रायपुर : अधिकांश लोग बचपन और जवानी बड़ी शान से जीते हैं, लेकिन बुढ़ापा आने से पहले ही जिंदगी से निराश और हताश हो जाते हैं। ऐसे लोगों को लगता है कि अब जिंदगी में कुछ नहीं बचा। यह निराशा उन्हें तमाम रोगों से घेर लेती है और वे परिवार पर भी बोझ बनने लगते हैं। यदि लोग बचपन और जवानी की तरह बुढ़ापे को भी शान से जिएं तो वे समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं । यह महत्वपूर्ण संदेश देने के लिए दिल्ली निवाशी शरत शर्मा आजकल मोटरसाइकिल से भारत भ्रमण पर निकले हैं। उनका मानना है कि यदि वे मुट्ठीभर लोगों को भी आनंदमयी जीवन जीने और कुछ नियमों का पालन करना सिखा दें तो उनका जीवन सफल हो जाएगा। जज्बे वाले इंसान के लिए उम्र की सीमा कोई मायने नहीं रखती, इस बात को 60 वर्ष के शरत बखूबी चरितार्थ कर रहे हैं। दिल्ली से 18 मार्च 2018 को मोटरसाइकिल से उनकी यात्रा शुरू हुई थी और इसके अगले पड़ाव में अब वह रायपुर पहुंचे हैं। भारत भ्रमण करने के पिछे इनका मकसद उन लोगों को जागरूक करना है जो सड़क पर वाहन चलाते हुए ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। इसके साथ ही लोगों को समझाना चाहते हैं कि जिंदगी बेहद खूबसूरत है, ये दुनिया बहुत हसीन है और निराशा कभी हावी न होने दें। देश-दुनिया को देखें और अंदर से खुश रहें। शरत का मानना है कि अगर सही तरीक से सड़क पर ट्रैफिक नियमों का पालन किया जाय तो दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। इसके साथ ही जो लोग बुढ़ापा आते ही अपने आप को असहाय मानने लगते हैं, वे अगर अपनी दिनचर्या को थोड़ा परिवर्तन ले आएं तो बुढ़ापे को भी तंदुरुस्ती और खुशी के साथ जिया जा कसता है।
शरत अभी तक कुल 16 राज्य जिसमें हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, भूटान, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालया, असम, पश्चिम बंगाल का भ्रमण कर छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। इसके बाद उनका अगला पड़ाव तेलंगाना और आंध्र प्रदेश होगा। वे अभी तक 16 हजार 3 सौ किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं। हर दिन 12 से 13 घंटे मोटरसाइकिल चला हे हैं । इस बीच नियमित रुप से नींद लेते हैं। अपने खानपान का विशेष ध्यान रखते हैं।