Thursday, August 21, 2025
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जाना चाहे जब कोई दूर तो जाने दीजिए..

जिस इंसान को कहीं भी अपनी गलती लग ही नहीं रही उसे समझाने का क्या फायदा है? इसलिए जाने दो जो जा चुका है, कौन कब कहां रुका है, बात ये फ़िज़ूल है, इन्हें भूल जाने दो। लेकिन बातें भूले कैसे? कैसे किसी को चाहने से खुद को रोकें? कैसे अपने दिल के बवंडर को काबू करें?
जिंदगी के एक मोड़ पर, हम कुछ ऐसे लोगों से टकरा जाते हैं, जो कहीं और के मुसाफिर होते हैं, लेकिन हमारा दिल उनसे यूँ जुड़ जाता है कि हम हमेशा के लिए उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाकर रखना चाहते हैं। सच्चाई से वाकिफ होने के बावजूद हम और हमारा दिल उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय के लिए अपनी जिंदगी में रोककर रखना चाहता है, लेकिन वो रुकना नहीं चाहते हैं। हमारी जिंदगी से जल्दी से जल्दी निकलने की जिद्द में वो लोग ये देख ही नहीं पाते कि जाते-जाते वो अपने पीछे क्या जख्म देकर जा रहे हैं।
हाँ, माना कि जाने वाले को आपके जख्म नहीं दिख रहे हैं और ऐसी परिस्थिति में आपके लिए खुद को संभालना भी मुश्किल हो रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर घुटने से तो नहीं चलेगा न। अपने लिए और अपने आत्मसम्मान के लिए कदम उठाने ही पड़ेंगे। कब तक जाने वाले के जाने का दुख मनाओगे, कब तक अँधेरे कमरे में खुद को कैद रखोगे और खुद से अनसुलझे सवालों के जवाब मांगते रहोगे? देखो, माना सामने वाले को एहसास नहीं है कि उसने अनजाने में आपका बहुत दिल दुखाया है। मगर जिस इंसान को कहीं भी अपनी गलती लग ही नहीं रही उसे समझाने का क्या फायदा है? इसलिए जाने दो जो जा चुका है, कौन कब कहां रुका है, बात ये फ़िज़ूल है, इन्हें भूल जाने दो। लेकिन बातें भूले कैसे? कैसे किसी को चाहने से खुद को रोकें? कैसे अपने दिल के बवंडर को काबू करें?
अपनी भावनाओं को स्वीकार करें- अपनी इच्छा को काबू करने का पहला कदम अपनी भावनाओं को स्वीकार करना है। इनकार आपकी भावनाओं को तीव्र कर सकता है, जिससे आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। अपने विचारों और भावनाओं को जर्नल करने से आपको अपनी भावनाओं की गहराई को समझने और पैटर्न की पहचान करने में मदद मिल सकती है।
दूरी बनाएँ- जिस व्यक्ति को आप चाहते हैं, उससे शारीरिक और भावनात्मक दूरी ज़रूरी है। बातचीत और सोशल मीडिया पर स्टॉकिंग को सीमित करें या उससे बचें। ट्रिगर्स को हटाने से आपकी लालसा और तीव्रता कम हो सकती है।
आत्म-सुधार पर ध्यान दें- किसी के छोड़ जाने के बाद खुद को सँभालने के लिए वो काम करें, जो आपको पसंद हैं। अपनी ऊर्जा को आत्म-सुधार की ओर र्निर्देशित करने से फायदा होगा। जिम, योग, पेंटिंग या गिटार बजाना सीखना, जो भी आपको पसंद है, वो करें, और कुछ समय में आप देखेंगे आप उन चीजों को पीछे छोड़ चुके हैं, जो आपको दुख दे रही थीं।
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन का अभ्यास करें– माइंडफुलनेस और मेडिटेशन आपको वर्तमान में रहने और जुनूनी सोच को कम करने में मदद कर सकती हैं। गहरी साँस लेना, प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम और निर्देशित कल्पना जैसी तकनीकें आपके दिमाग को शांत कर सकती हैं और आपकी इच्छा की तीव्रता को कम कर सकती हैं।
व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करें- व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करने से आपको बहुत मदद मिलेगी। अपने इन लक्ष्यों के लिए जब आप काम करना शुरू करेंगे तो आपका दिमाग खुद ब खुद उस व्यक्ति से हट जाएगा, जिसे आप चाहते हैं। ये सब एक दिन में नहीं होगा, इसपर आपको लगातार काम करना पड़ेगा।
अपनी ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित करें- इस बात पर विचार करें कि आपको रिश्ते में वास्तव में क्या चाहिए और क्या आप जिस व्यक्ति को चाहते हैं वह आपकी ज़रूरतों को पूरा करता है। यह महत्वपूर्ण मूल्यांकन है, जो आपको अपनी भावनाओं को सही ट्रैक पर लाने में मदद करेगा। कई बार रिश्तों को टूटता देखकर हम घबरा जाते हैं और जो व्यक्ति हमारी बेसिक जरूरतों को भी पूरा नहीं कर रहा उसे पाने की कोशिश करने लगते हैं।
सब्र और दृढ़ता बनाए रखें- इच्छा पर काबू पाने के लिए धैर्य और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। स्वीकार करें कि हर किसी को आप पसंद नहीं आ सकते हैं। स्वीकार करें कि सामने वाले को जो चाहिए वो आप नहीं है। डेटिंग के दौरान असफलताएँ हो सकती हैं और इससे निपटने के लिए स्वस्थ रणनीतियों का उपयोग करें और ऐसा करना जारी रखें। समय और प्रयास के साथ, आपकी इच्छा की तीव्रता फीकी पड़ जाएगी।
मदद लें– दोस्तों, परिवार या किसी चिकित्सक से बात करने से भावनात्मक समर्थन मिल सकता है। किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अपनी भावनाओं को साझा करें, जिस पर आप भरोसा करते हैं, इससे कुछ हद तक आपके दिल का बोझ कम होगा। इसके अलावा ये आपको नए तरीके से अपनी भावनाओं को समेटने में मदद करेगा।

