महिलाओं की मदद करेगी प्रीति जिंटा की टास्क फोर्स

अपने समय की मशहूर अभिनेत्री प्रीति जिंटा भारतीय महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक खास तरह का ऐप जल्द ही लॉन्च करने वाली हैं। ‘कवच’ नाम के इस ऐप के लिए प्रीति ने सेना के रिटायर्ड अफसरों और जवानों की मदद ली है।

इस ऐप में यह व्यवस्था की जा रही है कि मुसीबत के समय महिलाओं की मदद के लिए पुलिस से पहले उनकी खास टास्क फोर्स मौके पर पहुंचे और खतरे को टालने या अपराध होने के बाद की स्थिति में महिलाओं की मदद करे।

प्रीति जिंटा ने बताया कि यह ऐप उन्होंने स्टार्ट अप के तौर पर शुरू किया है और इसके लिए उन्होंने भारतीय तकनीशियनों के अलावा सेना के रिटायर्ड अफसरों की मदद ली है।

इस ऐप को स्मार्ट फोन पर डाउनलोड करते समय महिलाओं को अपने बारे में मूलभूत जानकारियों के अलावा अपने स्वास्थ्य मसलन दिल का मरीज, डायबिटीज या अन्य किसी तरह की गंभीर बीमारियां होने के बारे में जानकारी भरनी होगी। जीपीआरएस के जरिए यह ऐप अपने उपयोगकर्ताओं की लोकेशन के बारे में उनके रिश्तेदारों को हर वक्त सटीक जानकारी देता रहेगा।
प्रीति ने बताया कि अपराध होने या अपराध की आशंका पर इस ऐप का पैनिक बटन दबाते ही उनकी कंपनी की टास्क फोर्स का कंट्रोल रूम हरकत में आ जाएगा। इस कंट्रोल रूम से सबसे पहले पुलिस को फोन किया जाएगा और इस कॉल को रिकॉर्ड भी किया जाएगा।

इसके साथ ही टास्क फोर्स के पांच अफसर, जिसमें तीन पुरुष और दो महिला होंगे, तुरंत महिला के फोन करने के वक्त की लोकेशन का जीपीआरएस के जरिए पता करके वहां पहुंचेंगे। लोकेशन पता लगाने के लिए यह ऐप उसी तकनीक का इस्तेमाल करेगा, जिसके जरिए ओला या उबर जैसी टैक्सी सर्विसेज ग्राहकों तक पहुंचती हैं।

ये टास्क फोर्स बॉडी कैमरा से लैस होगी और इनके पास अपराधियों से निपटने के लिए सभी जरूरी हथियार और उपकरण होंगे। टीम की कोशिश होगी कि मुसीबत में फंसी महिला को सुरक्षित बचाया जाए। लेकिन, अगर टीम के पहुंचने तक अपराध हो चुका होगा तो ऐसी सूरत में टीम पुलिस के लिए जरूरी सबूत जुटाने में मदद करेगी और महिला को पुलिस में रिपोर्ट लिखाने से लेकर बाकी कानूनी मदद मुहैया कराएगी। स्वास्थ्य संबंधी गंभीर स्थिति बनने पर भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

कवच नाम का यह ऐप भारत में जल्द ही उपलब्ध होगा, इसके लिए उपयोगकर्ता को तीन सौ रुपये की मामूली फीस देनी होगी। इस ऐप के परीक्षण के लिए प्रीत जिंटा ने महाराष्ट्र के पुणे शहर को चुना है, जहां इसे अगले महीने प्रायोगिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा।

इस परीक्षण के लिए अभी तक पुणे और आसपास की 50 हजार महिलाओं को ऐप से जोड़ा जा चुका है। प्रीति ने बताया कि उनका परिवार सेना से जुड़ा रहा है और इसीलिए भूतपूर्व सैनिकों के साथ मिलकर देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बढ़ी जागरूकता के बीच वह यह ऐप लॉन्च कर रही हैं। इस ऐप की टास्क फोर्स अपराधों से निपटने में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य संबंधी और कानूनी सहायता पहुंचाने के लिए भी पूरी तरह प्रशिक्षित होगी।

 

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