हावड़ा । गर्मियों की छुट्टियां हमेशा मस्तियों से सराबोर होती हैं, दादी-नानी का गांव और करने के लिए पढ़ाई के सिवा सब कुछ। ये हमारा बचपन था। बढ़ता शहरीपन हमारे बच्चों के जीवन से उनका बचपन छीन रहा है, वह भी बहुत तेजी से। छुïिट्टयों के लिए हमारे पास कई योजनाएं होती थीं। आज छुïिट्टयां गुमसुम बच्चों से सवाल करती हैं, अब क्या करोगे? हावड़ा नवज्योति की ओर से समर कैम्प आयोजित किया जा रहा है। इस बार हम तैयार हैं बच्चों के लिए वह गांव बनने को, जहां दादी-नानी भले न हों लेकिन मस्ती वही मिलेगी। …..और हां पढ़ाई तो बिल्कुल नहीं होगी। हम आयोजित करनेवाले हैं समर कैंप, बच्चों के लिए मस्ती स्टेशन। हर आयु वर्ग के बच्चे हमारे साथ मस्ती करने आ सकते हैं। सबसे लिए यहां होगा बहुत कुछ। सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए निःशुल्क है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 22 जून है। कार्यालय का समय है-सोम से शुक्र शाम 5 से 8 बजे। शनि रवि शाम 3 से 5 बजे तक
भवानीपुर कॉलेज में पहली बार इंटरकॉलेज बॉक्सिंग प्रतियोगिता नॉकआउट
कोलकाता के 14 प्रसिद्ध कॉलेजों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया
कोलकाता । खेल में दुनिया को बदलने की ताकत है। इसमें प्रेरणा देने की शक्ति है, इसमें लोगों को उस तरह से एकजुट करने की शक्ति है जैसा और कोई नहीं करता। यह युवाओं से उसी भाषा में बात करता है जिसे वे समझते हैं।”
खेल हमेशा मनोरंजन और मस्ती का एक रूप रहा है। खेल में सभी सामाजिक या धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग एकजुट होकर खेलते हैं। खेल हमेशा अनुशासित तरीके से खेले जाने के लिए होते हैं। बॉक्सिंग एक ऐसा खेल है जो महान वीरता, शक्ति, अनुशासन, तकनीक और जाहिर तौर पर खेल भावना को प्रदर्शित करता है। भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने प्रथम बार एक इंटर कॉलेज नॉकआउट टूर्नामेंट का आयोजन किया, जिसमें 14 प्रसिद्ध कॉलेजों ने भाग लिया था। कार्यक्रम में आशुतोष झा उनके विशिष्ट अतिथि के रूप में, जो वर्तमान में भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज में छात्र हैं। वह खेल के इस क्षेत्र में माहिर हैं और इस आयोजन की सफलता में आशुतोष झा की प्रमुख भूमिका रही।
कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के छात्रों द्वारा चेसबॉक्सिंग के लाइव प्रदर्शन के साथ हुई, जिसमें बॉक्सिंग के साथ शतरंज के इस रचनात्मक मिश्रण के साथ दर्शकों को आकर्षित करने के लिए किया गया। प्रति मैच कुल तीन राउंड थे, जिसमें प्रत्येक राउंड में 2 मिनट का समय था। इसके बाद आधिकारिक मैच शुरु हुए, जिसने अपनी तीव्रता से माहौल को गर्म कर दिया। विभिन्न कॉलेजों के उत्साही प्रतिभागियों ने बॉक्सिंग रिंग पर अपना कौशल और समर्पण दिखाया, जिस पर भीड़ ने उत्साह से प्रतिक्रिया दी। पहले दिन शुरुआती मैच देखे गए और अगले दिन फाइनल के लिए योग्य क्वालीफायर आगे बढ़े।
