आर्थराइटिस की वजह से होने वाला जोड़ों का दर्द रोगी के जीवन का ढर्रा ही बदल देता है। मगर अपने खानपान में कुछ परिवर्तन करके रोगी इस दर्द से काफी हद तक राहत पा सकता है। एक नजर डालते हैं ऐसे खाद्य पदार्थों पर, जो जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान कर सकते हैं।
* फाइबर
आर्थराइिटस के कारण होने वाली जोड़ों की सूजन को कम करने में फाइबर की प्रचुरता वाला आहार कारगर हो सकता है। शोधों में पाया गया है कि भोजन में फाइबर की मात्रा बढ़ाने से शरीर में सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) का स्तर घट जाता है। सीआरपी सूजन का सूचक होता है। फल और हरी सब्जियां फाइबर का श्रेष्ठ स्रोत होती हैं। खास तौर से गाजर, संतरे, स्ट्रॉबेरी का सेवन बढ़ाने से जोड़ों की सूजन में काफी लाभ होते पाया गया है।
अच्छी वसा
यह तो आप जानते ही होंगे कि सारी वसा स्वास्थ्य के लिए खराब नहीं होती। आर्थराइिटिस की सूजन को कम करने में ओमेगा-3 फैटी एसिड लाभदायक होते हैं। इन्हें मछली, अलसी, अखरोट, सोयाबीन, पालक आदि के माध्यम से लिया जा सकता है। इसके अलावा ऑलिव ऑइल भी फायदा दे सकता है। यह भी पाया गया है कि धीमी आंच पर, देर तक पकाया गया भोजन आर्थराइटिस के रोगियों के लिए, तेज आंच पर झटपट पकाए गए भोजन की तुलना में बेहतर होता है। कारण यह कि तेज आंच पर झटपट पकाए गए भोजन में ‘एडवांस्ड ग्लायकेशन एंड प्रोडक्ट्स” निर्मित हो जाते हैं, जो जोड़ों सहित पूरे शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करते हैं।
* फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रॉकली आदि
फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रॉकली व इनसे मिलती-जुलती सब्जियों में मौजूद सल्फोराफेन नामक यौगिक ऑस्टियो आर्थराइटिस के कारण होने वाली कार्टिलेज (उपास्थि/ नर्म हड्डी) की क्षति को कम करता है।
* प्याज-लहसुन
प्याज, हरी प्याज और लहसुन में ‘डायएलाइल डायसल्फाइड” नामक यौगिक होता है, जो अन्य रोगों के अलावा आर्थराइटिस में भी लाभप्रद होता है। यह यौगिक कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाने वाले एन्जाइम्स पर लगाम लगाता है और इस प्रकार जोड़ों में दर्द कम करने में योगदान करता है।
* अदरक
अदरक में दर्द व सूजन दूर करने के गुण होते हैं। इसका प्रभाव नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग्स से मिलता-जुलता होता है। हां, यदि आप रक्त को पतला करने वाली दवाई लेते हैं, तो अदरक का सेवन अपने डॉक्टर से पूछकर करें क्योंकि यह इस दवाई के कार्य को प्रभावित कर सकता है।
* हल्दी
हल्दी के फायदों की लंबी सूची में एक फायदा यह भी है कि इससे जोड़ों की सूजन व दर्द में राहत मिलती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन जोड़ों की बीमारियों से संबद्ध सूजन को नियंत्रित करने में मददगार होता है।
* विटामिन-सी
विटामिन-सी में मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स ऑस्टियोआर्थराइटिस को तेजी से बढ़ने नहीं देते। इसलिए आर्थराइटिस के रोगियों को संतरे, टमाटर, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, कीवी आदि का सेवन जरूर करना चाहिए।
* विटामिन-डी
शोध में पाया गया है कि आहार में विटामिन-डी का सेवन करने वाले लोगों में रूमेटॉइड आर्थराइटिस होने की संभावना कम हो जाती है और यह ऑस्टियो आर्थराइटिस की बढ़त को भी रोकता है। तैलीय मछलियों में विटामिन-डी पाया जाता है।
इसके अलावा कुछ डेयरी उत्पादों में भी प्रोसेसिंग के दौरान विटामिन-डी जोड़ा जा सकता है। मगर दिक्कत यह है कि खुद डेयरी उत्पाद आर्थराइटिस का दर्द व सूजन बढ़ा सकते हैं। इसलिए विटामिन-डी के लालच में इनका सेवन करना उल्टे नुकसान कर सकता है। बेहतर यही है कि विटामिन-डी को ध्ाूप के माध्यम से ही ग्रहण किया जाए।