सेंट्रल बैंकिंग, लंदन से आरबीआई को मिला डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड

नयी दिल्ली। यूनाइटेड किंगडम (यूके) के लंदन स्थित सेंट्रल बैंकिंग की ओर से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड 2025 के लिए चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को बधाई दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरबीआई की पोस्ट को कोट करते हुए लिखा कि यह सराहनीय उपलब्धि है, जो शासन में इनोवेशन और दक्षता को दिखाती है। उन्होंने आगे लिखा कि डिजिटल इनोवेशन भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बना रहा है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों का जीवन सशक्त हो रहा है। आरबीआई को ‘प्रवाह’ और ‘सारथी’ नामक अपनी डिजिटल पहलों के लिए सम्मानित किया गया, जिन्हें केंद्रीय बैंक की इन-हाउस डेवलपर टीम द्वारा विकसित किया गया था। पुरस्कार समिति ने स्वीकार किया कि कैसे इन डिजिटल पहलों ने कागज-आधारित सबमिशन के उपयोग को कम कर दिया है, जिससे आरबीआई की आंतरिक और बाहरी प्रक्रियाओं में बदलाव आया है। जनवरी 2023 में लॉन्च किए गए सारथी ने आरबीआई के आंतरिक वर्कफ्लो को डिजिटल कर दिया, जिससे कर्मचारी सुरक्षित रूप से दस्तावेजों को जमा और साझा कर सकते हैं। इससे रिकॉर्ड मैनेजमेंट में सुधार आया है। साथ ही कर्मचारी रिपोर्ट और डैशबोर्ड के माध्यम से डेटा विश्लेषण कर सकते हैं।
सारथी ने प्रक्रियाओं को स्वचालित करके आरबीआई को परिचालन दक्षता बढ़ाने में मदद की है। जहां पहले आरबीआई के कई विभाग मैनुअल और डिजिटल प्रक्रियाओं के खंडित मिश्रण पर निर्भर थे, वहीं सारथी केंद्रीय बैंक की जानकारी के लिए एक यूनिफाइड ग्लोबल रिपॉजिटरी बनाता है।
मई 2024 में प्रवाह लॉन्च किया गया, जो बाहरी यूजर्स के लिए आरबीआई को विनियामक आवेदन प्रस्तुत करने के लिए एक डिजिटल माध्यम है। पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत और संसाधित किए गए दस्तावेजों को सारथी डेटाबेस में प्लग किया जाता है, जहां उन्हें केंद्रीकृत साइबर सुरक्षा प्रणालियों और डिजिटल ट्रैकिंग के साथ आरबीआई कार्यालयों में डिजिटल रूप से संभाला जा सकता है। प्रवाह ने अब तक 70 से अधिक विभिन्न विनियामक अनुप्रयोगों को डिजिटल बना दिया है, यह आरबीआई के नौ विभागों के काम में मदद करता है। मई में इसके लॉन्च और 2024 के अंत के बीच, इस सिस्टम के माध्यम से 2,000 से अधिक आवेदन दायर किए गए थे, जो मासिक आवेदनों में 80 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसकी वजह पोर्टल का उपयोग में आसान होना है।
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केंद्र ने 357 अवैध ऑफशोर ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को किया ब्लॉक

