Monday, July 21, 2025
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गुंजन ने हिन्दी में किया मैकबेट्ट नाटक का अनुवाद

कोलकाता । रंगमंच पर किताबें लिखना आसान काम नहीं है और अनुवाद तो उससे भी कठिन है। वहीं महज 16 साल की उम्र में गुंजन द्वारा मैकबेट्ट नाटक का हिन्दी में किया गया अनुवाद अब पुस्तक के रूप में प्रकाशित हो गया है। गुंजन अब 21 साल की है। 1 सितम्बर 2001, कलकत्ता में जन्मी गुंजन मूलतः वाणिज्य विषय की विद्यार्थी है मगर उसे रंग-संस्कार और साहित्य की समझ विरासत में मिली है। अँग्रेज़ी साहित्य से गुंजन का विशेष लगाव है। अँग्रेज़ी में कविताएँ भी लिखती हैं। साथ ही घुड़सवारी का भी शौक रखती हैं। पाँच वर्ष पूर्व 16 वर्ष की आयु में ही गुंजन ने अपने पहले प्रयास में यूजीन आयनेस्को के एक कठिन नाटक को अनुवाद के लिए चुना है। आयनेस्को को लोग अधिकतर राइनासर्स से ही जोड़ते हैं। जबकि उन्होंने अनेक सशक्त नाटकों की रचना की है और उन्हीं में से एक है मैकबेट्ट जो स्वयं को शेक्सपियर की परंपरा से भी जोड़ता है और आधुनिक रंग-परंपरा का निर्माण भी करता है। मैकबेट्ट जैसे नाटक को हिन्दी में लाकर गुंजन ने हिन्दी नाट्य-संपदा को समृद्ध किया। निश्चित ही ये नाटक रंग प्रेमियों के लिए एक चुनौती है। उसके 21वें जन्मदिन पर प्रलेक प्रकाशन की ओर से किताब का कवर पेज रिलीज किया गया है। 20 सितम्बर को अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स में लिटिल थेस्पियन के स्थापना दिवस के अवसर पर इस किताब का लोकार्पण है।

दोहरी डिग्री का विकल्प ग्लैमरस नहीं होना चाहिए – प्रो. तरणजीत सिंह

कोलकाता । प्रैक्सिस बिजनेस स्कूल के संस्थापक निदेशक प्रो, तरणजीत सिंह ने कहा कि दोहरी डिग्री का विकल्प अगर ग्लैमरस हो जाए तो यह काफी डरावना होगा। एक प्रमुख मीडिया हाउस द्वारा आयोजित “प्रौद्योगिकी और कौशल के माध्यम से शिक्षा” शिखर सम्मेलन “दोहरी डिग्री: लाभ और चुनौतियां” पर एक पैनल में भाग ले रहे थे। सम्मेलन में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की गवर्निंग काउंसिल की सदस्य रूपमंजरी घोष, एनआईआईटी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो राजेश खन्ना और रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने भी विचार रखे।
हाल ही में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने संयुक्त और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों के लिए विदेशी और भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग के लिए नियमों की घोषणा की थी, जिसमें इसके लिए संकाय को प्रशिक्षण प्रदान करना भी शामिल था। एक दोहरे डिग्री कार्यक्रम में, छात्र एक ही समय में या यहां तक ​​कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ, असमान क्षेत्रों में भी, दो पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकता है और विशेष रूप से यूरोप में बहुत लोकप्रिय हैं।
इस विचार पर आगे विस्तार करते हुए प्रो. सिंह ने कहा, “यदि आप राष्ट्रीय शिक्षा नीति को देखें, तो यह समग्र शिक्षा पर इतना जोर देता है। आपको सिर्फ अकादमिक के साथ जीवन कौशल भी सीखने की जरूरत है। खेल और कला की भी जरूरत है। मेरी चिंता यह है कि आज एमबीए नया ग्रेजुएशन है और मुझे उम्मीद है कि ड्यूल डिग्री नई डिग्री नहीं बनेगी क्योंकि तब आप दो के जैक हैं लेकिन किसी के मास्टर नहीं हैं।
हमारे यहां वास्तव में एक सार्वभौमिक रूप से लागू सिद्धांत नहीं हो सकता है। इसके अलावा, अगर मैं परिणामों को देखता हूं, तो मान लें कि आपने एक एकीकृत प्रौद्योगिकी और प्रबंधन डिग्री अर्जित की है। इसकी अब बहुत स्पष्ट आवश्यकता है। चाहे आप बीटेक करें और फिर एमबीए करें या आप एक एकीकृत एक करें, जहां आप एक साल या कुछ और बचाएंगे, मुझे लगता है कि भर्तीकर्ता दोनों से खुश है इसलिए वहां कोई भ्रम नहीं है।
प्रैक्सिस छात्रों को जुलाई में कोलकाता में उनके प्रमुख पीजीडीएम पाठ्यक्रम और जनवरी और जुलाई में डेटा विज्ञान कार्यक्रम में उनके पीजीपी में कोलकाता और बैंगलोर में अपने परिसरों में प्रवेश देता है। डेटा साइंस के लिए एक और कैंपस अगले साल की शुरुआत में मुंबई में खुलेगा।

