भोपाल : श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया है। इस ‘भगवद्गीता” में हर एक समस्या का समाधान छिपा है, जरूरत है तो बस से समझ कर आत्मसात करने की। गीता के इसी ज्ञान को युवाओं के लिए सरल भाषा में ऑडियो एलबम में उपलब्ध कराया है डॉ. मुरली कृष्ण ने। उन्होंने ‘संभवामि युगे-युगे” शीर्षक से ऑडियो एलबम और पुस्तक लिखी है। श्रीमद्भगवद्गीता के चुनिंदा श्लोकों के जरिए युवाओं को मैनेजमेंट के टिप्स दिए है। डॉ. मुरली मंडीदीप स्थित ल्युपिन लिमिटेड में वैज्ञानिक है।
99 मिनट का है ऑडियो
एलबम शास्त्रीय कर्नाटक रागों के आधार पर तैयार किया है। हिन्दी में वर्णन के साथ 108 श्लोक गायन के साथ बनाया है। उन्होंने बताया कि यूट्यूब पर हिन्दी और तेलुगू संस्करणों के दोनों ऑडियो अपलोड किए गए है। ऑडियो लगभग 99 मिनट है। वोकल रिकॉर्डिंग भोपाल के केबी स्टूडियो में हुई। संगीत हैदराबाद में फिल्म उद्योग के संगीत निर्देशकों में से एक ‘बांसुरी वादक नागाराजू” ने दिया है। इसके अलावा यशराज फिल्म्स स्टूडियो, मुंबई द्वारा संगीत मिश्रण और मास्टरिंग का काम हुआ।
एक करोड़ की राशि खर्च
डॉ. मुरली कृष्ण ने बताया कि तीन साल की मेहनत और एक करोड़ से अधिक की धनराशि से तैयार किया गया यह प्रयास किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयास गीता के सार को आमजन तक निशुल्क पहुंचाने के लिए है। माता-पिता को समर्पित यह कृति सभी के लिए निशुल्क उपलब्ध है। यह ऑडियो व्यवहार और व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से युवा पीढ़ी के लिए बेहद उपयोगी है। दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, एमएचआरडी सहित विभिन्न् विश्वविद्यालयों के कई प्रोफेसरों और प्रमुखों ने इस परियोजना की सराहना की, क्योंकि यह छात्रों के लिए उपयोगी है।
ऑडियो में शामिल है प्रबन्धन के टिप्स
हिन्दी में इस प्रकार का ऑडियो एलबम पहली बार आया है। विषाद, तनाव व अवसाद को दूर करके जीवन में शांति और खुशी प्राप्त करने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाओं को वर्गीकृत और संकल्पित किया गया है। इस एलबम में प्रेरणा, आत्म-नियंत्रण, व्यवहार, नेतृत्व, चरित्र निर्माण, आध्यात्मिकता, कर्तव्यों और कार्यों आदि को परिभाषित करने जैसे विभिन्न् प्रबंधन विषयों को शामिल किया गया है।