18 लाख मोबाइल नंबर होंगे बंद! टेलीकॉम कंपनियों को दूरसंचार विभाग का निर्देश

नयी दिल्ली । दूरसंचार कंपनियां 18 लाख मोबाइल नंबर को बंद करने वाली हैं। सरकार का यह साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड पर अब तक का सबसे बड़ा ऐक्शन हो सकता है। पिछले दिनों दूरसंचार विभाग ( डॉओटी) ने 28 हजार से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट को डिसकनेक्ट करने का आदेश जारी किया था। इन मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल साइबर क्राइम के लिए किया गया था। अब सरकार इन मोबाइल हैंडसेट में इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है।

18 लाख मोबाइल नंबर होंगे ब्लॉक! – रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार साइबर क्राइम, ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए पूरे देश में लगभग 18 लाख मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने की तैयारी में हैं। अलग-अलग विभाग की जांच एजेंसियों ने इन मोबाइल नंबर को वित्तीय फ्रॉड में लिप्त पाया है। 9 मई को दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 28,220 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया था। इसके अलावा 2 मिलियन यानी करीब 20 लाख मोबाइल नंबर को री-वेरिफाई करने के लिए कहा था, जिसका इस्तेमाल इन मोबाइल हैंडसेट में किया गया था। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 2 मिलियन में से करीब 10 प्रतिशत मोबाइल नंबर को ही दोबारा वेरिफाई किया जा सका है। टेलीकॉम कंपनियों को इन नंबर को 15 दिन के अंदर वेरिफाइ करवाना था। एनसीआरपी  के मुताबिक, 2023 में साइबर फ्रॉड के जरिए 10,319 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस दौरान एनसीआरपी पोर्टल पर साइबर फ्रॉड के कुल 6.94 लाख शिकायतें दर्ज की गई थी।

इस वजह से की गयी कार्रवाई – डॉओटी के अधिकारियों की मानें तो साइबर अपराधी फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग टेलीकॉम सर्किल का सिम इस्तेमाल कर रहे थे। वे मोबाइल नंबर और हैंडसेट बार-बार बदल रहे थे, ताकि जांच एजेंसियों से बचा जा सके। उदाहरण के तौर पर झारखंड और पश्चिम बंगाल का सिम कार्ड दिल्ली-एनसीआर में यूज किया जा रहा था। जांच एजेंसियों के रडार में नहीं आने के लिए वे केवल एक आउटगोइंग कॉल करके सिम कार्ड और हैंडसेट बदल देते थे। जांच एजेंसियों ने पिछले साल करीब 2 लाख सिम कार्ड को फ्रॉड की वजह से ब्लॉक किया था। सबसे ज्यादा हरियाणा के मेवात में 37 हजार सिम कार्ड ब्लॉक हुए थे। साइबर अपराध को ट्रैक करने के लिए सरकार का कहना है टेलीकॉम कंपनियों को सिम कार्ड के इस्तेमाल के पैटर्न पर पैनी नजर रखनी पड़ेगी। खास तौर पर उन सिम कार्ड का ध्यान रखना होगा, जिसे होम सर्किल से बाहर इस्तेमाल किया जा रहा है।

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