एच.के.चौधरी को ‘टाइम्स फिलैंथ्रॉपी अवार्ड 2022’

कोलकाता । हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, कोलकाता के अध्यक्ष एच.के.चौधरी को टाइम्स फिलैंथ्रॉपी अवार्ड 2022 प्राप्त किया। गत 26 अगस्त को उनको समाज सेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और मूल्यवान योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
चौधरी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार आलापन बंद्योपाध्याय से पुरस्कार प्राप्त किया। हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ श्री पी.के.अग्रवाल ने कहा, “इस महान अवसर पर, मैं इस पल को देखकर गर्व महसूस कर रहा हूं। यह पूरे विरासत परिवार के लिए गर्व की बात है।”
एच.के.चौधरी विक्रम इंडिया और बीआरसीएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, बहल, हरियाणा के अध्यक्ष भी हैं। वह फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी और विभिन्न अन्य संगठनों के सक्रिय सदस्य भी हैं जो समाज और सामुदायिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। एच.के. चौधरी ने कहा, “मैं इस नेक पहल के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया को धन्यवाद देता हूं। यह पुरस्कार देश भर में परोपकारी लोगों को पहचानने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नौकरी तलाशने वाले के अलावा नौकरी देने वाले भी बनें – एच.पी. बुधिया

कोलकाता । हेरिटेज बिजनेस स्कूल, कोलकाता ने गत 24 अगस्त को कॉन्ग्रेंस 2022 एवं एमबीए छात्रों के 20 वें बैच के इंडक्शन एंड ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया। समारोह को मुख्य अतिथि विश्व भारती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो सुजीत के बसु ने संबोधित किया। विशिष्ट अतिथि , चारनॉक अस्पताल प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक थे। इस कार्यक्रम में हेरिटेज बिजनेस स्कूल, कोलकाता के चेयरमैन एच.पी.बुधिया भी मौजूद थे। उद्घाटन भाषण में प्रशांत शर्मा ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में एक प्रबंधन छात्र के रूप में अपनी यात्रा और उसके बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई के बारे में बात की। “बी-स्कूलों में पीयर लर्निंग होता है। कोई व्याख्यान नहीं होगा। ये दो साल आप सभी के लिए पीसने और चमकाने वाले सत्र होंगे।” उन्होंने युवा उत्साही प्रबंधन उम्मीदवारों को अपने संबोधन के दौरान कहा। प्रो. सुजीत के बसु ने नवाचारों और जिस तरह से सांस्कृतिक पहलू के प्रबंधन शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव पर बात की। ” हेरिटेज बिजनेस स्कूल, कोलकाता के निदेशक प्रो. के.के.चौधुरी ने कहा, “लगभग 1700 छात्र पास आउट हो चुके हैं और वर्तमान में दुनिया भर में विभिन्न क्षमताओं में काम कर रहे हैं।” आईआईएम कलकत्ता के पूर्व डीन एवं हेरिटेज बिजनेस स्कूल के मुख्य संरक्षक डॉ. अनूप के सिन्हा ने भी विचार रखे। हेरिटेज बिजनेस स्कूल के अध्यक्ष एच.पी.बुधिया ने कहा, “नौकरी तलाशने वाले के अलावा नौकरी देने वाले भी बनें। इन दो वर्षों के दौरान, अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करें क्योंकि आपको हेरिटेज बिजनेस स्कूल, कोलकाता में एमबीए करने का अवसर मिल रहा है।” वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल प्रोफेसर बासब चौधरी एवं हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ प्रदीप अग्रवाल भी उपस्थित थे।

