नयी दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी को लेकर दुनिया भर में जंग जारी है. भारत में 21
भारत की संस्कृति “वसुधैव कुटुम्बकम् ” और “सर्वे भवंतु सुखिनम् ” की रही है। पारंपरिक
कोलकाता : दुनियाभर में कोरोना वायरस के चलते खौफ और डर का माहौल पैदा हो गया
जैसे हर चमकती चीज का मतलब सोना नहीं होता वैसे हर एक छींक का मतलब
प्रत्यंचा युवा कवयित्री पंखुरी सिन्हा का हिंदी में तीसरा कविता संग्रह है। इसमें १४६ कवितायेँ
कितना अच्छा होता यदि चिड़ियां होते हम ! साथ चुगते दाना हरदम हंसते हंसते हम
देश-दुनिया बीते कुछ महीनों से लगातार कोरोना के प्रभाव को खत्म करने का प्रयास कर
विषय में अच्छा कॅरिअर बनाने के लिए स्टूडेंट्स का स्कूलिंग पूरी करते ही आगे की
कविता – पानी से घिरे हुए लोग, कवि – केदारनाथ सिंह, शिक्षण संस्थान – खुदीराम
भारत जोड़ता है और भारत जुड़ता है अपनी हर गली से लेकर अपनी कला, हस्तशिल्प,