गंगा की सफाई के लिए विशेष कानून की मांग को लेकर 111 दिन से अनशन पर बैठे पर्यावरणविद प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद का ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। प्रो जीडी अग्रवाल भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद थे, साथ ही वो महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय यूनिवर्सिटी में पर्यावरण विज्ञान के मानद प्रोफेसर थे। जीडी अग्रवाल ने 2009 में भागीरथी नदी पर हो रहे बांध का निर्माण रुकवाने के लिये उन्होंने आमरण अनशन किया था जिसमें वो सफल रहे थे।
प्रो जीडी अग्रवाल का जन्म 20 जुलाई 1932 को यूपी के मुजफ्फरनगर के कांधला में हुआ था। इनकी शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। इसके बाद इन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की (IIT Roorkee) से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। प्रो जीडी अग्रवाल केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पहले सचिव के रूप में भी नियुक्त थे. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय के सलाहकार के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी थी। प्रो जीडी अग्रवाल यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की में भी विजिटिंग प्रोफेसर रहे थे।
2011 में जीडी अग्रवाल से हो गए स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद
प्रो. जीडी अग्रवाल ने उत्तरप्रदेश सरकार में डिजाइन इंजीनियर के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया एंड बर्केले से एनवायर्मेंटल इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। धीरे-धीरे इनका ध्यान धर्म की और अधिक जाने लगा था जिसके बाद 2011 में ये संन्यासी हो गए और अपना नाम जीडी अग्रवाल से बदल कर स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद कर लिया।
प्रो जीडी अग्रवाल गंगा में बहुत ज्यादा आस्था रखते थे। वो अक्सर कहते थे गंगा उनकी मां है और वो गंगा के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं। अपनी मौत से पहले इन्होंने पांच बार अनशन किया था। 2013 में जब इन्होंने गंगा सफाई के लिए हरिद्वार में अनशन किया था उस वक्त प्रशासन ने इसे आत्महत्या की कोशिश कहकर इन्हें जेल में डाल दिया था। इस बार भी गंगा की सफाई के लिए विशेष कानून की मांग करते हुए ये 22 जून से हरिद्वार के उपनगर कनखल के जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में अनशन पर बैठे गए थे। उन्होंने जल भी त्याग दिया था।