भवानीपुर कॉलेज में दो दिवसीय ‘नेक्सस 22’ का आयोजन

ऋषभ कोठारी ने किया उद्घाटन 
कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेक्सस 22 का उद्घाटन मर्चेंट चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने दीपमाला प्रज्वलित कर किया जिसमें कोलकाता के प्रसिद्ध चौदह कॉलेज जैसे आशुतोष कॉलेज , स्कॉटिश चर्चकॉलेज, टीएचके कॉलेज, हेरिटेज एकेडमी आदि के प्रतिनिधियों ने भी साथ दिया।यह कार्यक्रम कॉलेज के जुबली सभागार में संपन्न हुआ। दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न इवेंट्स में बहुत ही महत्वपूर्ण और समसामयिक विषयों पर कॉलेजों के विद्यार्थियों ने प्रतिभागी बनकर हिस्सा लिया। भवानीपुर कॉलेज का विद्यार्थी आदित्य अग्रवाल बीबीए तृतीय वर्ष जिसने नेक्सस के इवेंट अपना विषय रखा फंडिंग और आर ओ आई के अंतर्गत कार्बन, फार्मिंग और कार्बन ट्रेडिंग पर अपने विचार रखे । प्रमुख रूप से ड्रीम टू डॉन, नेक्स्ट बिग बैंकरप्सी, दी ग्रेट ओवरहॉल, सोशयल मिडिया टाइकॉन, दी सूट स्क्वाड, स्पेशल परफार्मेंस, अंडर दी हैमर, कोर्पोरेट चाणक्य आदि विभिन्न इवेंट्स रहे जिसके अंतर्गत चौदह कॉलेज के विद्यार्थियों ने भाग लिया। आशुतोष कॉलेज, टीएचके कॉलेज, जीडी बिरला हैरिटेज एकेडमी, स्कॉटिश चर्चकॉलेज, श्री शिक्षायतन कॉलेज, शिवनाथ शास्त्री कॉलेज आदि कॉलेजों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। विनय चौधरी, अभिषेक टेकरीवाल निर्णायक मंडल में रहे ।कोर्पोरेट चाणक्य में स्कॉटिश चर्चकॉलेज, श्री शिक्षायतन कॉलेज, हेरिटेज एकेडमी, शिवनाथ शास्त्री कॉलेज,भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज, मौलाना आजाद कॉलेज आदि कॉलेज की टीम ने हिस्सा लिया जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रोडक्ट के विषयों जैसे,टाटा ग्लूको प्लस, पत्रावली, ड्रीम केक, नायज़पोड्स वायरलेस हेडफोन, प्राकट जो प्राकृतिक कटलरी पर था। निर्णायक मंडल ने मार्केटिंग, कॉस्ट और वितरण संबंधित कई प्रश्न किए । इन्स्टाग्राम पर ‘हम भी इको फ्रेंडली’ शीर्षक से भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपना प्रेजेंटेशन दिया जो सराहनीय रहा। टीएचके कॉलेज के विद्यार्थियों ने ‘जूट वाला’ प्रोडक्ट के विषय में विस्तार से जानकारी दी।गौरव बाजोरिया, सुधीर बांठिया, चंद्रेयी बागची, सिद्धार्थ मल्लिक, सृष्टि चेतनी, अंकुर चतुर्वेदी, विनय चौधरी, अभिषेक टेकरीवाल और सिद्धार्थ मल्होत्रा निर्णायक मंडल में रहे।इस दो दिवसीय नेक्सस में सत्तर से अधिक वालेन्टियर्स ने नेक्सस में होने वाले हर विषय से संबंधित प्रबंधन और व्यवस्था में योगदान दिया। अंडर दि हैमर इवेंट के अंतर्गत आईपीएल अॉपशन में ग्यारह कॉलेज की टीम के विद्यार्थियों ने बहुत ही उत्साह से भाग लिया जिसे गौरव बाजोरिया द्वारा संचालित किया गया। विद्यार्थियों को आईपीएल के खिलाड़ियों का ऑक्शन करवाया और टीम को प्रोत्साहित किया जिसकी परिकल्पना हूबहू आईपीएल के आप्शन के अनुरूप रही। कॉलेज के जुबली हॉल, कॉन्सेप्ट हॉल और प्लेसमेंट हॉल में दोनों दिन पूरे दिन कार्यक्रम चले। सभी वोलिंटियर्स, निर्णायक मंडल को लंच पेकेट भी दिए गए। चौबीस अगस्त चार बजे नेक्सस के समाप्त होने पर सभी जीते हुए विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में 350 विद्यार्थियों और चालीस से अधिक शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।प्रो दिव्या ने वोलिंटियर्स की टीम का चुनाव किया और उनके कार्यों का ब्यौरा लिया। डीन प्रो दिलीप शाह और प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया। भवानीपुर कॉलेज, जेडी बिरला कॉलेज, शिक्षायतन कॉलेज, आशुतोष कॉलेज के विद्यार्थियों को कई प्रतियोगिता में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