इस आयोजन के लिए और साथ ही उनकी बहुमूल्य उपस्थिति के लिए कॉलेज के डीन प्रो. दिलीप शाह का विशेष धन्यवाद। उनके बिना यह आयोजन इतना सफल नहीं हो सकता था। साथ ही, प्रतिभागियों का लगातार मार्गदर्शन करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए कार्यक्रम के आयोजक आशुतोष झा का विशेष धन्यवाद किया गया।
विभिन्न श्रेणियों के विजेता थे:
-65 किग्रा हैं- मिजानुल रहमान खान, एजेसी कॉलेज (स्वर्ण), आकाश धनुक, खिदिरपुर कॉलेज (रजत), ऋतिक प्रसाद, बीईएससी (कांस्य)।
-55 किग्रा- बिपुल पांडे, एजेसी कॉलेज (स्वर्ण), अवंतास अरोड़ा, बीईएससी (रजत)
-60 किग्रा- मरियम आयशा, चित्तरंजन कॉलेज (स्वर्ण), जरीन खान, एसएससी (रजत)
-65 किग्रा- खुशी लकड़ा, बीईएससी (स्वर्ण), संजना गुप्ता, बीईएससी (रजत)
-75 किग्रा- आदित्य शॉ, एजेसी कॉलेज (स्वर्ण) , सुमित सरकार, एपीसी कॉलेज (रजत), शशांक शेखर तिवारी, बीईएससी (कांस्य)
-70 किग्रा- सिद्धार्थ तस्नीवाल, बीईएससी (स्वर्ण), ज्योति रंजन स्वैन, बीईएससी (रजत), मोहम्मद शोएब कुरैशी, उमेश चंद्र कॉलेज (कांस्य)
-60 किग्रा- किंग्शुक साहा, न्यू अलीपुर कॉलेज (स्वर्ण), हरि गुरुंग, खड़गपुर कॉलेज (रजत), निरंजन बर्मन, विवेकानंद कॉलेज, सिलीगुड़ी (कांस्य)
-55 किग्रा- प्रबी कर्मकार, चारुचंद्र कॉलेज (स्वर्ण), स्वाति गुप्ता, एमसीकेबी (रजत), माधवी पाहन, बर्दवान कॉलेज (कांस्य)
65 किग्रा और उससे अधिक- प्रियंका सिंह, बीईएससी (स्वर्ण), श्वेता शर्मा, सुरेंद्रनाथ (रजत)।
किंग ऑफ द रिंग- मिजानुल रहमान खान (एजेसी)
रिंग की रानी- पूर्वी कर्मकार (चारुचंद्र)
उन्हें पदकों से सम्मानित किया गया और इसके बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। यह आयोजन उत्साह और मनोरंजन का रोलरकोस्टर साबित हुआ। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।
संवाददाता – रूपम कुंडू और फोटोग्राफर- उमंग लच्छीराम
श्री डूंगरगढ़ स्थापना दिवस समारोह में सराहा गया राजस्थानी लोकगीतों में महिलाओं का योगदान
भारत जैन महामंडल लेडीज विंग कोलकाता और भारतीय भाषा परिषद का साझा आयोजन
कोलकाता । भारतीय भाषा परिषद और भारत जैन महामंडल लेडीज विंग संयुक्त तत्वावधान में श्री डूंगरगढ़ स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। समारोह में राजस्थानी लोकगीत में महिलाओं का योगदान केन्द्रीय विषय रहा। कार्यक्रम का उद्घाटन भारतीय भाषा परिषद की अध्यक्ष कुसुम खेमानी ने किया। आयोजन के विशेष अतिथि के रूप में ताजा टीवी के चेयरमैन एवं छपते – छपते हिन्दी दैनिक के सम्पादक विश्वम्भर नेवर, डॉ. वसुंधरा मिश्र और सुशीला पुगलिया उपस्थित थीं।। सभी विशेष