-700 पर चल रही जांच

नयी दिल्ली ।  केंद्र सरकार द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार अब तक अवैध/गैर-अनुपालन वाली ऑफशोर ऑनलाइन मनी गेमिंग संस्थाओं की 357 वेबसाइट/यूआरएल को ब्लॉक किया गया है और ऐसी 700 संस्थाएं वर्तमान में जांच के दायरे में हैं।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग संस्थाओं के खिलाफ अपनी प्रवर्तन कार्रवाई तेज कर दी है। ऑनलाइन मनी गेमिंग उद्योग में घरेलू और विदेशी दोनों ऑपरेटर शामिल हैं।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह देखा गया है कि ये संस्थाएं रजिस्ट्रेशन करवाने में विफल रहने, कर योग्य भुगतान छिपाने और कर दायित्वों को दरकिनार कर जीएसटी की चोरी कर रही हैं। अब तक, डीजीजीआई ने आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के समन्वय में अवैध/गैर-अनुपालन वाली ऑफशोर ऑनलाइन मनी गेमिंग संस्थाओं की 357 वेबसाइट/यूआरएल को ब्लॉक किया है।”

ऑनलाइन मनी गेमिंग, सट्टेबाजी और जुए की सप्लाई में शामिल लगभग 700 ऑफशोर संस्थाएं डीजीजीआई की जांच के दायरे में हैं।जीएसटी कानून के तहत, ‘ऑनलाइन मनी गेमिंग’, कार्रवाई योग्य दावा होने के कारण, ‘माल’ की आपूर्ति के रूप में वर्गीकृत है और इस पर 28 प्रतिशत कर लगता है। इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं को जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है।

हाल ही में कुछ अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ एक अभियान में डीजीजीआई ने आई4सी और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ मिलकर प्रतिभागियों से पैसे इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों को टारगेट कर ब्लॉक किया। इस अभियान में लगभग 2,000 बैंक खाते और 4 करोड़ रुपये जब्त किए।
मंत्रालय ने सूचित किया कि एक दूसरी कार्रवाई में इन ऑफशोर संस्थाओं में से कुछ की वेबसाइटों पर पाए गए यूपीआई आईडी से जुड़े 392 बैंक खातों को डेबिट फ्रीज कर दिया गया है और इन खातों में कुल 122.05 करोड़ रुपये की राशि अस्थायी रूप से जब्त की गई है।

डीजीजीआई ने कुछ भारतीय नागरिकों के खिलाफ एक और अभियान चलाया, जो भारत के बाहर से ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म चला रहे थे। मंत्रालय ने बताया, “डीजीजीआई ने अब तक इन प्लेटफॉर्म से जुड़े 166 म्यूल अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। अब तक तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है और ऐसे और लोगों के खिलाफ जांच जारी है।”

मंत्रालय ने सलाह दी, “कई बॉलीवुड हस्तियां और क्रिकेटर, यूट्यूब, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के इंफ्लूएंसर्स के साथ इन प्लेटफॉर्म को सपोर्ट करते हैं। इसलिए जनता को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और ऑफशोर ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म से न जुड़ें, क्योंकि यह उनके पैसे को खतरे में डाल सकता है और अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी गतिविधियों का समर्थन कर सकता है, जो वित्तीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करती हैं।”

