पद्मश्री : ठुकरायी गयी बच्चियों का सहारा बनती हैं पंजाब की प्रकाश कौर

पंजाब के जालंधर सिटी की सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश कौर को 72वें गणतंत्र दिवस पर पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड पंजाब में परिवार द्वारा ठुकराई गई बालिकाओं के प्रति उनकी सामाजिक सेवा को मान्यता देता है। 63 साल की प्रकाश कौर को उनके माता-पिता ने त्याग दिया था। उन्होंने कहा, ‘पुरस्कार ने समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारी को कई गुना बढ़ा दिया है। उनका सबसे बड़ा पुरस्कार तब होगा जब सभी बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा पाला जाएगा।’

उन्होंने कहा, ‘मैं सभी से एक निवेदन करना चाहूंगी कि वे अपनी नवजात लड़कियों को कचरे या झाड़ियों में न छोड़ें। अगर किसी के लिए किसी भी कारण से एक बालिका को पालना मुश्किल है, तो हम उसका स्वागत खुली बांहों के साथ करेंगे। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आवारा कुत्तों ने रास्ते में छोड़े हुए शिशुओं को काट लिया और कुछ मामलों में उनकी मृत्यु हो गई। यह बहुत परेशान करने वाला है।’

लाड़-प्यार से पाली जाती हैं बच्चियां

कौर ‘यूनिक होम’ नाम की संस्था चला रही हैं, जिसमें 9 दिन से लेकर 20 साल तक की 80 बच्चियां हैं। अब तक 15 बच्चियों की शादी भी की जा चुकी है। यहां हर बच्चे को लाड़ प्यार से पाला जाता है। वे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों जैसे कि मसूरी में सेंट मैरीज, जालंधर में सेंट जोसेफ आदि में पढ़ सकते हैं और शहर के किसी भी बड़े मॉल से खरीदारी कर सकते हैं। बच्चे हर साल गर्मियों के दौरान किसी भी हिल स्टेशन पर 15 दिनों की छुट्टी पर जा सकते हैं। हर साल 24 अप्रैल को सभी बच्चों का जन्मदिन मनाता है।एक विशाल केक काटा जाता है।

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