Friday, July 18, 2025
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आयुर्वेदिक डाक्टरों को भी मिलेगा एलोपैथी चिकित्सकों के बराबर वेतन

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा उत्तराखंड हाईकोर्ट का फैसला
नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें हाई कोर्ट ने कहा है कि एनआरएचएम स्कीम के तहत आयुर्वेद के डॉक्टर एलोपैथी के डॉक्टर के बराबर वेतन के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य ने अर्जी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात को साफ करते हैं कि नैशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत प्रतिवादी आयुर्वेदिक डॉक्टर, एलोपैथी के मेडिकल ऑफिसर व डेंटल मेडिकल ऑफिसर के बराबर हैं। सुप्रीम के आदेश के बाद साफ हो गया है कि एनआरएचएम स्कीम के तहत आयुर्वेद के डॉक्टर एलोपैथी मेडिकल ऑफिसर के बराबर वेतन के हकदार हैं।

दरअसल उत्तराखंड सरकार ने एनआरएचएम स्कीम के तहत राज्य में आयुर्वेद, होम्योपैथिक, एलोपैथी और डेंटल मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति की थी। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को स्वास्थ्य स्कीम का लाभ हो और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा मिल सके। लेकिन आयुर्वेद के डॉक्टरों और अन्य के बीच सैलरी में विभेद था। इसके खिलाफ आयुर्वेद के डॉक्टरों ने राज्य सरकार के संबंधित विभाग के सामने रिप्रजेंटेशन दिया लेकिन वहां से जब उन्हें राहत नहीं मिली तो उन्होंने उत्तराखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एनआरएचएम स्कीम के तहत आयुर्वेदिक डॉक्टर , एलोपैथी मेडिकल ऑफिसर के बराबर सैलरी के हकदार हैं। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य ने अर्जी दाखिल की थी। उस अर्जी पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई से इंकार कर दिया जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट का फैसला बरकरार है।

कोरोना बीता, अब धूमधाम से मना गणगौर उत्सव

16 दिवसीय गणगौर पूजन का समापन

सिलीगुड़ी: आज सिलीगुड़ी के 8 नंबर वार्ड खाल पाड़ा में स्थित गांधी मैदान में गणगौर उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया साथ ही आज सोलह दिनों की पूजा अर्चना के बाद आज गणगोर को भावभीनी विदाई देते हुए विसर्जन किया गया । होली के तुरंत बाद ही गणगौर उत्सव गणगौर पूजन के साथ शुरू हो जाता है जिसमें विशेष रूप से नई विवाहित युवतियां गणगौर की पूजा अर्चना करती हैं साथ ही सुबह दोपहर तथा शाम को 16 दिनों तक यह पूजा चलती रहती है अपने सुहाग की रक्षा, प्यार की कामना के साथ गणगौर उत्सव मनाया जाता है। सभी विवाहित महिलाएं इस उत्सव को मनाती हैं। मुख्य रूप से गणगौर पूजन में शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। कोरोना महामारी के कारण 2 सालों से यह उत्सव काफी फीका पड़ गया था लेकिन इस बार महिलाओं ने मिलकर काफी अच्छे से अपने नियम के साथ और उत्साह पूर्वक गणगौर उत्सव मनाया है। आठ नंबर वार्ड की वार्ड पार्षद शालिनी डालमिया ने बताया कि यह हमारे समाज का पारंपरिक, सांस्कृतिक, धार्मिक त्यौहार है जो हम हर साल लगातार 16 दिनों तक करते हैं और फिर आज ही के दिन अंतिम दिन गणगौर की विदाई के साथ विसर्जन करते हैं और धूमधाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सिलीगुड़ी समाज की प्रसिद्ध लेखिका बबीता अग्रवाल ने बताया कि सदियों से गणगौर पूजन का उत्सव चलता आ रहा है। यह हमारी परंपरा और संस्कृति से जुड़ा हुआ पर्व है। आज के इस गणगौर उत्सव में सिलीगुड़ी शहर की विभिन्न संस्थाओं की महिलाएं भी जुड़ी हुई थी जिसमें मुस्कान, नामक संस्था थी । नारी शक्ति, तथा मां भवानी मंजू माता महिला परिवार की सदस्याएं भी भरी तादाद में उपस्थित थी वही तेरापंथ महिला मंडल, भी । नारी शक्ति की अध्यक्ष शशि जैन ने बताया की यह पर्व हम हर साल धूमधाम से मनाते है। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष मनीषा सुराणा ने कहां की गणगौर पर्व से हमारे जीवन में एक नया उत्साह और शक्ति तथा प्रेम की भावना बढ़ती है।