भवानीपुर कॉलेज में ओपन माइक

कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के विद्यार्थियों ने कॉलेज की पुननिर्मित आधुनिक कैंटीन में ओपन माइक कार्यक्रम में गीत, संगीत, गज़ल, शायरी और कविताओं का भरपूर आनंद लिया। यह कॉलेज में प्रथम बार है जहाँ कैंटीन में विद्यार्थियों ने अपनी भावनाओं का आदान-प्रदान किया गया । प्रो दिलीप शाह ने सभी विभागों के विद्यार्थियों को उत्साहित करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की और चाय पर एक कविता सुनाई। पूरी कैंटीन में विद्यार्थियों ने फुड स्नेक्स चाय छाछ कॉफी पेस्ट्री कचौडी सब्जी आदि विभिन्न खाने-पीने की वस्तुओं को खाते हुए गीत, कविता और शायरी सुनी। कॉमर्स, पोलिटिकल साइंस, विज्ञान, अंग्रेजी आदि सभी विभागों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। गीटार पर देवांग नागर और प्रियांशु दत्ता ने अपने गीतों से सभी का मन मोह लिया। आतिका खान ने ओपन माइक का संचालन किया और संयोजन मोहम्मद शाकिर हुसैन का रहा ।हर्ष केसरी, भावना जगनानी, मसूद आतिफ, अंशु अग्रवाल, मोहम्मद फरहान अहमद, प्रियांशु शर्मा, संस्कार केसरी, अब्दुल रज्जाक, कौशल कुमार सिंह, साहिल लखमानी, राहुल कुमार यादव, नेहा मंडल, प्रियांशु दत्ता विद्यार्थियों और शिक्षकों में डॉ वसुंधरा मिश्र ने ओपन माइक में प्रमुखता से भाग लिया।स्पोर्ट्स एरिना विभाग के रूपेश गांधी की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