अनचाहे रिश्तों को पूरी तरह छोड़ना हो जब

जिंदगी के एक मोड़ पर, हम कुछ ऐसे लोगों से टकरा जाते हैं, जो कहीं और के मुसाफिर होते हैं, लेकिन हमारा दिल उनसे यूँ जुड़ जाता है कि हम हमेशा के लिए उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाकर रखना चाहते हैं। सच्चाई से वाकिफ होने के बावजूद हम और हमारा दिल उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय के लिए अपनी जिंदगी में रोककर रखना चाहता है, लेकिन वो रुकना नहीं चाहते हैं। हमारी जिंदगी से जल्दी से जल्दी निकलने की जिद्द में वो लोग ये देख ही नहीं पाते कि जाते-जाते वो अपने पीछे क्या जख्म देकर जा रहे हैं।
हाँ, माना कि जाने वाले को आपके जख्म नहीं दिख रहे हैं और ऐसी परिस्थिति में आपके लिए खुद को संभालना भी मुश्किल हो रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर घुटने से तो नहीं चलेगा न। अपने लिए और अपने आत्मसम्मान के लिए कदम उठाने ही पड़ेंगे। कब तक जाने वाले के जाने का दुख मनाओगे, कब तक अँधेरे कमरे में खुद को कैद रखोगे और खुद से अनसुलझे सवालों के जवाब मांगते रहोगे? देखो, माना सामने वाले को एहसास नहीं है कि उसने अनजाने में आपका बहुत दिल दुखाया है। मगर जिस इंसान को कहीं भी अपनी गलती लग ही नहीं रही उसे समझाने का क्या फायदा है? इसलिए जाने दो जो जा चुका है, कौन कब कहां रुका है, बात ये फ़िज़ूल है, इन्हें भूल जाने दो। लेकिन बातें भूले कैसे? कैसे किसी को चाहने से खुद को रोकें? कैसे अपने दिल के बवंडर को काबू करें?
अपनी भावनाओं को स्वीकार करें- अपनी इच्छा को काबू करने का पहला कदम अपनी भावनाओं को स्वीकार करना है। इनकार आपकी भावनाओं को तीव्र कर सकता है, जिससे आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। अपने विचारों और भावनाओं को जर्नल करने से आपको अपनी भावनाओं की गहराई को समझने और पैटर्न की पहचान करने में मदद मिल सकती है।
दूरी बनाएँ- जिस व्यक्ति को आप चाहते हैं, उससे शारीरिक और भावनात्मक दूरी ज़रूरी है। बातचीत और सोशल मीडिया पर स्टॉकिंग को सीमित करें या उससे बचें। ट्रिगर्स को हटाने से आपकी लालसा और तीव्रता कम हो सकती है।
आत्म-सुधार पर ध्यान दें- किसी के छोड़ जाने के बाद खुद को सँभालने के लिए वो काम करें, जो आपको पसंद हैं। अपनी ऊर्जा को आत्म-सुधार की ओर र्निर्देशित करने से फायदा होगा। जिम, योग, पेंटिंग या गिटार बजाना सीखना, जो भी आपको पसंद है, वो करें, और कुछ समय में आप देखेंगे आप उन चीजों को पीछे छोड़ चुके हैं, जो आपको दुख दे रही थीं।
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन का अभ्यास करें- माइंडफुलनेस और मेडिटेशन आपको वर्तमान में रहने और जुनूनी सोच को कम करने में मदद कर सकती हैं। गहरी साँस लेना, प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम और निर्देशित कल्पना जैसी तकनीकें आपके दिमाग को शांत कर सकती हैं और आपकी इच्छा की तीव्रता को कम कर सकती हैं।
व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करें- व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करने से आपको बहुत मदद मिलेगी। अपने इन लक्ष्यों के लिए जब आप काम करना शुरू करेंगे तो आपका दिमाग खुद ब खुद उस व्यक्ति से हट जाएगा, जिसे आप चाहते हैं। ये सब एक दिन में नहीं होगा, इसपर आपको लगातार काम करना पड़ेगा।
अपनी ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित करें- इस बात पर विचार करें कि आपको रिश्ते में वास्तव में क्या चाहिए और क्या आप जिस व्यक्ति को चाहते हैं वह आपकी ज़रूरतों को पूरा करता है। यह महत्वपूर्ण मूल्यांकन है, जो आपको अपनी भावनाओं को सही ट्रैक पर लाने में मदद करेगा। कई बार रिश्तों को टूटता देखकर हम घबरा जाते हैं और जो व्यक्ति हमारी बेसिक जरूरतों को भी पूरा नहीं कर रहा उसे पाने की कोशिश करने लगते हैं।
सब्र और दृढ़ता बनाए रखें- इच्छा पर काबू पाने के लिए धैर्य और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। स्वीकार करें कि हर किसी को आप पसंद नहीं आ सकते हैं। स्वीकार करें कि सामने वाले को जो चाहिए वो आप नहीं है। डेटिंग के दौरान असफलताएँ हो सकती हैं और इससे निपटने के लिए स्वस्थ रणनीतियों का उपयोग करें और ऐसा करना जारी रखें। समय और प्रयास के साथ, आपकी इच्छा की तीव्रता फीकी पड़ जाएगी।
मदद लें- दोस्तों, परिवार या किसी चिकित्सक से बात करने से भावनात्मक समर्थन मिल सकता है। किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अपनी भावनाओं को साझा करें, जिस पर आप भरोसा करते हैं, इससे कुछ हद तक आपके दिल का बोझ कम होगा। इसके अलावा ये आपको नए तरीके से अपनी भावनाओं को समेटने में मदद करेगा।

