कोलकाता : विश्व की महत्वपूर्ण विज्ञान परियोजनाओं एक छत के नीचे लाने वाली भारत की पहली मेगा विज्ञान प्रदर्शनी विज्ञान समागम कोलकाता में आरम्भ हो चुकी है। इस बहुस्थलीय प्रदर्शनी को लेकर की फंडिंग के लिए परमाणु उर्जा विभाग, विज्ञान एवं तकनीक विभाग ने सहयोग किया है जबकि वेन्यू पार्टनर यानी स्थान उपलब्ध करवाने के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम्स तथा संस्कृति मंत्रालय ने सहयोग का हाथ बढ़ाया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय विज्ञान एवं तकनीक मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने किया। उन्होंने दैनन्दिन जीवन में विज्ञान के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से दुनिया भर के कई वैज्ञानिकों के बीच वैज्ञानिक साझेदारी बढ़ेगी और वे अपनी परियोजनाओं से प्राप्त अनुभवों का उपयोग समाज को बेहतर बनाने के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाओं में निवेश का 70 प्रतिशत उपयोग देश में खासकर उद्योगों में होता है। विज्ञान एवं तकनीक विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने विज्ञान पत्रकारिता को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया और कहा कि विज्ञान के प्रसार के लिए वैज्ञानिकों तथा पीएचडी शोधार्थियों से भी आलेख लिखवाये जा रहे हैं। अब तक 3500 विज्ञान सम्बन्धी आलेख प्राप्त हो चुके हैं और इनकी संख्या बढ़ाकर 5 हजार करना लक्ष्य है। 31 दिसम्बर तक चलने वाली
विज्ञान समागम मेगा प्रदर्शनी में विश्व की प्रमुख विज्ञान परियोजनाओं में भारत की भागेदारी को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी में ब्रम्हाण्ड से लेकर हिज पार्टिकल के आविष्कार समेत कई विविध परियोजनाओं व आविष्कार दिखेंगे। भारत जिन विज्ञान परियोजनाओं में शामिल है, उनमें यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर स्थित लार्ज हैड्रन कॉलिडर, फैसिलिटी फॉर एंटी प्रोटोन एंड आयन रिसर्च समेत कई अन्य विज्ञान योजनाएँ शामिल हैं। श्रीवास्तव के मुताबिक इसके पहले मुम्बई और बंगलुरू में यह प्रदर्शनी आयोजित हो चुकी है।