भवानीपुर कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया।इसके लिए दस कंपनियाँ मौजूद थीं। प्रमुख कंपनियों में प्लेक्सस प्रबंधन सेवाएं, जीआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, अंत्योदय व्यवसाय प्रा. लिमिटेड, कानून बिंदु प्रकाशन, रिवर्स फैक्टर,कोफुकु टेक्नोलॉजीज प्रा. लिमिटेड, अडांसा सॉल्यूशन प्रा. लिमिटेड, लीवरेज्ड ग्रोथ प्रा. लिमिटेड, टोपुनी नेटवर्क, एरुडाइट रहीं। प्लेसमेंट ड्राइव का संचालन प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो. दिव्या पी उदेशी के साथ छात्र मामलों के डीन प्रो. दिलीप शाह ने किया। कुल 153 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 75 को शॉर्टलिस्ट किया गया। कॉलेज उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।अक्षिता सूरी और डॉ वसुंधरा मिश्र ने कार्यक्रम की जानकारी दी ।

प्रोग्रामिंग भाषा पायथन पर परिचर्चा

– भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के प्लेसमेंट हॉल में प्रोग्रामिंग भाषा पायथन पर ‘पायथन का परिचय’ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। प्रारंभ में कॉलेज के डीन प्रो. दिलीप शाह ने उद्घाटन भाषण दिया तत्पश्चात कार्यक्रम के संयोजक नेहल मेहता ने कार्यक्रम की रूपरेखा दी। इसके बाद स्पीकर डेटा विश्लेषक धनंजय दास ने इस प्रोग्रामिंग भाषा के विषय में विस्तार से जानकारी दी जो आज के समय में आवश्यक है। डेटा संचालित निर्णय लेने के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करता है।यह कार्यक्रम पच्चीस अगस्त को सुबह किया गया।
जब किसी व्यक्ति को अपने निर्णयों का समर्थन डेटा के साथ करना हो, न कि केवल पिछले अनुभवों के साथ तब इसकी उपयोगिता है। उपयोग की जाने वाली तकनीक ईआरपी बिजनेस एप्लिकेशन, इंफॉर्मेटिका, एल्टरी एक्स, एसक्यूएल सर्वर, पायथन और पावरबी कुछ नाम हैं। इन उपकरणों के संयोजन से ही व्यक्ति को डेटा प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का लक्ष्य 5 बिलियन डॉलर प्राप्त करने का है, लेकिन वह केवल 4.5 बिलियन डॉलर ही प्राप्त कर सकती है, तो किसी को बीच की समस्या को देखना होगा। समस्या को पायथन, एक्सेल जैसे उपकरणों के माध्यम से डेटा विश्लेषण के माध्यम से डेटा की पहचान के माध्यम से हल किया जाना है। मशीन लर्निंग पिछले व्यवहार से सीख रहा है और एआईएमएल तकनीक के माध्यम से भविष्यवाणी कर रहा है। परीक्षण परिकल्पनाओं के माध्यम से आउटपुट के प्रति उत्तेजनाओं की प्रतिक्रिया के माध्यम से ग्राहक सेवा में सुधार किया जा सकता है। बिजनेस सिमुलेशन आउटपुट बनाने के लिए इनपुट का एक संयोजन है।

प्रोग्रामिंग भाषा पायथन का आविष्कार 1991 में किया गया था। यह नाम एक प्रचलित टेलीविजन शो पर आधारित था। पायथन एक उच्च-स्तरीय, व्याख्या की गई, वस्तु उन्मुख और अधिक उद्देश्य वाली प्रोग्रामिंग भाषा है। 2008 पायथन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था क्योंकि इसके बाद इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा। गुइडो वैन रोसुम द्वारा विकसित इस कोडिंग प्रोग्राम ने इसके उपयोग ने जावा को भी पीछे छोड़ दिया। पायथन एक बहुउद्देशीय कोडिंग एप्लिकेशन है जिसका उपयोग वेब डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स, एंड्रॉइड डेवलपमेंट के लिए किया जाता है। पायथन का उपयोग करना आसान है, इसमें संसाधन उपलब्धता है, यह बहु-इंटरफ़ेस और ओपनसोर्स है। सैद्धांतिक पहलुओं के बाद वक्ताओं ने विद्यार्थियों को पायथन की आवेदन प्रक्रिया के विषय में समझाया। अंत में वक्ताओं ने विद्यार्थियों के पायथन संबंधित भ्रमों का भी समाधान किया। हॉल में उपस्थित सौ से अधिक विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। डॉ वसुंधरा मिश्र ने अतिथि वक्ता का कॉलेज मोमेंटो प्रदान कर स्वागत किया।

