महावत शब्द सुनते ही हमारी आंखों के सामने एक ऐसे शख्स का चेहरा उभर जाता है जो छोटी धोती पहनता हो, हाथ में एक लकड़ी पकड़े होता हो और सिर पर पगड़ीनुमा कपड़ा बांधे रखता हो मगर इस कल्पना में महिला कहीं नहीं होती। हाथियों को अपने इशारों पर चलाने का काम पुरुषों का ही माना जाता रहा है लेकिन पार्वती बरुआ दुनिया की इकलौती और अकेली ऐसी महिला हैं जो हाथियों को अपने हिसाब से चलाती हैं। महावत के रूप में वे दुनिया की अकेली महिला हैं और उन्हें उनके इस काम के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है।
असम के गौरीपुर के एक राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पार्वती को शुरू से ही जानवरों से खास लगाव था। खासतौर पर हाथियों से। उनका यही प्यार उनकी जिंदगी का लक्ष्य बन गया और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जानवरों की सेवा में लगाने का फैसला कर लिया। वो एशियन एलीफैंट स्पेशलिस्ट ग्रुप, आईयूसीएन की सदस्य भी हैं. उनकी जिंदगी पर कई डॉक्यूमेंट्री बन चुकी हैं. वो हाथियों को बचाने के लिए भी काफी सक्रिय रहती हैं।