Monday, July 28, 2025
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एचआईटीके में नए विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम कम्पास

इंजीनियरिंग के नये कौशल पर आधारित रहा

कोलकाता । हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एचआईटीके) ने स्टूडेंट इंडक्शन प्रोग्राम कॉम्पास -2022 आयोजित किया। बी.टेक, , एम. टेक, और एमसीए के लिए आयोजित यह कार्यक्रम 12 से 15 अक्टूबर तक चला। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि आईआईईएसटी शिवपुर के पूर्व निदेशक प्रो. अजय राय ने किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य ऊँचा रखना चाहिए तभी वे सफल हो सकते हैं। इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को अपनी मूल जानकारियों एवं और सम्पर्क क्षमता बढ़ानी चाहिए। इस अवसर पर वीर सुरेन्द्र सिंह साई यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के पूर्व वीसी तथा जादवपुर विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग फैकल्टी के डीन एवं कम्प्यूटर साइंस तथा इंजीनियरिंग के प्रोफेसर प्रो. अटल चौधरी उपस्थित थे। कार्यक्रम को एचआईटीके के चेयरमैन पी.आर. अग्रवाल, एचआईटीके के प्रिंसिपल प्रो. बासव चौधरी, कल्याण भारती ट्रस्ट के निदेशक प्रबीर राय, एचआईटीके के रजिस्ट्रार प्रो. सुजीत बरुआ एवं हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ पी.के. अग्रवाल ने सम्बोधित किया। नये सत्र के विद्यार्थियों के लिए कॉन्फ्लूएंस 2022 के पैरेंट्स मीट आयोजित की गयी। इस सत्र को रामकृष्ण मिशन शिल्प मंदिर, बेलूर मठ के स्वामी वेदातीतानंद जी महाराज ने सम्बोधित किया।

पुरुलिया में 900 मेगावाट की हाइड्रो पावर परियोजना में निवेश को इच्छुक है जापान

कोलकाता । मर्चेन्ट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा भारत एवं जापान के आर्थिक सम्बन्धों को लेकर एक परिचर्चा आयोजित की गयी। इस विशेष सत्र को कोलकाता में जापान के कौंसुल जनरल नाकागावा कोइची, जापान की कौंसुलेट जनरल एवं आर्थिक शोधकर्ता कस्तुरा किताबा एवं जापान के वरिष्ठ आर्थिक मामलों के अधिकारी अभिजीत भट्टाचार्य ने सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में कौंसुल जनरल नाकागावा कोइची ने कहा कि कोलकाता और जापान रणनीतिक सम्बन्धों के 70 साल पूरे हो रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में भारत एवं जापान का कुल व्यवसाय 12 बिलियन डॉलर था। भारत में जापान की 1439 पंजीकृत कम्पनियाँ हैं जिसमें से 27 पश्चिम बंगाल में हैं। उर्जा, परिवहन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में दोनों देश काम कर रहे हैं। जापान की ओर से भारत में अगले 5 वर्षों में 5 ट्रिलियन येन का निजी निवेश होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जापान हरित उर्जा के क्षेत्र में साझीदारी में रुचि रखता है जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन एवं इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण शामिल है। जापान पुरुलिया में 900 मेगावाट की हाइड्रो पावर परियोजना में निवेश करना चाहता है। आधारभूत संरचना पर बात करते हुए नाकागावा ने कहा कि मुम्बई – अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे जापान की वित्तीय साझीदारी वाली महत्वपूर्ण परियोजना है। पश्चिम बंगाल में फूजी सॉऱ्ट न्यू टाउन में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस ला रहा है। जापान ने खड़गपुर एवं सिंगुर में एग्रो फार्मिंग क्षेत्र में भी वित्तीय सहायता दी है। 2017 में जापान की स्टार्ट अप कम्पनी टेरामोटा ने पर्यावरण अनुकूल ई रिक्शा को वित्तीय सहायता दी थी। सत्र में धन्यवाद एमएसएमई पर एमसीसीआई काउंसिल के चेयरमैन संजीव कुमार कोठारी ने दिया।