 

‘बूंद बूंद गजल’ का लोकार्पण एवं काव्यपाठ का आयोजन

कोलकाता। भारतीय भाषा परिषद में सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन और रचनाकार संस्था द्वारा विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ के नवीनतम गजल संग्रह ‘बूंद बूंद गजल’ का लोकार्पण एवं काव्यपाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखिका सुधा अरोड़ा ने कहा कि एक रचनाकार अपने समय के सच को अपनी संवेदना से उसे सार्वजनिक और मानवीय बनाता है।शलभ जी प्रेम और गहरी बेचैनी के गजलकार हैं। शशि किरण जी ने अपने जीवन के आत्मीय क्षणों और घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विनोद का शायर और संवेदनशील मन ही इस संग्रह की यात्रा का आधार है।विशिष्ट अतिथि सुधांशु रंजन ने कहा कि जो प्रेम करता है वो किसी का फना नहीं कर सकता। विनोद जी की गजलों में प्रेम का उदात्त रूप सामने आता है। गजलकार नंदलाल रौशन ने कहा कि विनोद जी ने इस संग्रह में गजल की हर रवायत को बचाने की सफल कोशिश की है। सेराज खान बातिश ने कहा कि विनोद जी के गजलों में आदमियत को बचाने की तड़प है।वे सहजमना पर विविधताओं से भरे गजलकार हैं।आलोचक-कवि प्रियंकर पालीवाल ने कहा कि आज जब कलम ने सच बोलना कम कर दिया है तब विनोद जी पूर्व नौकरशाह होते हुए भी अपनी कलम को रोकते नहीं कहने देते हैं । इनकी कलम सच की महत्ता को हमारे सामने रखती है। रचनाकार के अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने कहा कि यह संग्रह उनके समर्पण का पर्याय है। इकबाल के शेर में जो मारक क्षमता है, वही क्षमता इनके गजल में देखने को मिलती है। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए भारतीय भाषा परिषद के निदेशक डॉ शंभुनाथ ने कहा कि समुद्र में गिरते बूंद को सभी देख लेते है, बूंद में गिरते समुद्र को जो देख ले वो कवि है। विनोद जी ने अपनी पीड़ा को बड़ा बनाया और यह संग्रह उनके हिम्मत का विस्तार है। विनोद प्रकाश गुप्ता ने प्रथम सत्र का धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि कोलकाता में उन्हें बहुत प्यार मिला।मैं इस सांस्कृतिक नगरी के प्यार को अपने अगले संग्रह में जरूर दर्ज करूंगा। प्रथम सत्र का संचालन डॉ संजय जायसवाल ने किया। कविता पाठ सत्र में अभिषेक पाण्डेय, राजेश सिंह, अल्पना सिंह,सूर्य देव रॉय, मधु सिंह, मौसमी प्रसाद, इबरार खान, मनीषा गुप्ता, राजनाथ बेखबर, श्रीप्रकाश गुप्ता, निर्मला तोदी, नीता अनामिका,आनंद गुप्ता ,प्रीति भारती, निशा कोठारी, संदीप गुप्ता, जूली जाह्नवी,शैलेष गुप्ता,जीतेंद्र जीतांशु, विद्या भंडारी, रावेल पुष्प, योगेंद्र शुक्ल सुमन,विमलेश त्रिपाठी,राज्यवर्धन, अभिज्ञात, उमरचंद जायसवाल, शैलेंद्र शांत ने अपनी कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर शाइना ,शिवन्या, विकास कुमार, पूजा गौड़,सपना कुमारी, अनिल सहित सैकड़ों साहित्य और संस्कृतिप्रेमी उपस्थित थे।इस सत्र का संचालन रचना सरन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विनोद प्रकाश गुप्ता ने दिया।