अतिथियों ने राजस्थानी लोकगीत मे महिलाओं के योगदान पर बोलते हुए श्री डूंगरगढ़ स्थापना दिवस पर सबको शुभकामनाएं दी। सभी बहनों ने गीतो, कविताओं ,वक्तव्यों एवं संस्मरणों के माध्यम से गांव की धरती पर बेनजीर प्रस्तुति दी। जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी प्यारी होती है। एक दो महिलाओं प्रथम बार मंच पर अपनी बात रखी। लहरियां साड़ियों में सजी- धजी महिलाओं के समुह ने सचमुच कोलकाता पर राजस्थान को उतार दिया था। श्री डूंगरगढ़ स्थापना दिवस का 141वाँ वर्ष अद्भुत और अनुपम अंदाज में मनाया गया और महिलाओं ने प्रथम बार गांव का स्थापना दिवस समारोह मना कर इतिहास रच दिया। कोलकाता में विराजित आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी ठाणा जो कि श्री डूंगरगढ़ से है, संदेश भेजा। श्री डूंगरगढ़ की सभी बहनों को उपहार देकर सम्मानित किया गया। अंजू सेठिया, सरोज भंसाली की कड़ी मेहनत और सुशीला पुगलिया के सहयोग ने कार्यक्रम को सफल बनाया। भारतीय भाषा परिषद के मंत्री डॉ केयुर मजमूदार ने धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालनअंजू सेठिया ने किया। विनोद बिनानी सूरत से सभी बहनों को साड़ी देने उपहारस्वरूप देने की घोषणा की।
चावल के मांड के हैं बहुत से फायदे
अक्सर लोग चावल पकने के बाद इस पानी को निकालकर फेंक देते है क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से पानी के साथ हम चावल के सभी पौष्टिक तत्वों को भी हटा देते हैं.अगर आप यह जान जाएंगे कि चावल का पानी आपकी स्किन और हेयर के लिए कितना लाभदायक है और यह किन-किन गंभीर बीमारियों से आपको बचा सकता है तो आप कभी भी इस पानी को नहीं फेकेंगे. आइए जानें इसके फायदों के बारे में-
मांड में विटामिन बी, सी और ई की प्रचुरता है और ये सभी विटामिन शरीर की थकान को दूर करता है और शारीरिक ऊर्जा को बूस्ट करने में मदद करता है।
चावल के मांड का सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की आशंका घट जाती है.
अगर बाल सफेद या झड़ रहे हैं तो बाल धोने के बाद जड़ों में चावल के मांड को 20 मिनट लगाकर छोड़ दें. फिर शैम्पू औरकंडीशनरसे धो लें।
चावल के मांड में अल्ट्रावायलट किरणों का प्रभाव कम करने वाला ओरिजेनॉल तत्व पाया जाता है इसलिए त्वचा पर इंफेक्शन हो रहा है तो चावल के मांड को चेहरे पर लगाए।
चावल का मांड फाइबर से भरपूर होता है और आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है।
मांड में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल गुण ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या को दूर करते हैं।
चावल का मांड वायरल बुखार में किसी दवा से कम नहीं है. गरमा-गरम मांड में हल्का सा नमक मिलाकर पी लें।इससे बुखार जल्दी खत्म होता है और शरीर को पोषण मिलता है.