2030 तक 110 बिलियन टन होगी श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट की क्षमता

कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा हाल ही में एमसीसीआई लॉजिस्टिक कन्क्लेव 2022 आयोजित किया गया। इस कन्क्लेव का विषय लॉजिस्टिक्स बियॉन्ड बाउंड्रीज : रिशेपिंग लॉजिस्टिक्स सेक्टर था कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बन्दरगाह, जल परिवहन केन्द्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर उपस्थित थे। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि विश्व ने पीएलआई एवं राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीतियों को स्वीकार किया है। जल परिवहन इस मामले में बेहद किफायती विकल्प हैं। 2021 में आरम्भ हुआ प्रधानमंत्री गति – शक्ति नेशनल मास्टर प्लान आर्थिक विकास वृद्धि एवं स्थायी विकास का परिवर्तन लाने वाला प्रयास है। यह 7 इंजनों द्वारा संचालित है जिसमें रेलवे, सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाई अड्डे, सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक्स परिवहन माध्यम शामिल हैं । इस मौके पर उपस्थित एशियन डेवलपमेंट बैंक के डिप्टी कन्ट्री डायरेक्टर हो यून जियॉन्ग ने भारत सरकार के साथ पूर्वी तटीय क्षेत्रों में एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ आरम्भ की गयी योजनाओं पर बात की। श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता के चेयरमैन पी. एल. हरानध ने पी.एम. गति शक्ति योजना और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीतियों की सराहना की। उन्होंने तगा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट की क्षमता 87 मिलियन टन कारगो के वहन की है और यह अभी 60 मिलियन टन कारगो वहन करता है। 2030 तक यह क्षमता बढ़कर 110 बिलियन टन हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 2400 करोड़ का निवेश होने की राह पर है और केओपीटी 2030 तक इस पर काम करने लगेगा। 4 हजार एकड़ लैंड बैंक को लेकर पोर्ट परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्रों के साथ काम करने पर विचार किया जा रहा है। स्वागत भाषण देते हुए एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में तकनीक पर दूसरे देशों की तुलना में निवेश कम हो रहा है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। एमसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललित बेरीवाला ने इस सन्दर्भ में घरेलू जरूरतों को पूरा करने पर जोर दिया।
उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन एमसीसीआई की लॉजिस्टिक्स, शिपिंग, ट्रान्सपोर्ट एवं शिपिंग काउंसिल के चेयरमैन लवेश पोद्दार ने दिया।


 

ई नॉलेज सत्र में औद्योगिक नीतियों को लचीला बनाने पर जोर


कोलकाता । मर्चेन्ट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) ने हाल ही में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट के डीजी एवं सीईओ डॉ. अजय सहाय के साथ एक वर्चुअल माध्यम पर ई नॉलेज सेशन आयोजित किया। इस अवसर एमसीसीआई के उपाध्यक्ष नमित बाजोरिया ने भारत को विश्व स्तर पर भारतीय व्यापार के 10 प्रतिशत की भागीदारी के लक्ष्य के सन्दर्भ में औद्योगिक नीतियों को लचीला बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्वी एवं दक्षिण – पूर्वी देशों की तुलना में ग्बोबल वैल्यू चेन में भारतीय भागीदारी कम है। फियो के डीजी एवं सीईओ डॉ. अजय सहाय ने कहा कि मजबूत एवं स्थायी निर्यात के लिए मजबूत निर्माण की जरूरत है। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र में और अधिक एफडीआई की वकालत की। उत्पादों में नयापन और उसके लिए शोध की जरूरत है। धन्यवाद ज्ञापन विदेशी व्यापार से जुड़ी एमसीसीआई की परिषद के चेयरमैन महेश चन्द्र केयाल ने किया।