बंगाल के 20 हिंदी शिक्षकों को मिलेगा हिंदी शिक्षा सम्मान -2022

भारतीय भाषा परिषद द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजन

कोलकाता । भारतीय भाषा परिषद की विशेष सम्मान समिति ने सर्वसम्मति से पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल के 20 हिंदी शिक्षकों के नामों का चयन किया है| इन्हें पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में शिक्षक दिवस के अवसर पर आगामी ३ सितंबर को परिषद सभागार के एक भव्य आयोजन में ‘हिंदी शिक्षा सम्मान-2022′ प्रदान किया जाएगा| परिषद के निदेशक डॉ.शंभुनाथ ने बताया कि वर्तमान समय में शिक्षण की गुणवत्ता की समस्या को देखते हुए इस वर्ष से कर्मठ और प्रयोगशील शिक्षकों को सम्मानित करने का निर्णय परिषद ने लिया है| परिषद समाज की ओर से उनके श्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित करते हुए कृतज्ञता व्यक्त करेगी|इस वर्ष विश्वविद्यालयों के जिन प्राध्यापकों को सम्मानित किया जाएगा वे हैं –
प्रो. दामोदर मिश्र (कुलपति, हिंदी विश्वविद्यालय, हावड़ा), प्रो. मनीषा झा (प्रोफेसर, हिंदी विभाग, नार्थ बंगाल यूनिवर्सिटी, सिलीगुड़ी), प्रो. तनूजा मजुमदार (प्रोफेसर, हिंदी विभाग, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय) प्रो. अरुण होता : प्रोफेसर और अध्यक्ष, वेस्ट बंगाल स्टेट यूनिवर्सिटी, बारासात| कॉलेजों के सम्मानित किया जाने वाले प्राध्यापक हैं – डॉ. सत्या उपाध्याय (प्रिंसिपल, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता), डॉ. गीता दूबे (एसोसिएट प्रोफेसर, स्काटिश चर्च कॉलेज, कोलकाता), डॉ. इतु सिंह (एसोसिएट प्रोफेसर, खिदिरपुर कॉलेज, कोलकाता), डॉ. कुलदीप कौर (एसोसिएट प्रोफेसर, गोखले मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता), डॉ. कमलेश पांडेय (एसोसिएट प्रोफेसर, सेंट पॉल्स कॉलेज, कोलकाता), डॉ. आशुतोष कुमार (एसोसिएट प्रोफेसर, बंगवासी मॉर्निंग कॉलेज, कोलकाता), डॉ. रिंकू घोष (एसोसिएट प्रोफेसर, लेडी ब्रेबार्न कॉलेज, कोलकाता), डॉ. कृष्ण कुमार श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफेसर, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, आसनसोल), डॉ. सुनीता साव (असिस्टेंट प्रोफेसर, सावित्री गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता)|
स्कूलों के सम्मानित किए जाने वाले अध्यापक हैं – डॉ. राजेंद्रनाथ त्रिपाठी (वरिष्ठ अध्यापक, सेंट जेवियर्स स्कूल, पार्क स्ट्रीट, कोलकाता), सुरेश शॉ (वरिष्ठ अध्यापक, ग्रेस लिंग लियांग इंग्लिश स्कूल, कोलकाता), सौमित्र जायसवाल (अध्यापक, द हेरिटेज स्कूल, कोलकाता), उत्तम कुमार ठाकुर (अध्यापक, गवर्नमेंट हाई स्कूल, कलिंपोंग), डॉ. सोनम सिंह (अध्यापिका, हावड़ा शिक्षा सदन फॉर गर्ल्स, हावड़ा), कपिल कुमार झा (अध्यापक, सेंट जोसेफ स्कूल, कोलकाता), डॉ. सुनीता प्रसाद (अध्यापिका, रामाशीष हिंदी हाई स्कूल, बर्दवान)| परिषद की मंत्री प्रो. राजश्री शुक्ला ने एक वक्तव्य में कहा कि हिंदी शिक्षण सम्मान समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष और प्रसिद्ध विद्वान डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित मुख्य अतिथि होंगे और डॉ. कुसुम खेमानी स्वागत वक्तव्य देंगी|