भवानीपुर कॉलेज का थियेटर फेस्ट 2022 सम्पन्न

प्रथम रहा भवानीपुर कॉलेज

कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज का तीन दिवसीय थियेटर फेस्ट 2022 आज संपन्न हुआ।कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह ने अपने स्वागत वक्तव्य में थियेटर फेस्टिवल 2022 के थीम विषय मुखौटे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हर व्यक्ति में कई व्यक्ति होते हैं लेकिन वह चेहरा उसी व्यक्ति का होता है। कोलकाता के लगभग ग्यारह कॉलेज शिक्षायतन कॉलेज, लॉरेट कॉलेज, हेरिटेज कॉलेज, आदि से आए कलाकार और नाटक प्रतिस्पर्द्धा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों का स्वागत किया और कहा इस कार्यक्रम का उद्देश्य है सभी कॉलेजों के नाट्यकला के विद्यार्थियों का आपसी मेलजोल हो और वे मिलकर नाटक का मंचन करें जिससे बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति बतौर दर्शक रहेगी। वर्तमान में नाटक में तकनीकी विकास के क्षेत्र में हुई प्रगति के विषय में भी बताया है
।तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के नाटकों का मंचन किया गया।अॉडियो ड्रामा, स्ट्रीट प्ले, मोनो एक्ट, कॉमेडी ड्रामा, इमप्रोव, बोर्डरूम ड्रामा, एड स्पुफ, स्टेज प्ले आदि कार्यक्रम का उद्घाटन किया लिटिल थेस्पियन और पश्चिम बंगाल साहित्य अकादमी के कला विभाग की प्रमुख रंगमंच की मशहूर हस्ती उमा झुनझुनवाला ने। उन्होंने अपने वक्तव्य में नाटक को पंचम वेद बताते हुए जीवन के सभी रसों से पूर्ण बताया और नाटक हमें अनुशासन सिखाते हैं।
तीन दिनों तक चलने वाले इस थिएटर फेस्टिवल प्रतियोगिता में कई प्रमुख नाट्यमंच के प्रमुख व्यक्तित्वों में सुप्रभो टैगोर, रित्विका चौधरी , एरोन टार्गिन , देबप्रियो मुखर्जी, पलाश चतुर्वेदी, शुभम् सिंह आदि ने विविध प्रकार के मंचन किए गए नाटकों पर निर्णय दिया।
थियेटर फेस्ट में विद्यार्थियों ने फुड स्टॉल भी लगाए। छात्र छात्राओं के वॉलंटियर्स ने सभी प्रकार के मैनेजमेंट के तहत कार्य किए। कार्यक्रम को सफल बनाने में कॉलेज के पदाधिकारियों, शिक्षकों और शिक्षिकाओं तथा इन एक्ट के विद्यार्थियों का पूर्ण रूप से सहयोग रहा। डीन प्रो दिलीप शाह, प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो दिव्या उदेशी ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा आयोजित की। डॉ वसुंधरा मिश्र ने कार्यक्रम की जानकारी दी । थियेटर फेस्ट 2022 में प्रथम भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज, द्वितीय स्कॉटिश चर्च कॉलेज और श्री शिक्षायतन कॉलेज, तृतीय विमेन्स क्रिश्चियन कॉलेज रहे।

भारत जैन महामंडल लेडीज विंग ने नेत्रहीन बच्चों को करवाया भोजन

कोलकाता । भारत जैन महामंडल लेडीज विंग ने टालीगंज थाना के पास नेत्रहीन बच्चों की स्कूल में सुबह के भोजन की व्यवस्था की। यह मानव सेवा लाइट हाउस फॉर द ब्लाइंड में की गयी। आयोजन भारत जैन महामंडल लेडीज विंग कोलकाता की सदस्य सुमित्रा सेठिया के जन्मदिन पर घोषित राशि से किया गया। मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा होती है। सभी बच्चों को दोपहर का भोजन , गुलाब जामुन खिलाया गया। महावीर जयंती पर मानव सेवा और महावीर भजन सराहनीय आयोजन था। यह जानकारी भारत जैन महामंडल की उपाध्यक्ष अंजू सेठिया ने दी।