कोटक चेरी लाया भारत के शीर्ष फंड हाउसों के म्यूचुअल फंड बास्केट

मिलेगी एक क्लिक में कई म्यूचुअल फंड चुनने की सुविधा
कोलकाता । कोटक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड (“केआईएएल”) के कोटक चेरी ने अपने प्लेटफॉर्म पर भारत के शीर्ष म्यूचुअल फंड हाउस बास्केट की सुविधा आरम्भ की है। कोटक चेरी के सीईओ, श्रीकांत सुब्रमण्यम ने कहा, “हमने देखा कि निवेशकों की यात्रा उनकी प्राथमिकताओं के अनुसार सही योजनाओं को चुनने में स्पष्टता तक पहुंच से लेकर चुनौतियों से भरी हुई थी। हमारा अनुभव रहा है कि ज्यादातर निवेशक एक भी प्लान नहीं खरीदते हैं, लेकिन विविधता के लिए कई फंड खरीदना पसंद करते हैं। एमएफ बास्केट एक एएमसी द्वारा पेश की जाने वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं का एक संयोजन है, जिसका उद्देश्य ऐसी एएमसी द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के गुलदस्ते से सही योजना चुनने की परेशानी को कम करना है। ग्राहक कोटक चेरी प्लेटफॉर्म पर पेश किए जाने वाले इन एमएफ बास्केट में 1,000 रुपये से कम राशि के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं।
कोटक चेरी पर पेश किए जाने वाले एमएफ बास्केट 
फॉरएवर पोर्टफोलियो: एक मिश्रित परिसंपत्ति पोर्टफोलियो जो इक्विटी, ऋण, सोना और चांदी का संयोजन है।
लार्ज कैप लीडर्स: भारत की सबसे बड़ी कंपनियों पर शुद्ध इक्विटी का खेल।
एक्टिव पैसिव कॉम्बो: एक लार्ज और एक मिड-कैप फंड का कॉम्बो।
कम अस्थिरता वाले म्यूचुअल फंड और उच्च गति वाले फंड का संयोजन।
स्टे देसी, गो ग्लोबल: एक फंड में घरेलू और वैश्विक कंपनियों में सर्वश्रेष्ठ।
फिक्स्ड इनकम बीटर: एएए रेटेड पीएसयू बॉन्ड और राज्य विकास ऋण (एसडीएल) फंड की एक विविध टोकरी जो पूंजी को संरक्षित करने में मदद करती है।

 


 

10 रुपये प्रति शेयर में 62.90 लाख इक्विटी शेयर ला रहा है द्रोनाचार्य एरियल
द्रोनचार्य एरियल इनोवेशन ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के साथ अपनी आरम्भिक पेशकश के लिए ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) फाइल किया है। कम्पनी 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 62.90 लाख इक्विटी शेयर लाने की योजना बना रही है। डीआरएसपी द्वारा प्रस्तावित इक्विटी शेयर बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होते हैं।
द्रोनाचार्य एरियल इनोनेशन के डेटा सॉल्यूशन कम्पनी है जो मल्टी सेंसर ड्रोन सर्वे, ड्रोन की डेटा प्रोसेसिंग, ड्रोन डिलिवरी के उच्च कन्फिगरोशन हार्डवेयर के लिए का पूरा इको सिस्टम उपलब्ध करवाती है। प्रस्तावित शेयरों के माध्यम से कम्पनी ड्रोन एवं अन्य उपकरण खरीदेगी। 2017 में इसे प्रतीक श्रीवास्तव ने शुरू किया था। पुणे की यह कम्पनी डीजीसीए और आरपीटीओ सर्टिफाइड कम्पनी है। 6 माह में इसने 150 ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षित किया है। जून 2022 में कम्पनी की कुल आय 308.96 लाख रुपये रही और शुद्ध लाभ 72.06 लाख रुपये का रहा।

