई थी। यहां समय देखने के लिए ‘धूप घड़ी’बनाई गयी । इससे उज्जैन समेत देश भर के शहरों के समय का आकलन किया जा सकता है।
वैदिक घड़ी से यह जानकारी मिलेगी – वैदिक घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से जुड़ी होगी।  इसमें आईएसटी, जीएमटी के साथ भारतीय काल गणना विक्रम संवत् की जानकारी मिलेगी । सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी देगा. अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेगी ।  घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी । द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे । देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी दिखेंगे।
मोबाइल एप के जरिए हर पल के मुहूर्त आदि जान सकेंगे – वैदिक घड़ी से जुड़ा मोबाइल ऐप भी लॉन्च होगा। इसे आरोह श्रीवास्तव डिजाइन कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसका नाम ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ होगा। वैदिक घड़ी के सभी फीचर इस एप में रहेंगे। उज्जैन में लगने वाली घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो एप में भी नजर आएंगे। आप इसे मैन्युअल भी ऑपरेट कर सकेंगे।

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