30 के बाद….रखिए सेहत के साथ आहार का ख्याल

उम्र बढ़ने के साथ जीवनशैली बदलती है मगर आहार कई बार नहीं बदलता। वैसे सच तो यह है कि 30 साल का होने के बाद ऐसा भोजन करना सही रहता है जो उम्र के असर को कम कर सके। इसके साथ व्यायाम तो जरूरी है ही मगर भाग – दौड़ भरी जिन्दगी में हम खुद को सबसे ज्यादा नजरअंदाज करते हैं और यही गलती आप भी करते हैं। हम भारतीयों की जिन्दगी में अच्छा भोजन बहुत जरूरी चीज होता है। कई बार ऐसे लोग भी दिखते हैं जो पहनावे को लेकर उतनी परवाह नहीं करते और खाना अपनी पसन्द का खाते हैं। अपनी पसन्द समझे तो….वही जिससे डॉक्टर तौबा करने की सलाह देते हैं और जीभ ऐसी चीजों को ही तलाशती है। हम आधा वजन तो दोस्ती और रिश्तेदारी बढ़ाने में बढ़ा लेते हैं, कुछ गम भुलाने में और कुछ स्टेटस बढ़ाने में। नहीं समझे…..हम समझाते हैं…..किसी दोस्त की बेटी की शादी में गये या फिर किसी रिश्तेदार की पार्टी में…..खाने का मन नहीं है मगर मनुहार करने पर हम उनको नहीं खुद को समझाते हैं….एक दिन में कुछ नहीं होता यार। बस 1 बरफी  की जगह 4 – 5 बरफी और ऊपर से राजभोग….दही भल्ले….और पता नहीं क्या – क्या खा लेते हैं। ऐसी तमाम चीजें, जिनमें वसा है और कोलेस्ट्राल भी। दोस्त से झगड़ा हुआ, किसी और का प्रोमोशन हुआ। पत्नी बात नहीं सुनती या गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हुआ या दोस्तों के साथ डिस्को गये या फिर ऑफिस की पार्टी….बस पैग पर पैग चढ़ाते गये….कभी गम भुलाने के नाम पर तो कभी बॉस को इम्प्रेस करने के लिए……स्टेटस तो शायद ही बढ़े मगर पीने की लत आपको पड़ चुकी होती है। जवान बेटे के साथ दोस्ती बढ़ाने के लिए शराब पीना जरूरी नहीं है मगर आप फ्रेंडली बनने के चक्कर में अल्ट्रा मॉडर्न बनकर अपने साथ उसकी जिन्दगी का बेड़ा गर्क कर बैठते हैं। इन सभी आदतों का रिश्ता आपकी सेहत और आपकी जिंदगी से है….मगर मान लीजिए कि एक बेहतर जिंदगी के लिए आपका फिट रहना और आपकी सेहत का सही रहना बेहद जरूरी है और यह आपको अपने लिए तो करना ही होगा, उनके लिए भी करना है जो आपसे बेहद प्यार करते हैं….आपके अपने…और वह सारे लोग…जिनके लिए आप ही दुनिया हैं…..सो दोस्तों…जिन्दगी इतनी बुरी भी नहीं है इसलिए खुद से प्यार करने में और ख्याल रखने में कोई बुराई नहीं है। उम्र बढने के साथ अपने आहार में परिवर्तन करने से पुरूषों का एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में अच्छा कदम माना जाता है। आयु बढ़ने के साथ ही शरीर के मेटाबोलिज्म रेट के कम होने और पाचन तंत्र के कमजोर पड़ने के साथ ही शरीर में परिवर्तन होने लगता है जिसे विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। तो देर किस बात की है…अपने आहार से जुड़ी इन आदतों पर ध्यान दीजिए और सेहत रहेगी तंदरुस्त……

प्रचुर मात्रा में हरी और रंगीन सब्जियों का सेवन

हरी सबिजयां  न सिर्फ बढते बच्चों के विकास के लिए जरूरी होता है बलकि व्यस्कों में भी पोषण, विटामिन्स और मिनरल्स के लेवल को बनाए रखने के लिए इनकी आवश्यकता पड़ती है। अपने भोजन मैन्यू में न सिर्फ हरी सब्जियों को स्थान दे बल्कि इसके अलावा और भी रंगीन सबिजयों को इसमें जगह दे और उनका अपने भोजन में भरपूर सेवन करे। इन सब्जियों में  एंटीऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाए जाते है जो शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होते है। हरे रंगों वाली सब्जियां  हड्डियों के स्वास्थ्य औश्र बालों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।  अपने भोजन में साग, बंदा गोभी, सेम, फली आदि जैसी हरी सब्जियों के साथ प्रचूर मात्रा में गाजर, चुकंदर, तरबूजा और खरबुजा जैसे अन्य रंगीन फलों और सब्जियों का भी सेवन करनी चाहिए।