शुभजिता दीपोत्सव – पार्क स्ट्रीट में खुला तनिष्क का मिआ स्टोर

कोलकाता । तनिष्क ने महानगर के पार्क स्ट्रीट में अपने ब्रांड मिआ का नया स्टोर खोला है। स्टोर का उद्घाटन अभिनेत्री ऋचा शर्मा और टाइटन कंपनी लिमिटेड के सीईओ (आभूषण) अजय चावला ने संयुक्त रूप से किया।
नए स्टोर के उद्घाटन के मौके पर मिआ तनिष्क के सभी ज्वेलरी उत्पादों पर 20% तक की छूट की घोषणा की है। ग्राहक 21 से 23 अक्टूबर 2022 तक इस आकर्षक छूट का लाभ उठा सकते हैं। इस स्टोर में फैशनेबल 14 कैरेट और 18 कैरेट आभूषणों का बड़ा संग्रह उपलब्ध है। इसके अलावा यहां चमकीले रंग के पत्थरों से लेकर चमकदार सोने, चमचमाते हीरे और चमकते चांदी तक के आकर्षक आभूषण उपलब्ध हैं। अपने ट्रेंडी और अत्याधुनिक फैशन के नवीनतम कलेक्शन संग्रह के लिए जाने जाने वाले ब्रांड के रूप में मिआ तनिष्क में झुमके, अंगूठियां, पेंडेंट, हार, चूड़ियाँ और कंगन की अनगिनत आकर्षक डिज़ाइन मौजूद हैं, जिन्हें बोल्ड, न्यूनतम और स्टाइलिश स्पर्श के साथ विशिष्ट रूप से बनाए गए हैं।
इस अवसर पर अभिनेत्री ऋचा शर्मा ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि अभी दिवाली के समय में ज्वेलरी की खरीदारी के लिए यह आज के हर पीढ़ी का वन स्टॉप डेस्टिनेशन बन सकता है। इस आउटलेट में आकर्षक ज्वेलरी डिजाइनों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। इस मौके पर मिया तनिष्क के क्षेत्रीय व्यापार प्रबन्धक आलोक रंजन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पीएम ने 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां राष्ट्र को समर्पित कीं

गुजरात में कोटक महिंद्रा बैंक की डिजिटल बैंकिंग इकाइयां जारी कीं
कोलकाता । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 16 अक्टूबर को भारत की आजादी के 75 वें वर्ष के उत्सव, आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) राष्ट्र को समर्पित कीं। कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (“केएमबीएल” / “कोटक”) ने सरकार की “75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू)” पहल में भागीदारी करते हुए गुजरात के सूरत और मेहसाणा में दो डिजिटल बैंकिंग इकाइयां शुरू कीं। सूरत और मेहसाणा जिलों में डीबीयू समुदायों को डिजिटल रूप से सक्षम और वित्तीय रूप से सशक्त बनाएंगे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोटक महिंद्रा बैंक के मेहसाणा डीबीयू का उद्घाटन किया।  उन्होंने कहा, “ डिजिटल क्रांति की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में जन धन और आधार जैसी पहल के साथ की थी। आज 75 डीबीयू का शुभारंभ एक कदम आगे है और यह सुनिश्चित करेगा कि डिजिटल बैंकिंग का लाभ हर नुक्कड़ और कोने या देश तक पहुंचे।
कोटक महिंद्रा बैंक के ग्रुप प्रेसिडेंट, कंज्यूमर बैंक के प्रमुख एवं ग्रुप मैनेजमेंट काउंसिल के सदस्य विराट दीवानजी ने कहा, “पिछले 75 वर्षों में, देश ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिने जाने के लिए एक लंबा सफर तय किया है। डीबीयू के माध्यम से वित्तीय सशक्तिकरण में तेजी लाने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की खोज, और इस तरह एक वित्तीय रूप से मजबूत, सुरक्षित और आत्मानिर्भर भारत के सपने में योगदान करना।
इस साल की शुरुआत में पेश किए गए केंद्रीय बजट के दौरान प्रस्तावित, “75 जिलों में 75 डीबीयू” पहल का उद्देश्य भारतीयों के बीच डिजिटल बैंकिंग अपनाने में तेजी लाना है। सूरत और मेहसाणा में स्थित केएमबीएल के डीबीयू भारत में डिजिटल अपनाने में तेजी लाने वाले अच्छी तरह से सुसज्जित, अच्छी तरह से जुड़े, डिजिटल रूप से समावेशी केंद्र हैं। प्रत्येक डीबीयू स्वयं सेवा (इसे स्वयं करें) के साथ-साथ सहायता प्राप्त मोड के माध्यम से ग्राहक जुड़ाव प्रदान करता है।
स्वयं सेवा क्षेत्रों में, ग्राहक नकद निकासी, नकद जमा, चेक जमा, पासबुक और स्टेटमेंट प्रिंटिंग, खाता पूछताछ, और बैंकिंग और उत्पाद जानकारी आदि जैसे विभिन्न लेनदेन को निष्पादित करने के लिए 24×7 स्वचालित उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। स्वयं सेवा क्षेत्र हैं निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट टैबलेट के साथ स्थापित। सहायता प्राप्त क्षेत्रों में (व्यवसाय के घंटों के दौरान ग्राहकों के लिए उपलब्ध), ग्राहक पूर्ण पैमाने पर बैंकिंग सेवाओं (बिना टेलर सेवाओं) तक पहुंच सकते हैं – जिसमें खाता खोलना, ऋण आवेदन / वितरण *, डिजिटल ऑनबोर्डिंग, सरकारी सेवाएं और योजनाएं, आधार सेवाएं आदि शामिल हैं।

