भगवान श्रीकृष्ण की ‘बेट द्वारका’ का होगा विश्व स्तरीय कायाकल्प

– तीन चरणों में होगा विकास, पहले चरण के लिए 150 करोड़ आवंटित
– गुजरात पर्यटन निगम ने बनाया विकास का मास्टर प्लान
द्वारका । बेट द्वारका में ‘सुदर्शन सेतु’ के निर्माण के बाद यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसी तरह तीर्थस्थल और आस्था के साथ पौराणिक महत्व रखने वाले भगवान श्रीकृष्ण की ‘बेट द्वारका’ के विश्व स्तरीय कायाकल्प के लिए पर्यटन मंत्री मूलुभाई बेड़ा के मार्गदर्शन में गुजरात पर्यटन निगम ने मास्टर प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत तीन चरणों में मंदिर परिसर, बीच और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। इसके पहले चरण के लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपये की बड़ी राशि आवंटित की है। गुजरात पर्यटन निगम के अनुसार इस द्वीप के पहले चरण के विकास के लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपये की बड़ी राशि आवंटित की गई है, जिसकी टेंडरिंग प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। आने वाले समय में इस द्वीप के फेज-2 और 3 के विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। पर्यटन निगम की एक रिपोर्ट के अनुसार बेट द्वारका विकास परियोजना के फेज-1 में द्वारकाधीशजी मंदिर का विकास, सड़क सुंदरीकरण, हेरिटेज स्ट्रीट का विकास, शंखनारायण मंदिर और तालाब का विकास, नॉर्थ बीच विकास, सार्वजनिक बीच, पर्यटक विजिटर सेंटर और हाट बाजार और हिल्लॉक पार्क के साथ व्यूइंग डेक का निर्माण किया जाएगा।
फेज-2 व 3 के तहत किए जाने वाले विकास कार्य – बेट द्वारका पुनर्विकास परियोजना के फेज-2 में दांडी हनुमान मंदिर और बीच विकास, अभय माता मंदिर और सनसेट पार्क, नेचर और मरीन इंटरप्रिटेशन सेंटर, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, कम्युनिटी लेक विकास और रोड एवं साइन का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह बेट द्वारका विकास परियोजना के फेज-3 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, कम्युनिटी लेक विकास और लेक अराइवल प्लाजा तैयार किया जाएगा। भविष्य में यात्री सुविधाओं के लिए बीच से मंदिर तक शटल सेवा, ई-वाहन, डॉल्फिन देखने के लिए फेरी सेवा, ऑडियो-विजुअल प्रदर्शन, स्किल डेवलपमेंट और गाइड ट्रेनिंग आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
बेट द्वारका द्वीप विकास के फेज-1 के मुख्य आकर्षण – मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास बेट द्वारका विकास के मास्टर प्लान के अनुसार किया जाएगा। मंदिर परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए चार दिशाओं में प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। जिसमें सुदामा सेतु से बेट द्वारका गांव की ओर जाने वाली सड़क, समुद्री मार्ग से मुख्य प्रवेश द्वार तक का रास्ता बनाया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मंदिर में भीड़ न हो इसके लिए पुरुष और महिलाओं की दर्शन लाइनें अलग-अलग बनाई जाएंगी और दिव्यांगों को कोई असुविधा न हो इसके लिए इस मास्टर प्लान को डिज़ाइन किया गया है। मंदिर परिसर में यात्रियों को सूचित करने के लिए साइन बोर्ड, पानी के हौज, कचरा पेटी और बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था होगी। यात्रियों की यात्रा को यादगार बनाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की घटनाओं के चित्र या मूर्तियों का प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई गई है।
नॉर्थ-पद्म बीच पर विकसित हाेंगी सुविधाएं – बेट द्वारका का यह नॉर्थ बीच सर्दियों के मौसम में ‘डॉल्फिन’ देखने के लिए प्रसिद्ध है। यहां एक अनोखा ‘पद्म’ नामक शंख मिलता है, इसलिए इस बीच को ‘पद्म बीच’ भी कहा जाता है। मास्टर प्लान के अनुसार इस बीच पर पार्किंग, खाने-पीने के स्टॉल, बच्चों के खेल उपकरण, बैठने की सुविधा और टॉयलेट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस नॉर्थ बीच पर पर्यटक मनोरंजन और सूर्यास्त का शानदार दृश्य का आनंद ले सकेंगे।
पर्यटक विजिटर सेंटर – बेट द्वारका विकास योजना के अनुसार यहां पर्यटक विजिटर सेंटर वर्तमान में सुदामा सेतु से मंदिर परिसर जाने के रास्ते में बनाया जाएगा। जिसमें मंदिर की ऐतिहासिक जानकारी व विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। इतना ही नहीं यहां वेटिंग एरिया, टॉयलेट्स, लॉकर सुविधा, गुजराती फूड का आनंद लेने के लिए एक रेस्टोरेंट और हाट बाजार भी बनाए जाएंगे।
हेरिटेज स्ट्रीट विकास – मास्टर प्लान में बेट द्वारका में कई ऐतिहासिक मंदिरों को जोड़ने वाली हेरिटेज स्ट्रीट में मुख्य रूप से द्वारकाधीश मंदिर, शंखनारायण मंदिर और हनुमान दांडी मंदिर को शामिल किया गया है। इन मंदिरों को जोड़ने वाले रास्तों को ‘हेरिटेज’ थीम पर विकसित किया जाएगा। इस स्ट्रीट में भित्तिचित्र, म्यूरल, चबूतरा, लैंडस्केपिंग, लाइट और बैठने की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
हिल्लॉक पार्क पर देख सकेंगे सूर्योदय – यहां से यात्री ‘सूर्योदय और सूर्यास्त’ का शानदार दृश्य देख सकेंगे। मास्टर प्लान के अनुसार, इस स्थान को ‘पब्लिक पार्क’ के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां से सुदामा सेतु का शानदार दृश्य देखने को मिलेगा। इस पार्क में भी खाने-पीने के स्टॉल, विशेष लैंडस्केप, बोर्डवॉक, वॉकवे और कॉमन टॉयलेट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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