 ताजे फल

ताजे फल एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर के सबसे अच्छे स्रोत माने जाते है, इसका सर्वाणिक लाभ लेने के लिए  इसे अपने ब्रेकफास्ट में इनका इस्तेमाल करना चाहिए।  सेब और नाशपाती जैसे फलों के छिलके भी विटामिन्स से भरे होते हैं इसलिए विटामिन्स और फाइबर लेने के लिए इन फलों का छिलका सहित प्रयोग करना चाहिए। सेब, नारंगी और टनस रंगीन फलों में शरीर को पोषण देने वाले बहुत से विटामिन्स  होते है।

साबुत अनाज

आहार में रिफाइंड तेल और प्रोसेस्ड खादय पदार्थों के सेवन से परहेज करे। भोजन में सफेद ब्रेड, प्रोसेस्ड सफेद चावल और मैदे की रोटी के बजाए ब्राउन ब्रेड , छिलका वाले कच्च चावल और चोकर सहित आटे की रोटी का प्रयोग करे। फाइबर युक्त आहार लेने से आंतों में हरकत तेज होता है, रक्त में कोलेस्टरोल  बढने के रिस्क को कम कर रक्त में सूगर की मात्रा  को भी नियंत्रित करता है। अगर आप अपने  आहार चार्ट और भोजन करने के आदतों में परिवर्तन करने जा रहे हैं तो इसे अचानक नहीं करे बलिक धीरे-धीरे करे। खान -पान की आदतों को अचानक बदलने और भोजन में अधिक मात्रा में फाइबर युक्त चीजे लेने से पेट खराब होने की आशंका बनी रहती है।

कम वसा वाले दूध से बने उत्पाद

हड्डियों को स्वस्थ्य और मजबूत रखने के लिए कैलसियम की आवश्यक्ता पड़ती है। उम्र बढने के साथ पुरूषों में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्यस उतपन्न होने का खतरा बढ जाता है ।इसमें हडडिया कमजोर होकर आसानी से टूट जाती है और इसे जुड़ने में काफी समय लगता है। शरीर में कैल्सियम की मात्रा बनाए रखने के लिए अपने आहार में प्रचूर मात्रा में दूध, दही,पनीर और दूध से बने अन्य उत्पादों का सेवन करे। अगर आपको दूध में पाए जाने वाले लैक्टूज से किसी प्रकार की एलर्जी हो तो आप सोया मिल्क का प्रयोग कर सकते है।

 प्रोटीन युक्त आहार

मांस, मछली,अण्डा और सूखे मेवे प्रोटीन का समृद्ध स्रोत माने जाते है। शोध में पाया गया है कि मछली प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होने के साथ ही हृदय के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। मछली में पाए जाने वाला ओमेगा -3 नामका प्रोटीन रक्त में कोलेस्टरोल की मात्रा बढने से रोकता है। डराई फ्रूट प्रोटीन के  एक अच्छे स्रोत होने के साथ-साथ विटामिन्स ई का भी बढिया स्रोत माना जाता है। जो लोग शाकाहारी होते हैं उनके  लिए सूखे मेवे सही हैं।

प्रोटीन का एक अच्छा विकल्प हो सकता है

सही वसा का सेवन   अच्छे स्वास्थ्य के लिए जीवन में माध्यम मार्ग अपनाना सबसे अच्छा सिद्धांत  माना जाता है। शरीर  को सही ढंग से काम करने के लिए में एक निधार्रित मात्रा में वसा की आवश्यकता होती है। इसलिए वसा के प्रयोग को बिलकुल बंद कर देना इससे सेवन से बचना भी स्वास्थ्य की दृष्टी से उचित नहीं है।  सुरक्षित वसा के रूप् में जैतून का तेल प्रयोग किया जा सकता है।

(साभार – ओनली माई हेल्थ)

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