साहित्यिकी संस्था की दीपावली संगोष्ठी संपन्न 

कोलकाता । कविता,गीत ,व्यंग्य, संस्मरण,आलेख,गीत, गज़ल के साथ साहित्यिकी संस्था की सदस्याओं ने आलोक पर्व दीपावली सम्मेलन मनाया । इस अवसर पर सभी सदस्याओं ने दीपावली पर अपने अपने भावों की एक से बढ़कर एक रचनाओं की प्रस्तुति दी जिसने सभी को बांधा रखा। कार्यक्रम के आरंभ में वरिष्ठ लेखिका डॉ आशा जायसवाल ने दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं देते अपने वक्तव्य में कहा कि प्रकाश ज्ञान का आलोक है, राम की रावण जैसी आसुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त करना और फिर दीप उत्सव मनाना मंगल का ही प्रतीक है, वस्तुतः यह त्योहार आसुरी शक्तियों का ही नाश है। संस्था की सचिव डॉ मंजू रानी गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए सभी सदस्याओं को शुभकामनाएँ दी ।दीपावली के रंगारंग कार्यक्रम में भागीदारी के लिए जिन सदस्याओं ने भाग लिया उनमें कुसुम जैन (कविता), विद्या भंडारी (गीत), सुधा भार्गव (संस्मरण), डॉ मंजुरानी गुप्ता(स्वरचित रचना), डॉ सुषमा हंस (कविता), दुर्गा व्यास (कविता), डॉ गीता दूबे(कविता), नुपुर अशोक (व्यंग्य), डॉ वसुंधरा मिश्र (कविता), मंजु गुटगुटिया (गीत), उषा श्राॅफ(कविता), संजना तिवारी (वक्तव्य), मीना चतुर्वेदी (कविता), संगीता चौधरी (छंदबद्ध रचना), सरिता बैंगानी(गज़ल), बबिता माँधना(कविता), वाणी मुरारका (आलेख), नीता उपाध्याय (कविता), रंजना पाठक (भजन), उर्मिला प्रसाद (गीत), सविता पोद्दार (कविता), चंदा सिंह (कविता), रेणु गौरिसरिया (संस्मरण), रंजना शर्मा (पंडावनी) प्रमुख रहीं। वर्चुअल कार्यक्रम का लाभ यह रहा कि कैलिफोर्निया से वरिष्ठ बाल कथाकार सुधा भार्गव, रांची से व्यंग्यकार नूपुर अशोक और मीना चतुर्वेदी दिल्ली से जुड़ीं और दीपोत्सव की इस दीपमाला में अपनी महत्वपूर्ण रचनाओं की प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में साहित्यिकी संस्था की निर्देशक कुसुम जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। रेवा जाजोदिया की गौरवपूर्ण उपस्थिति रही। वाणीश्री बाजोरिया ने भी अपनी स्वरचित कविता सुनाते हुए इस कार्यक्रम का संयोजन और संचालन किया।