भारत की पहली एल्युमिनियम बॉडी वाली हल्की ट्रेन दौड़ी पटरी पर

पुणे मेट्रो में भरेगी रफ्तार

हुगली: आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने देश की पहली हल्के वजन की ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने हुगली के उत्तरपाड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में इस ट्रेन का उदघाटन किया। यह ट्रेन महाराष्ट्र मेट्रो की पुणे प्रोजेक्ट के लिए एल्युमिनियम-बॉडी से बनी देश की पहली हल्की ट्रेन है।
इस मौके पर बोलते हुए जोशी ने कहा कि देश में मेट्रो परियोजनाओं के कारण एक नया ईको-सिस्टम विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी ट्रेन का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ अवधारणा की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने एल्युमीनियम निर्मित ट्रेन का उपयोग करने का साहसिक निर्णय लेने के लिए महाराष्ट्र मेट्रो के प्रबंध निदेशक (एमडी) डॉ दीक्षित को बधाई दी।
दीक्षित ने कहा, ‘भारत में पहली बार इस तरह की हल्की एल्युमीनियम बॉडी वाली ट्रेन का निर्माण और महा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए इसका इस्तेमाल एक बड़ा कदम है। नागपुर मेट्रो परियोजना पर काम 2015 में शुरू किया गया था। उस समय देश में मेट्रो ट्रेनों का निर्माण करने वाली एक भी कंपनी नहीं थी। तब से इस दिशा में काफी प्रगति हुई है।’
उन्होंने कहा कि पुणे परियोजना की दो लाइनें हाल ही में शुरू की गई हैं और बाकी परियोजना पर यात्री सेवाएं जल्द ही शुरू की जाएंगी। वह बोले कि राज्य सरकार ने राज्य में मेट्रो परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में व्यापक सहयोग दिया है।

बंगाली अभिनेता अभिषेक चटर्जी का निधन

कोलकाता । लोकप्रिय बंगाली अभिनेता अभिषेक चटर्जी का गत 24 मार्ड़च को उनके निवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि चटर्जी (58) ने गत बुधवार को एक शो की शूटिंग के दौरान पेट में मरोड़ की शिकायत की थी और उन्हें प्रिंस अनवर शाह रोड पर स्थित उनके निवास पर ही सेलाइन चढ़ाया गया था।
चटर्जी के परिवार में पत्नी एवं एक बेटी है। उन्होंने (चटर्जी ने) 1986 में ‘पथभोला’ फिल्म से बंगाली फिल्म जगत में कदम रखा था और आने वाले वर्षों में ऋतुपर्णो घोष की ‘दहन’ एवं ‘बारीवाली’ तथा मजूमदार के ‘आलो’ समेत कई हिट फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। वह बंगाली धारावाहिकों में भी जाना-पहचाना चेहरा थे।

सतर्कता बरत रहे हैं भारतीय उपभोक्ता, बचत पर दे रहे हैं ध्यान : रिपोर्ट

नयी दिल्ली । भारतीय उपभोक्ता सतर्कता का रुख अपना रहे हैं और भविष्य के लिए अधिक बचत कर रहे हैं। साथ ही वे गैर-विवेकाधीन खर्च यानी जरूरी खर्च को संतुलित करने का प्रयास कर रहे हैं। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
डेलॉयट की उपभोक्ता गतिविधियों पर निगरानी रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अपनी खरीदारी, मनोरंजन और ‘शौक’ पर अपने खर्च की प्राथमिकता तय कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में शामिल उपभोक्ता व्यक्तिगत देखभाल और कपड़ों, शौकियां गतिविधियों, मनोरंजन और यात्राओं पर खर्च करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स, घर का साजोसामान और रेस्तरां का नंबर आता है।
रिपोर्ट कहती है कि विश्लेषण से पता चलता है कि उपभोक्ताओं में अब धारणा सकारात्मक हो रही है। वे सतर्कता से अपनी खुशियों और खर्च के बीच संतुलन बैठाने का प्रयास कर रहे हैं और भविष्य के लिए अधिक बचत कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट भारत में अब चीजें सामान्य हो रही हैं और यात्रा अंकुश हट रहे हैं। ऐसे में भारतीय कारोबारी यात्रा की तैयारियां कर रहे हैं।
सर्वे के अनुसार, करीब 83 प्रतिशत भारतीयों के अगले तीन माह के दौरान कारोबारी यात्रा पर जाने की उम्मीद है। सर्वे में शामिल ज्यादातर उपभोक्ता अगले तीन साल के दौरान अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर आशान्वित नजर आए।
डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (डीटीटीआईएलएलपी) के भागीदार और उपभोक्ता उद्योग लीडर पोरस डॉक्टर ने कहा, ‘‘भारतीय उपभोक्ता अब भविष्य के लिए बचत करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।’’

421 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की लागत 4.73 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

नयी दिल्ली । बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 421 परियोजनाओं की लागत में तय अनुमान से 4.73 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। देरी और अन्य कारणों की वजह से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है। मंत्रालय की फरवरी-2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,565 परियोजनाओं में से 421 की लागत बढ़ी है, जबकि 647 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,565 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 21,86,542.05 करोड़ रुपये थी, जिसके बढ़कर 26,59,914.61 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 21.65 प्रतिशत या 4,73,352.56 करोड़ रुपये बढ़ी है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी-2022 तक इन परियोजनाओं पर 13,26,569.75 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 49.87 प्रतिशत है। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें, तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 553 पर आ जाएगी। रिपोर्ट में 631 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 647 परियोजनाओं में 84 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 124 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 327 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 112 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं। इन 647 परियोजनाओं की देरी का औसत 42.60 महीने है।
इन परियोजनाओं की देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है। इनके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, परियोजनाओं की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है।

2023 से ‘फ्लीट मोड’ में एक साथ 10 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण शुरू करेगा भारत 

नयी दिल्ली । कर्नाटक के कैगा में 2023 में 700 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए नींव डालने के साथ भारत अगले तीन वर्षों में ‘फ्लीट मोड’ में एक साथ 10 परमाणु रिएक्टरों के निर्माण कार्यों को गति देने के लिए तैयार है। नींव के लिए कंक्रीट डालने (एफपीसी) के साथ परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण अब पूर्व-परियोजना चरण से आगे बढ़कर निर्माण को गति देने का संकेत है, जिसमें परियोजना स्थल पर उत्खनन गतिविधियां शामिल हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के अधिकारियों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति को बताया, ‘कैगा इकाइयों 5 और 6 का एफपीसी 2023 में अपेक्षित है, गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजन इकाइयों 3 और 4 और माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाई 1 से 4 का एफपीसी 2024 में अपेक्षित है और 2025 में चुटका मध्य प्रदेश परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाइयों 1 और 2 का एफपीसी होने की संभावना है।’ केंद्र ने जून 2017 में 700 मेगावाट के 10 स्वदेशी विकसित दबावयुक्त भारी जल संयंत्र (पीएचडब्ल्यूआर) के निर्माण को मंजूरी दी थी। ये 10 पीएचडब्ल्यूआर 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे। यह पहली बार है जब सरकार ने लागत कम करने और निर्माण के समय में तेजी लाने के उद्देश्य से एक बार में 10 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों के निर्माण को मंजूरी दी थी। डीएई अधिकारी कहा कि ‘फ्लीट मोड’ परियोजनाओं के लिए थोक स्तर पर खरीद की जा रही थी जिसमें स्टीम जेनरेटर, एसएस 304 एल जाली ट्यूब और एंड शील्ड के लिए प्लेट, प्रेशराइजर फोर्जिंग, ब्लीड कंडेनसर फोर्जिंग, 40 स्टीम जनरेटर के लिए इंकोलॉय-800 ट्यूब, रिएक्टर हेडर के निर्माण के लिए ऑर्डर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि गोरखपुर इकाई 3 और 4 तथा कैगा इकाई 5 और 6 के टरबाइन आइलैंड के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण पैकेज प्रदान किए गए हैं। ‘फ्लीट मोड’ के तहत पांच साल की अवधि में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण की उम्मीद है।

नोएडा की सड़कों पर रात 12 बजे दौड़ रहे प्रदीप ने जीता दिल

नयी दिल्ली । रात के 12 बजे नोएडा की सड़कों पर दौड़ लगाता 19 साल का प्रदीप सोशल मीडिया का सितारा बन गया है। दरअसल, पूर्व पत्रकार और फिल्मकार विनोद कापड़ी देर रात अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे, तभी उनकी नजर इस लड़के पर पड़ी जो कंधे पर बैग लादे दौड़ा चला जा रहा था। कापड़ी ने उसे कहा कि अगर कहीं जाना है तो वो उसे लिफ्ट दे सकते हैं। लेकिन लड़का इसके लिए राजी नहीं हुआ और उसने अपनी जो कहानी बताई, उसने इस वीडियो को देखने वाले हर इंसान का दिल जीत लिया। प्रदीप रोजाना नोएडा सेक्टर-16 से बरौला स्थित अपने घर तक दस किलोमीटर की दौड़ लगाता है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले प्रदीप ने बताया कि वो नोएडा में अपने भाई के साथ रह रहा है और उसकी मां अस्पताल में है। वीडियो बना रहे कापड़ी ने जब प्रदीप को साथ में डिनर करने का ऑफर दिया तो 19 साल के इस लड़के ने ऐसा जवाब दिया कि कोई भी अपना दिल हार जाए। कापड़ी ने इस वीडियो को शेयर करने के साथ ही कैप्शन में लिखा, ‘दिस इज प्योर गोल्ड।’ नोएडा की सड़क पर कल रात 12 बजे मुझे ये लड़का कंधे पर बैग टांगे बहुत तेज़ दौड़ता नज़र आया. मैंने सोचा किसी परेशानी में होगा, लिफ़्ट देनी चाहिए। बार बार लिफ़्ट का ऑफ़र किया पर इसने मना कर दिया. वजह सुनेंगे तो आपको इस बच्चे से प्यार हो जाएगा
सोशल मीडिया पर प्रदीप का वीडियो वायरल हो चुका है और लोग ना सिर्फ उसके जज्बे को सलाम कर रहे हैं।