जब भी बात फैशन की होती है तो छरहरी काया दिमाग में होती है। रैम्प पर आपने कम ही मॉडल देखे होंगे जो ओवरसाइज्ड हैं। मोटापा एक समस्या है मगर मोटापे के शिकार लोगों के प्रति भी हमारी धारणा बेहद खराब होता है और कुछ हद तक निर्मम भी। रेनेसां की संचालक अत्री सेन भी इन कड़वे अनुभवों से गुजरीं मगर इस उपेक्षा के बीच में से उन्होंने अपने लिए रास्ता बनाया और वे ओवरसाइज्ड कपड़े ही बनाती हैं। अपराजिता में मुलाकात इस बार अत्रेयी सेन से…
बचपन से ही फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी। स्कूल में हमेशा क्रिएटिव आटर्स में आगे रही। मैंने अकादमी ऑफ फाइन आट्र्स में पेंटिंग सीखी है और मुम्बई में एनआईटी का बेसिक कोर्स इन ग्रूमिंग किया।
परिवार में मम्मी और मौसी से काफी सीखा। घर में फैशन का माहौल था। मैं ओवरसाइज्ड थी मगर मुझमें आत्मविश्वास था। परिवार में इस वजह से मुझे कुछ लोगों के कारण परेशानी उठानी पड़ी मगर मेरी सहेलियों ने मेरा साथ दिया और हौसला बढ़ाया।
आज 90 प्रतिशत लोग मोटापे का शिकार हैं और ओवरसाइज्ड होने के कारण वे अक्सर अपनी पसन्द के कपड़े नहीं पहन पाते। बाजार में उनके लिए कुछ नहीं मिलता। यह एक बड़ा कारण था कि मैंने फैशन का क्षेत्र चुना। मुझे लगता है कि आपकी अंदरूनी खूबसूरती का असर आपके बॉडी लैंग्वेज पर पड़ता है। रेनेसा का मतलब होता है जागृति जो मैंने 2010 में शुरू किया था।
आप कुछ भी पहनिए, आप किस तरह से पहनती हैं, यह बहुत मायने रखता है। अब लोगों की मानसिकता बदल रही है मगर पूरी तरह बदलने में इसे समय लगेगा। हमारे पास हर बजट में कुछ न कुछ है।
बच्चों ने हमेशा मेरा साथ दिया है। अब मैं अपना शो करना चाहती हूँ। भविष्य के लिए योजनाएं नहीं बनाती।
सकारात्मक रहें, मुस्कुराते रहें और नकारात्मक लोगों को नजरअंदाज करें।