Wednesday, July 23, 2025
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हिन्दी दिवस पर विशेष : हिंदी की रेल चली

– डॉ. वसुंधरा मिश्र

हिंदी की रेल चली, हिंदी की रेल चली
हिंदुस्तान की सिरमौर रेख्ता, रेख्ती खड़ी बोली
आज हिंदी बन विकास की उच्च सीढ़ियों पर चढ़ती चली
इतराती इठलाती कई भाषाओं की सखी सहेली
हिंदी की रेल चली हिंदी की रेल चली

देश विदेश की सरहदें पार कर दिलों में बसने लगी
अरबी-फ़ारसी उर्दू पुर्तगीज को गले लगा सबकी स्नेही बनी
पूर्व से पश्चिम उत्तर से मध्य भारत में हिंदी के रंग की बेल चढ़ती चली
हिंदी की रेल चली हिंदी की रेल चली

होली दिवाली तीज-त्यौहार हिंदी के रंग में रंगे
विभिन्नता में एकता को मजबूत करती हिंदी की लहर हवाओं में घुली।
हिंदी की रेल चली हिंदी की रेल चली

देश के पार विदेशों में हिंदी की सुरभि फलीफूली
मेरे और तुम्हारे बीच संपर्क सेतु बनी
हमजोली बनी हिंदी
हिंदी की रेल चली हिंदी की रेल चली

नागपुर से भोपाल मॉरिशस युगांडा से फिजी फिर त्रिनिदाद गुयाना
दिल्ली की शान बनी हिंदी, राजभाषा बनी
निज भाषा की शान लगी हिंदी
हर दिल की आवाज़ बनी हिंदी
हिंदी की रेल चली हिंदी की रेल चली

सरल सहज और गतिशील धारा में बहती रही
वेदों और संस्कृत से निःसृत गंगा सी फैलती रही
भारत की विशाल धरती पर
दूब बनी देवों के सिर पर चढ़ती रही
भागीरथी देव भाषा की प्रहरी बन
संस्कृति और संस्कार बन बहने लगी
हिंदी की रेल चली हिंदी की रेल चली

राज्य में उद्योगों की स्थिति बेहतर हुई है – डॉ. शशि पांजा

कोलकाता । राज्य की उद्योग, वाणिज्य और उद्यम मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार काम कर रही है। उद्योग जगत को भी राज्य के गुलविल अम्बास्डर बनना चाहिए। एमसीसीआई द्वारा राज्य में औद्योगिक प्रगति को लेकर आयोजित एक परिचर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य जलवायु, मौसम, उपभोक्ताओं समेत सभी दृष्टि से अच्छी स्थिति में है। देओचा पंचमी में कोयले की खान और ताजपुर में डीप सीपोर्ट का काम प्रगति पर है। डॉ. पांजा ने सृजनात्मक उद्योगों के तहत कला एवं हस्तशिल्प उद्योग एवं उनके माध्यम से रोजगार सृजन की बात की औऱ इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने इस धारणा को खारिज किया कि राज्य में कोई बड़ा निवेश नहीं है और कहा कि 2011 के बाद से औद्योगिक हड़ताल नहीं हुई,यह निरंतरता एक सकारात्मक संकेत है। एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने अपने स्वागत भाषण में दक्षिण 24 परगना के नुंगी, महेशतला में एक थोक परिधान हब स्थापित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की पहल की सराहना की। एमसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललित बेरीवाला ने डॉ. शशि पांजा से बिजली गहन उद्योगों, विशेष रूप से स्टील के टैरिफ मुद्दों पर ध्यान देने का अनुरोध किया। धन्यवाद ज्ञापन एमसीसीआई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ललित बेरीवाल ने दिया।

  साहित्य अकादेमी में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर कार्यक्रम

कोलकाता । साहित्य अकादेमी द्वारा अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर श्री शिक्षायतन कॉलेज, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज परिसर में दो-दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रतिष्ठित अंग्रेजी लेखिका संयुक्ता दासगुप्त ने किया। इस अवसर पर कॉलेज की प्रधानाचार्या अदिति दे की अध्यक्षता में ‘भारतीय ‘भारतीय साहित्य’ पर केंद्रित एक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने अकादेमी की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए भारतीय साहित्य की अवधारणा और साहित्य से आम जनता के सरोकार पर चर्चा की। इस अवसर पर मालिनी मुखर्जी ने परिचयात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता संयुक्ता दासगुप्त ने विभिन्न राज्यों में भाषाओं की स्थिति और साहित्य पर विचार करते हुए इस बात को सामने रखा कि किस प्रकार एक समय भारत के किसी भी भाग की भाषा न होने के बावजूद आज अंग्रेजी संपूर्ण भारत में स्वीकृत और व्यवहृत भाषा बन गई है और विभिन्न भाषाओं के साहित्य का अंग्रेजी में अनुवाद अथवा भिन्न भाषी लेखकों द्वारा अंग्रेजी में लेखन के कारण अंग्रेजी भारतीय साहित्य को प्रस्तुत करने का माध्यम बन गई है। चित्रिता बनर्जी ने अठारहवीं सदी से अद्यतन विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य पर तुलनात्मक विमर्श प्रस्तुत करते हुए भारतीय साहित्य के प्रतिनिधि स्वरूप और विशिष्टताओं को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज की छात्राओं ने हिंदी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी के महत्वपूर्ण कवियों की कविताओं का कविता कोलाज प्रस्तुत किया तथा अंग्रेजी विभागाध्यक्ष देवलीना गुह ठाकुरता ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।

विद्यासागर विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस समारोह

मिदनापुर। विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिंदी विश्वविद्यालय, हावड़ा के कुलपति प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि हिंदी का संबंध हमारी अस्मिता से है। हमारी अस्मिता का अर्थ भारतीय अस्मिता से है। बांग्ला का तत्सम रूप बहुत हद तक हिंदी का रूप ही है। हिंदी भाषा के विकास के इतिहास पर चर्चा करते हुए चारों अपभ्रंश शौरसेनी, प्राकृत, अर्द्धमागधी और मागधी का जिक्र जरूरी है। छः बहनों की मां एक ही है- मागधी- हिंदी, उड़िया, मैथिली, मगही, बांग्ला और असमिया। भाषा ने ही सर्वप्रथम ‘राष्ट्रीय’ अवधारणा को जन्म दिया है। भाषा से ही जातीय चेतना का निर्माण हुआ। पश्चिम बंग राज्य विश्वविद्यालय के प्रो. अरुण होता ने कहा कि संवैधानिक कारणों से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं। परंतु हमारे लिए रोज हिंदी दिवस है। हिंदी की प्रगति में अहिंदी भाषियों की बड़ी भूमिका है। किसी भी भाषा के समृद्ध होने का आधार बौद्धिक जागरण से है। हिंदी विभाग, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष प्रो. तनुजा मजूमदार ने हिंदी को इतिहास से जोड़कर स्वामी विवेकानन्द के संदर्भ में देखा। हिंदी में सरलता है। हिंदी के साथ बंकिम और विद्यासागर का भी जिक्र किया। भाषा की शक्ति का संबंध फोर्स से नहीं बल्कि साहित्य की समृद्धि की शक्ति से है। शांतिनिकेतन में रवींद्रनाथ,हजारी प्रसाद द्विवेदी और क्षितिमोहन सेन के त्रिभुज को वे हिंदी के बंगाल में व्यापकत्व का आधार मानते हैं।डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि हिंदी को ज्ञान,तकनीकी, अध्ययन सामग्री और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता की भाषा बनाने की जरूरत है।हिंदी भारतीय भाषाओं के बीच एक पुल की तरह है जो अपनी स्वायत्तता के साथ तमाम भारतीय भाषाओं के साथ आगे बढ़ रही है।कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ श्रीकांत द्विवेदी ने कहा कि हिंदी पूरे भारत में अपनी उदारता के कारण समादृत है।कहीं-कहीं उसे विरोध का सामना भी करना पड़ता है।पर यह विरोध जल्द मिट जाएगा।धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रमोद प्रसाद ने सभी आमंत्रित विद्वानों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि हिंदी हमारे पहचान की भाषा है।

आरबीसी कॉलेज ने आयोजित की भारतेंदु जयन्ती

नैहाटी। बंगला नवजागरण के अग्रदूत ऋषि बंकिम चंद्र चटर्जी की जन्मस्थली पर अवस्थित ऋषि बंकिम चंद्र सांध्य कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी नवजागरण के पुरोधा भारतेन्दु हरिश्चंद्र की जयंती पर एक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ देवाशीष भौमिक ने कहा कि आर. बी. सी. सांध्य कॉलेज का हिंदी विभाग कॉलेज का सबसे सक्रिय एवं सांस्कृतिक रूप में समृद्ध विभाग है। यह विभाग नियमित रूप से ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्कार से जोड़ता है। बतौर अतिथि वक्ता डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि भारतेंदु आधुनिक भारत के लेखक ही नहीं भविष्य दृष्टा भी हैं। वे ‘अंधेर नगरी’ में लोभ और भोग की प्रवृत्ति से मुक्ति को बात करते हैं। उन्होंने ‘फूट और बैर’ को भारत का मेवा कहा। उनका यह कथन आज भी प्रासंगिक है। भारतेंदु के लगभग 150 वर्ष बाद भी आज भारतीय समाज फूट और बैर से मुक्त नहीं हो पाया है। उस समय अंग्रेज इसको औजार की तरह इस्तेमाल करते थे और आज सत्ता को दीर्घायु बनाने के लिए सरकारें, धर्माचार्य, पूंजीपति और बाजार कर रहे हैं। विभाग की अध्यक्ष डॉ कलावती कुमारी ने ‘अंधेर नगरी’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारतेन्दु जितना औपनिवेशिक शासन का विरोध करते हैं उतना ही सामंती और अराजक व्यवस्था का विरोध करते हैं। अंधेर नगरी में राजा ही सारा सुख एवं सुविधा लेना चाहता है, इसलिए वह अज्ञानतावश बैकुंठ में भी खुद ही जाना चाहता है। भारतेंदु ने अंधेर नगरी के कुशासन को बेपर्दा करने का नैतिक साहस दिखलाया है। प्रो. जयप्रकाश साव ने कहा कि भारतेंदु ने हमें साहित्य की आधुनिक विद्याओं से परिचित करवाया। उनकी रचनाओं में जीवन की असंख्य छवियां हैं। डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने कबीर के गीतों का गान किया और ज्ञान, प्रेम और सृजन के योग को जीवन का आधार बताया। भारतेंदु में कबीर की छाया देखी जा सकती है। इस अवसर पर विभाग के छठवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए विदाई एवं सर्वाधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी अनिल दास, हर्ष साव, काजल हरिजन, चंदन भगत और दीपांशु साव को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल बनाने में विभाग के विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।

मीठी बतियां

श्वेता गुप्ता

मीठे प्यारे बोल है तेरे,
छोटी-छोटी अखियां।

प्यारी सी मुस्कान है तेरी,
करती, मुझ संग बतियां।

तुझ संग मेरी आस है बड़ी,
तू, मेरे सपनों की लड़ीयां।

थकान मेरी सब दूर हो जाती,
जब तू थामें मेरी उंगलियां।

आज के इस पावन दिन में,
जलाओ मैं तेरे लिए मोमबत्तियां।

तुझ संग जिऊं मैं अपना बचपन,
तुझ संग मेरी जीवन की सारी खुशियां।

तेरे मासूम सवालों से कभी-कभी,
भर जाती है मेरी अखियां।

तेरे आने से मेरे जीवन में,
बढ़ गई है गहराइयां।

भोले भंडारी के आशीर्वाद से,
तुझे मिले जीवन में सारी कामियाबियां।

2 साल बाद आयोजित होने जा रहा है इल्पा का ‘लेदर ऑन द रैम्प’

कोलकाता । इंडियन लेदर प्रोडक्ट्स एसोसिएशन (आईएलपीए) रजत जयंती पर चमड़े के उत्पादों को खास तौर पर रैम्प पर प्रदर्शित करने जा रहा है। 25वें संस्करण के मौके पर कोविड के 2 साल बाद आयोजित इस रैम्प को लेकर इल्पा उत्साहित है। हाल में में इस आयोजन की झलकियाँ प्रदर्शित की गयीं। मुख्य शो 14 सितम्बर को महानगर में आयोजित होने जा रहा है। इस अवसर पर इल्पा के अध्यक्ष अजय तरवे, उपाध्यक्ष अर्जुन मुकुंद कुलकर्णी, उपाध्यक्ष एम डी अजहर, हयात रीजेंसी के महाप्रबन्धक कुमार शोभन और फैशन शो समिति के अध्यक्ष आकाश नैयर ने शो को लेकर जानकारी साझा की। वक्ताओं ने चर्म उद्योग के भविष्य को अच्छा बताया, साथ ही इस उद्योग की चुनौतियों पर भी चर्चा की। इस अवसर पर आईएलपीए के अध्यक्ष अजय तरवे ने कहा कि इल्पा उच्च क्वालिटी के चमड़े से बने उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पेशेवर निकायों, आयात संघों और विदेशों में चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के साथ पारस्परिक संबंध विकसित करने का प्रयास करता रहता है। चमड़े से बने सामान का उद्योग एक श्रम केंद्रित उद्योग है, जहां 30% से अधिक श्रमिक महिलाएं हैं, क्योंकि उनके कुशल श्रम की काफी मांग है। इल्पा द्वारा बंगाल के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले वंचित युवाओं को प्रशिक्षण और कौशल-विकास प्रदान कर रहा है। इस मौके पर प्रसिद्ध कोरियोग्राफर पिंकी केनवर्थी ने कोलकाता और मुंबई के 20 मॉडलों के साथ इस शो की कोरियोग्राफी की।

देश के समग्र आर्थिक विकास पर चर्चा आयोजित

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के डायरेक्टर जनरल प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ सुमन मुखर्जी ने मेन्टर के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर डॉ सुमन मुखर्जी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए अपने विचार व्यक्त किए। यह कार्यक्रम एक पेशेवर निकाय द्वारा किया गया था जिसमें सीए सीएमए, सीएस वकील शामिल थे। कॉर्पोरेट सलाहकार और अधिकारियों की एसीएई एसोसिएशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम जानकारी भरा रहा। कार्यक्रम में भारत में डिजिटल तकनीक, सांस्थानिक ढांचे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषयों पर सभी गणमान्य वक्ताओं ने अपने वक्तव्य रखे। प्रमुख अतिथि आईसीएआई नयी दिल्ली अध्यक्ष सीए डॉ देबाशीष मित्रा की उपस्थिति में एसीएई के वार्षिक सम्मेलन 22 का आयोजन किया गया।

 

भवानीपुर कॉलेज में विपणन रूपांतरण विषय पर की चर्चा

कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के जुबली सभागार में कॉमर्स लैब के अंतर्गत मार्केटिंग मेटाफारमेसिस विषय पर विद्यार्थियों ने चर्चा की। कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह ने कॉमर्स लैब के अंतर्गत विपणन कायाकल्प के उद्देश्य को रखते हुए मार्केटिंग के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए एक उदाहरण स्वरूप है जिसमें वे अलग – अलग उत्पाद की मार्केटिंग का अनुभव प्राप्त करेंगे। मेटाफारमेसिस का अर्थ है किसी भी क्षेत्र में कायाकल्प या रूपांतरण करना। विद्यार्थियों ने स्वयं अपने विभिन्न उत्पादों की मार्केटिंग की। यह कार्यक्रम तीन भागों में विभाजित रहा। प्रथम भाग में प्रोडक्ट पिचिंग बाजार के विभिन्न उत्पादों के स्लोगन पूछे गए और द्वितीय भाग में गैस दि प्रोडक्ट और तृतीय भाग में मीम पिक्चर द्वारा विद्यार्थियों की टीम ने प्रतियोगिता में भाग लिया। इस कार्यक्रम के सहसंयोजन और वक्ता के रूप में प्रो लक्ष्मी झा, प्रो दिव्या उदेशी, प्रो नितीन चतुर्वेदी रहे।कार्यक्रम के आरंभ में प्रो दिव्या उदेशी ने मार्केटिंग पर अपने विचार व्यक्त किए ।विद्यार्थियों की उनतीस टीमों ने अपने प्रोडक्ट डांडिया, नेल पालिश, स्मोक डिटेक्टर, कैलकुलेटर, लैंप, लिप बाम, जेली, मिरर, वायर, प्रेशर कूकर, शर्ट, नाइफ, कैप, रेडियो, सीसी टीवी , सुपर कम्पास, नेलकटर, नेक मसाज, नेल, फेवकोल, डस्टबीन, स्करुड्राइ, बेल्ट, शॉर्ट, कंबल, फोन कवर, स्मार्ट वाच, स्वीच आदि ने अपने उत्पादों की मार्केटिंग की। वहीं दीवारें बोल उठेंगी – जेके वाल पुट्टी, टोटल कंट्रोल – जेके टायर, ऐसी आजादी और कहां – एअर टेल, प्रकृति का आशीर्वाद – पतंजलि, पेंट योर इमैजिनेनेशन – बर्जर पेंट, शुभआरंभ – सेलेब्रेशन आदि विभिन्न स्लोगनों के उत्तर पूछे गए। प्रो नितीन चतुर्वेदी ने मीम पिक्चर के विषय पर वक्तव्य देते हुए स्लाइड पिक्चर्स द्वारा मीम द्वारा बाजार उत्पाद के प्रति लोगों को आकर्षित कैसे किया जाए, बताया। निर्णायक मंडल में साक्षी शॉ, दुष्यंत चतुर्वेदी, पूजा अग्रवाल , और अमृता राय चौधरी ने अपने निर्णय रखे। प्रमुख अतिथि निर्णायक आईआईएम जयशंकर गोपाल ने अंत में सभी प्रतिभागियों को समवेत रूप से प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान दिए।आईआईएम जयशंकर गोपाल ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा अपने उत्पादों में अंग्रेजी, हिंदी और बांग्ला आदि बहुविध भाषा का प्रयोग किया जो हमें हमारी संस्कृति से जोड़ती है जिससे उत्पाद के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित होता है, जो बाजार बढ़ाने में कारगर सिद्ध होता है। डीन्स अॉफिस द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो दिलीप शाह ने सभी निर्णायकों और विजेता विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। कॅरियर कनेक्ट प्रो उर्वी शुक्ला ने अपने वक्तव्य में मार्केटिंग के परंपरागत तरीकों में नए रूप में अपने विचार लाने के लिए विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में सौ से अधिक विद्यार्थियों की उपस्थिति रही । कार्यक्रम का संचालन किया प्रो लक्ष्मी झा, प्रो दिव्या उदेशी और प्रो नितीन चतुर्वेदी ने। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने अपना धन्यवाद वक्तव्य रखा। शिक्षण और शिक्षिकाओं ने भी इसमें भाग लिया। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

 

स्वाधीनता के 75 वर्ष पर “राष्ट्र विजय उत्सव बांग्लार सोनार माँ 2022”

कोलकाता । शर्मिष्ठा आचार्य की एक पहल के साथ अंकित साव और द जंक्शन हाउस द्वारा कोलकाता के विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में ‘राष्ट्र विजय उत्सव बांग्लार सोनार माँ 2022’ नामक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह में देश भर से उल्लेखनीय योगदान करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। यह आयोजन जनजातीय समुदाय की महिलाओं और एसिड पीड़ितों की सहायता और उन्हें एक अलग पहचान दिलाने के लिए यह एक नेक और अनोखी पहल है। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के 75 साल पर आयोजित “राष्ट्र विजय उत्सव बांग्लार सोनार माँ” अवार्ड से सम्मानित कर इस योगदान को मंच दिया गया।
इस समारोह में लक्ष्मी अग्रवाल (एसिड अटैक सर्वाइवर और छपाक मूवी की प्रेरणा), सांसद चिराग पासवान (बिहार), सलिल आचार्य ( बॉलीवुड अभिनेता), विशाल सिंह (बॉलीवुड अभिनेता), डॉ. मारिया फर्नांडीस (महिला आयोग और डब्ल्यूबीएफडीसीएल की वीसी, विधायक मदन मित्रा, पार्षद राजेश सिन्हा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस आयोजन में जिन महिला हस्तियों को ‘बांग्लार सोनार माँ सम्मान’ से सम्मानित किया गया, उनमें एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल (छपाक फिल्म जिनके जीवन पर आधारित है), राज्य महिला आयोग की सदस्य और डब्ल्यूबीएफडीसीएल की वीसी डॉ. मारिया फर्नांडीस, अभिनेत्री ऋचा शर्मा, टॉलीवुड अभिनेत्री ऐन्द्रिला शर्मा, शिक्षाविद् जेसिका गोम्स सुराणा, टॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका बनर्जी, तनुश्री चक्रवर्ती, मिस यूनिवर्स इंडिया उशोशी सेनगुप्ता, तैराक इला पाल, मिस एशिया वर्ल्ड 2022 उर्वाश जायसवाल, वुडलैंड्स हॉस्पिटल की एमडी और सीईओ डॉ. रूपाली बसु , सीआईडी की एडिशनल स्पेशल सुपरिटेंडेंट शांति दास, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता (मेघ) रंजीता सिन्हा, ट्रांसजेंडर अधिवक्ता सायंतनी घोष, अर्न्तराष्ट्रीय पावर लिफ्टर और कोलकाता पुलिस अधिकारी शंपा गुहा , प्रख्यात टॉलीवुड अभिनेत्री और बाल अधिकार कार्यकर्ता सुदेशना रॉय , अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाड़ी, ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता पौलमी घटक , पश्चिम बंगाल महिला आयोग की सदस्य और द बंगाल घराना की सह संस्थापक श्रावंती बंद्योपाध्याय जैसे समाज की विशिष्ट बेटियों को इस सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता शर्मिष्ठा आचार्य ने कहा कि इस आयोजन में सम्मान ग्रहण करनेवाली इन बेटियों में आत्मविश्वास की एक झलक दिखती है, जिसे कोई भी एक मील दूर से देख सकता है। सेलेब्रिटी एंकर और नेशनल रिकॉर्ड धारक अंकित साव ने कहा, देश की इन बेटियों को “राष्ट्र विजय उत्सव बंगलार सोनार मां 2022” के रूप में सम्मानित करके हम 75वें आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए खुद को काफी गर्वित महसूस कर रहे हैं। द जंक्शन हाउस के निदेशक राज रॉय ने कहा कि समाज में उपेक्षित समझी जानेवाली सफल महिलाओं को एक क्रांतिकारी पहल के तहत सभी समुदाय से जुड़ी महिलाओं को इस मंच पर लाये हैं। इनमें आदिवासी महिलाएं, ट्रांसजेंडर, एसिड पीड़ित, सरकारी जिम्मेदार विभाग में सेवा देनेवाली महिलाएं और एथलीट इस कार्यक्रम में योगदान दे रहे हैं।