Saturday, May 10, 2025
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एमबीए पास राधिका ने नौकरी छोड़ खोला ढाबा

सपने छोटे हो या बड़े, उनको पूरा करने के लिए जरूरत होती है जोश और आत्मविश्वास की. इस बात को राधिका अरोड़ा की हिम्मत और जोश ने साबित कर दिखाया है। काम कोई भी हो उसे करने की लगन चाहिए होती है और फिर कामयाबी आपके साथ चल पड़ेगी.

हरियाणा के अंबाला की राधिका ने पहले बी.कॉम किया फिर उच्‍च शिक्षा के लिए एमबीए करने चंड़ीगढ़ आ गई। राधिका ने पहले तो नौकरी की. फिर उन्‍हें कुछ ऐसा सूझा कि उसके बाद रिलायंस कंपनी में मिली नौकरी छोड़ कर खाने की रेहड़ी लगा ली।

हरियाणा के अंबाला की राधिका ने मोहाली इंडस्‍ट्रियल एरिया में एक फूड ज्‍वाइंट खोला है। सबसे मजेदार और अनोखी बात ये है कि राधिका ने एमबीए किया है और वे रिलायंस में एचआर की शानदार नौकरी छोड़कर मोहाली में खाने की रेहड़ी लगा रही हैं।

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बीकॉम की पढ़ाई के बाद एमबीए करने के लिए राधिका अंबाला से चंडीगढ़ आ गई थी और उसी दौरान उन्‍होंने पेइंग गेस्‍ट बनकर रहना शुरू किया। यहां रहने के दौरान राधिका को पेइंग गेस्ट का खाना अच्छा नहीं लगता था। खाने की समस्या ने राधिका को नौकरी के दौरान काफी परेशान किया. तभी उन्हें लगा कि बजाय कहीं और नौकरी करने के अच्छा है अपना काम शुरू किया जाए। राधिका ने पढ़ाई के दौरान सबसे ज्‍यादा घर के खाने को याद किया था इसलिए उन्‍हें फूड ज्‍वाइंट खोलना तय किया.

राधिका स्‍वभाव से चुलबुली और काफी एक्टिव हैं। रास्‍ता चुन लेना और उस पर चलना बहुत मुश्किल होता है. उन्‍होंने अपने बुलंद हौसले के साथ इस काम की शुरुआत की। लोगों को अपनेपन का एहसास कराने के लिए उन्‍होंने रेहड़ी का नाम रखा है माँ का प्यार। आज वो हर रोज घर से बाहर रहने वालों को घर का खाना बनाकर खिलाकर खुशियां फैला रही हैं। उन्‍हें इस काम का रिस्‍पान्स भी बहुत अच्‍छा मिल रहा है.

उनके फूड कोर्ट में राजमा-चावल, कढ़ी चावल, दाल-चावल और रोटी सब्जी सहित वो सब कुछ मिलता है जो घर में बनता है। मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया में वो रोजाना एक बजे से तीन बजे तक रेहड़ी लगाती हैं। आज 70 लोगों का खाना रोज बनाने वाली लड़की को कभी खाना बनाना पसंद नहीं था, पर अब ऐसा जोश चढ़ा है की अकेले ही राधिका सब संभाल रही हैं। इस काम को शुरू करने के लिए उन्‍होंने एक लाख रुपये का निवेश किया है.

जब ये काम शुरू करना था तब उनके बिजनेसमैन पिता को कामयाबी मिलने पर संदेह था। इसकी वजह राधिका का लड़की होना था, क्‍योंकि किसी काम को करना आज के आधुनिक समाज में भी लड़कियों के लिए लड़कों की अपेक्षा अक्‍सर थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इन सबके बावजूद राधिका के हौसल को देखते हुए परिवार के सभी सदस्‍यों ने उनका पूरा साथ दिया। आज कामयाबी मिलने के बाद वो भविष्‍य में चंडीगढ़ के आईटी पार्क में अपना फूड कोर्ट खोलने की प्‍लानिंग कर रही हैं।

 

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