चावल का मांड पीने से शरीर में खून का संचार बेहतर तरीके से होता है।
यह शरीर के तापमान को भी संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाता है।
लोब्लड प्रेशरमें अगर नमक डालकर चावल का मांड पीते हैं तो इस समस्या से जल्द राहत मिलती है।
चावल के मांड से पाचन क्रिया बढ़िया रहती है और पेट की अपच भी खत्म हो जाती है।
अरसे बाद पेटीएम के शेयरों में आई तेजी
नयी दिल्ली । देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन ऑफ इंडिया 17 मई को बाजार में सूचीबद्ध हो गयी। एलआईसी की लिस्टिंग से जो उम्मीद की जा रही थी,निवेशकों को उसमें निराशा हाथ लगी। निवेशकों को लिस्टिंग के पहले दिन एलआईसीने निराश किया है। कंपनी के शेयर बीएसई पर 81.80 रुपए डिस्काउंट मतलब करीब 9.62 फीसदी की गिरावट के साथ 867.20 रुपए प्रति शेयर पर लिस्ट हुई है। वहीं एनएसई पर ये 872 रुपए पर लिस्ट हुए हैं। जहां एलआईसी से निवेशकों को निराश किया तो वहीं पेटीएम के शेयरों में एक बार फिर से जबरदस्त तेजी देखने को मिली है।
पेटीएम के शेयरों में तेजी
पेटीएम के शेयरों में फिर से जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। कंपनी के शेयर इंट्रा डे में करीब 10% तक उछल कर 600 रुपए तक पहुंच गए। जिस शेयर ने निवेशकों का पैसा डूबा दिया अब वो तेजी से बढ़ने लगी है। सोमवार को पेटीएम के शेयर 598.65 रुपए पर पहुंच गए। कंपनी की ओर से की गई नई घोषणा के बाद से इसके शेयरर खरीदने की निवेशकों में अचानक होड़ लग गई, जिके कारण शेयर में 10 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। पेटीएम के शेयर शुक्रवार के मुकाबले 8.63 फीसदी की बढ़त पर सोमवार को बंद हुए। वहीं मंगलवार को पेटीएम के स्टॉक तेजी के साथ 603.35 रुपए पर खुले, हालांकि बाजार बंद होने तक इसमें 2 फीसदी की गिरावट आ गई और शेयर 577.3 रुपए पर पहुंच गया।
क्यों आई पेटीएम के शेयरों में तेजी
दरअसल फिनटेक फर्म पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने हाल ही में बड़ी घोषणा की। 15 मई को कंपनी ने कहा कि वो रहेजा क्यूबीई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए पहले के घोषित डील को खत्म कर चुकी हैं। कंपनी ने कहा कि वो नए आवेदन के जरिए नए जनरल बीमा लाइसेंस के लिए मंजूरी मांगेगी।
इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में तेजी आने लगी। वहीं पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम मॉल को लेकर बड़ा ऐलान किया। विजय़ शेखर ने कहा कि Paytm Mall का कारोबार अब ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स पर बनाया जाएगा। इन खबरों ने कंपनी के शेयर को मजबूती दी।
जैक मां ने बेची अपनी हिस्सेदारी
आपको बता दें कि चीनी उद्योगपति जैक मां की कंपनी अलीबाबा ने पेटीएम ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। जी हां चीनी कंपनी ने पेटीएम की ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम मॉल में अपनी 43.32 फीसदी की हिस्सेदारी बेच दी है। आपको बता दें कि करीब 5 साल पहले अलीबाबा और एंट फाइनेंशियल ने पेटीएम मॉल में अपनी हिस्सेदारी खरीदी थी, लेकिन अब पेटीएम ई कॉमर्स ने इन दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी खरीद ली है। कंपनी ने इस ऐलानों ने उसके शेयर पर असर डाला है। निवेशकों का रूझ पेटीएम की ओर बढ़ने लगा है।
नौकरियां और रोजगार देने के मामले में बेंगलुरु शीर्ष पर – रिपोर्ट
दिल्ली और मुम्बई पीछे
नयी दिल्ली। हायरिंग प्लेटफॉर्म हायरेक्ट के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि बेंगलुरु 17.6 फीसदी अनुपात के साथ सबसे अधिक नौकरियों और रोजगार के साथ शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु के बाद सूची दिल्ली और मुंबई क्रमश: दूसरे एवं तीसरे पायदान पर हैं। हायरेक्ट की स्टडी रिपोर्ट में जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ने 11.5 फीसदी औसत के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है तो वहीं 10.4 फीसदी औसत के साथ मायानगरी मुंबई तीसरे स्थान पर रही है। जबकि उत्तर प्रदेश की हाईटेक सिटी और देश का अपैरल हब माने जाने वाले नोएडा को महज छह फीसदी औसत के साथ सूची में जगह दी गई है।
हायरेक्ट की यह अपनी तरह की पहली स्टडी रिपोर्ट है। रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यू नॉर्मल के दौर के बाद आने वाले समय में भारत को जॉब मार्केट किस तरह से बदलने जा रहा है और कैंडिडेट ड्रिवन मार्केट में सक्सेज सर्वाइवल चांस क्या हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि सेल्स एंड बिजनेस डेवलेपमेंट सेक्टर में सर्वाधिक 26.9 फीसदी रोजगार मिल रहा है।
इसके बाद आईटी और आईटीईएस सेवाओं से जुड़ा क्षेत्र 20.6 फीसदी औसत अनुपात के साथ दूसरे स्थान पर रहा है। जबकि खरीद और बिक्री क्षेत्र 0.3 फीसदी औसत के साथ साल का सबसे कम रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों में से एक रहा है। हालांकि, आई टी / आईटीईएस इंडस्ट्री में पिछले वर्ष की तुलना में नौकरियों की वृद्धि दर्ज की गईं हैं। ऐसा भारतीय कंपनियों में तेजी से बढ़ते डिजिटलाइजेशन के प्रभाव के कारण भी हो सकता है। भारतीय आईटी सॉफ्टवेयर सेक्टर में भर्ती गतिविधियां साल दर साल 163 फीसदी बढ़ रही हैं।
शीर्ष 20 फीसदी सर्वाधिक वेतन वाली नौकरियों में आईटी इंजीनियरों की है। जिन्हें पांच-10 वर्षों के अनुभव के साथ 54.2 फीसदी औसत के साथ शीर्ष भुगतान वाली नौकरियों में रखा गया है। इसके बाद से सेल्स एंड बिजनेस डेवलेपमेंट सेक्टर हैं। जहां आईटी सेक्टर की तरह ही समान अनुभव श्रेणी के साथ 20.4 फीसदी तक की वेतन बढ़ोतरी देखी गई है। मोटे तौर पर देखें तो आईटी सेक्टर में पांच से 10 साल के अनुभव के बाद सेल्स एंड बिजनेस डेवलेपमेंट सेक्टर के मुकाबले 63 फीसदी तक की वेतन बढ़ोतरी हो रही है।
बेटी की अच्छी परवरिश के लिए 36 सालों से पुरुष बनकर जी रही है ये माँ
चेन्नई । हम जिस महिला की बात कर रहे हैं उनका नाम है एस पेचियाम्मल , जो तमिलनाडु के एक छोटे से गांव कटुनायक्कनपट्टी (थूथुकुडी शहर से क़रीब 30 किमी की दूरी पर) से संबंध रखती हैं। इनकी शादी के महज़ 15 दिन बाद पति की मृत्यु हो गई थी। तब इनकी उम्र मात्र 20 वर्ष थी. पेचियाम्मल दोबारा शादी नहीं करना चाहती थीं. इसलिए, आगे की ज़िंदगी बड़ी चुनौतियों के साथ बिताने की ठान ली। पेचियाम्मल की जब बेटी हुई थी और घर और बेटी की परवरिश के लिए काम करना शुरू कर दिया।
पुरुष प्रधान समाज का शिकार
एस पेचियाम्मल जिस गांव से सम्बन्ध रखती थीं, उनके लिए वहां काम करना उतना आसान नहीं था। वो जहां जाती लोग उन्हें परेशान किया करते थे। बेटी की परवरिश के लिए उन्होंने होटल, चाय की दुकान और कंस्ट्रक्शन साइट्स जैसी जगहों पर काम करने की कोशिश की लेकिन वहां लोग तानों के साथ बुरी नज़र से देखते और साथ ही अभद्र बातें करते थे।
असहज भरी ज़िंदगी से गुज़र रही थीं पेचियाम्मल
जब एस पेचियाम्मल को लगा कि इस पुरुष प्रधानस समाज में एक सामान्य जीवन जीना मुश्किल है, तो उन्होंने आगे की ज़िंदगी एक पुरुष बनकर जीने का फ़ैसला किया।
इसके लिए उन्होंने अपने केश तिरुचेंदुर मुरुगन मंदिर में दान किए और स्त्री के परिधान
त्याग कर कमीज़ और लुंगी पहनना शुरू कर दिया,साथ ही अपना नाम बदलकर मुथु भी रख लिया। इंडिया एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू के अनुसार, मुथु बनीं पेचियाम्मल क़रीब 20 साल बाद अपने मूल स्थान में कटुनायक्कनपट्टी में जाकर बस गयीं। केवल उनकीबेटी और उनके सबसे नज़दीकी लोग ही उनकी असलियत जानते थे।
पुरुष बनकर ही रहना चाहती हैं
पेचियाम्मल अब 57 वर्ष की हो चुकी हैं और उनकी बेटी की भी शादी हो चुकी है लेकिन उनका मानना है कि वो इसी तरह पुरुष बनकर रहना चाहती हैं. उनका कहना है कि मैं अपनी मृत्यु तक मुथु बनकर ही रहूंगी.” जानकर हैरानी होगी कि उनके आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड में भी उनका नाम मुथु ही है।
वहीं, वो कहती हैं कि, ” मेरे पास न तो अपना घर है और न ही मेरे पास कोई बचत है। मैं विधवा प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन नहीं कर सकती. चूंकि मेरी उम्र हो चुकी है, इसलिए मैं काम भी नहीं कर सकती हैं। सरकार से आर्थिक सहायता देने का अनुरोध करती हूं. ” इस विषय पर कलेक्टर डॉ के सेंथिल राज ने का कहना है कि, “वो देखेंगे कि क्या किसी सामाजिक कल्याण योजना के तहत पेचियाम्मल की सहायता की जा सकती है।
रेंट एग्रीमेंट 11 महीनों का ही क्यों होता है, एक साल का क्यों नहीं?
जो लोग किराए पर रहते हैं या फिर जिन लोगों ने किराए पर घर दे रखा है, उन लोगों के लिए रेंट एग्रीमेंट काफी आम शब्द है। आपने देखा होगा कि जिस रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement Rules) की हम बात कर रहे हैं, वो एग्रीमेंट 11 महीने का होता है।
लेकिन, कभी आपने सोचा है कि रेंट एग्रीमेंट हमेशा 11 महीने का ही क्यों बनवाया जाता है और इसे पूरे साल यानी 12 महीने का क्यों नहीं बनवाया जाता।।
रेंट एग्रीमेंट के बिना ही लंबे समय तक एक जगह पर रहते हैं. तो पहले आपको बता दें कि ऐसा नहीं करना चाहिए और रेंट एग्रीमेंट समय पर बनवा लेना चाहिए।
क्या होता है रेंट एग्रीमेंट?
रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार के बीच होने वाला एक अनुबन्ध यानी कॉन्ट्रेक्ट होता है. जिसमें बताया जाता है कि एक मकान मालिक एक सीमित समय के लिए किसी को अपनी रहने या किसी इस्तेमाल के लिए किराए पर दे रहा है और इसके लिए एक किराया तय किया जाता है। इस एग्रीमेंट में किराएदार और मकान मालिक के बीच जो शर्ते तय की जाती हैं। उन्हें लिखा जाता है और दोनों आपस में इस अनुबन्ध के जरिए कुछ शर्तों पर राजी होते हैं. ये कोर्ट में भी मान्य होता है।
11 महीना का ही क्यों होता है रेंट एग्रीमेंट?
आपने देखा होगा कि जब भी किराएदार, मकानमालिक या ब्रोकर भी रेंट एग्रीमेंट बनवाता है तो 11 महीने का ही कॉन्ट्रेक्ट बनवाया जाता है। इंडियन रजिस्ट्रेशन एक्ट होता है. उसके सेक्शन 17 में कुछ दस्तावेजों की जानकारी दी गयी है। उनके रजिस्ट्रेशन जरूरी है और लीज डीड भी उसमें बताई गयी है। आपको बता दें कि रेंट एग्रीमेंट को एक तरह से लीज डीज ही माना जाता है. उसमें कहा गया है कि अगर एक साल ऊपर कोई भी लीज डीड होता है तो आपको लीज डीड भी करवानी होगी। ऐसें में अगर रेंट एग्रीमेंट 1 साल से ज्यादा का होगा तो फिर इसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
इसके बाद अगर कोई रजिस्ट्रेशन करवाता है तो उसके लिए फिर ड्यूटी, स्टांप खर्च आदि देना होगा। ऐसे में इस खर्चे से बचने के लिए रेंट एग्रीमेंट को 11 महीने का ही करवाया जाता है। इसके बाद इसका नवीनीकरण करवा लिया जाता है, लेकिन ये 12 महीने से ज्यादा वक्त का अनुबन्ध नहीं होता है.
क्या किराएदार क्यों मकान पर कब्जा कर सकता है?
कानूनी जानकारों का कहना है, ‘वैसे तो कभी भी किसी भी किराएदार का मकान मालिक की संपत्ति पर हक नहीं होता है. लेकिन कुछ परिस्थितियों में किराए पर रहने वाला व्यक्ति उस पर अपना जाहिर कर सकता है। ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट के अनुसार, एडवर्स पजेशन में ऐसा नहीं होता है और इसमें जिस पर संपत्ति का कब्जा होता है, वो उसे बेचने का अधिकारी भी होता है। यानी अगर कोई 12 साल तक किसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन रखता है तो उसे संपत्ति पर अधिकार मिल जाता है।
उदाहरण के तौर पर समझे तो जैसे किसी व्यक्ति ने अपने जानकार को अपनी सम्पत्ति रहने के लिए दे रखी है और वो वहां 11 साल से ज्यादा साल रह रहा है तो वो उस संपत्ति पर अधिकार जमा कर सकता है।
इसके उलट अगर कोई किराएदार है और मकान मालिक समय-समय पर रेंट एग्रीमेंट बनवा रहा है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। इस स्थिति में कोई भी व्यक्ति उनकी संपत्ति पर कब्जा नहीं कर सकता।
( साभार – टीवी 9 भारतवर्ष)
चार महीने के अंदर घटेगा ‘ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम’ का शुल्क : सिंधिया
नयी दिल्ली । ‘ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम’ का शुल्क अगले तीन-चार महीनों में कम हो जाएगा। नागर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस पाठ्यक्रम की संचालित करने वाले संस्थानों की संख्या बढ़ने जा रही है, जिससे प्रशिक्षण शुल्क में कमी आएगी।
एक किसान ने वीडियो क्रॉन्फ्रेंस के जरिए सिंधिया के साथ बातचीत के दौरान ‘ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम’ के लिए ‘उच्च शुल्क’ का मुद्दा उठाया था। सिंधिया ने कहा कि बीते पांच महीनों में विमानन नियामक डीजीसीए ने ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 23 संस्थानों को मान्यता दी है।
मंत्री ने मोबाइल फोन की कीमत का उदाहरण दिया और बताया कि कैसे भारत में पिछले कुछ वर्षों में यह सस्ता हुआ है। मंत्री ने कहा, “जैसे-जैसे स्कूलों की संख्या बढ़ेगी, ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण की लागत भी कम होगी। अगले तीन से चार महीनों के अंदर आप उस क्रांति को भी देखेंगे, क्योंकि हम ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाते रहेंगे।”
सिंधिया ने कहा कि देश को निश्चित रूप से अधिक ड्रोन पायलटों की जरूरत है और यही कारण है कि उनकी प्रमाणन प्रक्रिया पूरी तरह से विकेंद्रीकृत हो गई है।
उन्होंने कहा, “अब केवल डीजीसीए ही ड्रोन स्कूलों को प्रमाणित करेगा, और संबंधित ड्रोन स्कूल पायलटों को प्रमाण पत्र देंगे।”
महिला टी20 चैलेंज में कप्तान की भूमिका में नजर आएंगी मंधाना, हरमनप्रीत और दीप्ति
नयी दिल्ली । स्टार भारतीय खिलाड़ी स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर और दीप्ति शर्मा को 23 मई से पुणे में होने वाले महिला टी20 चैलेंज क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए गत सोमवार को तीन टीम का कप्तान बनाया गया।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने प्रत्येक टीम में 16 खिलाड़ियों को जगह दी है। हरमनप्रीत को सुपरनोवाज, मंधाना को ट्रेलब्लेजर्स और दीप्ति को वेलोसिटी की कमान सौंपी गई है। पिछला टूर्नामेंट 2020 में हुआ था जिसे ट्रेलब्लेजर्स ने जीता था।
अनुभवी भारतीय क्रिकेटर मिताली राज, झूलन गोस्वामी और शिखा पांडे को किसी टीम में जगह नहीं मिली है। इस प्रदर्शनी टूर्नामेंट में 12 विदेशी खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगी जिसमें दक्षिण अफ्रीका की सलामी बल्लेबाज लॉरा वोलवार्ट और दुनिया की नंबर एक गेंदबाज सोफी एकलेस्टोन भी शामिल हैं।
थाईलैंड की नथाकेन चेनतम दूसरी बार टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली आस्ट्रेलिया की एकमात्र खिलाड़ी लेग स्पिनर एलेना किंग हैं जबकि इंग्लैंड की खिलाड़ियों में एकलेस्टोन के अलावा सोफिया डंकले और केट क्रॉस भी शामिल है। बांग्लादेश की सलमा खातून और शरमिन अख्तर को भी चुना गया है। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली वेस्टइंडीज की खिलाड़ी डिएंड्रा डोटिन और हेली मैथ्यूज हैं।
दक्षिण अफ्रीका की कप्तान सुने लुस और वोलवार्ट क्रमश: सुपरनोवाज और वेलोसिटी का प्रतिनिधित्व करेंगी।.हाल में संपन्न सीनियर महिला टी20 टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों को टीम में जगह मिली है। टूर्नामेंट की सबसे सफल बल्लेबाज केपी नवगिरे और सबसे सफल गेंदबाज आरती केदार वेलोसिटी के लिए खेलेंगी।
आगामी सत्र संभवत: महिला चैलेंज का अंतिम टूर्नामेंट होगा क्योंकि बीसीसीआई अगले साल से पूर्ण महिला आईपीएल के आयोजन की योजना बना रहा है।
टीम इस प्रकार हैं:
सुपरनोवाज: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), तानिया भाटिया, एलेना किंग, आयुष सोनी, चंदू वी, डिएंड्रा डोटिन, हरलीन देओल, मेघना सिंह, मोनिका पटेल, मुस्कान मलिक, पूजा वस्त्रकार, प्रिया पूनिया, राशि कनौजिया, सोफी एक्लेस्टोन, सुने लुस और मानसी जोशी।
ट्रेलब्लेजर्स: स्मृति मंधाना (कप्तान), पूनम यादव, अरुंधति रेड्डी, हेली मैथ्यूज, जेमिमा रोड्रिग्स, प्रियंका प्रियदर्शिनी, राजेश्वरी गायकवाड़, रेणुका सिंह, ऋचा घोष, एस मेघना, सैका इशाक, सलमा खातून, शरमिन अख्तर, सोफिया ब्राउन, सुजाता मलिक और एसबी पोखरकर।
वेलोसिटी: दीप्ति शर्मा (कप्तान), स्नेह राणा, शेफाली वर्मा, अयाबोंगा खाका, केपी नवगिरे, कैथरीन क्रॉस, कीर्ति जेम्स, लॉरा वोलवार्ट, माया सोनवणे, नथाकेन चेनतम , राधा यादव, आरती केदार, शिवली शिंदे, सिमरन बहादुर, यस्तिका भाटिया और प्रणवी चंद्रा।