पीले पड़े नाखून को इस तरह करें साफ

नाखून हमारे शरीर के अहम अंगों में से एक है। जब नाखून साफ और चमकदार होते हैं, तो हमारे हाथों की सुंदरता बढ़ जाती है। लेकिन जब नाखून गंदे होते हैं, तो इससे हाथों की सुंदरता और आपका आत्मविश्वास भी प्रभावित होता है। तो वहीं कई बार नाखून पीले पड़ जाते हैं, जोकि देखने में अच्छे नहीं लगते हैं। ऐसे में आप बिना पैसे खर्च किए घर बैठे अपने नाखूनों की देखभाल कर सकते हैं। वहीं अगर आपके नाखून पीले पड़ गए हैं, तो आप कुछ छोटे-छोटे उपाय अपनाकर नाखूनों की सफेदी और चमक वापस ला सकते हैं। नेचुरल इंग्रीडिएंट्स आपके नाखूनों को सफेद और चमकदार बनाने के साथ उनकी सुंदरता भी बढ़ाएंगे। जब हम नाखूनों का सही तरीके से ध्यान नहीं रखते हैं या फिर उनकी नियमित सफाई नहीं करते हैं। इससे नाखून खराब होने लगते हैं। वहीं सस्ती और खराब नेलपेंट लगाने की वजह से भी कई बार नाखून पीले पड़ने लगते हैं। अगर आप नाखूनों पर लंबे समय तक नेलपेंट लगाकर रखते हैं, तो भी नाखून पीले हो सकते हैं। इसके अलावा मेडिकल कंडीशन, पौष्टिक आहार की कमी और पानी में अधिक काम करने की वजह से भी नाखूनों की सेहत पर असर पड़ता है। इन घरेलू उपाय से चमकाएं नाखून हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आप अपने नाखूनों को सफेद और चमकदार बना सकते हैं।
डेंटल पाउडर – डेंटल पाउडर भी नाखूनों को सफेद करने के लिए एक अच्छा उपाय है। डेंटल पाउडर को नाखूनों पर लगाकर हल्के हाथों से स्क्रब करें। इस पाउडर में ब्लीचिंग गुण पाए जाते हैं, जो नाखूनों के पीलेपन को हटाने में मदद करते हैं। इसका उपयोग करने से नाखूनों पर सफेदी आती है और यह चमकदार बनते हैं। थोड़ा सा डेंटल पाउडर पानी में मिलाकर पेस्ट बना लीजिए। अब इसको नेल्स पर लगाकर हल्के हाथों से स्क्रब कर अच्छे से धो लें। सप्ताह में दो बार यह उपाय जरूर करें।
विटामिन-ई ऑयल – विटामिन ई ऑयल न सिर्फ आपके नाखूनों को मजबूत बनाने के काम करता है, बल्कि यह नाखूनों की स्किन को भी पोषण देता है। वहीं इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट नाखूनों से पीलेपन को हटाने में मदद करते हैं। रात को सोने के समय विटामिई ई ऑयल की कुछ बूंदे नाखूनों पर लगाएं और फिर हल्के-हल्के से मसाज करें। अगले दिन सुबह उठकर नाखूनों को धो लें। रोजाना इस उपाय को करने से आपको कुछ ही समय में फर्क दिखने लग जाएगा।
टी ट्री ऑयल – टी ट्री ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल मौजूद होते हैं, जो नाखूनों को संक्रमण से बचाते हैं। साथ ही नाखूनों की सफेदी भी बढ़ाने में मदद करता है। सबसे पहले नाखूनों पर टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें लगाएं और हल्के-हल्के से मसाज करें। अब इसको रात भर के लिए नाखूनों पर लगा रहने दें। इस उपाय को करने से नाखूनों का पीलापन दूर होगा।
नींबू का रस – बता दें कि नींबू में नेचुरल ब्लीचिंग के गुण पाए जाते हैं, जो नाखूनों को सफेद करने में सहायता करता है। वहीं नींबू का रस नाखूनों की त्वचा को पोषण देने का काम करता है और संक्रमण को दूर रखता है। सबसे पहले एक कटोरी में नींबू का रस निकाल लें। अब इस रस में नाखूनों को 10-15 मिनट डुबोकर रखें। इसके बाद हाथ धो लें और नाखूनों पर जैतून के तेल में नींबू का रस मिलाकर मालिश करें।
बेकिंग सोडा – नाखूनों से दाग धब्बे हटाने के लिए बेकिंग सोडा एक और प्रभावी उपाय है। यह न सिर्फ आपके नाखूनों की सफेदी बढ़ाता है, बल्कि उनकी चमक को भी बरकरार रखता है। नाखूनों को साफ करने के लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को नाखूनों में लगाएं। 5-10 मिनट तक लगाए रखने के बाद नाखूनों को अच्छे से धो लें। सप्ताह में एक बार यह उपाय करें।
बर्फ से मसाज – जब नाखूनों की बर्फ से मसाज की जाती है, तो इसके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है। यह स्वस्थ और चमकदार बनते हैं। साथ ही यह उपाय नाखूनों के पीलेपन को भी दूर करता है। सबसे पहले कुछ बर्फ के टुकड़े लेकर अपने नाखूनों पर 5-10 मिनट तक रगड़ें। फिर नाखूनौं को धो लें। यह उपाय नाखूनों को सफेदी और ठंडक देने का काम करता है।

भवानीपुर कॉलेज में यंगोत्सव 2025 टेलेंट शो 

कोलकाता ।  भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के टर्फ पर होने वाले यंगोत्सव 2025 टेलेंट उत्सव में विद्यार्थियों ने जम कर हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम ताजा टीवी और प्रियागोल्ड स्नेकर ने आयोजित किया। कॉलेज के लिए इस तरह का प्रतिभा अपनी तरह का अनोखा उत्सव है। इसमें कोलकाता के 15 शीर्ष कॉलेजों को लिया गया है। भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज में भी 11 मार्च मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे से तीन बजे तक चला। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्रतियोगिताओं और रोमांचक पुरस्कारों के संगीत गीत, गिटार बजा कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कई प्रकार के फिटनेस, पंजा लड़ाना और रस्साकशी आदि कई रुचिकर प्रतियोगिता में युवाओं ने भाग लिया और पुरस्कार जीते। भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज का टर्फ पर होने वाले वाले इस कार्यक्रम में रॉयल इनफिल्ड बाइक पर बैठने और फोटो खिंचवाने का आनंद लिया। युवा छात्र छात्राओं ने कविताएं, शायरी, स्टेंडिंग कॉमेडी में भागीदारी की। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि जिन्हें कभी मंच पर जाने का मौका नहीं मिला ऐसे विद्यार्थियों को भी प्रेरित किया गया। कॉलेज के डीन और रेक्टर प्रो दिलीप शाह और प्रातःकालीन कॉमर्स सत्र की वाइस प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। सांस्कृतिक कलेक्टिव फ्लेम ने होली पूर्व होली की नृत्य प्रस्तुति दी। ताजा टीवी की डायरेक्टर नम्रता नेवर ने डॉ वसुंधरा मिश्र को उपहार दिए।।

भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों ने शोमैन राजकपूर को याद किया

कोलकाता । भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के कॉन्सेप्ट हॉल में शोमैन राजकपूर को श्रद्धांजलि दी गई। आज भी राजकपूर की फिल्मों के गीत और उनके रोमांटिक अंदाज को याद किया जाता है। वे एक भारतीय अभिनेता फिल्म निर्देशक और निर्माता थे जिन्होंने हिन्दी सिनेमा को नया मुकाम भी दिया। 14 दिसंबर 1924 में पेशावर में जन्म और 2 जून 1988 में मृत्यु को प्राप्त हुए। आज भी फिल्मों में कपूर परिवार संलग्न है।
भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के बेस्ट कलेक्टिव द्वारा आयोजित’ ट्रिब्यूट टू राजकपूर’ में पद्मभूषण राजकपूर की फिल्मों के कई रंगों का प्रदर्शन किया गया। विद्यार्थियों ने प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति दी गई जिसमें संगीत और संयोजन दिया संगीतज्ञ सौरभ गोस्वामी ने। राजकपूर की पांच मिनट की पीपीटी भी दिखाई गई जिसे प्रो देवीना गुप्ता ने बनाया। कार्यक्रम का आरंभ सोनाक्षी कर के गाए गीत सत्यम शिवम सुंदरम और सुन साहिबा सुन प्यार की धुन से हुई।क्रिसेंडो कलेक्टिव ने राजकपूर की फिल्मों के कई प्रमुख गीतों को गाया। इन एक्ट कलेक्टिव ने राजकपूर की कहानी अपने मुंह जबानी सुनाई जो बहुत ही प्रभावशाली रही। प्रो दिलीप शाह ने स्वयं सिन्थेसाइजर बजा कर ऐ भाई जरा देख के चलो गाया जिसमें साथ दिया प्रो सीएस नितीन चतुर्वेदी ने। प्रो देवीना गुप्ता ने ये रात भीगी भीगी, रमैया वस्ता वैया, डॉ रेखा नारिवाल ने डम डम डिगा डिगा मौसम भीगा भीगा, डॉ वसुंधरा मिश्र ने चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे पिजडे़ वाली मुनिया गाया जिसका आनंद युवा छात्र छात्राओं ने जम कर लिया।कॉलेज की एच आर शिल्पी दास ने भी राजकपूर की कई फिल्मों के गीतों को मिला कर गाया। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि इसके पूर्व भी आर डी बर्मन, साहिर लुधियानवी, गालिब, मजरूह सुल्तानपुरी आदि पर कार्यक्रम हुए हैं जिनकी रचनाधर्मिता और फिल्मों से विद्यार्थियों को रूबरू कराया गया। कार्यक्रम का संचालन वेदांत गुप्ता और ख्याति बंसल ने किया।

भवानीपुर कॉलेज ने किया मैनेजमेंट पदाधिकारीगणों का सम्मान

कोलकाता । भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज की स्थापना 1966 में हुई थी जिसमें तत्कालीन प्रिन्सिपल डॉ नलिन पटेल जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। भवानीपुर स्कूल और कॉलेज के बाद अब भवानीपुर ग्लोबल युनिवर्सिटी बन गया है इस महनीय कार्य में जिन पदाधिकारी एवं ट्रस्टीज का महत्वपूर्ण योगदान रहा उन्हें सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में भवानीपुर गुजराती सोसाइटी, भवानीपुर गुजराती स्कूल, भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज, बीकॉम, बीए, बीएससी, बीबीए, एम कॉम, सिक्युरिटी, एडमिनिस्ट्रेशन, कॉलेज के एच आर, एनसीसी आदि विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुखों की उपस्थिति रही। कॉलेज की वर्तमान प्रबंधकीय समिति ने शिक्षा के क्षेत्र में उनकी दूरदर्शिता को विस्तार दिया और दिसंबर 2024 में भवानीपुर ग्लोबल युनिवर्सिटी के रूप में एक नया कदम रखा है । अपने वक्तव्य में कॉलेज के उपाध्यक्ष श्री मिराज डी शाह ने कहा कि अब अॉटोनोमस युनिवर्सिटी के रूप में हम शैक्षणिक संस्थान का कार्य कर सकेंगे । इसके लिए सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को भी अपडेट रहने की आवश्यकता है। वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को साथ लेकर चलना होगा तभी हमारे विद्यार्थी समय के साथ चल सकेंगे। मिराज शाह ने शिक्षा के क्षेत्र में आनेवाले पचास वर्ष के भविष्य पर अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज की ओर से मैनेजमेंट के समस्त पदाधिकारियों को सम्मान देने के लिए किया गया। रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह ने अपने वक्तव्य में कहा कि भवानीपुर ग्लोबल युनिवर्सिटी की परिकल्पना को साकार रूप देने में कॉलेज के उपाध्यक्ष श्री मिराज डी शाह का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनको सम्मानित कर हम गर्व का अनुभव कर रहे हैं। अध्यक्ष श्री रजनीकांत दानी, सचिव श्री प्रदीप सेठ, नलिनी पारेख, रेणुका भट्ट, श्रीमती शिवानी डी शाह और कॉलेज के सभी पदाधिकारी और ट्रस्टीज की उपस्थिति रही जिनका सहयोग और मार्गदर्शन भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी को उत्तरोत्तर आगे बढ़ा रहा है। संचालन किया प्रो उर्वी शुक्ला ने और संयोजन वाइस प्रिंसिपल प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी का रहा। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि कॉन्सेप्ट हॉल में सम्मान समारोह का उद्घाटन मिराज डी शाह, रजनीकांत दानी, डीन और रेक्टर प्रो दिलीप शाह तथा उपस्थित प्रमुख पदाधिकारीगण ने दीप प्रज्वलित कर किया। सभी प्रमुख सपत्नीक पधारे थे। जुबली सभागार में सुस्वादु भोजन की व्यवस्था की गई। इस अवसर पर हुए शास्त्रीय नृत्य और संगीत ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

 

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फूल फगुआ कार्यक्रम में गैर शैक्षणिक कर्मचारी सम्मानित 

कोलकाता । भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज में आयोजित फागुन 2025 कार्यक्रम में कॉलेज के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को उनके अकथ परिश्रम के लिए सम्मानित किया गया। रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह द्वारा यह परंपरा को पिछले सात आठ से आरंभ की गई है जो सभी को प्रोत्साहित करती है। विद्यार्थियों द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें फागुन के कई गीतों का आनंद लिया गया। सभी कर्मचारियों के चंदन और गुलाल का टीका लगाया गया। सर्वप्रथम टीआईसी डॉ शुभव्रत गांगुली जी ने 44 वर्ष से कार्य कर रहे श्री हरी सिंह जी को उपहार देकर सम्मानित किया। 85 वर्ष की आयु में अभी भी वे कॉलेज में कार्य कर रहे हैं।एकाउंट्स विभाग, कम्प्युटर विभाग, प्रशासनिक व्यवस्था विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सिक्युरिटी विभाग, एच आर, कन्सट्रकशन विभाग, लिफ्ट कर्मचारी, पुस्तकालय विभाग आदि सभी विभागों के कर्मचारियों को सम्मानित किया गया । रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह ने फूलों से सभी कर्मचारियों का स्वागत किया।संयोजन वाइस प्रिंसिपल प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी का रहा। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि सभी ने ठंडई पीने का आनंद लिया और नाश्ते के डिब्बे वितरित किए गए और उपहार स्वरूप बैग दिया गया।

एमएसएमई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आईपी यात्रा कार्यक्रम 

कोलकाता । भारत सरकार के अंतर्गत एमएसएमई मंत्रालय के अधीन एमएसएमई-डेवलपमेंट एवं फैसिलिटेशन ऑफिस की ओर से 19 व 20 मार्च, 2025 को कोलकाता के होटल हिंदुस्तान इंटरनेशनल में दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर का आईपी यात्रा कार्यक्रम (आईपी कार्यशाला) का आयोजन किया गया है। भारत सरकार ने एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चैंपियन के रूप में बदलने के लिए इनक्यूबेशन, डिजाइन हस्तक्षेप और आईपीआर संरक्षण पहलों के संयोजन के माध्यम से एमएसएमई अभिनव योजना बनाने की कल्पना की। एमएसएमई के लिए राष्ट्रीय स्तर के आईपी यात्रा कार्यक्रम का उद्घाटन विजय भारती (आईएएस, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार) ने किया। इस मौके पर डॉ. तपस कुमार बंद्योपाध्याय (प्रोफेसर, आईआईटी खड़गपुर), प्रमथेश सेन (पेटेंट और डिजाइन के संयुक्त नियंत्रक, कार्यालय प्रमुख, पेटेंट कार्यालय कोलकाता), एन. बाबू (डिप्टी रजिस्ट्रार, ट्रेड मार्क्स और जी.आई., कार्यालय प्रमुख, ट्रेड मार्क्स कार्यालय, कोलकाता), पी. के. दास (जे.डी. और एच.ओ.ओ., एमएसएमई-डीएफओ, कोलकाता) के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल थे। इस अवसर पर पी. के. दास (संयुक्त निदेशक और एच.ओ.ओ., एमएसएमई-डीएफओ, कोलकाता) ने पश्चिम बंगाल के लिए एमएसएमई के विशेष लाभ के लिए इस कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की।  उन्होंने कहा, भारत सरकार ने आईपीआर के माध्यम से एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं, जो एमएसएमई के लिए एक नई अवधारणा है। जिसमें इनक्यूबेशन, डिजाइन हस्तक्षेप में आयाधुनिकता के बारे में एमएसएमई के बीच जागरूकता पैदा करने और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रेरित करने के लिए एकल मोड दृष्टिकोण में आईपीआर की सुरक्षा का संयोजन है। यह अत्याधुनिक गतिविधियों के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो विचारों के विकास को व्यवहार्य व्यवसाय प्रस्ताव में सुगम और निर्देशित करता है।

कुचिना फाउंडेशन के दस साल पूरे, 26 कृतिका फेलो सम्मानित

कोलकाता ।  कुचिना फाउंडेशन ने विकास के दशक में महिलाओं को सशक्त बनाने के सफल 10 वर्ष पूरे करने के अवसर पर शानदार जश्न मनाया। इस मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिसमें नीति निर्माताओं, जमीनी स्तर के नेताओं और समाज सुधारकों को एक साथ लाया गया। जिससे महिलाओं के नेतृत्व वाले परिवर्तन का समर्थन करने में फाउंडेशन की यात्रा का सम्मान किया जा सके। यह कार्यक्रम ऑफबीट कोलकाता में आयोजित किया गया था, जिसमें कोलकाता में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त डॉ. एंड्रयू फ्लेमिंग, कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के महावाणिज्यदूत श्री ह्यूग बॉयलन, फिल्म निर्माता और पश्चिम बंगाल बाल अधिकार आयोग की सलाहकार  सुदेशना रॉय, प्रसिद्ध समाज सुधारक और कलाकार आलोकानंद रॉय, कुचिना के एमडी नमित बाजोरिया और कुचिना की क्रिएटिव डायरेक्टर नीता बाजोरिया के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए। इस समारोह का मुख्य आकर्षण 26 कृतिका फेलो का सम्मान था। जिसमें 10 राज्यों की जमीनी स्तर की महिला नेता, जो लैंगिक अधिकार, जलवायु लचीलापन, शिक्षा, आजीविका सृजन और सामाजिक न्याय जैसे प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तन ला रही हैं, इन परिवर्तनकर्ताओं ने ओडिशा और झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों से लेकर कोलकाता के रेड-लाइट जिलों और असम के चाय बागानों तक, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में एक लाख से अधिक हाशिए पर रहने वाली महिलाओं और लड़कियों को सामूहिक रूप से प्रभावित किया है। कुचिना फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी, नमित बाजोरिया ने कहा, महिलाओं को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता शब्दों से परे है। यह उनसे एक वादा है, जो हमें समुदायों को बदलने और बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करता है। अगले दशक में हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहाँ हर महिला आशा और बदलाव की किरण बन सके। पिछले 10 वर्षों में हमारी कृतिका फेलो परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में उभरी हैं, जिन्होंने सबसे कमजोर समुदायों में सार्थक प्रभाव डाला हैं। हम पूरे भारत में महिला परिवर्तनकर्ताओं के लिए अपने समर्थन का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कार्यक्रम में कई मुख्य आकर्षण शामिल थे, जिसमें कुचिना फाउंडेशन के दशक भर के प्रभाव को दर्शाने वाली एक विशेष डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग और सामाजिक परिवर्तन में उनके योगदान को मान्यता देते हुए 26 कृतिका फेलो का सम्मान शामिल था।