मशहूर अभिनेता अरुण बाली का 79 वर्ष की आयु में निधन

कोरोना काल के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कई बड़ी हस्तियां हमारे बीच से जा चुकी हैं। वहीं फिर एक बुरी खबर आ रही है कि फिल्मों में शानदार अभिनय करने वाले दिग्गज अभिनेता अरुण बाली का निधन हो गया है। वह 79 वर्ष के थे। सुबह 4:30 पर उन्होंने अंतिम सांस ली है। वह कई हिंदी फिल्मों में काम कर चुके हैं। बता दें कि अभिनेता लगातार कई दिनों से बीमार चल रहे थे और कुछ महीनों पहले ही वह अस्पताल में भर्ती हुए थे।
अरुण बाली की बेटी ने बाद में बताया कि उनके पिता को मियासथीनिया ग्रेविस नाम की एक गंभीर बीमारी थी। ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें नर्व्स और मसल्स के बीच बैरियर हो जाता है। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। कई सेलेब्स और फैंस उनके लिए सोशल मीडिया पर शोक जाहिर कर रहे हैं।
बता दें कि अभिनेता ने अपने कॅरियर की शुरुआत 90 को दशक में की थी। वह राजू बन गया जेंटलमैन, फूल और अंगारे, खलनायक, थ्री इडियट्स, पानीपत और वेब सीरीज मिर्जापुर में भी नजर आ चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने टीवी शो ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’, कुमकुम जैसे सीरियल में भी काम किया है। बता दें कि अरुण बाली एक हंसमुख कलाकार थे।

देश में पहली बार हिन्दी में डॉक्टरी की पढ़ाई, भोपाल में शुरुआत

भोपाल । देश में पहली बार मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में रविवार को इसकी 3 किताबों का विमोचन किया। उन्होंने कहा- ये क्षण देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्निर्माण का क्षण है। सबसे पहले मेडिकल की शिक्षा हिन्दी में शुरू करके शिवराज सिंह ने मोदी जी की इच्छा पूरी की है। देशभर में 8 भाषाओं में पढ़ाई हो रही है। यूजी नीट देश की 22 भाषाओं में हो रही है। 10 राज्य इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में करवा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा- सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है, इसलिए नेल्सन मंडेला ने कहा था- यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हो तो वह उसके दिमाग में जाती है। अनुसंधान अपनी भाषा में हो तो भारत के युवा भी किसी से कम नहीं हैं। वो विश्व में भारत का डंका बजाकर आएंगे। मध्यप्रदेश ने मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराने संकल्प लिया है। इससे देश में क्रांति आएगी।
कुछ दिनों बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में शुरू होगी। इसके लिए सिलेबस के अनुवाद का काम शुरू हो गया है। छह माह बाद, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में करने का मौका मिलेगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- आज का दिन ऐतिहासिक है। गरीब परिवारों के बच्चे, जो हिन्दी माध्यम में पढ़कर मेडिकल कॉलेज तो पहुंच जाते थे, लेकिन अंग्रेजी के मकड़जाल में फंस जाते हैं। कई ने तो मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी या फिर आत्महत्या तक पहुंच गए। मैंने एक बच्चे से पूछा- डॉक्टरी की पढ़ाई क्यों छोड़ दी, उसने रोते हुए कहा था- मामा अंग्रेजी समझ नहीं आती। हिन्दी में पढ़ाई ऐसे बच्चों के लिए काम आएगी।
हिन्दी को भी हमने कठिन नहीं बनाया। किडनी को किडनी ही लिखा जाएगा, यकृत नहीं लिखा जाएगा। इसी साल 6 इंजीनियरिंग और 6 पॉलिटेक्टनिक कॉलेज में हिन्दी में पढ़ाई होगी। बाद में आईआईटी में भी हिन्दी में पढ़ाई होगी। आईआईएम की पढ़ाई भी हिन्दी में करवाएंगे।
मंत्री ने कहा- आगे के पाठ्यक्रम का अनुवाद भी करेंगे
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- आजादी के बाद मप्र देश में पहला राज्य होने वाला है, जो हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई करवाएगा। हमने पूरी तरह से शोध करके यह तय किया कि किस तरह से मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में करवा सकते हैं। हमने फर्स्ट ईयर की 3 किताबों का हिन्दी अनुवाद किया है। 97 डॉक्टरों की टीम ने इस पर काम किया है। हम आगे के पाठ्यक्रमों का भी हिन्दी अनुवाद करेंगे। मप्र देश में पहला राज्य है जो हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई करवाएगा।
97 डॉक्टरों ने चार महीने में तैयार की 3 किताबें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह काम चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया था। प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने तक रात-दिन मेहनत कर अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है। डॉक्टरों के साथ कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की टीम बनाई गई। इस टीम ने 24 घंटे, सातों दिन लगकर एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की 5 किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया। इस प्रक्रिया में तकनीकी पहलुओं और छात्रों के भविष्य की चुनौतियों का भी ख्याल रखा गया है। इन किताबों को इस प्रकार अनुवादित कर तैयार किया गया है, जिसमें शब्द के मायने हिन्दी में ऐसे न बदल जाएं कि उसे समझना मुश्किल लगे।