 

 

नाटक साझी संस्कृति और साझी विरासत को जोड़ने एवं संजोने का काम करता है- राकेश

ए. के.हंगल और अभिनय में सृजन’ पर वेबिनार

कोलकाता । भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा),अलवर द्वारा प्रसिद्ध अभिनेता एवं इप्टा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ए. के.हंगल के 10वें स्मृति दिवस पर 26 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘ए. के.हंगल और अभिनय में सृजन’ था। कार्यक्रम को दो भागों में आयोजित किया गया। प्रथम भाग में, इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह का निधन 23 अगस्त को हो गया था। यह कार्यक्रम उन्हीं को समर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। जिसमें इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
दूसरे भाग में शुरुआत में अलवर इप्टा के पूर्व महासचिव राजेश भारद्वाज ने अतिथियों एवं वेबिनार में पूरे भारत से जुड़े प्रबुद्ध जनों का स्वागत किया। विषय प्रवर्तन करते हुए राष्ट्रीय इप्टा के उपाध्यक्ष तनवीर अख्तर ने कहा कि नाटक के लिए तीन चीजें जरूरी हैं:- ट्रेनिंग, अभ्यास एवं डिसीप्लेन। इन तीन बातों का जो अभिनेता अनुसरण करेगा, वही सृजनात्मक हो सकेगा। मुंबई से प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व निर्माता रमेश तलवार ने ए.के.हंगल के साथ की गई फिल्मों, नाटक तथा उनकी सोच – शख्सियत के विषय में विस्तार से चर्चा की। नाटक पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नाटक को रिएक्शनरी नहीं होना चाहिए।
मुंबई इप्टा की अध्यक्षा एवं ख्यातनाम अभिनेत्री ‘ये जो है ज़िंदगी’, ‘ससुराल गेंदा फूल’ में अभिनय करने वाली सुलभा आर्या ने कहा कि उनका और हंगल साहब का साथ 50 साल तक रहा। उन्होंने हंगल साहब से सीखा कि ‘अभिनय सिर्फ़ अभिनय नहीं है, उस करैक्टर को जीना है।’ उन्होंने अभिनय के साथ-साथ सोशल अवेयरनेस की भी बात की।
‘वागले की दुनिया’ सीरियल से प्रसिद्धि पाने वाले मशहूर अभिनेता अंजन श्रीवास्तव, मुंबई ने हंगल साहब के साथ फिल्म और नाटक के रिहर्सल करते समय के संस्मरण सुनाए और कहा कि एक्टर को सोशल, विचारों को आदान प्रदान करने वाला तथा समय की पाबंदी रखने वाला होना चाहिए।
मुंबई इप्टा के महासचिव एवं ‘ओम शांति ओम’, ‘कहानी’ आदि फिल्मों में अभिनय करने वाले मशहूर अभिनेता मसूद अख्तर ने हंगल साहब को याद करते हुए कहा कि हंगल साहब आज हमारे बीच नहीं है, परंतु उनकी यादें, हिदायतें एवं विचार आज भी जिंदा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय इप्टा के महासचिव राकेश ने कहा कि नाटक साझी संस्कृति और साझी विरासत को जोड़ने एवं संजोने का काम करता है। जीवन को बहुत से नजदीक देखने वाला कलाकार ही अच्छा अभिनय कर सकता है।
इस कार्यक्रम की खास उपलब्धि यह रही कि कई श्रोताओं ने प्रश्न पूछे, जिनके रमेश तलवार ने जवाब दिए। कार्यक्रम का संचालन अलवर इप्टा की महासचिव डॉ. सर्वेश जैन ने किया। अंत में अलवर इप्टा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार का तकनीकी पक्ष कादंबरी, कार्तिक एवं स्वाति ने संभाला।