नहीं रहे ओआरएस के जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस

बांग्लादेश युद्ध के दौरान बचाई थी लाखों की जान
कोलकाता । ओआरएस के जनक और मशहूर बाल चिकित्सक डॉ. दिलीप महालनोबिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वह स्वास्थ्य कारणों के चलते काफी दिनों से कोलकाता के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे। डॉ. दिलीप महालनोबिस को बांग्लादेश युद्ध के दौरान लाइफ सेविंग सॉल्यूशन को विकसित करने और ओरल रीहाइड्रेशन थेरपी (ओआरटी) को प्रचलित करने का श्रेय दिया जाता है।
मुख्य रूप से बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रशिक्षित डॉ. महालनोबिस ने 1966 में जनस्वास्थ्य में कदम रखने के साथ ओआरटी पर काम करना शुरू किया था। डॉ. महालनोबिस ने डॉक्टर डेविड आर नलिन और रिचर्ड ए कैश के साथ कोलकाता के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी इंटरनैशनल सेंटर फॉर मेडिसिन रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग में इसे लेकर रिसर्च की।
मृत्यु दर कम करने में कारगर ओआरएस
टीम ने ओआरएस बनाया जिसकी प्रभावशीलता 1971 के युद्ध तक केवल नियंत्रित परिस्थितियों में ही आजमाई गई थी। आईसीएमआर-एनआईसीईडी के डायरेक्टर शांता दत्त ने बताया, ‘ओआरएस एक महान खोज थी और इसके लिए डॉ. महालनोबिस का योगदान अभूतपूर्व है। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान कोलेरा (हैजा) से संक्रमित मरीजों की मृत्युदर कम करने में कारगार साबित होने के बाद ओआरएस को वैश्विक रूप से स्वीकार्यता मिली।’
रिफ्यूजी कैंप में फैल गया था कोलेरा
युद्ध के चलते करीब 1 करोड़ लोग जान बचाकर बंगाल के बॉर्डर जिलों में भाग आए थे। उस वक्त बोनगांव स्थित रिफ्यूजी कैंप में हैजा महामारी फैल गई थी और अंत: स्रावी द्रव का स्टॉक भी खत्म हो गया था। इसके बाद डॉ. महालनोबिस ने कैंप में ओआरएस भिजवाए। ओआरएस के चलते रिफ्यूजी कैंप में मरीजों की मृत्युदर 30 फीसदी से घटकर 3 फीसदी तक हो गई।
20 वीं शताब्दी की महान खोज
ओआरएस को मेडिसिन में 20वीं शताब्दी की महान खोज करार दिया गया। डॉ. महालनोबिस को 2002 में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया ऐंड कॉरनेल में पोलिन पुरस्कार और 2006 में थाईलैंड सरकार ने उन्हें प्रिंस महिडोल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। डॉ. महालनोबिस ने कोलकाता स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ को अपनी एक करोड़ की बचत दान की थी। यहीं से उन्होंने बाल चिकित्सक के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी।